जिला मंडी पुलिस का नशे के काले कारोबार के खिलाफ जारी अभियान लगातार जारी है। ताजा मामले में रविवार को जिला पुलिस की विशेष टीम एसआईयू ने पधियूं के समीप तीन आरोपियों को 22.3 ग्राम हेरोइन सहित गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। जिला मंडी पुलिस की विशेष एसआईयू टीम गश्त पर पधियूं क्षेत्र में मौजूद थी। इसी दौरान तीन युवकों को पुलिस टीम ने संदिग्ध गतिविधियों के कारण चेकिंग की गई। चेकिंग के दौरान पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 22.3 ग्राम हेरोइन बरामद की है। कल किए जाएंगे कोर्ट में पेश गिरफ्तार किए आरोपियों की पहचान हितेश कुमार निवासी नेला सौलीखड्ड तहसील सदर जिला मंडी, हंसराज निवासी गरोडु तहसील जोगिंद्रनगर जिला मंडी और हितेश कुमार निवासी गांव रंधाड़ा तहसील सदर जिला मंडी के तौर पर हुई है। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर आगामी जांच शुरू कर दी है। एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर आगामी जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि मामले में आरोपियों को न्यायालय के समक्ष सोमवार को नियमानुसार पेश किया जाएगा। पुलिस टीम में इंचार्ज सब इंस्पेक्टर गगनदीप सिंह, कांस्टेबल चंदन, कांस्टेबल पवन और कांस्टेबल शाहिद अली शामिल रहे। जिला मंडी पुलिस का नशे के काले कारोबार के खिलाफ जारी अभियान लगातार जारी है। ताजा मामले में रविवार को जिला पुलिस की विशेष टीम एसआईयू ने पधियूं के समीप तीन आरोपियों को 22.3 ग्राम हेरोइन सहित गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। जिला मंडी पुलिस की विशेष एसआईयू टीम गश्त पर पधियूं क्षेत्र में मौजूद थी। इसी दौरान तीन युवकों को पुलिस टीम ने संदिग्ध गतिविधियों के कारण चेकिंग की गई। चेकिंग के दौरान पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 22.3 ग्राम हेरोइन बरामद की है। कल किए जाएंगे कोर्ट में पेश गिरफ्तार किए आरोपियों की पहचान हितेश कुमार निवासी नेला सौलीखड्ड तहसील सदर जिला मंडी, हंसराज निवासी गरोडु तहसील जोगिंद्रनगर जिला मंडी और हितेश कुमार निवासी गांव रंधाड़ा तहसील सदर जिला मंडी के तौर पर हुई है। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर आगामी जांच शुरू कर दी है। एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर आगामी जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि मामले में आरोपियों को न्यायालय के समक्ष सोमवार को नियमानुसार पेश किया जाएगा। पुलिस टीम में इंचार्ज सब इंस्पेक्टर गगनदीप सिंह, कांस्टेबल चंदन, कांस्टेबल पवन और कांस्टेबल शाहिद अली शामिल रहे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में कांग्रेस की हार से हिमाचल की गरमाई राजनीति:भाजपा ने सुक्खू सरकार का जताया आभार, कहा- झूठी गारंटियों का असर
हरियाणा में कांग्रेस की हार से हिमाचल की गरमाई राजनीति:भाजपा ने सुक्खू सरकार का जताया आभार, कहा- झूठी गारंटियों का असर हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्य हरियाणा के चुनावी नतीजों ने कांग्रेस को बेकफुट पर ला दिया है। हरियाणा के साथ हिमाचल प्रदेश में भी राजनीति गरमा गई है। हरियाणा में कांग्रेस की हार के लिए भाजपा हिमाचल की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है। हिमाचल भाजपा का शीर्ष नेतृत्व दावा कर रहा है कि कांग्रेस द्वारा हिमाचल प्रदेश की जनता को दिए गए झूठे वादे ही हरियाणा में कांग्रेस की हार का कारण बने हैं। भाजपा के इन दावों पर पलटवार करते हुए राज्य सरकार के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इसे पूरी तरह से खारिज किया। स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं चुनाव हर्षवर्धन चौहान ने भाजपा पर पलटवार करते हुए विपक्ष के दावों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में चुनाव परिणाम उम्मीदों के विपरीत रहे हैं। सभी रिपोर्ट कांग्रेस के पक्ष में थीं। हार के कारणों पर पार्टी हाईकमान विचार-विमर्श करेगा। मगर कल से प्रदेश में भाजपा नेता यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि हिमाचल की गारंटियों का हरियाणा चुनाव पर असर पड़ा है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। चौहान ने कहा कि राज्यों में चुनाव स्थानीय मुद्दों और नेताओं के रिपोर्ट कार्ड पर लड़े जाते हैं। जम्मू-कश्मीर में इंडिया गठबंधन की सरकार बन रही है। मीडिया का आकलन भी कांग्रेस के पक्ष में था मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि हरियाणा में नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे। मीडिया का आकलन भी कांग्रेस के पक्ष में था। इसके बावजूद वे चुनाव नहीं जीत पाए। हरियाणा में वे चुनाव क्यों हारे, इसका आकलन करने की जरूरत है और पार्टी हाईकमान इसका आकलन जरूर करेगा। इस बीच, भाजपा प्रवक्ता संदीप भारद्वाज ने प्रेस को जारी बयान में हरियाणा में भाजपा की जीत के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सुखू का आभार जताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू के हरियाणा दौरे के बाद भाजपा के चुनाव प्रचार को उस समय बल मिला जब हरियाणा की जनता को पता चला कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस द्वारा दी गई सभी 10 गारंटी झूठी थीं। हिमाचल प्रदेश की जनता ठगा हुआ महसूस कर रही है और हरियाणा की जनता समझ गई है कि कांग्रेस के सभी चुनावी हथकंडे लोगों को गुमराह करने के लिए चुनावी हथकंडे थे।
हिमाचल हाईकोर्ट पहुंचा संजौली मस्जिद मामला:लोकल रेजिडेंट ने दायर की याचिका; नगर-निगम कोर्ट में समयबद्ध निपटाने की अपील, सोमवार को सुनवाई
हिमाचल हाईकोर्ट पहुंचा संजौली मस्जिद मामला:लोकल रेजिडेंट ने दायर की याचिका; नगर-निगम कोर्ट में समयबद्ध निपटाने की अपील, सोमवार को सुनवाई शिमला के संजौली स्थित मस्जिद में अवैध निर्माण मामले में लोकल रेजिडेंट की ओर से शनिवार को हिमाचल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई। स्थानीय लोगों ने नगर निगम (MC) आयुक्त को इस केस के जल्द निपटारे के लिए आदेश देने का आग्रह किया गया। लोकल रेजिडेंट के एडवोकेट जगपाल ने बताया कि स्थानीय लोगों ने याचिका कोर्ट ने दायर की है। इस पर सोमवार को सुनवाई होनी है। न्यायाधीश संदीप शर्मा सोमवार को इस मामले पर प्रारंभिक सुनवाई करेंगे। MC कोर्ट में 21 दिसंबर को होनी है सुनवाई वहीं शिमला नगर निगम (MC) कमिश्नर कोर्ट में यह मामला आगामी 21 दिसंबर को सुना जाएगा। इससे पहले बीते 5 अक्टूबर को MC आयुक्त ने संजौली मस्जिद की अवैध 3 मंजिल गिराने के आदेश जारी किए। अब मस्जिद की निचली 2 मंजिल को लेकर सुनवाई होनी है। मस्जिद गिराने को धन जुटा रहे मुस्लिम कारोबारी: लतीफ MC आयुक्त कोर्ट के ऊपर की 3 मंजिल अपने खर्चें पर तोड़ने के आदेशों दे रखे है। इसके बाद संजौली मस्जिद कमेटी ने वक्फ बोर्ड को पत्र लिखकर अवैध हिस्से को गिराने की अनुमति मांगी है। क्योंकि यह प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड की है। संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने बताया कि मालिकाना हक की वजह से वक्फ बोर्ड की इसे तोड़ने की परमिशन मांगी गई है। मस्जिद कमेटी को ही मस्जिद के अवैध बताए जा रहे हिस्से को अपने खर्च पर हटाना है। इसके लिए लोकल मुस्लिम कारोबारी से धन जुटा रहे हैं। मस्जिद कमेटी ने शांत किया मामला बता दें कि इसी मस्जिद के अवैध निर्माण की वजह से पूरे प्रदेश में बीते दिनों मामला गरमाया रहा। प्रदेशभर में मस्जिदों के अवैध निर्माण तोड़ने की मांग उठी। हालांकि शिमला में संजौली मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड ने खुद अवैध निर्माण तोड़ने की निगम आयुक्त से पेशकश करके इस मामले को शांत किया। इसके बाद मामला शांत हुआ। मगर लोकल रेजिडेंट 14 साल से निगम कोर्ट में चल रहे इस केस के जल्द निपटारे का आग्रह कर रहे हैं। शिमला नगर निगम कोर्ट में साल 2010 से यह केस चल रहा है। इस मामले में 46 बार सुनवाई हो चुकी है और नगर निगम शिमला ने 35 बार अवैध निर्माण रोकने व तोड़ने के नोटिस जारी किए है।
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हिमाचल में मजबूत नेता के तौर उभरे सुक्खू:उप चुनाव के नतीजों ने बचाई CM की कुर्सी; पार्टी में अंदरुनी बगावत शांत हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लोकसभा चुनाव की परीक्षा में फेल हुए। मगर विधानसभा उप चुनाव में छह में से चार सीटों पर जीतकर सुक्खू मजबूत नेता के तौर पर उभरे हैं। इस जीत ने पार्टी के भीतर भी विरोध के स्वरों पर विराम लगाया है। सरकार पर आया सियासी संकट भी टला है। यही वजह है कि दो रोज पहले कांग्रेस विधायक दल ने भी प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व में भरोसा जाहिर किया और चट्टान की तरह मुख्यमंत्री के साथ खड़े होने का दावा किया। सुक्खू सरकार को आगामी 10 जुलाई को एक ओर इम्तिहान देना है। इस इम्तिहान में भी सबसे ज्यादा साख सीएम सुक्खू की दाव पर लगी हुई है, क्योंकि हमीरपुर और देहरा दो विधानसभा सीटें मुख्यमंत्री सुक्खू के गृह संसदीय क्षेत्र हमीरपुर में पड़ती है। 2022 में इन सीटों पर कांग्रेस को मिली थी हार इन दोनों सीटों पर 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार हुई थी और इस बार लोकसभा चुनाव में भी इन दोनों सीटों से बीजेपी प्रत्याशी अनुराग ठाकुर को बढ़त मिली है। अब इन सीटों पर सत्तारूढ़ कांग्रेस को चुनाव लड़ना है। देहरा और हमीरपुर के अलावा नालागढ़ में भी सरकार की परीक्षा होने वाली है। इन चुनाव में कांग्रेस जीतती है तो हिमाचल से पूरे देश में कांग्रेस की मजबूती का संदेश जाएगा। 6 बागियों की बगावत भी काम नहीं आई राजनीति के जानकारों की माने तो कांग्रेस के छह बागी विधायकों की बगावत के बाद सरकार पर सियासी संकट टालना आसान नहीं था। उप चुनाव में कांग्रेस की हार हुई तो CM सुक्खू की कुर्सी खतरे में पड़ जाती। मगर अब 65 विधायकों वाली विधानसभा में पूर्ण बहुमत के आंकड़े से कांग्रेस के पास 5 विधायक ज्यादा हो गए हैं। यदि 10 जुलाई को प्रस्तावित तीनों सीटों पर कांग्रेस उप चुनाव हार भी जाती है तब भी कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत से तीन विधायक ज्यादा हो गए हैं। कांग्रेस के पास अभी 38 विधायक और भाजपा के पास 27 MLA है, जबकि तीन पर उप चुनाव चल रहा है। भविष्य में कोई विधायक बगावत की हिम्मत नहीं कर पाएगा: संजीव हिमाचल के वरिष्ठ पत्रकार संजीव शर्मा ने बताया कि लोकसभा चुनाव में जरूर कांग्रेस की हार हुई है। मगर विधानसभा उप चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन रहा। इससे कांग्रेस बहुमत में आ गई है। अब सरकार पर कोई खतरा नहीं रहा। उन्होंने बताया कि जिस तरह छह विधायक अनसीट किए गए, उससे आगे भी कोई विधायक पार्टी छोड़ने या बगावत कि हिम्मत नहीं करेगा। बीजेपी ने भी अब हिमाचल सरकार बदलेगा, यह कहना छोड़ दिया है। लोकसभा में इसलिए हुई सुक्खू सरकार की किरकिरी लोकसभा चुनाव की बात करें तो सत्तारूढ़ कांग्रेस व मुख्यमंत्री की देशभर में किरकिरी हुई है, क्योंकि पूरे देश में जब I.N.D.I.A. गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया है। ऐसे में हिमाचल की सत्तारूढ़ कांग्रेस से गठबंधन को बहुत ज्यादा उम्मीदें थी। मगर प्रदेश की जनता ने लोकसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार कांग्रेस का सुपड़ा साफ किया है। आर्थिक मोर्चे पर घिरेंगे सुक्खू जानकारों की माने तो उप चुनाव के नतीजों से सरकार पर सियासी संकट तो टाल दिया है। मगर आर्थिक मोर्चे पर सुक्खू सरकार की मुश्किलें बढ़नी तय है। प्रदेश सरकार पर लगभग 85 हजार करोड़ रुपए का कर्ज हो गया है। लगभग 11 हजार करोड़ रुपए की कर्मचारियों व पेंशनर के छठे वेतनमान के एरियर की देनदारी बकाया है। इस बीच सरकार ने 18 साल से अधिक आयु की सभी महिलाओं को 1500 रुपए देने की घोषणा और इसकी नोटिफिकेशन जारी कर रखी है। इससे सरकार पर वित्तीय बोझ ओर बढ़ेगा। मुख्यमंत्री सुक्खू के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती कर्मचारियों की सैलरी व पेंशनर की पेंशन देने और विकास कार्य निरंतर जारी रखने की होगी।