<p style=”text-align: justify;”>यूपी के कुशीनगर में रविवार 9 फरवरी को जिला प्रशासन और पुलिस ने भारी फोर्स के बीच मदनी मस्जिद पर बुलडोजर की कार्रवाई की. तहसील प्रशासन ने दावा किता था कि मस्जिद को अवैध रूप से सरकारी जमीन पर बनाया गया. जबकि मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की आदेश की अवहेलना करते हुए की गई बुलडोजर की कार्रवाई को गलत बताया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस कार्रवाई के विरोध में सपा का 18 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ले नेतृत्व में कुशीनगर के हाटा पहुंचा. मुस्लिम पत्रकारों से प्रतिनिधि मंडल में मुलाकात की और मदनी मस्जिद जाकर मौके का जायजा लिया. मदनी मस्जिद पर बुलडोजर की कार्यवाही को गलत ठहराते हुए प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि कुशीनगर प्रशासन द्वारा संभल की घटना को यहां भी दोहराने की साजिश की गई. उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा दंगा फैलाने की साजिश को अल्पसंख्यक भाइयों ने सूझबूझ के साथ नाकाम कर दिया, जिसके लिए वे उनका स्वागत करते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>कुशीनगर के हाटा नगर में मदनी मस्जिद पर बुलडोजर कार्रवाई के विरोध में सपा का 18 सदस्यीय डेलिगेशन उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव के नेतृत्व में मंगलवार 11 फरवरी को पहुंचा. सपा प्रतिनिधि मंडल ने मदनी मस्जिद पहुंच कर वहां का निरीक्षण किया इसके बाद मस्जिद के पक्षकारों से सपा डेलिगेशन ने बातचीत करने के बाद उनसे विस्तृत जानकारी हासिल की. सपा मुखिया अखिलेश यादव के निर्देश पर 18 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कुशीनगर पहुंचा. ये अपनी रिपोर्ट सपा मुखिया अखिलेश यादव को सौंपेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हाटा नगर में स्थित मदनी मस्जिद पर दो दिन पहले रविवार को बुलडोजर एक्शन हुआ था. प्रशासन का दावा है कि स्वीकृत नक्शे से अधिक बनाए गए मस्जिद के हिस्से को ध्वस्त किया गया है. नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधि मंडल के साथ पूर्व मंत्री ब्रह्मशंकर त्रिपाठी, राधेश्याम सिंह, पूर्व सांसद बालेश्वर यादव प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मस्जिद कमेटी की ओर से बयान जारी कर स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. कमेटी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशों की सीधे तौर पर अवहेलना की गई है. वजू के लिए जिस स्थान को सुनिश्चित किया गया है उसका नक्शा नहीं पास है. मस्जिद कमेटी के पास हाई कोर्ट का स्टेट फरवरी की रात 12:00 तक का है. इसके बाद 9 फरवरी की सुबह 6:00 ही बुलडोजर पहुंचकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने लगते हैं. कमेटी ने ये भी आरोप लगाया कि मस्जिद का कुछ हिस्सा सरकारी जमीन पर बना था, तो 9 फरवरी या बाद में उन्हें कमेटी को नोटिस देनी चाहिए थी. प्रशासन द्वारा ऐसा नहीं किया गया. प्रशासन के आरोप को निराधार बताते हुए कमेटी ने कहा कि यह कार्रवाई पूरी तरह से गलत है और इसके खिलाफ पर कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कमेटी ने कहा कि तीन बार नोटिस देने की बात पूरी तरह से निराधार है. प्रशासन ने जब भी नोटिस दिया है उसका जवाब दिया गया है. कमेटी का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करके प्रशासन ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम किया है. उन्होंने दोषी प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है और इसके साथ ही नुकसान की भरपाई की मांग भी की है. मस्जिद के पुनर्निर्माण की अनुमति दी जाए और अधिकारियों से इस प्रकरण में जवाब भी मांगा जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि सबसे पहले वह कुशीनगर के अल्पसंख्यक भाइयों का स्वागत करना चाहते हैं. यहां प्रशासन ने जो दंगा फैलाने की कोशिश की थी, उसे साजिश को उन्होंने शांति का परिचय देते हुए नाकाम कर दिया. यह मस्जिद की जमीन बैनामा की जमीन है और बैनामा होने के बाद सीमांकन हुआ. इसके बाद इसका कंस्ट्रक्शन हुआ. इसका सीमांकन जब उस समय के अधिकारियों ने किया, तो वे लोग गलत सीमांकन किया नहीं होंगे. यह जमीन का बैनामा 29 डिसमिल का है. 28 डिसमिल में मस्जिद बनाई गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि ये प्रशासन कह रहा है कि यह आबादी की जमीन वर्ग-6 में बनी हुई है. आबादी की वर्ग-6 की जमीन का मालिककाना हक उसी का होता है, जो वहां पर आबाद होता है. सुप्रीम कोर्ट जब बार-बार सरकार को निर्देश दे रही है कि Place Of Vership Act-1991 जो देश की पार्लियामेंट ने बनाया, उसमें यह कहा गया कि पूजा स्थल किसी का भी हो उसमें छेड़छाड़ नहीं किया जाए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि वर्तमान में जब संभल का विवाद हुआ, तो मामला सुप्रीम कोर्ट में गया. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार बुलडोजर की कार्रवाई को बंद करें और न्यायिक प्रक्रिया में आए. न्यायिक प्रक्रिया में राजस्व संहिता की धारा 67-ए के अनुसार अगर कोई अवैध निर्माण ग्राम सभा की जमीन पर है. जीएस और 132 पर सार्वजनिक उपयोग की जमीन पर है. तो क्या 67-A में कोई मुकदमा तहसीलदार द्वारा चलाया गया? उसका पुनः सीमांकन किया गया? सीमांकन से ये सिद्ध हुआ कि ये जमीन ज्यादा में बनी है? जबकि इसका कंस्ट्रक्शन उस समय हुआ जब बैनामा के बाद तहसील की टीम ने खुद सीमांकन कराया था. तो फिर इस मस्जिद को अवैध कैसे कहा जा सकता है? फिर अवैध निर्माण होने का कोई औचित्य ही नहीं है. ईओ बगल में बैठते हैं और तहसील भी बगल में है. ईओ की जिम्मेदारी थी कि कुछ गलत बन रहा था, तो उस समय इसे रोक देता. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि राजस्व विभाग ने पैमाइश करके इसका डिमार्केशन कर दिया गया था. इसके बाद कानून को हाथ में लेकर इस तरह की कार्रवाई जिसने भी की है, जिससे कि कुशीनगर में भी बड़ा दंगा हो जाय और अल्पसंख्यक भाईयों को कुचल दिया जाए. अल्पसंख्यक भाईयों ने जो धैर्य का परिचय दिया है. उनकी पूरी कमेटी यहां पर बैठी हुई है. सभी लोग कागजात लेकर मौके से रिपोर्ट तैयार कर राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौपेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि विधानसभा और विधान परिषद में वे इस मामले को उठाएंगे. क्योंकि यह गैरकानूनी है कि जिस कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मना किया है. ऐसे में सरकार न तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने के लिए तैयार है और न ही हाईकोर्ट के आदेश को करने के लिए तैयार है. वे विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष हैं.उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि उनके नेतृत्व में सपा का प्रतिनिधिमंडल यहां पर आया है और उन लोगों ने देखा कि यहां पर मस्जिद को गिरा दिया गया है. वे लोग इसकी जांच पड़ताल कागजी ढंग से करेंगे. वे लोग खसरा-खतौनी और एरिया देखेंगे. जनता की आवाज को पहुंचना उनकी जिम्मेदारी है. वे जिम्मेदारी के साथ इन लोगों की आवाज ऊपर तक पहुंचाने का कार्य करेंगे. </p> <p style=”text-align: justify;”>यूपी के कुशीनगर में रविवार 9 फरवरी को जिला प्रशासन और पुलिस ने भारी फोर्स के बीच मदनी मस्जिद पर बुलडोजर की कार्रवाई की. तहसील प्रशासन ने दावा किता था कि मस्जिद को अवैध रूप से सरकारी जमीन पर बनाया गया. जबकि मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की आदेश की अवहेलना करते हुए की गई बुलडोजर की कार्रवाई को गलत बताया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस कार्रवाई के विरोध में सपा का 18 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ले नेतृत्व में कुशीनगर के हाटा पहुंचा. मुस्लिम पत्रकारों से प्रतिनिधि मंडल में मुलाकात की और मदनी मस्जिद जाकर मौके का जायजा लिया. मदनी मस्जिद पर बुलडोजर की कार्यवाही को गलत ठहराते हुए प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि कुशीनगर प्रशासन द्वारा संभल की घटना को यहां भी दोहराने की साजिश की गई. उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा दंगा फैलाने की साजिश को अल्पसंख्यक भाइयों ने सूझबूझ के साथ नाकाम कर दिया, जिसके लिए वे उनका स्वागत करते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>कुशीनगर के हाटा नगर में मदनी मस्जिद पर बुलडोजर कार्रवाई के विरोध में सपा का 18 सदस्यीय डेलिगेशन उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव के नेतृत्व में मंगलवार 11 फरवरी को पहुंचा. सपा प्रतिनिधि मंडल ने मदनी मस्जिद पहुंच कर वहां का निरीक्षण किया इसके बाद मस्जिद के पक्षकारों से सपा डेलिगेशन ने बातचीत करने के बाद उनसे विस्तृत जानकारी हासिल की. सपा मुखिया अखिलेश यादव के निर्देश पर 18 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कुशीनगर पहुंचा. ये अपनी रिपोर्ट सपा मुखिया अखिलेश यादव को सौंपेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हाटा नगर में स्थित मदनी मस्जिद पर दो दिन पहले रविवार को बुलडोजर एक्शन हुआ था. प्रशासन का दावा है कि स्वीकृत नक्शे से अधिक बनाए गए मस्जिद के हिस्से को ध्वस्त किया गया है. नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधि मंडल के साथ पूर्व मंत्री ब्रह्मशंकर त्रिपाठी, राधेश्याम सिंह, पूर्व सांसद बालेश्वर यादव प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मस्जिद कमेटी की ओर से बयान जारी कर स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. कमेटी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशों की सीधे तौर पर अवहेलना की गई है. वजू के लिए जिस स्थान को सुनिश्चित किया गया है उसका नक्शा नहीं पास है. मस्जिद कमेटी के पास हाई कोर्ट का स्टेट फरवरी की रात 12:00 तक का है. इसके बाद 9 फरवरी की सुबह 6:00 ही बुलडोजर पहुंचकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने लगते हैं. कमेटी ने ये भी आरोप लगाया कि मस्जिद का कुछ हिस्सा सरकारी जमीन पर बना था, तो 9 फरवरी या बाद में उन्हें कमेटी को नोटिस देनी चाहिए थी. प्रशासन द्वारा ऐसा नहीं किया गया. प्रशासन के आरोप को निराधार बताते हुए कमेटी ने कहा कि यह कार्रवाई पूरी तरह से गलत है और इसके खिलाफ पर कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कमेटी ने कहा कि तीन बार नोटिस देने की बात पूरी तरह से निराधार है. प्रशासन ने जब भी नोटिस दिया है उसका जवाब दिया गया है. कमेटी का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करके प्रशासन ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम किया है. उन्होंने दोषी प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है और इसके साथ ही नुकसान की भरपाई की मांग भी की है. मस्जिद के पुनर्निर्माण की अनुमति दी जाए और अधिकारियों से इस प्रकरण में जवाब भी मांगा जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि सबसे पहले वह कुशीनगर के अल्पसंख्यक भाइयों का स्वागत करना चाहते हैं. यहां प्रशासन ने जो दंगा फैलाने की कोशिश की थी, उसे साजिश को उन्होंने शांति का परिचय देते हुए नाकाम कर दिया. यह मस्जिद की जमीन बैनामा की जमीन है और बैनामा होने के बाद सीमांकन हुआ. इसके बाद इसका कंस्ट्रक्शन हुआ. इसका सीमांकन जब उस समय के अधिकारियों ने किया, तो वे लोग गलत सीमांकन किया नहीं होंगे. यह जमीन का बैनामा 29 डिसमिल का है. 28 डिसमिल में मस्जिद बनाई गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि ये प्रशासन कह रहा है कि यह आबादी की जमीन वर्ग-6 में बनी हुई है. आबादी की वर्ग-6 की जमीन का मालिककाना हक उसी का होता है, जो वहां पर आबाद होता है. सुप्रीम कोर्ट जब बार-बार सरकार को निर्देश दे रही है कि Place Of Vership Act-1991 जो देश की पार्लियामेंट ने बनाया, उसमें यह कहा गया कि पूजा स्थल किसी का भी हो उसमें छेड़छाड़ नहीं किया जाए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि वर्तमान में जब संभल का विवाद हुआ, तो मामला सुप्रीम कोर्ट में गया. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार बुलडोजर की कार्रवाई को बंद करें और न्यायिक प्रक्रिया में आए. न्यायिक प्रक्रिया में राजस्व संहिता की धारा 67-ए के अनुसार अगर कोई अवैध निर्माण ग्राम सभा की जमीन पर है. जीएस और 132 पर सार्वजनिक उपयोग की जमीन पर है. तो क्या 67-A में कोई मुकदमा तहसीलदार द्वारा चलाया गया? उसका पुनः सीमांकन किया गया? सीमांकन से ये सिद्ध हुआ कि ये जमीन ज्यादा में बनी है? जबकि इसका कंस्ट्रक्शन उस समय हुआ जब बैनामा के बाद तहसील की टीम ने खुद सीमांकन कराया था. तो फिर इस मस्जिद को अवैध कैसे कहा जा सकता है? फिर अवैध निर्माण होने का कोई औचित्य ही नहीं है. ईओ बगल में बैठते हैं और तहसील भी बगल में है. ईओ की जिम्मेदारी थी कि कुछ गलत बन रहा था, तो उस समय इसे रोक देता. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि राजस्व विभाग ने पैमाइश करके इसका डिमार्केशन कर दिया गया था. इसके बाद कानून को हाथ में लेकर इस तरह की कार्रवाई जिसने भी की है, जिससे कि कुशीनगर में भी बड़ा दंगा हो जाय और अल्पसंख्यक भाईयों को कुचल दिया जाए. अल्पसंख्यक भाईयों ने जो धैर्य का परिचय दिया है. उनकी पूरी कमेटी यहां पर बैठी हुई है. सभी लोग कागजात लेकर मौके से रिपोर्ट तैयार कर राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौपेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि विधानसभा और विधान परिषद में वे इस मामले को उठाएंगे. क्योंकि यह गैरकानूनी है कि जिस कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मना किया है. ऐसे में सरकार न तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने के लिए तैयार है और न ही हाईकोर्ट के आदेश को करने के लिए तैयार है. वे विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष हैं.उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि उनके नेतृत्व में सपा का प्रतिनिधिमंडल यहां पर आया है और उन लोगों ने देखा कि यहां पर मस्जिद को गिरा दिया गया है. वे लोग इसकी जांच पड़ताल कागजी ढंग से करेंगे. वे लोग खसरा-खतौनी और एरिया देखेंगे. जनता की आवाज को पहुंचना उनकी जिम्मेदारी है. वे जिम्मेदारी के साथ इन लोगों की आवाज ऊपर तक पहुंचाने का कार्य करेंगे. </p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड गोंडा में धारदार चाकू से दुकानदार की हत्या, चिकन की गंदगी को लेकर वारदात को दिया अंजाम