महाकुंभ की बैठक में साधु-संतों के बीच मारपीट:प्रयागराज मेलाधिकारी ऑफिस में जमकर चले लात-घूसे; दो गुट में बंटा अखाड़ा

महाकुंभ की बैठक में साधु-संतों के बीच मारपीट:प्रयागराज मेलाधिकारी ऑफिस में जमकर चले लात-घूसे; दो गुट में बंटा अखाड़ा

प्रयागराज में गुरुवार को महाकुंभ को लेकर अखाड़ों की बैठक में हंगामा हुआ। देखते ही देखते बात इतनी बढ़ गई कि साधु-संत एक-दूसरे को पीटने लगे। अखाड़ों के संतों ने एक-दूसरे पर थप्पड़ बरसाए। जमकर लात-घूसे भी चले। दरअसल, प्राधिकरण दफ्तर पहुंचे अखाड़ों के साधु-संतों के बीच जमीन आवंटन को लेकर विवाद चल रहा है। अखाड़ों की जमीन निरीक्षण के पहले 13 अखाड़ों के साधु-संत बैठक के लिए पहुंचे थे। यहां अफसरों के सामने ही साधु-संत भिड़ गए। पहले देखिए विवाद की 3 तस्वीरें… महंत राजेंद्र दास से हुआ था झगड़ा
निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास का किसी बात को लेकर किसी साधु से झगड़ा हुआ। नौबत मारपीट तक आ गई। इस बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री स्वामी हरी गिरी महाराज को बीच-बचाव कर मामला शांत कराना पड़ा। बताया जा रहा है कि ये झगड़ा अखाड़ों के दो गुटों साधु-संतों के बीच है। एक गुट बैठक के बीच हर-हर महादेव के नारे लगाने लगा। ये दूसरे गुट को नागवार गुजरा। जिसके बाद विवाद और बढ़ गया। दोनों गुटों में मारपीट होने लगी। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष बोले-जमीन आवंटन पर हुआ विवाद
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा-जमीन आवंटन को लेकर विवाद है। कुछ संतों की तरफ से हंगामा हुआ। महाकुंभ के लिए जमीन आंवटन को लेकर संत आपस में भिड़े, दोनों गुटों को बैठक के लिए बुलाया गया था। निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष बोले-जूना अखाड़े के प्रेम गिरी ने मारा
निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष राजेंद्र दास ने कहा-जब भी कोई मेला होता है, तो जो अखाड़े के पदाधिकारी हैं। उन्हें बुलाया जाता है। लेकिन, कुंभ मेले में ये दो तीन बार हुआ है कि पदाधिकारियों को न बैठाकर दूसरों को बैठाया जाता है। जूना अखाड़ों का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। झगड़ा करना और विवाद करना ही उनका काम है। हम को वहां बैठने को जगह नहीं मिली, तो हमनें इसकी शिकायत की। इस पर जूना अखाड़े के प्रेम गिरी ने हमला कर दिया। बता दें कि सितंबर 2021 में अखाड़ा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के निधन के बाद अखाड़ा परिषद दो गुटों में बंटा हुआ है। अफसरों के हाथ पांव फूले, बहिष्कार न हो इसलिए मान मनौवल
महाकुंभ के लिए अखाड़ों, सांधु-संतों के लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अखाड़ों और साधुओं को अच्छी लोकेशन पर अलाटमेंट को लेकर रार होती रही है। आवंटन प्रक्रिया शुरू होने के बाद मेला प्रशासन बड़े अखाड़ों साधु-संतों से मशविरा करता है। इसी को लेकर कई बैठकें आयोजित होती हैं। विवाद और मारपीट के बाद अब एक गुट नाराज हो गया है। हालांकि उन्हें रोक कर मेलाधिकारी और अन्य अफसर बैठक कर मान मनौवल कर रहे हैं। दूसरे गुट के साथ प्रशासनिक अधिकारी जमीन का निरीक्षण करने गए हैं कि कहां कौन चाहता है। बहिष्कार न हो जाए इसे लेकर अफसरों के हाथ-पांव फूले हैं। ———————————————- ये भी पढ़ें: महाकुंभ की तैयारी कहां तक पहुंची:50 हजार लोग रात-दिन नया शहर बसाने में लगे; पुल नहीं बना तो अस्थायी फोरलेन स्टील ब्रिज बना रहे 13 जनवरी 2025 को दुनिया के सबसे बड़े मेले यानी प्रयागराज महाकुंभ की शुरुआत हो जाएगी। 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट है। 40 करोड़ से ज्यादा लोगों के आने का अनुमान है। 10 से ज्यादा देशों के राष्ट्राध्यक्ष आएंगे। देश के राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री से लेकर हर मंत्री इस महाकुंभ में शामिल होंगे। 13 अखाड़ों के प्रमुख धर्मगुरु यहां दो महीने तक मौजूद रहेंगे। दुनियाभर की मीडिया की इस पर नजर होगी…(पढ़ें पूरी खबर) प्रयागराज में गुरुवार को महाकुंभ को लेकर अखाड़ों की बैठक में हंगामा हुआ। देखते ही देखते बात इतनी बढ़ गई कि साधु-संत एक-दूसरे को पीटने लगे। अखाड़ों के संतों ने एक-दूसरे पर थप्पड़ बरसाए। जमकर लात-घूसे भी चले। दरअसल, प्राधिकरण दफ्तर पहुंचे अखाड़ों के साधु-संतों के बीच जमीन आवंटन को लेकर विवाद चल रहा है। अखाड़ों की जमीन निरीक्षण के पहले 13 अखाड़ों के साधु-संत बैठक के लिए पहुंचे थे। यहां अफसरों के सामने ही साधु-संत भिड़ गए। पहले देखिए विवाद की 3 तस्वीरें… महंत राजेंद्र दास से हुआ था झगड़ा
निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास का किसी बात को लेकर किसी साधु से झगड़ा हुआ। नौबत मारपीट तक आ गई। इस बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री स्वामी हरी गिरी महाराज को बीच-बचाव कर मामला शांत कराना पड़ा। बताया जा रहा है कि ये झगड़ा अखाड़ों के दो गुटों साधु-संतों के बीच है। एक गुट बैठक के बीच हर-हर महादेव के नारे लगाने लगा। ये दूसरे गुट को नागवार गुजरा। जिसके बाद विवाद और बढ़ गया। दोनों गुटों में मारपीट होने लगी। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष बोले-जमीन आवंटन पर हुआ विवाद
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा-जमीन आवंटन को लेकर विवाद है। कुछ संतों की तरफ से हंगामा हुआ। महाकुंभ के लिए जमीन आंवटन को लेकर संत आपस में भिड़े, दोनों गुटों को बैठक के लिए बुलाया गया था। निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष बोले-जूना अखाड़े के प्रेम गिरी ने मारा
निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष राजेंद्र दास ने कहा-जब भी कोई मेला होता है, तो जो अखाड़े के पदाधिकारी हैं। उन्हें बुलाया जाता है। लेकिन, कुंभ मेले में ये दो तीन बार हुआ है कि पदाधिकारियों को न बैठाकर दूसरों को बैठाया जाता है। जूना अखाड़ों का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। झगड़ा करना और विवाद करना ही उनका काम है। हम को वहां बैठने को जगह नहीं मिली, तो हमनें इसकी शिकायत की। इस पर जूना अखाड़े के प्रेम गिरी ने हमला कर दिया। बता दें कि सितंबर 2021 में अखाड़ा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के निधन के बाद अखाड़ा परिषद दो गुटों में बंटा हुआ है। अफसरों के हाथ पांव फूले, बहिष्कार न हो इसलिए मान मनौवल
महाकुंभ के लिए अखाड़ों, सांधु-संतों के लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अखाड़ों और साधुओं को अच्छी लोकेशन पर अलाटमेंट को लेकर रार होती रही है। आवंटन प्रक्रिया शुरू होने के बाद मेला प्रशासन बड़े अखाड़ों साधु-संतों से मशविरा करता है। इसी को लेकर कई बैठकें आयोजित होती हैं। विवाद और मारपीट के बाद अब एक गुट नाराज हो गया है। हालांकि उन्हें रोक कर मेलाधिकारी और अन्य अफसर बैठक कर मान मनौवल कर रहे हैं। दूसरे गुट के साथ प्रशासनिक अधिकारी जमीन का निरीक्षण करने गए हैं कि कहां कौन चाहता है। बहिष्कार न हो जाए इसे लेकर अफसरों के हाथ-पांव फूले हैं। ———————————————- ये भी पढ़ें: महाकुंभ की तैयारी कहां तक पहुंची:50 हजार लोग रात-दिन नया शहर बसाने में लगे; पुल नहीं बना तो अस्थायी फोरलेन स्टील ब्रिज बना रहे 13 जनवरी 2025 को दुनिया के सबसे बड़े मेले यानी प्रयागराज महाकुंभ की शुरुआत हो जाएगी। 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट है। 40 करोड़ से ज्यादा लोगों के आने का अनुमान है। 10 से ज्यादा देशों के राष्ट्राध्यक्ष आएंगे। देश के राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री से लेकर हर मंत्री इस महाकुंभ में शामिल होंगे। 13 अखाड़ों के प्रमुख धर्मगुरु यहां दो महीने तक मौजूद रहेंगे। दुनियाभर की मीडिया की इस पर नजर होगी…(पढ़ें पूरी खबर)   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर