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<p style=”text-align: justify;”><strong>Nainital News:</strong> सरोवर नगरी नैनीताल में इन दिनों पर्यटन कारोबार पर मंदी के बादल छाए हुए हैं. प्रयागराज महाकुंभ और दिल्ली विधानसभा चुनाव के चलते पर्यटकों की आमद में लगभग 20% की गिरावट दर्ज की गई है. इस कारण होटल व्यवसाय से लेकर टैक्सी, बाइक टैक्सी, नौका संचालन और छोटे दुकानदारों तक सभी का कारोबार प्रभावित हो गया है. होटलों में कमरों के रेट में भी 40-50% तक की कमी आई है, लेकिन फिर भी एडवांस बुकिंग लगभग ना के बराबर है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नैनीताल और उसके आसपास के ग्रामीण पर्यटन क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से पर्यटन पर निर्भर हो गई है. कैंची धाम जैसे धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की बढ़ती आस्था के कारण इन क्षेत्रों में पूरे साल पर्यटकों की आवाजाही बनी रहती थी. लेकिन इस बार जनवरी के आखिरी हफ्ते में भी सन्नाटा पसरा हुआ है. शहर के प्रमुख पर्यटन स्थल जैसे हिमालय दर्शन, बारापत्थर, टांकी बैंड, स्नोव्यू और अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले लगभग 200 से अधिक छोटे दुकानदार पूरी तरह से पर्यटकों पर निर्भर हैं. पर्यटन व्यवसाय में गिरावट के चलते ये दुकानदार खाली हाथ बैठे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महाकुंभ और दिल्ली विधानसभा के चलते प्रदेश में पर्यटकों की कमी<br /></strong>नैनीताल में लगभग 350 से अधिक होटल संचालित हैं. इसके अलावा गेस्ट हाउस और अवैध रूप से चल रहे होटल भी बड़ी संख्या में हैं. लेकिन इस समय अधिकतर होटल खाली हैं. नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह बिष्ट के अनुसार, प्रयागराज महाकुंभ और दिल्ली विधानसभा चुनावों के चलते पर्यटकों की कमी हो गई है. इसी कारण होटलों में 40-50% तक कमरों के किराए घटा दिए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नैनीताल के आसपास के क्षेत्रों जैसे किलबरी, पंगोट, मंगोली, भूमियांधार, ज्योलीकोट, गेठिया और बल्दियाखान में स्थित होटल, गेस्ट हाउस और होम स्टे भी पर्यटकों का इंतजार कर रहे हैं. पर्यटन व्यवसाय में गिरावट का असर केवल होटलों पर ही नहीं बल्कि अन्य सेवाओं पर भी पड़ा है. नैनीताल में पांच हजार से अधिक कर्मचारी होटल और गेस्ट हाउस में कार्यरत हैं. इनके अलावा सात सौ से अधिक टैक्सी, एक हजार बाइक टैक्सी, पांच सौ से अधिक नौका संचालक, 200 से अधिक पर्यटन गाइड और 50 आउटडोर फोटोग्राफर पर्यटन व्यवसाय पर निर्भर हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पर्यटकों की कमी से कारोबारी हुए चिंतित <br /></strong>पर्यटकों की कमी से पार्किंग, टैक्सी, फड़ व्यवसाय, रेस्टोरेंट और गिफ्ट आइटम बेचने वाले दुकानदार भी नुकसान झेल रहे हैं. सरकारी गेस्ट हाउसों में भी वीआईपी और उनके दोस्तों की बुकिंग बेहद कम हो गई है. पर्यटन कारोबारियों के लिए चिंता का सबसे बड़ा कारण यह है कि इस बार गणतंत्र दिवस और वीकेंड पर भी एडवांस बुकिंग लगभग ना के बराबर है. यह स्थिति सामान्यत: बहुत कम देखने को मिलती है. जनवरी के अंत और फरवरी की शुरुआत में पर्यटकों की आमद से कारोबारियों को कुछ राहत मिलती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कारोबारियों का कहना है कि प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ और दिल्ली विधानसभा चुनाव के कारण उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या कम हो गई है. महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, जो नैनीताल आने वाले पर्यटकों की संख्या को कम कर रही है. पर्यटन कारोबारियों को उम्मीद है कि फरवरी के पहले पखवाड़े से पर्यटकों की आमद में तेजी आएगी. साथ ही, आगामी सीजन में कैंची धाम, नैनी झील और अन्य स्थलों पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ने की संभावना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नैनीताल में इस समय पर्यटन व्यवसाय पर मंदी का असर साफ नजर आ रहा है. प्रयागराज महाकुंभ और चुनावी सरगर्मियों ने कारोबार को ठंडा कर दिया है. हालांकि, कारोबारियों को उम्मीद है कि जल्द ही पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी और शहर की आर्थिकी को दोबारा गति मिलेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/allahabad-high-court-reject-plea-for-use-of-loudspeakers-at-religious-places-2870117″>धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- ये कानूनी अधिकार नहीं</a></strong></p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>Nainital News:</strong> सरोवर नगरी नैनीताल में इन दिनों पर्यटन कारोबार पर मंदी के बादल छाए हुए हैं. प्रयागराज महाकुंभ और दिल्ली विधानसभा चुनाव के चलते पर्यटकों की आमद में लगभग 20% की गिरावट दर्ज की गई है. इस कारण होटल व्यवसाय से लेकर टैक्सी, बाइक टैक्सी, नौका संचालन और छोटे दुकानदारों तक सभी का कारोबार प्रभावित हो गया है. होटलों में कमरों के रेट में भी 40-50% तक की कमी आई है, लेकिन फिर भी एडवांस बुकिंग लगभग ना के बराबर है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नैनीताल और उसके आसपास के ग्रामीण पर्यटन क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से पर्यटन पर निर्भर हो गई है. कैंची धाम जैसे धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की बढ़ती आस्था के कारण इन क्षेत्रों में पूरे साल पर्यटकों की आवाजाही बनी रहती थी. लेकिन इस बार जनवरी के आखिरी हफ्ते में भी सन्नाटा पसरा हुआ है. शहर के प्रमुख पर्यटन स्थल जैसे हिमालय दर्शन, बारापत्थर, टांकी बैंड, स्नोव्यू और अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले लगभग 200 से अधिक छोटे दुकानदार पूरी तरह से पर्यटकों पर निर्भर हैं. पर्यटन व्यवसाय में गिरावट के चलते ये दुकानदार खाली हाथ बैठे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महाकुंभ और दिल्ली विधानसभा के चलते प्रदेश में पर्यटकों की कमी<br /></strong>नैनीताल में लगभग 350 से अधिक होटल संचालित हैं. इसके अलावा गेस्ट हाउस और अवैध रूप से चल रहे होटल भी बड़ी संख्या में हैं. लेकिन इस समय अधिकतर होटल खाली हैं. नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह बिष्ट के अनुसार, प्रयागराज महाकुंभ और दिल्ली विधानसभा चुनावों के चलते पर्यटकों की कमी हो गई है. इसी कारण होटलों में 40-50% तक कमरों के किराए घटा दिए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नैनीताल के आसपास के क्षेत्रों जैसे किलबरी, पंगोट, मंगोली, भूमियांधार, ज्योलीकोट, गेठिया और बल्दियाखान में स्थित होटल, गेस्ट हाउस और होम स्टे भी पर्यटकों का इंतजार कर रहे हैं. पर्यटन व्यवसाय में गिरावट का असर केवल होटलों पर ही नहीं बल्कि अन्य सेवाओं पर भी पड़ा है. नैनीताल में पांच हजार से अधिक कर्मचारी होटल और गेस्ट हाउस में कार्यरत हैं. इनके अलावा सात सौ से अधिक टैक्सी, एक हजार बाइक टैक्सी, पांच सौ से अधिक नौका संचालक, 200 से अधिक पर्यटन गाइड और 50 आउटडोर फोटोग्राफर पर्यटन व्यवसाय पर निर्भर हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पर्यटकों की कमी से कारोबारी हुए चिंतित <br /></strong>पर्यटकों की कमी से पार्किंग, टैक्सी, फड़ व्यवसाय, रेस्टोरेंट और गिफ्ट आइटम बेचने वाले दुकानदार भी नुकसान झेल रहे हैं. सरकारी गेस्ट हाउसों में भी वीआईपी और उनके दोस्तों की बुकिंग बेहद कम हो गई है. पर्यटन कारोबारियों के लिए चिंता का सबसे बड़ा कारण यह है कि इस बार गणतंत्र दिवस और वीकेंड पर भी एडवांस बुकिंग लगभग ना के बराबर है. यह स्थिति सामान्यत: बहुत कम देखने को मिलती है. जनवरी के अंत और फरवरी की शुरुआत में पर्यटकों की आमद से कारोबारियों को कुछ राहत मिलती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कारोबारियों का कहना है कि प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ और दिल्ली विधानसभा चुनाव के कारण उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या कम हो गई है. महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, जो नैनीताल आने वाले पर्यटकों की संख्या को कम कर रही है. पर्यटन कारोबारियों को उम्मीद है कि फरवरी के पहले पखवाड़े से पर्यटकों की आमद में तेजी आएगी. साथ ही, आगामी सीजन में कैंची धाम, नैनी झील और अन्य स्थलों पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ने की संभावना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नैनीताल में इस समय पर्यटन व्यवसाय पर मंदी का असर साफ नजर आ रहा है. प्रयागराज महाकुंभ और चुनावी सरगर्मियों ने कारोबार को ठंडा कर दिया है. हालांकि, कारोबारियों को उम्मीद है कि जल्द ही पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी और शहर की आर्थिकी को दोबारा गति मिलेगी.</p>
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</div> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- ये कानूनी अधिकार नहीं