हिमाचल प्रदेश के मंडी में विजिलेंस टीम ने SHO व HASI को रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। दोनों ने केस को सेटल करने के एवज में 15 हजार रुपए मांगे थे। टीम ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। डीएसपी विजिलेंस प्रियंक गुप्ता के मुताबिक, मंडी जिले के पधर थाना के एसएचओ अशोक कुमार व एचएसआई अश्वनी कुमार को रिश्वत लेते अरेस्ट किया है। सोमवार देर शाम यह गिरफ्तारी हुई है। आवास पर मंगाई थी रिश्वत की राशि उन्होंने बताया कि एक केस सेटल करने की एवज में 15 हजार रुपए रिश्वत मांगी गई थी। व्यक्ति ने इसकी शिकायत विजिलेंस को दी। विजिलेंस प्लान के तहत शिकायतकर्ता SHO के पास रिश्वत की राशि लेकर गया। SHO ने रिश्वत की राशि अपने आवास पर लाने के लिए कहा था। विजिलेंस की टीम ने तय प्लान के तहत उसके घर पर छापा मारकर आरोपी को रंगे हाथ दबोच लिया। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में हडकंप मच गया है। हिमाचल प्रदेश के मंडी में विजिलेंस टीम ने SHO व HASI को रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। दोनों ने केस को सेटल करने के एवज में 15 हजार रुपए मांगे थे। टीम ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। डीएसपी विजिलेंस प्रियंक गुप्ता के मुताबिक, मंडी जिले के पधर थाना के एसएचओ अशोक कुमार व एचएसआई अश्वनी कुमार को रिश्वत लेते अरेस्ट किया है। सोमवार देर शाम यह गिरफ्तारी हुई है। आवास पर मंगाई थी रिश्वत की राशि उन्होंने बताया कि एक केस सेटल करने की एवज में 15 हजार रुपए रिश्वत मांगी गई थी। व्यक्ति ने इसकी शिकायत विजिलेंस को दी। विजिलेंस प्लान के तहत शिकायतकर्ता SHO के पास रिश्वत की राशि लेकर गया। SHO ने रिश्वत की राशि अपने आवास पर लाने के लिए कहा था। विजिलेंस की टीम ने तय प्लान के तहत उसके घर पर छापा मारकर आरोपी को रंगे हाथ दबोच लिया। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में हडकंप मच गया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में बीते सप्ताह सामान्य से 48% ज्यादा बारिश:आज खिलेगी धूप, कल 5 जिलों में बारिश; मानसून सीजन में 18% कम बरसात
हिमाचल में बीते सप्ताह सामान्य से 48% ज्यादा बारिश:आज खिलेगी धूप, कल 5 जिलों में बारिश; मानसून सीजन में 18% कम बरसात हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून सामान्य से कम बरसा है, लेकिन बीते सप्ताह जमकर बादल बरसे है। 10 से 16 सितंबर के बीच सामान्य से 48 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। इस अवधि में किन्नौर जिला में नॉर्मल से 169 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है और अधिक ऊंची चोटियों पर सीजन पर पहला हिमपात भी हुआ। वहीं सोलन जिला में नॉर्मल की तुलना में 160 प्रतिशत अधिक, शिमला में 139 प्रतिशत ज्यादा, बिलासपुर में 142 प्रतिशत, कांगड़ा में 52 प्रतिशत, कुल्लू में 75 प्रतिशत, मंडी में 87 प्रतिशत और सिरमौर में 66 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। 4 जिलों में सामान्य से कम बारिश वहीं चार जिला ऐसे हैं, जहां सामान्य से कम बारिश हुई है। हमीरपुर जिला में नॉर्मल 33 प्रतिशत कम, चंबा में 21 प्रतिशत, लाहौल स्पीति में 47 प्रतिशत और ऊना में 53 प्रतिशत कम बादल बरसे है। प्रदेश में 10 से 16 सितंबर के बीच 28.2 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार 41.6 मिमी बरसात हुई है। पूरे मानसून सीजन में 18 प्रतिशत कम बारिश पूरे मानसून सीजन की बात करें तो इस बार सामान्य से 18 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 1 जून से 16 सितंबर के बीच 692.1 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 567.2 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। आज धूप, कल बारिश मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में आज भी बारिश के आसार नहीं है और ज्यादातर भागों में आज भी धूप खिलने का पूर्वानुमान है। अगले कल कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर जिले में कुछेक स्थानों पर हल्की बारिश व बूंदाबांदी हो सकती है। अन्य जिलों में मौसम साफ रहेगा। परसो यानी 19 से 22 सितंबर तक मौसम साफ रहेगा।
हिमाचल में मुख्य संसदीय सचिव रहेंगे या नहीं, फैसला आज:सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, हाईकोर्ट ने CPS एक्ट रद्द किया था, सुविधाएं वापस लीं
हिमाचल में मुख्य संसदीय सचिव रहेंगे या नहीं, फैसला आज:सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, हाईकोर्ट ने CPS एक्ट रद्द किया था, सुविधाएं वापस लीं सुप्रीम कोर्ट (SC) में आज हिमाचल के मुख्य संसदीय सचिव (CPS) मामले में सुनवाई होगी। कांग्रेस सरकार ने हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी है। वहीं बीजेपी ने भी इसी मामले में कैविएट फाइल कर रखी है, ताकि कांग्रेस सरकार की SLP (विशेष अनुमति याचिका) सुनने से पहले बीजेपी भी अपना पक्ष अदालत में रख सके। बीजेपी के चौपाल से MLA बलवीर वर्मा की ओर से कैविएट फाइल की गई है। यह मामला मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की कोर्ट में लगेगा। प्रदेश सरकार की ओर से इस केस की पैरवी सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल करेंगे। राज्य सरकार ने दलील दी है कि हिमाचल हाईकोर्ट ने बिमलोंशू राय बनाम असम के केस को आधार बनाते हुए फैसला सुनाया है, जबकि हिमाचल और असम का CPS एक्ट अलग था। हिमाचल के एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने बताया कि राज्य सरकार ने ये दलीलें हाईकोर्ट में भी दी। मगर जजमेंट के वक्त उन दलीलों का ज्यादा ध्यान में नहीं रखा गया। इसी ग्राउंड पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने 13 नवंबर को हिमाचल संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन, भत्ते, शक्तियां, विशेषाधिकार और सुविधाएं) एक्ट,2006 को निरस्त किया था। सुक्खू ने इन्हें लगा रखा था CPS
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस के 6 विधायकों अर्की से संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, बैजनाथ से किशोरी लाल, रोहड़ू से एमएल ब्राक्टा, दून से राम कुमार चौधरी और पालमपुर से आशीष कुमार को CPS बनाया था। इन्होंने दी हाईकोर्ट में चुनौती
कल्पना नाम की एक महिला के अलावा BJP के 11 विधायकों और पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था ने CPS की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए हिमाचल हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।संविधान के अनुच्छेद 164(1)ए के तहत किसी भी राज्य की विधानसभा में मंत्रियों की संख्या 15 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए। हिमाचल में 68 विधायक हैं, इसलिए यहां अधिकतम 12 मंत्री ही बन सकते हैं। बावजूद इसके प्रदेश सरकार में सीएम, डिप्टी सीएम सहित कुल 11 मंत्री हैं, जो 6 सीपीएस को मिलाकर 17 बनते हैं। इसी को तीन याचिकाओं में चुनौती दी गई थी। 13 नवंबर को कल्पना और बीजेपी के 11 विधायकों की याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया, जबकि पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था की याचिका पर बीते बुधवार (20 नवंबर) को अदालत ने आदेश दिए। विधायकों की सदस्यता पर संकट
6 पूर्व CPS की विधायकी पर अभी संकट बना हुआ है। बीजेपी इनकी सदस्यता को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट बताते हुए चुनौती देने की तैयारी में है और विधि विशेषज्ञ से राय ले रही है। भाजपा नेताओं का मानना है कि अब CPS एक्ट में मिल रही प्रोटेक्शन भी समाप्त हो गई है। क्योंकि कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा सदस्य अयोग्यता अधिनियम 1971 की धारा 3 (डी) को भी असंवैधानिक करार दिया है। इसके तहत CPS पद को संरक्षण दिया गया था। साल 2005 में रद्द हो चुका CPS एक्ट
हिमाचल में CPS एक्ट दूसरी बार निरस्त हुआ है। इससे पहले साल 2005 में भी कोर्ट ने CPS एक्ट को निरस्त किया। इसके बाद राज्य सरकार ने नया CPS एक्ट 2006 बनाया। 2005 में भी कांग्रेस सरकार ने 12 CPS लगाए थे। साल 2009 में राज्य में पूर्व धूमल सरकार ने 3 CPS लगाए। तब ऊना से विधायक सत्तपाल सत्ती, पांवटा से सुखराम चौधरी और कुटलैहड़ से विधायक वीरेंद्र कंवर को CPS बनाया गया। 2012 में राज्य में फिर सत्ता परिवर्तन हुआ और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 2013 में 9 CPS लगाए। वीरभद्र सिंह ने नीरज भारती, राजेश धर्माणी, विनय कुमार, जगजीवन पाल, नंद लाल, रोहित ठाकुर, सोहन लाल ठाकुर, इंद्रदत्त लखनपाल और मनसा राम को CPS बनाया। पूर्व BJP सरकार ने CPS नहीं चीफ व्हिप व डिप्टी चीफ व्हिप लगाए
इस दौरान देश के कई राज्यों में CPS की नियुक्ति के मामले सुप्रीम कोर्ट में पहुंचे। 2017 में राज्य में फिर सत्ता परिवर्तन हुआ। तब जयराम के नेतृत्व में बनी बीजेपी सरकार ने CPS तो नहीं लगाए। मगर चीफ व्हिप और डिप्टी चीफ व्हिप लगाए। चीफ व्हिप और डिप्टी चीफ व्हिप की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका भी अभी हिमाचल हाईकोर्ट में विचाराधीन है। दिसंबर 2022 में कांग्रेस की सरकार बनी। CM सुक्खू ने पहले कैबिनेट विस्तार व मंत्रियों की शपथ से पहले 6 CPS को शपथ दिलाई।
कंगना के बाद विक्रमादित्य ने मंडी में खोला कैंप ऑफिस:बोले- सांसद कार्यालय के मुकाबले को नहीं खोला; जनता से किया वादा निभाया
कंगना के बाद विक्रमादित्य ने मंडी में खोला कैंप ऑफिस:बोले- सांसद कार्यालय के मुकाबले को नहीं खोला; जनता से किया वादा निभाया भाजपा सांसद कंगना रनोट के बाद मंडी में विक्रमादित्य सिंह ने भी अपना दफ्तर खोल दिया है। PWD मंत्री एवं लोकसभा चुनाव में कंगना के प्रतिद्वंदी विक्रमादित्य ने बुधवार को राज महल कॉम्प्लेक्स में अपना कैंप ऑफिस खोला। पूजा-पाठ करके इसका शुभारंभ किया गया। इस मौके पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी विक्रमादित्य के साथ मौजूद रही। इससे पहले बीते 12 जुलाई को सांसद कंगना रनोट भी मंडी में अपना दफ्तर खोल चुकी हैं। विक्रमादित्य ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने मंडी की जनता से कार्यालय खोलने का वादा किया था, जिसे पूरा कर लिया गया है। मंडी संसदीय क्षेत्र के लोग इस कार्यालय में आकर अपनी समस्याएं बता सकते हैं। उन्होंने कहा, जो विभाग उनके पास हैं, उनका समाधान वह खुद करेंगे, जबकि दूसरे विभागों से जुड़ी समस्याएं सरकार के समक्ष उठाई जाएगी। सरकार खर्च से नहीं चलेगा कार्यालय: विक्रमादित्य विक्रमादित्य ने कहा, उनके लिए चुनाव में हार-जीत मायने नहीं रखती। उनके पिता स्व. वीरभद्र सिंह का मंडी की जनता से विशेष लगाव रहा है। उन्होंने कहा, यह कार्यालय किसी सरकारी खर्च पर नहीं चलेगा बल्कि इसका सारा खर्च वे स्वयं वहन करेंगे। कंगना के कार्यालय से मुकाबले को नहीं खोला दफ्तर विक्रमादित्य ने एक सवाल के जवाब में कहा, कंगना एक चुनी हुई सांसद हैं। यह दफ्तर उनके कार्यालय के मुकाबले में नहीं खोला गया, बल्कि अपना वादा पूरा करने के लिए खोला गया है। हाल ही में केंद्र से PWD महकमा सड़क निर्माण के लिए 300 करोड़ की राशि लाने में कामयाब रहा हैं। भाजपा नेताओं को भी इसमें सहयोग करना चाहिए। भविष्य में कंगना को भी चाहिए कि वह भी प्रदेश के लिए केंद्र से मदद लेकर आए और उसमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्य किया जाएगा।