1857 में यह बात तेजी से फैली कि अंग्रेज जो नया कारतूस बना रहे हैं, उसमें गाय और सुअर की चर्बी मिली है। कारतूस को मुंह से खींचकर बंदूक में लगाना पड़ता था। भारतीय सैनिकों ने इसे अपने धर्म का अपमान माना। सैनिक मंगल पांडे ने विद्रोह कर दिया। मंगल पांडे के विद्रोह और उससे शुरू हुए भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम की पूरी कहानी यहां क्लिक करके देखिए… कहानी- 1 यहां क्लिक कर देखें…काकोरी ट्रेन एक्शन के 100 साल पूरे…VIDEO कहानी- 2 यहां क्लिक कर देखें…चंद्रशेखर के आखिरी वक्त की कहानी कहानी- 3 यहां क्लिक कर देखें…दोनों हाथ में तलवार, पीठ पर बेटा…अंग्रेजों पर टूट पड़ीं रानी लक्ष्मीबाई कहानी- 4 यहां क्लिक कर देखें…जब डरकर बलिया डीएम ने किया सरेंडर कहानी- 5 यहां क्लिक कर देखें…23 पुलिसकर्मियों को थाने में जिंदा जला दिया 1857 में यह बात तेजी से फैली कि अंग्रेज जो नया कारतूस बना रहे हैं, उसमें गाय और सुअर की चर्बी मिली है। कारतूस को मुंह से खींचकर बंदूक में लगाना पड़ता था। भारतीय सैनिकों ने इसे अपने धर्म का अपमान माना। सैनिक मंगल पांडे ने विद्रोह कर दिया। मंगल पांडे के विद्रोह और उससे शुरू हुए भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम की पूरी कहानी यहां क्लिक करके देखिए… कहानी- 1 यहां क्लिक कर देखें…काकोरी ट्रेन एक्शन के 100 साल पूरे…VIDEO कहानी- 2 यहां क्लिक कर देखें…चंद्रशेखर के आखिरी वक्त की कहानी कहानी- 3 यहां क्लिक कर देखें…दोनों हाथ में तलवार, पीठ पर बेटा…अंग्रेजों पर टूट पड़ीं रानी लक्ष्मीबाई कहानी- 4 यहां क्लिक कर देखें…जब डरकर बलिया डीएम ने किया सरेंडर कहानी- 5 यहां क्लिक कर देखें…23 पुलिसकर्मियों को थाने में जिंदा जला दिया उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
फिरोजपुर के श्रद्धालु की पाकिस्तान में मौत:दिल का दौरा पड़ा, महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि पर गया था मृतक
फिरोजपुर के श्रद्धालु की पाकिस्तान में मौत:दिल का दौरा पड़ा, महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि पर गया था मृतक फिरोजपुर जिले के गांव झोंक टहिल निवासी सुखदेव सिंह की पाकिस्तान से लौटते समय दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। यह घटना उस समय घटित हुई, जब सुखदेव सिंह पाकिस्तान से भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे। वह महाराजा रणजीत सिंह जी की बरसी पर जत्थे के साथ पाकिस्तान गए थे। परिजनों के अनुसार वापस लौटते समय जैसे ही वह भारतीय सीमा में दाखिल हुए तो उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। इस कारण उनकी मौत हो गई। मृतक सुखदेव सिंह का शव आज गांव झोक टहिल सिंह स्थित उनके घर लाया गया, जहां गांव के शम्सानघाट में अंतिम संस्कार किया जाएगा। धार्मिक प्रवृत्ति के सुखेदव सिंह के असयम चले जाने से परिवार के सदस्यों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया हे।
Counselling for cops to tackle stress begins on a one-one basis following rising suicide cases
Counselling for cops to tackle stress begins on a one-one basis following rising suicide cases The bold initiative by Thiruvananthapuram city police with the help of HATS (Help and Assistance to Tackle Stress) have begun counselling classes concentrating on each police station wherein counsellors from the health department will begin interacting with policemen to understand the issues that are plaguing them.
वोटिंग के लिए तैयार विश्व का सबसे ऊंचा पोलिंग बूथ टशीगंग, हर बार होता है 100 फीसदी मतदान
वोटिंग के लिए तैयार विश्व का सबसे ऊंचा पोलिंग बूथ टशीगंग, हर बार होता है 100 फीसदी मतदान <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh Lok Sabha Elections 2024 Phase 7:</strong> हिमाचल प्रदेश में चार लोकसभा सीटों के लिए मतदान की तैयारियां पूरी हो गयी हैं. कल शनिवार को सुबह सात से शाम छह बजे तक मतदान होगा. मतदान के लिए मतदाताओं में खासा उत्साह है. विश्व का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र टशीगंग भी वोटिंग के लिए तैयार है. टशीगंग में पोलिंग बूथ 15 हजार 256 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया है. कुल 62 मतदाताओं में 37 पुरुष और 25 महिलाएं मताधिकार का प्रयोग करेंगे. 2024 के लोकसभा चुनाव में 100 फीसदी मतदान का लक्ष्य रखा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पहली बार साल 2021 के लोकसभा उपचुनाव में पोलिंग बूथ बनाया गया था. 2021 में मतदाताओं की संख्या 52 थी. एक साल बाद 2022 में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हुई. साल 2021 के लोकसभा उपचुनाव और साल 2022 के विधानसभा चुनाव में 100 फीसदी मतदान हुआ था. इस बार भी 100 फीसदी मतदान का लक्ष्य तय किया गया है. गुरुवार को हुई बर्फबारी से टशीगंग का मौसम सुहावना हो गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>464 किलोमीटर है शिमला से टशीगंग की दूरी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>विश्व की सबसे ऊंचाई पर बना पोलिंग बूथ टशीगंग में है. शिमला से टशीगंग की दूरी 464 किलोमीटर है. टशीगंग पोलिंग बूथ को बेहद खूबसूरती के साथ सजाया गया है. लोकतंत्र के महापर्व को मनाने का वोटरों में जबरदस्त उत्साह है. टशीगंग के मतदाता हर चुनाव में उदाहरण पेश करते हैं. उम्मीद है कि इस बार भी 100 फीसदी मतदान का रिकॉर्ड बरकरार रखने में टशीगंग कामयाब होगा. टशीगंग पोलिंग बूथ पहुंचना काफी चुनौतीपूर्ण माना जाता है. दुनिया के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र टशीगंग में <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> का जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”हिमाचल के जंगलों में 1200 से ज्यादा आग की घटनाएं, 10 हजार हेक्टेयर में 3 करोड़ की वन संपदा नष्ट” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/himachal-pradesh-news-forest-wealth-worth-rs-3-crore-destroyed-due-to-fire-ann-2703323″ target=”_self”>हिमाचल के जंगलों में 1200 से ज्यादा आग की घटनाएं, 10 हजार हेक्टेयर में 3 करोड़ की वन संपदा नष्ट</a></strong></p>