<p style=”text-align: justify;”><strong>Mahakumbh 2025:</strong> समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को प्रयागराज में संगम में आस्था की डुबकी लगाई और ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से आशीर्वाद लिया. साथ ही उन्होंने महाकुम्भ मेले में एक शिविर में स्थापित मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तंज करते हुए कहा कि ‘‘देर आए दुरुस्त आए.’’ यहां अखिलेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज गणतंत्र दिवस के अवसर में मुझे संगम में 11 डुबकी लगाने का मौका मिला. भगवान से कामना की कि लोगों के बीच सौहार्द एवं सद्भाव बना रहे और वे सहनशीलता के साथ आगे बढ़ें.’’</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अपनी व्यक्तिगत आस्था से आते हैं- अखिलेश</strong><br />उन्होंने कहा, ‘‘यह (महाकुंभ) एक बड़ा आयोजन है. जब सपा की सरकार थी, उस समय हमें महाकुंभ आयोजित कराने का मौका मिला था. उस समय हमने कम संसाधन में महाकुंभ आयोजित किया था.’’ अखिलेश ने कहा, ‘‘यहां तीन नदियां मिलती हैं-गंगा, यमुना और सरस्वती, जो हमें प्रेरणा देती हैं कि हमें मिलकर रहना चाहिए. लोग यहां बिना प्रचार के अपनी व्यक्तिगत आस्था से आते हैं.’’</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह पूछे जाने पर कि बीजेपी के लोग व्यवस्था के लिहाज इसे अब तक का सबसे अच्छा कुंभ बता रहे हैं, सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘भाजपा वालों के लिए यही कहना है कि कुम्भ में आएं, तो सहनशीलता के साथ स्नान करें, क्योंकि लोग यहां दान-पुण्य के लिए आते हैं, किसी ‘वाटर स्पोर्ट्स’ के लिए नहीं.’’ इस बीच, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस पर तंज करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘अखिलेश यादव जी, देर आए दुरुस्त आए. हरिद्वार में गंगा स्नान और महाकुंभ स्नान के बाद उम्मीद है कि अब आस्था को चोट पहुंचाने वाले बयानों से बचेंगे.’’</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इनसे भी मिले</strong><br />उन्होंने कहा, ‘‘महाकुंभ की विशेषता अनेकता में एकता है. जो सपाई और कांग्रेसी अब भी महाकुंभ को लेकर मानसिक और दृष्टि दोष से ग्रसित हैं, वे इलाज कराएं या न कराएं, पर महाकुंभ स्नान जरूर करें.’’ अखिलेश यादव ने संगम स्नान के बाद ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से आशीर्वाद लिया. उन्होंने मेला क्षेत्र में एक शिविर में स्थापित ‘नेता जी’ मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>श्री शंकराचार्य शिविर, ज्योतिर्मठ, बद्रिकाश्रम के प्रभारी मुकुंदानंद ब्रह्मचारी ने बताया, ‘‘अखिलेश यादव ने महाराज श्री का दर्शन कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया. महाराज श्री ने उन्हें रुद्राक्ष की माला और प्रसाद दिया. अखिलेश यादव ने यज्ञशाला की परिक्रमा भी की.’’ उन्होंने बताया, ‘‘महाराज श्री ने अखिलेश यादव से देसी गोवंश की रक्षा पर जोर देते हुए कहा कि आज के समय देसी गोवंश के संरक्षण और संवर्धन की बहुत आवश्यकता है. इसके लिए सभी सनातनियों को आगे आना चाहिए. इस पर अखिलेश यादव ने सहमति जताई.’’</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/uttarakhand-former-bjp-mla-opened-fire-at-khanpur-mla-umesh-kumar-office-ann-2870992″>उत्तराखंड: खानपुर विधायक उमेश कुमार के ऑफिस पर फायरिंग, पूर्व बीजेपी MLA ने दागी गोलियां</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सपा प्रमुख का पोस्ट</strong><br />अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “महाकुम्भ के पावन अवसर पर संगम में एक डुबकी मां त्रिवेणी को प्रणाम किया, एक डुबकी आत्म ध्यान की, एक डुबकी सर्व कल्याण की, एक डुबकी सबके उत्थान की, एक डुबकी सबके मान की, एक डुबकी सबके सम्मान की, एक डुबकी सर्व समाधान की, एक डुबकी दर्द से निदान की, एक डुबकी प्रेम के आह्वान की, एक डुबकी देश के निर्माण की और एक डुबकी एकता के पैगाम की.’’</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले, 15 जनवरी को मकर संक्रांति पर अखिलेश ने हरिद्वार में गंगा में डुबकी लगाई थी. इस महीने की शुरुआत में यह पूछे जाने पर कि क्या वह प्रयागराज महाकुम्भ में जाएंगे, अखिलेश ने कहा था कि वह हमेशा धार्मिक समागम में जाते रहे हैं. उन्होंने कहा था, ‘‘कुछ लोग पुण्य पाने के लिए गंगा में स्नान करने जाते हैं, तो कुछ लोग दान देने जाते हैं और कुछ अपने पापों को धोने जाते हैं. हम पुण्य और दान दोनों के लिए जाएंगे.’’ अखिलेश ने 2019 में अर्ध कुम्भ के दौरान भी प्रयागराज पहुंचकर संगम में पवित्र स्नान किया था.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Mahakumbh 2025:</strong> समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को प्रयागराज में संगम में आस्था की डुबकी लगाई और ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से आशीर्वाद लिया. साथ ही उन्होंने महाकुम्भ मेले में एक शिविर में स्थापित मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तंज करते हुए कहा कि ‘‘देर आए दुरुस्त आए.’’ यहां अखिलेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज गणतंत्र दिवस के अवसर में मुझे संगम में 11 डुबकी लगाने का मौका मिला. भगवान से कामना की कि लोगों के बीच सौहार्द एवं सद्भाव बना रहे और वे सहनशीलता के साथ आगे बढ़ें.’’</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अपनी व्यक्तिगत आस्था से आते हैं- अखिलेश</strong><br />उन्होंने कहा, ‘‘यह (महाकुंभ) एक बड़ा आयोजन है. जब सपा की सरकार थी, उस समय हमें महाकुंभ आयोजित कराने का मौका मिला था. उस समय हमने कम संसाधन में महाकुंभ आयोजित किया था.’’ अखिलेश ने कहा, ‘‘यहां तीन नदियां मिलती हैं-गंगा, यमुना और सरस्वती, जो हमें प्रेरणा देती हैं कि हमें मिलकर रहना चाहिए. लोग यहां बिना प्रचार के अपनी व्यक्तिगत आस्था से आते हैं.’’</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह पूछे जाने पर कि बीजेपी के लोग व्यवस्था के लिहाज इसे अब तक का सबसे अच्छा कुंभ बता रहे हैं, सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘भाजपा वालों के लिए यही कहना है कि कुम्भ में आएं, तो सहनशीलता के साथ स्नान करें, क्योंकि लोग यहां दान-पुण्य के लिए आते हैं, किसी ‘वाटर स्पोर्ट्स’ के लिए नहीं.’’ इस बीच, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस पर तंज करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘अखिलेश यादव जी, देर आए दुरुस्त आए. हरिद्वार में गंगा स्नान और महाकुंभ स्नान के बाद उम्मीद है कि अब आस्था को चोट पहुंचाने वाले बयानों से बचेंगे.’’</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इनसे भी मिले</strong><br />उन्होंने कहा, ‘‘महाकुंभ की विशेषता अनेकता में एकता है. जो सपाई और कांग्रेसी अब भी महाकुंभ को लेकर मानसिक और दृष्टि दोष से ग्रसित हैं, वे इलाज कराएं या न कराएं, पर महाकुंभ स्नान जरूर करें.’’ अखिलेश यादव ने संगम स्नान के बाद ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से आशीर्वाद लिया. उन्होंने मेला क्षेत्र में एक शिविर में स्थापित ‘नेता जी’ मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>श्री शंकराचार्य शिविर, ज्योतिर्मठ, बद्रिकाश्रम के प्रभारी मुकुंदानंद ब्रह्मचारी ने बताया, ‘‘अखिलेश यादव ने महाराज श्री का दर्शन कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया. महाराज श्री ने उन्हें रुद्राक्ष की माला और प्रसाद दिया. अखिलेश यादव ने यज्ञशाला की परिक्रमा भी की.’’ उन्होंने बताया, ‘‘महाराज श्री ने अखिलेश यादव से देसी गोवंश की रक्षा पर जोर देते हुए कहा कि आज के समय देसी गोवंश के संरक्षण और संवर्धन की बहुत आवश्यकता है. इसके लिए सभी सनातनियों को आगे आना चाहिए. इस पर अखिलेश यादव ने सहमति जताई.’’</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/uttarakhand-former-bjp-mla-opened-fire-at-khanpur-mla-umesh-kumar-office-ann-2870992″>उत्तराखंड: खानपुर विधायक उमेश कुमार के ऑफिस पर फायरिंग, पूर्व बीजेपी MLA ने दागी गोलियां</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सपा प्रमुख का पोस्ट</strong><br />अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “महाकुम्भ के पावन अवसर पर संगम में एक डुबकी मां त्रिवेणी को प्रणाम किया, एक डुबकी आत्म ध्यान की, एक डुबकी सर्व कल्याण की, एक डुबकी सबके उत्थान की, एक डुबकी सबके मान की, एक डुबकी सबके सम्मान की, एक डुबकी सर्व समाधान की, एक डुबकी दर्द से निदान की, एक डुबकी प्रेम के आह्वान की, एक डुबकी देश के निर्माण की और एक डुबकी एकता के पैगाम की.’’</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले, 15 जनवरी को मकर संक्रांति पर अखिलेश ने हरिद्वार में गंगा में डुबकी लगाई थी. इस महीने की शुरुआत में यह पूछे जाने पर कि क्या वह प्रयागराज महाकुम्भ में जाएंगे, अखिलेश ने कहा था कि वह हमेशा धार्मिक समागम में जाते रहे हैं. उन्होंने कहा था, ‘‘कुछ लोग पुण्य पाने के लिए गंगा में स्नान करने जाते हैं, तो कुछ लोग दान देने जाते हैं और कुछ अपने पापों को धोने जाते हैं. हम पुण्य और दान दोनों के लिए जाएंगे.’’ अखिलेश ने 2019 में अर्ध कुम्भ के दौरान भी प्रयागराज पहुंचकर संगम में पवित्र स्नान किया था.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड रिठाला से कांग्रेस प्रत्याशी के साथ कथित मारपीट पर भड़के देवेंद्र यादव, BJP और AAP पर साधा निशाना