हरियाणा के भिवानी जिले के भीम स्टेडियम में शनिवार को 68वें राष्ट्रीय स्कूली कबड्डी खेलकूद प्रतियोगिता के शुभारंभ पर भिवानी सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह पहुंचे। इस दौरान भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह ने राहुल गांधी पर निशाना साधा। सांसद धर्मवीर ने राहुल गांधी द्वारा किसानों पर आंसू गैस के गोले दागने के सवाल पर कहा कि राहुल गांधी को ना खेती का पता और ना ही उन्हें यह पता कि ज्वार बाजरा क्या है। वह जो रोटी खा रहे हैं, वह किस चीज की खा रहे हैं। सांसद ने कहा कि राहुल गांधी तो मूली को शलगम कहेगा और गाजर को आलू कहेगा। हर साल बढ़ रहे फसलों के दाम भिवानी महेंद्रगढ़ के सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह ने सुरजेवाला के संसद सत्र में एमएसपी लागू करने के सवाल पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि आज किसानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महत्वता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि बहुत सी फसलों का दाम हर साल बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चावल से लेकर गेंहू तक और गन्ने से लेकर बाजरे तक के दाम हर साल बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री द्वारा पहले ही फैसला ले लिया गया था कि हरियाणा में हम सभी फसलें एमएसपी पर खरीदेंगे। बैठकर करना चाहिए समस्याओं का समाधान किसानों द्वारा शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन किए जाने के सवाल पर सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह ने कहा कि समस्या हर जगह है, लेकिन समस्या का मतलब यह नहीं, यह तरीका अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि पहले भी काफी दिनों तक देश में इस तरह का माहौल देखने को मिला। हमें सभी देशों को देखना चाहिए कि पाकिस्तान में क्या हाल-चल रहा है, बांग्लादेश में किस तरह की हालात हैं या अफगानिस्तान में क्या हालत चल रहे हैं। इजराइल या अन्य देशों में किस तरह के हालात चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इन सब से ऊपर उठकर एक साथ रहकर देश को आगे बढ़ाना चाहिए और बैठकर समस्याओं का समाधान करना चाहिए। हरियाणा के भिवानी जिले के भीम स्टेडियम में शनिवार को 68वें राष्ट्रीय स्कूली कबड्डी खेलकूद प्रतियोगिता के शुभारंभ पर भिवानी सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह पहुंचे। इस दौरान भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह ने राहुल गांधी पर निशाना साधा। सांसद धर्मवीर ने राहुल गांधी द्वारा किसानों पर आंसू गैस के गोले दागने के सवाल पर कहा कि राहुल गांधी को ना खेती का पता और ना ही उन्हें यह पता कि ज्वार बाजरा क्या है। वह जो रोटी खा रहे हैं, वह किस चीज की खा रहे हैं। सांसद ने कहा कि राहुल गांधी तो मूली को शलगम कहेगा और गाजर को आलू कहेगा। हर साल बढ़ रहे फसलों के दाम भिवानी महेंद्रगढ़ के सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह ने सुरजेवाला के संसद सत्र में एमएसपी लागू करने के सवाल पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि आज किसानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महत्वता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि बहुत सी फसलों का दाम हर साल बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चावल से लेकर गेंहू तक और गन्ने से लेकर बाजरे तक के दाम हर साल बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री द्वारा पहले ही फैसला ले लिया गया था कि हरियाणा में हम सभी फसलें एमएसपी पर खरीदेंगे। बैठकर करना चाहिए समस्याओं का समाधान किसानों द्वारा शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन किए जाने के सवाल पर सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह ने कहा कि समस्या हर जगह है, लेकिन समस्या का मतलब यह नहीं, यह तरीका अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि पहले भी काफी दिनों तक देश में इस तरह का माहौल देखने को मिला। हमें सभी देशों को देखना चाहिए कि पाकिस्तान में क्या हाल-चल रहा है, बांग्लादेश में किस तरह की हालात हैं या अफगानिस्तान में क्या हालत चल रहे हैं। इजराइल या अन्य देशों में किस तरह के हालात चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इन सब से ऊपर उठकर एक साथ रहकर देश को आगे बढ़ाना चाहिए और बैठकर समस्याओं का समाधान करना चाहिए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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3 कृषि कानूनों के बयान पर कंगना रनोट का यू-टर्न:बोली- मैंने किसी को डिसअपॉइंट किया तो खेद है; BJP ने किनारा किया था
3 कृषि कानूनों के बयान पर कंगना रनोट का यू-टर्न:बोली- मैंने किसी को डिसअपॉइंट किया तो खेद है; BJP ने किनारा किया था हिमाचल प्रदेश से BJP सांसद एक्ट्रेस कंगना रनोट ने 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने को लेकर दिए के बयान पर बैकफुट पर आ गई हैं। उन्होंने एक वीडियो जारी कर अपना बयान वापस लिया है। कहा है- यदि मैंने अपने बयान से किसी को डिसअपॉइंट किया हो तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं। कंगना ने अपने बयान पर सफाई तब दी है जब उनके बयान को लेकर विपक्ष BJP को घेरने में लगा था। हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच आए कंगना के बयान से भाजपा ने भी कि किनारा कर लिया था। BJP प्रवक्ता गौरव भाटिया ने वीडियो जारी कर कहा था कि कंगना को 3 कृषि कानूनों पर बोलने का हक नहीं है। कंगना ने वीडियो में क्या कहा
कंगना ने आज X पर वीडियो जारी कर कहा, ‘बीते कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे फार्मर्स लॉ (कृषि कानून) पर कुछ सवाल किए। और मैंने यह सुझाव दिया कि किसानों को फार्मर्स लॉ लाने का प्रधानमंत्री जी से निवेदन करना चाहिए। मेरी इस बात से बहुत सारे लोग निराश हैं, और डिसअपॉइंटेड हैं। जब फार्मर्स लॉ प्रपोज (प्रस्तावित) हुए थे तो काफी सारे लोगों ने इनका समर्थन किया था। लेकिन, बड़ी ही संवेदनशीलता से और सहानुभूति से हमारे प्रधानमंत्री जी ने वे लॉ वापस ले लिए थे। और हम सब कार्यकर्ताओं का कर्तव्य बनता है कि हम उनके शब्दों की गरिमा रखें। मुझे भी यह बात अब ध्यान में रखनी होगी कि मैं अब केवल एक कलाकार नहीं, भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता भी हूं। और मेरे ओपिनियन (राय) मेरे नहीं होने चाहिए। वह पार्टी का स्टैंड होना चाहिए। तो अगर मैंने अपने शब्दों से और अपनी सोच से किसी को डिसअपॉइंट किया हो तो मुझे खेद रहेगा। आई टेक माय वर्ड्स बैक (मैं अपने शब्द वापस लेती हूं)।’ भाजपा क्या कह चुकी
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कंगना के बयान पर कहा, ‘सोशल मीडिया पर भाजपा सांसद कंगना रनोट का 3 कृषि कानूनों का लेकर दिया बयान चल रहा है। ये कानून पहले ही वापस लिए जा चुके हैं। मैं बिल्कुल स्पष्ट कहना चाहता हूं कि यह बयान कंगना रनोट का व्यक्तिगत है। BJP की ओर से कंगना ऐसा कोई बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं, और न ही उनका बयान पार्टी की सोच है। इसलिए, उस बयान का हम खंडन करते हैं।’ 2 दिन पहले ही हिमाचल में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए कंगना ने 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने को कहा था। कंगना ने कहा था कि किसानों को खुद ये कानून लागू करने की मांग करनी चाहिए। बता दें कि नवंबर 2021 में केंद्र सरकार ने 14 महीने के किसान आंदोलन के बाद ये कानून वापस लिए थे। विपक्ष ने घेरना शुरू किया तो भाजपा ने पल्ला झाड़ा
कंगना के बयान से भाजपा ने तब किनारा किया है, जब विपक्ष ने पार्टी को घेरना शुरू कर दिया था। पंजाब से अकाली दल के प्रवक्ता अर्शदीप सिंह कलेर ने तो भाजपा से कंगना को पार्टी से निकालने और उन पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) लगाने की मांग की थी। इसके साथ ही हरियाणा कांग्रेस ने भी इसका विरोध किया। कहा कि भाजपा फिर से 3 कृषि कानून वापस लाने का प्लान बना रही है। कांग्रेस किसानों के साथ है। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जितना भी जोर लगा लें, ये कानून लागू नहीं होने दिए जाएंगे। वहीं, पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा था कि भाजपा अपने किसान विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कंगना का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने सरकार से तत्काल स्पष्टीकरण देने की मांग रखी थी। इसके अलावा एक चुनावी सभा के दौरान कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मंच से कंगना को चुनौती दी है। उन्होंने कहा, ‘BJP की सांसद कंगना रनोट का कहना है कि 3 कृषि कानून को लागू करने का समय आ गया है। हरियाणा में BJP की सरकार बनी तो ये 3 काले कानून लागू करेंगे। मैं चुनौती देता हूं, हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी और कोई ताकत नहीं है जो 3 काले कानूनों को फिर से लागू करवा सके।’ कंगना के बयान के बाद हरियाणा कांग्रेस की ओर से किया गया पोस्ट… कंगना के बयान से दूसरी बार भाजपा ने मुंह फेरा
3 कृषि कानूनों पर कंगना का ये तीसरा बयान था। हिमाचल प्रदेश के मंडी में दिए गए बयान से पहले भी कंगना 2 बार कृषि कानूनों पर बोल चुकी हैं, और सांसद बनने के बाद यह उनका दूसरा बयान है। वहीं, सांसद बनने के बाद आए उनके बयान से भाजपा पहले भी पल्ला झाड़ चुकी है। 26 अगस्त को भाजपा को बयान जारी करना पड़ा था। उसमें लिखा था- पार्टी कंगना के बयान से असहमत है। उन्हें पार्टी के नीतिगत मुद्दों पर बोलने की इजाजत नहीं है। वह पार्टी की तरफ से बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं। भाजपा ने कंगना को हिदायत दी है कि वे इस मुद्दे पर आगे कोई बयान न दें। कंगना ने अपने बयान में कहीं 2 अहम बातें… 1. किसानों के हितकारी कानून वापस आने चाहिए
कंगना ने कहा कि किसानों के जो लॉ हैं, जो रोक दिए गए, वे वापस लाने चाहिए। किसानों को खुद इसकी डिमांड करनी चाहिए। हमारे किसानों की समृद्धि में ब्रेक न लगे। 2. हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ
ब्यूरोक्रेसी, हमारे लीडर, हर 3-3 महीने में इलेक्शन करवाते हैं। वन नेशन, वन इलेक्शन देश के विकास में जरूरी है। ऐसे ही हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ (मजबूती के स्तंभ) हैं। वे खुद अपील करें कि हमारे तीनों कानूनों को लागू किया जाए। हमारे कुछ राज्यों ने इन कानूनों को लेकर आपत्ति जताई थी, उनसे हाथ जोड़ विनती करती हूं कि इन्हें वापस लाएं। किसानों को लेकर 2 बार बयान दे चुकीं कंगना… पहला बयान- महिला किसान पर टिप्पणी
किसान आंदोलन के बीच कंगना रनोट ने 27 नवंबर 2020 को रात 10 बजे फोटो पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई महिला वही मशहूर बिलकिस दादी है, जो शाहीन बाग के प्रदर्शन में थी। जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध है। हालांकि, बाद में कंगना ने पोस्ट डिलीट कर दिया था, लेकिन कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पोस्ट को खूब शेयर किया था। इससे एक्ट्रेस विवादों में घिर गई थी। दूसरा बयान- किसान आंदोलन में रेप-मर्डर हुए
अगस्त में भास्कर को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। किसान बिल को वापस ले लिया गया, वरना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे। 2020 में लाए गए थे 3 कृषि कानून
5 जून 2020 को केंद्र सरकार एक अध्यादेश के जरिए 3 कृषि बिल लेकर आई थी। सितंबर 2020 को केंद्र सरकार लोकसभा और राज्यसभा में फार्म बिल 2020 लेकर आई। दोनों सदनों से यह बिल पास पास हो गए, लेकिन किसानों को यह बिल मंजूर नहीं थे। किसानों को आशंका थी कि नए बिल से मंडियां खत्म हो जाएंगी। MSP सिस्टम खत्म हो जाएगा। बड़ी कंपनियां फसलों की कीमतें तय करने लगेंगी। वे इसके विरोध में उतर आए। पंजाब के किसान रेल की पटरियों पर बैठ गए, लेकिन सरकार ने उन्हें वहां से हटा दिया। 19 नवंबर 2021 को कृषि कानून वापस लिए
किसान आंदोलन के दौरान अप्रैल-मई 2021 में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव हुए। असम में BJP सरकार बनाने में कामयाब रही, लेकिन उसे 11 सीटों का नुकसान हुआ। पुडुचेरी में वह गठबंधन की सरकार बनाने में कामयाब रही। जबकि केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में BJP को हार का सामना करना पड़ा। इन चुनावों में विपक्ष ने प्रधानमंत्री और BJP को खूब घेरा था। किसान नेता राकेश टिकैत ने पश्चिम बंगाल में BJP के खिलाफ प्रचार किया था। इसके बाद BJP की इंटरनल रिपोर्ट, सेना में नाराजगी, उप-चुनावों में मिली हार और 5 राज्यों में होने वाले चुनावों को देखते हुए PM मोदी ने 19 नवंबर 2021 को तीनों कृषि कानून वापस ले लिए। आखिरकार 14 महीने की तकरार के बाद 29 नवंबर को लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों से बिना किसी चर्चा के ध्वनिमत से कृषि कानून वापस ले लिया गया। 11 दिसंबर को किसानों ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया और दिल्ली बॉर्डर पर विजय दिवस मनाया।
पंचकूला MLA चंद्रमोहन का BJP पर अटैक:कहा- सरकार बताए संविधान के किस अनुच्छेद में किसानों के दिल्ली जाने पर रोक
पंचकूला MLA चंद्रमोहन का BJP पर अटैक:कहा- सरकार बताए संविधान के किस अनुच्छेद में किसानों के दिल्ली जाने पर रोक हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम एवं पंचकूला से कांग्रेस विधायक चंद्रमोहन ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की मुहिम बिल्कुल सही थी कि भाजपा संविधान को बदलना चाहती है। कांग्रेस ने भाजपा के मंसूबों को पूरा नहीं होने दिया। जिस तरह शंभू बॉर्डर पर किसानों को दिल्ली जाने से रोका जा रहा है, निहत्थे किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं, इससे भाजपा सरकार का संविधान विरोधी चेहरा साफ नजर आता है। पंचकूला में पत्रकारों से बातचीत में चंद्रमोहन ने केंद्र व भाजपा सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सरकार बताए कि संविधान के किस अनुच्छेद के तहत किसानों को दिल्ली जाने से रोका जा सकता है। जिस तरह अंग्रेजों ने साइमन कमीशन का विरोध करने वाले लाला लाजपत राय के सिर पर लाठियां मार उनकी हत्या की थी, ठीक वैसा ही केंद्र व भाजपा सरकार निहत्थे किसानों के साथ कर रही है। पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन ने कहा कि यदि राहुल गांधी पूरे देश में पैदल यात्रा न करते तो 2024 के नतीजे कुछ और होते और भाजपा संविधान बदल कर देश में मनमर्जी करती। शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों पर आंसू गोले छोड़ कर देश की जनता को अंग्रेजी हुकूमत की याद दिलाई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही हरियाणा के सीएलपी लीडर का फैसला हो जाएगा।
रोहतक में कांग्रेस का सेफ दांव:पूर्व सीएम सहित मौजूदा विधायकों को मिला टिकट, नए चेहरों को नहीं मिली जगह
रोहतक में कांग्रेस का सेफ दांव:पूर्व सीएम सहित मौजूदा विधायकों को मिला टिकट, नए चेहरों को नहीं मिली जगह हरियाणा के रोहतक में कांग्रेस ने सेफ दांव खेलते हुए पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित मौजूदा विधायकों को टिकट दिया गया है। नए चेहरों पर कांग्रेस ने कहीं पर भी दांव नहीं खेला है। फिलहाल कांग्रेस सुरक्षित सीटों पर ही फोकस किया है। रोहतक जिले की बात करें तो यहां 4 विधानसभा सीट (रोहतक, महम, कलानौर व गढ़ी-सांपला-किलोई) हैं। जिनमें से वर्ष 2019 में 3 विधायक कांग्रेस पार्टी के और एक विधायक निर्दलीय जीतकर आए थे। सभी पुराने विधायक बने उम्मीदवार सभी पुराने विधायकों को उम्मीदवार बनाया गया है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा गढ़ी सांपला किलोई से 5 बार विधायक चुने गए हैं। वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार भारत भूषण बत्रा रोहतक से 3 बार विधानसभा चुनाव लड़ें। जिनमें से 2009 व 2019 में विधानसभा चुनाव जीते और 2004 में विधानसभा चुनाव हार गए थे। शकुंतला खटक कलानौर विधानसभा से 2009, 2014 व 2019 में लगातार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीतकर विधानसभा पहुंची। बत्रा बोले- हर शिकायत का इलाके में जाकर करेंगे समाधान टिकट मिलने के बाद भारत भूषण बत्रा ने कहा कि “मैंने हमेशा अपने रोहतक के मान-सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई लड़ी है। मेरे लिए मेरे रोहतक से बढ़कर कुछ भी नहीं है। कांग्रेस कार्यकाल में रोहतक का हमने बहुत मेहनत के साथ, बहुत गंभीरता के साथ सर्वांगीण विकास करने की एक छोटी सी कोशिश की थी। अपने रोहतक का नवनिर्माण करेंगे, छोटी से छोटी शिकायत का उस इलाके में जाकर समाधान सुनिश्चित करेंगे। 2019 विधानसभा चुनाव के रिजल्ट
रोहतक विजेता : कांग्रेस के भारत भूषण बत्रा (50437)
उप विजता : भाजपा से मनीष ग्रोवर (47702)
जीत का अंतर : 2735 महम विधानसभा सीट विजेता : निर्दलीय बलराज कुंडू (49418)
उपविजेता : कांग्रेस के आनंद सिंह दांगी (37371)
जीत का अंतर : 12047 गढ़ी सांपला किलोई विधानसभा सीट विजेता : कांग्रेस से भूपेंद्र सिंह हुड्डा (97755)
उप विजेता : भाजपा के सतीश नांदल (39443)
जीत का अंतर : 58312 कलानौर
विजेता : कांग्रेस की शकुंतला खटक (62151)
उप विजेता : रामअवतार वाल्मीकि (51527)
जीत का अंतर : 10624