हिमाचल प्रदेश के मनाली विंटर क्वीन प्रतियोगिता के दूसरे दौर के ऑडिशन का आयोजन चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी में किया गया। फैशन कोरियोग्राफर और ग्रूमर दिव्यांगना मेहता की देखरेख में हुई चयन प्रक्रिया में करीब 30 प्रतिभागियों में से 10 का अगले दौर के लिए चयन किया गया। विंटर क्वीन प्रतियोगिता में चयनित प्रतिभागियों में सुहानी, श्वेता जसवाल, अमीषा ठाकुर, वंशिका, सिमरन, हिमानी खन्ना, कोमल प्रीत कौर, आरज़ू, तमन्ना और हिमानी वर्मा शामिल हैं। ऑडिशन के आगामी दौर 16 जनवरी को मंडी, 18 जनवरी को कुल्लू और 20 जनवरी को मनाली में आयोजित किए जाएंगे। 24 जनवरी को होगा फाइनल राष्ट्रीय स्तर के मनाली विंटर कार्निवल का मेगा फाइनल 24 जनवरी को मनुरंगशाला में आयोजित किया जाएगा। विंटर कार्निवल कमेटी ने पुरस्कार राशि की घोषणा करते हुए बताया कि विजेता को एक लाख रुपए, प्रथम उपविजेता को 50 हजार रुपए और द्वितीय उपविजेता को 30 हजार रुपए की नकद राशि के साथ ताज पहनाया जाएगा। यह प्रतियोगिता युवा प्रतिभाओं को अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित करने का एक बेहतरीन मंच प्रदान करेगी। हिमाचल प्रदेश के मनाली विंटर क्वीन प्रतियोगिता के दूसरे दौर के ऑडिशन का आयोजन चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी में किया गया। फैशन कोरियोग्राफर और ग्रूमर दिव्यांगना मेहता की देखरेख में हुई चयन प्रक्रिया में करीब 30 प्रतिभागियों में से 10 का अगले दौर के लिए चयन किया गया। विंटर क्वीन प्रतियोगिता में चयनित प्रतिभागियों में सुहानी, श्वेता जसवाल, अमीषा ठाकुर, वंशिका, सिमरन, हिमानी खन्ना, कोमल प्रीत कौर, आरज़ू, तमन्ना और हिमानी वर्मा शामिल हैं। ऑडिशन के आगामी दौर 16 जनवरी को मंडी, 18 जनवरी को कुल्लू और 20 जनवरी को मनाली में आयोजित किए जाएंगे। 24 जनवरी को होगा फाइनल राष्ट्रीय स्तर के मनाली विंटर कार्निवल का मेगा फाइनल 24 जनवरी को मनुरंगशाला में आयोजित किया जाएगा। विंटर कार्निवल कमेटी ने पुरस्कार राशि की घोषणा करते हुए बताया कि विजेता को एक लाख रुपए, प्रथम उपविजेता को 50 हजार रुपए और द्वितीय उपविजेता को 30 हजार रुपए की नकद राशि के साथ ताज पहनाया जाएगा। यह प्रतियोगिता युवा प्रतिभाओं को अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित करने का एक बेहतरीन मंच प्रदान करेगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला में बच्ची से रेप का आरोपी अरेस्ट:अकेली पाकर घुसा घर में, पड़ोस में ही रहता, 4 दिन से चल रहा था फरार जिला शिमला के रामपुर में पुलिस को रचोली में 9 साल की बच्ची के साथ रेप करने के आरोपी को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान नानक चंद निवासी रचोली के रुप में हुई है। डीएसपी रामपुर नरेश शर्मा ने बताया कि बच्ची का मेडिकल करवा गया है। उन्होंने कहा कि आरोपी ने रचोली में 12 अक्टूबर की शाम एक 9 साल की बच्ची से रेप किया था। बच्ची नेपाली मूल की रहने वाली है और आरोपी रचोली पंचायत का रहने वाला है। सारा मामला तब सामने आया जब बच्ची के पड़ोसी ने उसके चीखने चिलाने की आवाज सुनी तो घर के अंदर गया और आरोपी उसे देख कर वहां भाग गया। ये है मामला रामपुर उप मंडल में एक 9 साल की मासूम बच्ची से रेप करने के बाद आरोपी फरार हो गया। आरोपी शख्स पीड़ित बच्ची के पड़ोस में ही रहता था और उसके घर वालों को पहले से ही जानता था और अपनी इसी पहचान के चलते वह कभी कभार उनके घर भी आया करता था। इस बात का फायदा उठाकर आरोपी 12 अक्टूबर की शाम को बच्ची के घर में दाखिल हुआ और बच्ची को अकेली पाकर मौके का फायदा उठाया रेप की वारदात को अंजाम दिया। वारदात काे अंजाम देने के बाद से आरोपी फरार चल रहा था। आरोपी पहले से ही शादी शुदा है और इसके बच्चे भी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल हाईकोर्ट कॉलेजियम का फैसला किया रद्द:2 जिला जलों की प्रमोशन का मामला; शीर्ष अदालत ने पहली बार ऐसा फैसला दिया
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल हाईकोर्ट कॉलेजियम का फैसला किया रद्द:2 जिला जलों की प्रमोशन का मामला; शीर्ष अदालत ने पहली बार ऐसा फैसला दिया सुप्रीम कोर्ट (SC) ने हिमाचल प्रदेश कॉलेजियम के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें पदोन्नति के लिए 2 वरिष्ठ जिला जजों की दावेदारी को नजरअंदाज किया था। SC ने 32 सीनियर जिला जजों की याचिका को स्वीकार करते हुए इस साल की शुरुआत में हुई कॉलेजियम की चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया। बता दें कि हिमाचल के बिलासपुर के डिस्ट्रिक्ट जज चिराग भानु सिंह और सोलन के जिला जज अरविंद मल्होत्रा बीते मई माह में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने कॉलेजियम के फैसले को चुनौती दी थी। इनकी याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस ऋषिकेष रॉय और प्रशांत कुमार मिश्रा की बैंच ने कहा, परामर्श के अभाव में कॉलेजियम का निर्णय इसलिए प्रभावित हुआ, क्योंकि हिमाचल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने निजी तौर पर 2 जिला जजों के नामों पर पुनर्विचार नहीं करने का निर्णय लिया था। कोर्ट ने कहा, ऐसा लग रहा है यह अकेले मुख्य न्यायाधीश का निर्णय है। कॉलेजियम को सामूहिक रूप से विचार विमर्श करना होगा। बताया जा रहा है कि कॉलेजियम के फैसले में SC के हस्तक्षेप का पहला उदाहरण है। इस तरह के मामलों को आमतौर पर अदालत द्वारा प्रशासनिक रूप से निपटाया जाता है। जिला जजों के नाम पर पुनर्विचार करने को कहा कॉलेजियम के फैसलों के खिलाफ याचिकाओं पर विचार करते समय व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाया जाता है। डबल बैंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को कॉलेजियममें अन्य जजों से सलाह लेनी चाहिए थी। कोर्ट ने निर्देश दिया कि हाईकोर्ट कॉलेजियम को अब निर्धारित मानदंडों के अनुसार 2 जिला जजों के नामों पर पुनर्विचार करना चाहिए। यह प्रक्रिया मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर के तहत होनी चाहिए, जो संवैधानिक अदालतों में जजों की नियुक्ति का मार्गदर्शन करती है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे 2 जिला जज बता दें कि हिमाचल के बिलासपुर के डिस्ट्रिक्ट जज चिराग भानु सिंह और सोलन के जिला जज अरविंद मल्होत्रा बीते मई माह में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने कॉलेजियमके फैसले को चुनौती देते हुए कहा था, कि हिमाचल हाईकोर्ट कॉलेजियम ने उनकी मेरिट और सीनियारिटी दोनों को नजरअंदाज किया। हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की स्पेसिफिक रेकमेंडेशन को भी मानने से इनकार कर दिया। क्या बोले जिला जजों के एडवोकेट जिला जजों की तरफ से सीनियर एडवोकेट अरविंद दातार ने तर्क दिया कि जूनियर न्यायिक अधिकारियों की सिफारिश इन-सर्विस कोटा के तहत हाईकोर्ट के जज के पद के लिए की गई। इस क्रम में याचिकाकर्ताओं की अनदेखी की गई, जो अधिक सीनियर थे। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सलाह और बाद में केंद्रीय कानून मंत्री द्वारा सिंह और मल्होत्रा के नामों पर पुनर्विचार करने के अनुरोध पर भी ध्यान नहीं दिया।
हिमाचल के अधिक ऊंचे क्षेत्रों में कल बर्फबारी:अन्य क्षेत्रों में 52 दिनों का ड्राइ स्पेल टूटने के आसार नहीं; मंडी-बिलासपुर में धुंध का अलर्ट
हिमाचल के अधिक ऊंचे क्षेत्रों में कल बर्फबारी:अन्य क्षेत्रों में 52 दिनों का ड्राइ स्पेल टूटने के आसार नहीं; मंडी-बिलासपुर में धुंध का अलर्ट हिमाचल प्रदेश के अधिक ऊंचे क्षेत्रों में मौसम कल करवट बदल सकता है। इससे चंबा, लाहौल स्पीति, कांगड़ा और कुल्लू जिला के अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हल्का हिमपात का पूर्वानुमान है। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ बना रहेगा। इस बीच मौसम विभाग ने मंडी और बिलासपुर जिला में अगले तीन दिन तक घनी धुंध छाने का येलो अलर्ट जारी किया है। जब तक बारिश नहीं होती तब तक धुंध लोगों को परेशान करती रहेगी। प्रदेश की जनता 52 दिन से बारिश-बर्फबारी के इंतजार में है। मगर अभी ड्राई स्पेल टूटने के आसार नजर नहीं आ रहे। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 दिन तक स्ट्रांग वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) के आसार नहीं है। इससे लोगों को अभी सूखे से राहत मिलने के आसार नहीं है। पोस्ट-मानसून सीजन में 98% कम बादल बरसे प्रदेश में बरसात बीतने के बाद यानी पोस्ट मानसून सीजन में सामान्य से 98 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मानसून सीजन में भी इस बार सामान्य से 19 प्रतिशत कम बादल बरसे है। इससे सूखे जैसे हालात पैदा हो गए है। इसकी सबसे ज्यादा मार गेंहू उत्पादक किसानों पर पड़ी है। नदी-नालों में पानी का स्तर कम होने लगा है। इससे गेंहू की बुवाई, बिजली उत्पादन और पेयजल योजनाओं में पानी कम होने लगा है। नदियों में पानी का स्तर घटने के कारण विद्युत उत्पादन गिर गया है। गेंहू की बुवाई नहीं कर पाए किसान कृषि विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस बार मुश्किल से 37 प्रतिशत जमीन पर गेंहू की बुवाई हो गई है। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में गेंहू की बुवाई का उचित समय 1 नवंबर और मैदानी इलाकों में 15 नवंबर को बीत गया है। जाहिर है कि इससे गेंहू के उत्पादन में कमी आएगी। लंबे ड्राइ स्पेल के कारण पेयजल स्त्रोत भी सूखने लगे है। इनमें पानी का स्तर कम होने लगा है। जल शक्ति विभाग ने फील्ड से सूखे के असर को लेकर रिपोर्ट तलब कर दी है।