<p style=”text-align: justify;”><strong>MP News:</strong> दमोह जिले में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र यादव उर्फ एन जॉन केम द्वारा किए गए ऑपरेशनों में सात लोगों की मौत के मामले ने प्रदेशभर के स्वास्थ्य तंत्र को हिला कर रख दिया है. इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद अब पूरे मध्य प्रदेश में बिना पंजीयन चल रहे अस्पतालों और क्लीनिकों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जांच में सामने आया है कि प्रदेश में 174 अस्पताल ऐसे हैं जो बिना किसी वैध रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे हैं. अकेले राजधानी भोपाल में ऐसे 15 अस्पतालों की पहचान की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भोपाल में 4 स्किन क्लीनिक सील :</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. प्रभाकर तिवारी के अनुसार, शहर में चार स्किन और हेयर क्लीनिक को सील किया गया है. इन क्लीनिकों में बिना किसी विशेषज्ञ डॉक्टर के सौंदर्य चिकित्सा और हेयर ट्रांसप्लांट जैसी जटिल प्रक्रियाएं की जा रही थी. जांच में यह पाया गया कि बीडीएस (डेंटल) और होम्योपैथी डिग्रीधारी चिकित्सक बिना उचित योग्यता के इलाज कर रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सील किए गए क्लीनिकों की सूची:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>1. तथास्तु डेंटल क्लीनिक, होशंगाबाद रोड <br />2. स्किन स्माइल क्लीनिक, ई-2 अरेरा कॉलोनी <br />3. कॉस्मो डर्मा स्किन एंड हेयर क्लीनिक <br />4. एस्थेटिक वर्ल्ड, ई-4 क्षेत्र </p>
<p style=”text-align: justify;”>इनमें से कुछ क्लीनिकों में त्वचा संबंधित इलाज और हेयर ट्रांसप्लांट हो रहे थे, लेकिन कोई प्रमाणित विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद नहीं था. एक संचालक के पास केवल BHMS (होम्योपैथी) डिग्री थी. दस्तावेज भी पूरे नहीं थे और नियमों के उल्लंघन के आधार पर सभी क्लीनिकों को नोटिस जारी किया गया है. संबंधित विभागों – पुलिस, नगर निगम, औषधि प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सूचित किया गया है ताकि कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डॉ. रिचा पांडे सुसाइड केस का भी कनेक्शन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि चर्चित डॉ. रिचा पांडे सुसाइड केस में आरोपी डॉ. अभिजीत पांडे को जेल भेजा जा चुका है. जांच में सामने आया कि उनके क्लीनिक में भी बीडीएस डिग्री के आधार पर हेयर ट्रांसप्लांट किए जा रहे थे और वहां से कई प्रतिबंधित दवाएं जब्त की गई हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भोपाल में जिन 15 अस्पतालों के पास वैध पंजीयन नहीं है, उनकी सूची इस प्रकार है:</p>
<p style=”text-align: justify;”>1. सूर्यांश मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, भानपुर <br />2. मैक्स मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, शिव नगर <br />3. मेडिसिटी हॉस्पिटल, शाहजहानाबाद <br />4. पॉलीवाल सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, ISBT <br />5. डॉ. मलिक्स मिड सिटी हॉस्पिटल, गिन्नोरी रोड <br />6. कैपिटल मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, करोंद <br />7. जीवीएम आशीर्वाद हॉस्पिटल, बेरासिया रोड <br />8. पुखराज मल्टीसिटी हॉस्पिटल, कोहेफिजा <br />9. टेस्ट्स हॉस्पिटल, टीटी नगर <br />10. गुरुदत्त यूरो हॉस्पिटल, फतेहगढ़ <br />11. अनुपम हॉस्पिटल, अकरबपुर कोलार <br />12. महावीर हॉस्पिटल, कोलार रोड <br />13. संकल्प नेत्रालय, एमपी नगर <br />14. भोपाल न्यूरो साइकियाट्रिक सेंटर, कोहेफिजा <br />15. भोपाल हॉस्पिटल मल्टीस्पेशलिटी ट्रॉमा सेंटर, इब्राहीमपुर रोड</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ग्वालियर में 60 अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन रद्द :</strong><br />स्वास्थ्य विभाग ने ग्वालियर में भी कड़ी कार्रवाई की है, जहां 60 निजी अस्पतालों का पंजीयन नियमों के उल्लंघन के कारण रद्द कर दिया गया है.<br />सीएमएचओ होंगे जिम्मेदार :</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदेश के स्वास्थ्य आयुक्त तरुण राठी ने सभी जिलों के सीएमएचओ को चेतावनी दी है कि यदि उनके क्षेत्र में बिना रजिस्ट्रेशन अस्पताल या क्लीनिक संचालित होते पाए गए, तो संबंधित सीएमएचओ को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या कहता है कानून?:</strong><br />मध्य प्रदेश उपचर्यागृह एवं रूजोपचार अधिनियम 1973 और नियम 1997 (संशोधित 2021) के तहत प्रदेश में निजी अस्पतालों और क्लीनिकों का पंजीयन अनिवार्य है. इसकी वैधता तीन वर्ष होती है और समय पर नवीनीकरण आवश्यक होता है. इस कानून के उल्लंघन पर अस्पताल बंद किए जा सकते हैं और संचालकों पर आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”MP: नर्मदापुरम में बच्ची से रेप के आरोपी को 3 महीने के अंदर फांसी की सजा, सिवनी मालवा अदालत का पहला मामला” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/seoni-malwa-court-punishd-death-sentence-accused-raping-girl-in-narmadapuram-first-case-mp-new-rape-act-2923502″ target=”_self”>MP: नर्मदापुरम में बच्ची से रेप के आरोपी को 3 महीने के अंदर फांसी की सजा, सिवनी मालवा अदालत का पहला मामला</a> </strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>MP News:</strong> दमोह जिले में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र यादव उर्फ एन जॉन केम द्वारा किए गए ऑपरेशनों में सात लोगों की मौत के मामले ने प्रदेशभर के स्वास्थ्य तंत्र को हिला कर रख दिया है. इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद अब पूरे मध्य प्रदेश में बिना पंजीयन चल रहे अस्पतालों और क्लीनिकों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जांच में सामने आया है कि प्रदेश में 174 अस्पताल ऐसे हैं जो बिना किसी वैध रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे हैं. अकेले राजधानी भोपाल में ऐसे 15 अस्पतालों की पहचान की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भोपाल में 4 स्किन क्लीनिक सील :</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. प्रभाकर तिवारी के अनुसार, शहर में चार स्किन और हेयर क्लीनिक को सील किया गया है. इन क्लीनिकों में बिना किसी विशेषज्ञ डॉक्टर के सौंदर्य चिकित्सा और हेयर ट्रांसप्लांट जैसी जटिल प्रक्रियाएं की जा रही थी. जांच में यह पाया गया कि बीडीएस (डेंटल) और होम्योपैथी डिग्रीधारी चिकित्सक बिना उचित योग्यता के इलाज कर रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सील किए गए क्लीनिकों की सूची:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>1. तथास्तु डेंटल क्लीनिक, होशंगाबाद रोड <br />2. स्किन स्माइल क्लीनिक, ई-2 अरेरा कॉलोनी <br />3. कॉस्मो डर्मा स्किन एंड हेयर क्लीनिक <br />4. एस्थेटिक वर्ल्ड, ई-4 क्षेत्र </p>
<p style=”text-align: justify;”>इनमें से कुछ क्लीनिकों में त्वचा संबंधित इलाज और हेयर ट्रांसप्लांट हो रहे थे, लेकिन कोई प्रमाणित विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद नहीं था. एक संचालक के पास केवल BHMS (होम्योपैथी) डिग्री थी. दस्तावेज भी पूरे नहीं थे और नियमों के उल्लंघन के आधार पर सभी क्लीनिकों को नोटिस जारी किया गया है. संबंधित विभागों – पुलिस, नगर निगम, औषधि प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सूचित किया गया है ताकि कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डॉ. रिचा पांडे सुसाइड केस का भी कनेक्शन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि चर्चित डॉ. रिचा पांडे सुसाइड केस में आरोपी डॉ. अभिजीत पांडे को जेल भेजा जा चुका है. जांच में सामने आया कि उनके क्लीनिक में भी बीडीएस डिग्री के आधार पर हेयर ट्रांसप्लांट किए जा रहे थे और वहां से कई प्रतिबंधित दवाएं जब्त की गई हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भोपाल में जिन 15 अस्पतालों के पास वैध पंजीयन नहीं है, उनकी सूची इस प्रकार है:</p>
<p style=”text-align: justify;”>1. सूर्यांश मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, भानपुर <br />2. मैक्स मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, शिव नगर <br />3. मेडिसिटी हॉस्पिटल, शाहजहानाबाद <br />4. पॉलीवाल सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, ISBT <br />5. डॉ. मलिक्स मिड सिटी हॉस्पिटल, गिन्नोरी रोड <br />6. कैपिटल मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, करोंद <br />7. जीवीएम आशीर्वाद हॉस्पिटल, बेरासिया रोड <br />8. पुखराज मल्टीसिटी हॉस्पिटल, कोहेफिजा <br />9. टेस्ट्स हॉस्पिटल, टीटी नगर <br />10. गुरुदत्त यूरो हॉस्पिटल, फतेहगढ़ <br />11. अनुपम हॉस्पिटल, अकरबपुर कोलार <br />12. महावीर हॉस्पिटल, कोलार रोड <br />13. संकल्प नेत्रालय, एमपी नगर <br />14. भोपाल न्यूरो साइकियाट्रिक सेंटर, कोहेफिजा <br />15. भोपाल हॉस्पिटल मल्टीस्पेशलिटी ट्रॉमा सेंटर, इब्राहीमपुर रोड</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ग्वालियर में 60 अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन रद्द :</strong><br />स्वास्थ्य विभाग ने ग्वालियर में भी कड़ी कार्रवाई की है, जहां 60 निजी अस्पतालों का पंजीयन नियमों के उल्लंघन के कारण रद्द कर दिया गया है.<br />सीएमएचओ होंगे जिम्मेदार :</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदेश के स्वास्थ्य आयुक्त तरुण राठी ने सभी जिलों के सीएमएचओ को चेतावनी दी है कि यदि उनके क्षेत्र में बिना रजिस्ट्रेशन अस्पताल या क्लीनिक संचालित होते पाए गए, तो संबंधित सीएमएचओ को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या कहता है कानून?:</strong><br />मध्य प्रदेश उपचर्यागृह एवं रूजोपचार अधिनियम 1973 और नियम 1997 (संशोधित 2021) के तहत प्रदेश में निजी अस्पतालों और क्लीनिकों का पंजीयन अनिवार्य है. इसकी वैधता तीन वर्ष होती है और समय पर नवीनीकरण आवश्यक होता है. इस कानून के उल्लंघन पर अस्पताल बंद किए जा सकते हैं और संचालकों पर आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”MP: नर्मदापुरम में बच्ची से रेप के आरोपी को 3 महीने के अंदर फांसी की सजा, सिवनी मालवा अदालत का पहला मामला” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/seoni-malwa-court-punishd-death-sentence-accused-raping-girl-in-narmadapuram-first-case-mp-new-rape-act-2923502″ target=”_self”>MP: नर्मदापुरम में बच्ची से रेप के आरोपी को 3 महीने के अंदर फांसी की सजा, सिवनी मालवा अदालत का पहला मामला</a> </strong></p> मध्य प्रदेश यूपी BJP अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी बोले- ‘असली PDA हमारे पास, महापुरुषों का अपमान सपा का चरित्र’
मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की टूटी नींद, भोपाल और ग्वालियर में ताबड़तोड़ कार्रवाई
