भोपाल: उधर बच्चा फंसा लिफ्ट में, इधर पिता को आया हार्ट-अटैक, 3 मिनट में मौत का तांडव

भोपाल: उधर बच्चा फंसा लिफ्ट में, इधर पिता को आया हार्ट-अटैक, 3 मिनट में मौत का तांडव

<p style=”text-align: justify;”><strong>Bhopal News:</strong> भोपाल के जतखेड़ी स्थित निरुपम रॉयल पाम कॉलोनी में सोमवार (26 मई) रात एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ. 51 वर्षीय ऋषिराज भटनागर की उस वक्त हार्ट अटैक से मौत हो गई जब उनका 8 वर्षीय बेटा लिफ्ट में बिजली जाने के कारण फंस गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह घटना रात करीब 10:30 बजे की है, जब ऋषिराज टहलने निकले थे और बेटे देवांश को खेलने के बाद घर लौटने के लिए कहा. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार देवांश लिफ्ट में चढ़ा ही था कि अचानक बिजली चली गई, जिससे वह बीच में फंस गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लिफ्ट में बेटे को फंसा देख पिता को आया हार्ट-अटैक</strong><br />बेटे को लिफ्ट में फंसा देख ऋषिराज घबरा गए और तुरंत सुरक्षा गार्ड के पास पहुंचे. उन्होंने गार्ड से मैन्युअल जनरेटर चालू करने और लिफ्ट की चाबी देने को कहा. वे लिफ्ट की ओर लगभग 25-30 कदम ही चले थे कि वहीं गिर पड़े. चश्मदीदों के अनुसार, जनरेटर चालू होते ही 3 मिनट के भीतर बिजली वापस आ गई और देवांश सुरक्षित बाहर निकल आया, लेकिन ऋषिराज तब तक अचेत हो चुके थे. उनके बड़े बेटे हर्षित और पड़ोसियों ने उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस ने दी घटना की जानकारी&nbsp;</strong><br />पुलिस जांच अधिकारी ASI आमोद शर्मा ने बताया कि ऋषिराज पेशे से इंश्योरेंस और प्रॉपर्टी ब्रोकर थे और कॉलोनी की प्रबंधन समिति के सक्रिय सदस्य भी रहे हैं. उनका परिवार तीन मंजिला अपार्टमेंट में रहता था. उनकी पत्नी स्कूल शिक्षिका हैं और बड़ा बेटा हर्षित हाल ही में 12वीं की परीक्षा पास कर चुका है, जबकि छोटा बेटा देवांश तीसरी कक्षा में पढ़ता है. पुलिस का मानना है कि ऋषिराज को बेटे के लिफ्ट में फंसने के कारण अत्यधिक तनाव और घबराहट के चलते घातक दिल का दौरा पड़ा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मंगलवार (27 मई) दोपहर जब ऋषिराज का पार्थिव शरीर कॉलोनी लाया गया, तो पूरे परिसर में शोक की लहर दौड़ गई. उन्हें एक सहयोगी, संवेदनशील और समाजसेवी व्यक्ति के रूप में याद किया गया. कॉलोनी के निवासियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और प्रशासन से कॉलोनी की सुरक्षा व्यवस्थाओं में सुधार की मांग की. यह घटना न केवल एक परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि शहर में आपात स्थिति प्रबंधन की तैयारियों पर भी सवाल खड़े करती है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bhopal News:</strong> भोपाल के जतखेड़ी स्थित निरुपम रॉयल पाम कॉलोनी में सोमवार (26 मई) रात एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ. 51 वर्षीय ऋषिराज भटनागर की उस वक्त हार्ट अटैक से मौत हो गई जब उनका 8 वर्षीय बेटा लिफ्ट में बिजली जाने के कारण फंस गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह घटना रात करीब 10:30 बजे की है, जब ऋषिराज टहलने निकले थे और बेटे देवांश को खेलने के बाद घर लौटने के लिए कहा. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार देवांश लिफ्ट में चढ़ा ही था कि अचानक बिजली चली गई, जिससे वह बीच में फंस गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लिफ्ट में बेटे को फंसा देख पिता को आया हार्ट-अटैक</strong><br />बेटे को लिफ्ट में फंसा देख ऋषिराज घबरा गए और तुरंत सुरक्षा गार्ड के पास पहुंचे. उन्होंने गार्ड से मैन्युअल जनरेटर चालू करने और लिफ्ट की चाबी देने को कहा. वे लिफ्ट की ओर लगभग 25-30 कदम ही चले थे कि वहीं गिर पड़े. चश्मदीदों के अनुसार, जनरेटर चालू होते ही 3 मिनट के भीतर बिजली वापस आ गई और देवांश सुरक्षित बाहर निकल आया, लेकिन ऋषिराज तब तक अचेत हो चुके थे. उनके बड़े बेटे हर्षित और पड़ोसियों ने उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस ने दी घटना की जानकारी&nbsp;</strong><br />पुलिस जांच अधिकारी ASI आमोद शर्मा ने बताया कि ऋषिराज पेशे से इंश्योरेंस और प्रॉपर्टी ब्रोकर थे और कॉलोनी की प्रबंधन समिति के सक्रिय सदस्य भी रहे हैं. उनका परिवार तीन मंजिला अपार्टमेंट में रहता था. उनकी पत्नी स्कूल शिक्षिका हैं और बड़ा बेटा हर्षित हाल ही में 12वीं की परीक्षा पास कर चुका है, जबकि छोटा बेटा देवांश तीसरी कक्षा में पढ़ता है. पुलिस का मानना है कि ऋषिराज को बेटे के लिफ्ट में फंसने के कारण अत्यधिक तनाव और घबराहट के चलते घातक दिल का दौरा पड़ा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मंगलवार (27 मई) दोपहर जब ऋषिराज का पार्थिव शरीर कॉलोनी लाया गया, तो पूरे परिसर में शोक की लहर दौड़ गई. उन्हें एक सहयोगी, संवेदनशील और समाजसेवी व्यक्ति के रूप में याद किया गया. कॉलोनी के निवासियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और प्रशासन से कॉलोनी की सुरक्षा व्यवस्थाओं में सुधार की मांग की. यह घटना न केवल एक परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि शहर में आपात स्थिति प्रबंधन की तैयारियों पर भी सवाल खड़े करती है.</p>  मध्य प्रदेश Maharashtra: बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुणे की छात्रा की गिरफ्तारी को बताया ‘कट्टर प्रतिक्रिया’, जानें- क्या है पूरा मामला?