लखनऊ के मलिहाबाद में फरवरी में हुए तीहरे हत्याकांड में आरोपियों की संपत्ति कुर्क होगी। यह आदेश 7 मार्च 2024 को दिया गया था। आदेश के बाद आरोपी को संपत्ति के संबंध में लीगल सोर्स बताने का मौका दिया गया। लेकिन आरोपी इन संपत्तियों का लीगल सोर्स बताने में असफल रहा। इसके बाद कुर्की का आदेश सुनाया गया। मामले में पिता-पुत्र की 33 करोड़ की संपत्ति कुर्क की जाएगी। मामला 2 फरवरी का है। मोहम्मदनगर मलिहाबाद के रहने वाले सिराज अहमद खान, बेटा फराज अहमद खान ने साथियों के साथ मिलकर दिनदहाड़े तीन लोगों की हत्या कर दी थी। सिराज का चचेरे भाई से तीन बीघा जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इसकी पैमाइश होनी थी। लेकिन पैमाइश से पहले लल्लन अपने बेटे फराज और एक अन्य युवक के साथ फरीद खान के घर पहुंचा। गाड़ी से उतरते ही फरीद से कहासुनी होने लगी। इस बीच हंगामा सुन फरीद के छोटे भाई मुनीर, फरीद की पत्नी फरहीन फर्रो (40) और बेटा हंजला (15) घर से बाहर आ जाते हैं और बीच-बचाव करने लगते हैं। पहले धक्कामुक्की फिर तीन को मारी गोली
लल्लन का बेटा फराज फरहीन को धक्का मार देता है। इस पर मुनीर फराज को पकड़ लेते हैं। इतने में फराज ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगता है। गोली चलते ही भगदड़ मच जाती है। पहली गोली मुनीर को लगती है। उसके बाद फराज ने घर के लॉबी में खड़े हंजला को गोली मार दी। फरहीन बेटे के पास पहुंचती हैं तो उन्हें भी फराज गोली मार देता है। तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद लल्लन बेटे फराज के साथ तार में बैठकर फारार हो जाता है। इलाके में ऐसा दबदबा कि लोग शिकायत करने से डरे
सभी को गिरफ्तारी के बाद। जांच से पता चला कि सिराज का इलाके में इतना आतंक है कि कोई भी व्यक्ति इसके खिलाफ शिकायत करने का साहस नहीं करता। साल 1973 में सिराज अपराध की दुनिया में आया। धीरे-धीरे अपना एक संगठित गैंग बना लिया। इस गैंग को खुद लीड करने लगा। अपने गैंग के साथ मिलकर आर्थिक लाभ के लिए अपराध करने लगा। चौक, मलिहाबाद, वजीरगंज, काकोरी और हरदोई में कुल 18 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। अपराध के अलावा कोई दूसरा सोर्स नहीं पुलिस जांच में कुल 10 करोड़ 72 लाख 95 हजार की संपत्ति का पता चला। जिसकी कीमत 28 करोड़ 82 लाख है। यह सारी संपत्तियां कमाने का सिराज के पास अपराध के अलावा कोई दूसरा सोर्स नहीं मिला। इसी सिलसिले में चिराग के बेटे फराज़ की 88 लाख 8 हजार रुपए की संपत्ति का पता चला। वर्तमान कीमत 4 करोड़ 16 लाख 61 हजार रुपए की है। जिसका सोर्स अपराध कर पैसा कमाना है। अभियोजन अधिकारी को उपलब्ध कराए गए साक्ष्य को देखते हुए 10 जून को संपत्तियों को अंतिम रूप से कुर्क किए जाने का आदेश दिया गया। लखनऊ के मलिहाबाद में फरवरी में हुए तीहरे हत्याकांड में आरोपियों की संपत्ति कुर्क होगी। यह आदेश 7 मार्च 2024 को दिया गया था। आदेश के बाद आरोपी को संपत्ति के संबंध में लीगल सोर्स बताने का मौका दिया गया। लेकिन आरोपी इन संपत्तियों का लीगल सोर्स बताने में असफल रहा। इसके बाद कुर्की का आदेश सुनाया गया। मामले में पिता-पुत्र की 33 करोड़ की संपत्ति कुर्क की जाएगी। मामला 2 फरवरी का है। मोहम्मदनगर मलिहाबाद के रहने वाले सिराज अहमद खान, बेटा फराज अहमद खान ने साथियों के साथ मिलकर दिनदहाड़े तीन लोगों की हत्या कर दी थी। सिराज का चचेरे भाई से तीन बीघा जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इसकी पैमाइश होनी थी। लेकिन पैमाइश से पहले लल्लन अपने बेटे फराज और एक अन्य युवक के साथ फरीद खान के घर पहुंचा। गाड़ी से उतरते ही फरीद से कहासुनी होने लगी। इस बीच हंगामा सुन फरीद के छोटे भाई मुनीर, फरीद की पत्नी फरहीन फर्रो (40) और बेटा हंजला (15) घर से बाहर आ जाते हैं और बीच-बचाव करने लगते हैं। पहले धक्कामुक्की फिर तीन को मारी गोली
लल्लन का बेटा फराज फरहीन को धक्का मार देता है। इस पर मुनीर फराज को पकड़ लेते हैं। इतने में फराज ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगता है। गोली चलते ही भगदड़ मच जाती है। पहली गोली मुनीर को लगती है। उसके बाद फराज ने घर के लॉबी में खड़े हंजला को गोली मार दी। फरहीन बेटे के पास पहुंचती हैं तो उन्हें भी फराज गोली मार देता है। तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद लल्लन बेटे फराज के साथ तार में बैठकर फारार हो जाता है। इलाके में ऐसा दबदबा कि लोग शिकायत करने से डरे
सभी को गिरफ्तारी के बाद। जांच से पता चला कि सिराज का इलाके में इतना आतंक है कि कोई भी व्यक्ति इसके खिलाफ शिकायत करने का साहस नहीं करता। साल 1973 में सिराज अपराध की दुनिया में आया। धीरे-धीरे अपना एक संगठित गैंग बना लिया। इस गैंग को खुद लीड करने लगा। अपने गैंग के साथ मिलकर आर्थिक लाभ के लिए अपराध करने लगा। चौक, मलिहाबाद, वजीरगंज, काकोरी और हरदोई में कुल 18 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। अपराध के अलावा कोई दूसरा सोर्स नहीं पुलिस जांच में कुल 10 करोड़ 72 लाख 95 हजार की संपत्ति का पता चला। जिसकी कीमत 28 करोड़ 82 लाख है। यह सारी संपत्तियां कमाने का सिराज के पास अपराध के अलावा कोई दूसरा सोर्स नहीं मिला। इसी सिलसिले में चिराग के बेटे फराज़ की 88 लाख 8 हजार रुपए की संपत्ति का पता चला। वर्तमान कीमत 4 करोड़ 16 लाख 61 हजार रुपए की है। जिसका सोर्स अपराध कर पैसा कमाना है। अभियोजन अधिकारी को उपलब्ध कराए गए साक्ष्य को देखते हुए 10 जून को संपत्तियों को अंतिम रूप से कुर्क किए जाने का आदेश दिया गया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर