कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर में किए गए उपद्रव के मामले हिंदू पक्ष ने कनाडा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले में कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय में भारतीय मूल के वकील विनीत जिंदल ये याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि हमने कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रिचर्ड वैगनर के समक्ष अपील दायर की है। बीते दिन वकील विनीत जिंदल ने कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के समक्ष एक डिजिटल याचिका दायर की। जिसमें 3 नवंबर को हिंदू सभा मंदिर और भक्तों पर हमले में शामिल पील पुलिस अधिकारियों और एसएफजे जैसे खालिस्तानी समर्थक संगठनों और अन्य व्यक्तियों की कार्रवाई की जांच का अनुरोध किया गया। याचिका में अपराधियों को जवाबदेह ठहराने और कनाडा में हिंदू पूजा स्थलों की सुरक्षा की गारंटी देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की गई है। विनीत जिंदल ने कहा- कनाडाई न्यायपालिका की क्षमता में पूर्ण विश्वास के साथ हम आशा करते हैं कि न्याय होगा और हिंदू समुदाय को वह सुरक्षा मिलेगी जिसका वह हकदार है। साथ ही मांग की है कि कोर्ट द्वारा खालिस्तानियों के इस प्रदर्शन पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जाए। कनाडा में पहले भी मंदिरों पर हो चुके हमले कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में उच्चायोग ने हिंदू सभा मंदिर के बाहर कॉन्सुलर कैंप लगाया था। यह कैंप भारतीय नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगा था। इसमें जीवन प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के 40 साल पूरे होने को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे खालिस्तानी वहां पहुंचे और उन्होंने लोगों पर हमला कर दिया। कनाडा में पिछले कुछ समय से हिंदू मंदिरों और समुदाय के लोगों को निशाना बनाए जाने से भारतीय समुदाय चिंतित है। पिछले कुछ सालों में ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा में बाकी जगहों पर हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया है। PM मोदी ने उक्त हमले का किया था विरोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए इस हमले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि हमें कनाडा सरकार से कार्रवाई की उम्मीद है। ऐसी घटनाएं हमें कमजोर नहीं कर सकती। पीएम मोदी ने लिखा था कि मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे डिप्लोमेट्स को डराने के कायरतापूर्ण प्रयास भी उतने ही निंदनीय हैं। ऐसे हिंसक कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर सकते। हमें उम्मीद है कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को बनाए रखेगी। कनाडाई पीएम ने भी घटना की निंदा की थी इस बारे में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी निंदा की थी। जिसमें उन्होंने ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है। घटना के बाद से इलाके में तनाव है। भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। पील रीजनल पुलिस चीफ निशान दुरईप्पा ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। भारत का आरोप- वोट बैंक के लिए भारत विरोधी राजनीति कर रहे PM ट्रूडो भारत और कनाडा के बीच संबंधों में एक साल से भी ज्यादा समय से गिरावट देखी गई है। इसकी शुरुआत जून 2020 में खालिस्तानी समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद हुई। पिछले साल सितंबर में PM ट्रूडो ने संसद में आरोप लगाया कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसी का हाथ है। इसके बाद ट्रूडो ने पिछले महीने 13 अक्टूबर निज्जर हत्याकांड में भारतीय राजनयिकों के शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद भारत ने संजय वर्मा समेत अपने 6 राजनयिकों को वापस बुला लिया। भारत का कहना है कि कनाडा सरकार के आरोप बेबुनियाद हैं। कनाडा ने भारत सरकार के साथ एक भी सबूत साझा नहीं किया है। वे बिना तथ्य के दावे कर रहे हैं। ट्रूडो सरकार राजनीतिक लाभ उठाने के लिए जानबूझकर भारत को बदनाम करने की कोशिश में जुटी है। भारत के विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि PM ट्रूडो की भारत से दुश्मनी लंबे समय से जारी है। उनके मंत्रिमंडल में ऐसे लोग शामिल हैं जो खुले तौर पर चरमपंथी संगठनों से जुड़े हुए हैं। कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर में किए गए उपद्रव के मामले हिंदू पक्ष ने कनाडा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले में कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय में भारतीय मूल के वकील विनीत जिंदल ये याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि हमने कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रिचर्ड वैगनर के समक्ष अपील दायर की है। बीते दिन वकील विनीत जिंदल ने कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के समक्ष एक डिजिटल याचिका दायर की। जिसमें 3 नवंबर को हिंदू सभा मंदिर और भक्तों पर हमले में शामिल पील पुलिस अधिकारियों और एसएफजे जैसे खालिस्तानी समर्थक संगठनों और अन्य व्यक्तियों की कार्रवाई की जांच का अनुरोध किया गया। याचिका में अपराधियों को जवाबदेह ठहराने और कनाडा में हिंदू पूजा स्थलों की सुरक्षा की गारंटी देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की गई है। विनीत जिंदल ने कहा- कनाडाई न्यायपालिका की क्षमता में पूर्ण विश्वास के साथ हम आशा करते हैं कि न्याय होगा और हिंदू समुदाय को वह सुरक्षा मिलेगी जिसका वह हकदार है। साथ ही मांग की है कि कोर्ट द्वारा खालिस्तानियों के इस प्रदर्शन पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जाए। कनाडा में पहले भी मंदिरों पर हो चुके हमले कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में उच्चायोग ने हिंदू सभा मंदिर के बाहर कॉन्सुलर कैंप लगाया था। यह कैंप भारतीय नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगा था। इसमें जीवन प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के 40 साल पूरे होने को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे खालिस्तानी वहां पहुंचे और उन्होंने लोगों पर हमला कर दिया। कनाडा में पिछले कुछ समय से हिंदू मंदिरों और समुदाय के लोगों को निशाना बनाए जाने से भारतीय समुदाय चिंतित है। पिछले कुछ सालों में ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा में बाकी जगहों पर हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया है। PM मोदी ने उक्त हमले का किया था विरोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए इस हमले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि हमें कनाडा सरकार से कार्रवाई की उम्मीद है। ऐसी घटनाएं हमें कमजोर नहीं कर सकती। पीएम मोदी ने लिखा था कि मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे डिप्लोमेट्स को डराने के कायरतापूर्ण प्रयास भी उतने ही निंदनीय हैं। ऐसे हिंसक कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर सकते। हमें उम्मीद है कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को बनाए रखेगी। कनाडाई पीएम ने भी घटना की निंदा की थी इस बारे में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी निंदा की थी। जिसमें उन्होंने ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है। घटना के बाद से इलाके में तनाव है। भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। पील रीजनल पुलिस चीफ निशान दुरईप्पा ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। भारत का आरोप- वोट बैंक के लिए भारत विरोधी राजनीति कर रहे PM ट्रूडो भारत और कनाडा के बीच संबंधों में एक साल से भी ज्यादा समय से गिरावट देखी गई है। इसकी शुरुआत जून 2020 में खालिस्तानी समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद हुई। पिछले साल सितंबर में PM ट्रूडो ने संसद में आरोप लगाया कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसी का हाथ है। इसके बाद ट्रूडो ने पिछले महीने 13 अक्टूबर निज्जर हत्याकांड में भारतीय राजनयिकों के शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद भारत ने संजय वर्मा समेत अपने 6 राजनयिकों को वापस बुला लिया। भारत का कहना है कि कनाडा सरकार के आरोप बेबुनियाद हैं। कनाडा ने भारत सरकार के साथ एक भी सबूत साझा नहीं किया है। वे बिना तथ्य के दावे कर रहे हैं। ट्रूडो सरकार राजनीतिक लाभ उठाने के लिए जानबूझकर भारत को बदनाम करने की कोशिश में जुटी है। भारत के विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि PM ट्रूडो की भारत से दुश्मनी लंबे समय से जारी है। उनके मंत्रिमंडल में ऐसे लोग शामिल हैं जो खुले तौर पर चरमपंथी संगठनों से जुड़े हुए हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
कपूरथला पहुंची राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य:ममता कुमारी ने जेल का किया निरीक्षण, बोली- महिला बंदियों को दिया जाए काम
कपूरथला पहुंची राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य:ममता कुमारी ने जेल का किया निरीक्षण, बोली- महिला बंदियों को दिया जाए काम राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ममता कुमारी ने आज कपूरथला पहुंची। उन्होंने सेंट्रल जेल का दौरा किया। इस दौरान महिलाओं के मानव अधिकारों की रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों का जायजा लिया। उन्होंने DC अमित कुमार पांचाल के नेतृत्व में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मीटिंग भी की। सेंट्रल जेल का दौरा कर उन्होंने कैदियों के मानवाधिकार की रक्षा के लिए व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने केन्द्रीय जेल में महिला बंदियों से बातचीत की तथा उनकी कठिनाइयों को सुना तथा नियमानुसार मिलने वाली निशुल्क कानूनी सहायता के बारे में जानकारी प्राप्त की। महिला कैदियों को मुफ्त कानूनी सहायता के दिए निर्देश ममता कुमारी ने केंद्रीय जेल और प्रशासनिक अधिकारियों को जरूरतमंद महिला कैदियों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने का निर्देश दिए। ताकि वे आर्थिक रूप से सक्षम नहीं होने के बावजूद अपनी रक्षा कर सकें। उन्होंने कहा कि बंदियों के पास आधार कार्ड होना जरूरी है। इसके लिए सेंट्रल जेल में कैंप लगाया जाए। इसके अलावा सेंट्रल जेल में बंद विधवा महिलाओं को पेंशन देने का व्यवस्था की जाए। महिला बंदियों को काम देने की कही बात उन्होंने जेल में महिला बंदियों को उनकी कुशलता के अनुरूप काम देने की व्यवस्था का भी निरीक्षण किया और कहा कि उन्हें उनकी कुशलता के अनुरूप काम दिया जाए। ताकि वे नए ढंग से जीवन शुरू कर समाज की प्रगति में भागीदारी निभा सकें। ममता ने कहा कि जेल में कैदियों के व्यवहार में सुधार के लिए जागरूकता प्रोग्राम चलाए जाने चाहिए। ताकि यह वास्तव में सुधार गृह बन सके। ममता कुमारी ने बेसहारा महिलाओं को दी जा रही सुविधाएं आवास, भोजन और मुफ्त कानूनी सहायता जैसी सुविधाएं बेहतर बनाने को कहा। उन्होंने आगामी सर्दी के मौसम को देखते हुए ठंड से बचाव के लिए आवश्यक इंतजाम करने को भी कहा। जेल में निशुल्क कानूनी सेवाओं का चलेगा अभियान इससे पहले DC अमित कुमार पांचाल के नेतृत्व में कमिश्नर के सदस्यों का स्वागत किया गया। उन्होंने आयोग की सदस्य को बताया कि सेंट्रल जेल में प्रत्येक शुक्रवार को विशेष चिकित्सा कैंप का आयोजन किया जाता है। ताकि कैदी अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान कर सकें। उन्होंने कहा कि जेल में निशुल्क कानूनी सेवाओं के तहत विशेष अभियान चलाया जायेगा। ताकि हर जरूरतमंद को कानूनी मदद मिल सकें।
इस अवसर पर ADC (जनरल) नवनीत कौर बल्ल, नगर निगम कमिश्नर अनुपम कलेर, एसपी सरबजीत रॉय, एसडीएम मेजर इरविन कौर, जिला प्रोग्राम अधिकारी राजीव ढांडा, सेंट्रल जेल के अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
बरनाला में पुलिस ने 7 आरोपियों को किया गिरफ्तार:युवक को पीटकर की थी हत्या, म्यूजिक बजाने को लेकर हुआ था विवाद
बरनाला में पुलिस ने 7 आरोपियों को किया गिरफ्तार:युवक को पीटकर की थी हत्या, म्यूजिक बजाने को लेकर हुआ था विवाद बरनाला। बरनाला पुलिस ने जिले के पखोके गांव की अनाज मंडी में युवक की हत्या के मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान रमनजीत सिंह उर्फ रमना, गुरप्रीत सिंह, हरजिंदर सिंह उर्फ जिंदर, हरमनदीप सिंह उर्फ हम्मू, एकप्रीत सिंह, सुखविंदर सिंह उर्फ सुक्खा और मनदीप सिंह के रूप में हुई है। इस मामले को लेकर डीएसपी सतवीर सिंह बैंस ने बताया कि उक्त आरोपियों को अदालत में पेश कर 3 नवंबर तक रिमांड पर लिया गया है और इस मामले में बाकी आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस द्वारा छापेमारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि रिमांड के दौरान आरोपियों से इस हत्याकांड के संबंध में और पूछताछ की जाएगी। डीएसपी बैंस ने बताया कि 28 अक्टूबर को अनाज मंडी पखोके में लडाई झगड़े के दौरान जसमीन सिंह उर्फ जस्सू पुत्र गुरचरण सिंह की हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद मृतक युवक के पिता गुरचरण सिंह के बयान के आधार पर थाना सदर बरनाला में रमनजीत सिंह उर्फ रमना पुत्र सुखदेव सिंह निवासी पखोके और उसके 11 साथियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि थाना सदर के प्रमुख इंस्पेक्टर शेरविंदर सिंह के नेतृत्व में हत्या के आरोपियों की सरगर्मी से तलाश शुरू कर दी गई। बता दें कि 28 अक्टूबर की रात गांव पखोके की अनाज मंडी में ट्रैक्टर का डेक बंद करने को लेकर दो पक्षों में झगड़ा हो गया था। जिसमें 25 वर्षीय जसमीन सिंह जस्सू की गांव के कुछ युवकों ने हत्या कर दी थी। पहले उसके ऊपर गाड़ी चढ़ा दी और बाद में आरोपियों ने युवक की लाठियों से पिटाई कर दी। जिससे उक्त युवक की मौत हो गई तथा उसके दो साथी गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतक युवक अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। जिसके पिता पूर्व सैनिक हैं और उसकी बहन कनाडा में रहती है।
लुधियाना में युवक पर तलवारों से हमला:गली की सफाई को लेकर विवाद, पड़ोसियों ने घर में घुसकर किया घायल
लुधियाना में युवक पर तलवारों से हमला:गली की सफाई को लेकर विवाद, पड़ोसियों ने घर में घुसकर किया घायल लुधियाना में गली की सफाई के मसले ने खूनी संघर्ष हो गया। पडोसी ने अपने साथियों की मदद से मोहल्ले के ही रहने वाले एक व्यक्ति को तलवारों कर घायल कर दिया। जिससे उसकी बाजू टूट गई। लोगों के इकट्ठे होने के बाद हमलावर फरार हो गए। लोगों जानकारी के अनुसार, लुधियाना के करमसर की गली नंबर 3 में रहने वाले नंदराज शर्मा पर उसके पड़ोस में रहने वाले वाले कुछ लोगों ने घर में घुसकर तलवारों से हमला बोल दिया। हार पर वार होने के कारण उसकी बाजू टूट गई। उसे पहले सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां से हालत गंभीर देखते हुए उसे डीएमसी रेफर कर दिया गया। गली की सफाई को लेकर रंजिश मोहल्ले के रहने वाली रजनी और राधिका आदि लोगों ने बताया कि करीब एक माह पहले गली में सफाई को लेकर दोनों गुटों के बीच झड़प हुई थी तब लोगों ने आपसी राजीनामा भी करवा दिया था, लेकिन दोषी उससे रंजिश रख रहे थे। लोगों ने बताया कि हमलावरों ने हमला करने के बाद अपने घर में घूस गए और हमला कर फरार हो गए। पीड़ित नंदराज शर्मा ने बताया कि एक माह पहले गली में सफाई को लेकर कहासुनी हुई थी तब लोगों ने बीच में पड़कर राजीनामा भी करवा दिया था, लेकिन आरोपी उससे रंजिश रखते थे। दो दिन पहले जब वह रात को अपने घर के बाहर था तो उस पर तलवारों से हमला कर दिया। पुलिस को सारी शिकायत दे दी गई है। हमलावरों की संख्या 8 से 10 के बीच थी और सभी नशे की हालत में थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर शुरू की जांच मामले की जांच कर रहे थानेदार मोहिंदर राज का कहना है कि घायल व्यकित के बयान पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। हमलावरों की पहचान कर उन्हें काबू कर लिया जाएगा।