मां के साथ बेटी ने महाकुंभ जाने की जिद की। इसलिए अपने साथ प्रयागराज ले गया, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। नहाने से पहले ही भीड़ ने कुचल दिया। मां-बेटी की मौत हो गई। लाखों की भीड़ में जो गिरा, वह उठ न सका। भीड़ लोगों को कुचलती रही। वहां थोड़ी देर बाद चीखते लोग और लाशें दिखीं। यह दर्द और पीड़ा है महाकुंभ भगदड़ में अपनों काे गंवाने वाले बलिया के दिनेश का। वह मां, पत्नी और बेटी के साथ कुंभ स्नान के लिए गए थे। भगदड़ में पत्नी और 8 साल की बेटी की मौत हो गई। वह दोनों का शव लेकर अपने गांव पहुंचे हैं। ऐसा ही दर्द गोंडा के जाेखू का है। जोखू ने बताया- भगदड़ मची…सभी दबने लगे। मैंने अपने साथी ननकन को बचाने के लिए हाथ पकड़ा, लेकिन हाथ छूट गया। भीड़ ने मेरी आंखों के सामने उसे कुचल दिया। दिनेश और जाेखू की तरह ही यूपी से लेकर बिहार तक के जिलों से ऐसी ही कहानियां सामने आ रही हैं। अब तक यूपी के 15 लोगों की मौत हुई है। इनमें 9 महिलाएं, 1 बच्ची और 5 पुरुष हैं। अधिकांश मृतकों की उम्र 50 साल से ज्यादा है। दूसरे राज्यों के भी 15 लोगों की जान गई है। अब पढ़िए अपनों को खोने की 10 कहानियां… 1. बलिया में मां-बेटी सहित 4 की मौत
भगदड़ में बलिया के 4 लोगों की मौत हुई है। मृतकों में मां-बेटी भी हैं। इस घटना से दो गांवों में शोक है। फेफना के नसीराबाद गांव से दिनेश पटेल मां ललिता देवी, पत्नी रीना पटेल (35) और बेटी रोशनी (8) के साथ स्नान के लिए गए थे। परिजनों ने बताया, भगदड़ में रीना और रोशनी की दब कर मौत हो गई। भगदड़ में दूसरे गांव नगरा के वार्ड नंबर-4 की दो महिलाएं मीरा सिंह (50) और रिंकी सिंह (38) की भी मौत हुई है। 2. जौनपुर की सास-बहू सहित 3 मौत
भगदड़ में जौनपुर की सास-बहू और एक अन्य बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। मड़ियाहू तहसील के इटाएं बाजार के बगल पुरवा गांव की रहने वाली रामपत्ती देवी (70), उनकी बहू रीता देवी (35) की मौत हो गई। इसके अलावा 65 साल की ममित्रा विश्वकर्मा की भी मौत हुई है। रीता देवी के परिवार वालों ने कहा- संगम के हादसे ने जिंदगीभर का दर्द दे दिया। 3. सिद्धार्थनगर में बेटी बोली- पापा की मौत लिखी थी, तभी परिवार वाले न जा पाए
सिद्धार्थनगर में बांसी के तेजगढ़ निवासी 55 साल के कोदई चौधरी की भगदड़ में मौत हो गई। वह बेटी के घर से अन्य श्रद्धालुओं के साथ गए थे। जेब में मिले आधार कार्ड और मोबाइल नंबर की मदद से परिजनों को मेला प्रशासन ने मौत की सूचना दी। कोदई परिवार के साथ जाने वाले थे, लेकिन उनकी पत्नी की तबीयत खराब हुई तो दो बेटे उन्हें लेकर मुंबई चले गए थे। घर देखने के लिए छोटा बेटा सनी रुक गया था। बेटी रोते हुए यही कहती रही कि सिर्फ पापा की मौत लिखी थी। इसी वजह से परिवार के अन्य लोग नहीं जा सके। होनी को कौन टाल सकता है। 4. गोंडा के जोखू बोले- ननकन का हाथ छूटा और भीड़ ने कुचल दिया
गोंडा के रुपईडीह निवासी 47 साल के ननकन की भगदड़ में मौत हो गई। वह पत्नी रामादेवी (35) और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ गए थे। ननकन के साथ गए जोखू ने बताया- मैं संगम जा रहा था, लेकिन भीड़ देखकर लौटने लगा। तभी वहां चारों ओर से अचानक भीड़ आ गई। भगदड़ मची…सभी दबने लगे। ननकन भी गिरे। मुझे भी धक्का लगा। इसी बीच ननकन को बचाने के लिए हाथ पकड़ा, लेकिन हाथ छूट गया। भीड़ ने मेरी आंखों के सामने उन्हें कुचल दिया। खुद को बचाने के लिए किसी तरह वहां से भागा। ननकन के परिवार में पत्नी और तीन बेटे- राहुल, अजय और विजय हैं। 5. गोरखपुर के 4 श्रद्धालुओं की मौत, 2 महिलाएं लापता
गोरखपुर के चार श्रद्धालुओं की कुंभ भगदड़ में मौत हुई है। दो महिलाएं लापता हैं। इनकी मौत की पुष्टि परिवार वालों ने की है। अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। खजनी के उनवल की नगीना देवी (61) और पन्ने निषाद (58), कैंपियरगंज के रामनगर केवटलिया निवासी वशिष्ठ मुनि पांडेय (60), झंगहा के तुलसी पाकड़ निवासी प्रभुनाथ गुप्ता (58) की मौत हुई है। वहीं, थाना सहजनवा के गांव पोस्ट भीटी रावत निवासी विद्या यादव और पिपराइच के हरपुर निवासी मालती देवी लापता हैं। 6. लखनऊ की महिला की मौत, पति के साथ स्नान कर चुकी थीं
भगदड़ में लखनऊ के इंदिरानगर निवासी मंजू पांडेय (58) की भी मौत हो गई। मंजू 27 जनवरी को पति त्रिभुवन नारायण पांडेय के साथ गई थीं। मंजू (58) का एक बेटा और एक बेटी है। त्रिभुवन नारायण के मुताबिक, दोनों लोग रात में स्नान कर चुके थे। कैंप के लिए लौट ही रहे थे कि भगदड़ मच गई। मंजू से उनका साथ छूट गया। उन्हें भी चोटें आईं। प्रयागराज प्रशासन की ओर से जारी की गई मृतकों की तस्वीरों से मंजू की मौत की जानकारी मिली। 7. मऊ की बुजुर्ग महिला की जान गई
भगदड़ में मऊ की 1 बुजुर्ग महिला की मौत हुई है। कोपागंज के फतेहपुर ताल नरजा निवासी प्रभावती राजभर (55) संगम स्नान के लिए गई थीं। साथ में गए लोगों ने बताया कि वह सभी स्नान नहीं कर पाए थे, इससे पहले भीड़ ने रौंद दिया। 8. बिहार : 7 श्रद्धालुओं की मौत, 11 लापता
भगदड़ में बिहार की 7 महिलाओं की भी मौत हुई है। इनमें गोपालगंज की 4, पटना की मनेर, औरंगाबाद और मुजफ्फरपुर की 1-1 श्रद्धालु की मौत हुई है। 5 जिलों के 11 लोग अब भी लापता हैं। भगदड़ में गोपालगंज के 4 अन्य लोग घायल भी हो गए हैं, जिनका प्रयागराज के हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। मृतक महिलाओं का प्रयागराज में पोस्टमॉर्टम कराया गया है। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। 9. झारखंड : 2 महिलाओं की मौत, 8 लापता
प्रयागराज में मची भगदड़ में झारखंड के दो लोगों की मौत हो गई। आठ लोग लापता हैं। इनमें मुसाबनी के सुंदरनगर निवासी शिवराज गुप्ता (58 वर्ष) और पलामू के रजहरा की रहने वाली गायत्री देवी (62) शामिल हैं। वहीं, गढ़वा की तेतरी देवी गंभीर रूप से घायल हो गई हैं। गढ़वा के नवादा गांव के बिंद टोला निवासी 4 वर्षीय बच्चा समेत 5 लोग, पोटका की गीता देवी (50), घाटशिला की सुनैना देवी (45) और शरीफ देवी (40) लापता हैं। 10. हरियाणा : 2 महिलाओं की मौत, 4 घायल
हरियाणा की 2 महिलाओं की मौत हो गई है। इनमें से एक रोहतक की और एक जींद की रहने वाली थी। भगदड़ के समय ये दोनों संगम तट पर ही मौजूद थीं। इनके अलावा जींद के 4 लोग घायल भी हुए हैं। ——————— ये खबर भी पढ़िए- महाकुंभ में 35-40 मौतों के जिम्मेदार 5 अफसर, एक ने पुल बंद किए, एक ने भीड़ बढ़ने दी 28 जनवरी की देर रात करीब 1.30 बजे प्रयागराज के संगम नोज इलाके में भगदड़ मच गई। प्रशासन के मुताबिक 30, जबकि भास्कर रिपोर्टर्स के मुताबिक 35-40 लोगों की मौत हुई है। 29 जनवरी की दोपहर होते-होते मौनी अमावस्या का शाही स्नान भी हो गया। लेकिन इन 40 मौतों के लिए जिम्मेदार कौन हैं, ये सवाल अब भी सामने है। क्लिक कर पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट… महाकुंभ भगदड़-12 रिपोर्टर्स की आंखों देखी: लाशों के बीच अपनों की तलाश, जमीन पर तड़पते लोग महाकुंभ का सबसे बड़ा अमृत स्नान मौनी अमावस्या का होता है। कवरेज के लिए हम लोग अलर्ट थे। रात के करीब 2 बजे थे। अचानक एक के बाद एक एंबुलेंस की आवाज आने लगीं। भगदड़ की सूचना मिली। हम सीधे सेक्टर-2 में सेंट्रल हॉस्पिटल पहुंचे। यहां पर बहुत सारी एंबुलेंस एकसाथ आ रही थीं। हमारी साथी रिपोर्टर सृष्टि को घायल का परिजन बताकर हॉस्पिटल के अंदर दाखिल किया। इमरजेंसी वार्ड में उसने देखा कि 10 से ज्यादा डेड बॉडी पड़ी थीं। बहुत सारे घायल स्ट्रेचर पर तड़प रहे थे। डॉक्टर उनका इलाज कर रहे थे। पढ़ें पूरी खबर… मां के साथ बेटी ने महाकुंभ जाने की जिद की। इसलिए अपने साथ प्रयागराज ले गया, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। नहाने से पहले ही भीड़ ने कुचल दिया। मां-बेटी की मौत हो गई। लाखों की भीड़ में जो गिरा, वह उठ न सका। भीड़ लोगों को कुचलती रही। वहां थोड़ी देर बाद चीखते लोग और लाशें दिखीं। यह दर्द और पीड़ा है महाकुंभ भगदड़ में अपनों काे गंवाने वाले बलिया के दिनेश का। वह मां, पत्नी और बेटी के साथ कुंभ स्नान के लिए गए थे। भगदड़ में पत्नी और 8 साल की बेटी की मौत हो गई। वह दोनों का शव लेकर अपने गांव पहुंचे हैं। ऐसा ही दर्द गोंडा के जाेखू का है। जोखू ने बताया- भगदड़ मची…सभी दबने लगे। मैंने अपने साथी ननकन को बचाने के लिए हाथ पकड़ा, लेकिन हाथ छूट गया। भीड़ ने मेरी आंखों के सामने उसे कुचल दिया। दिनेश और जाेखू की तरह ही यूपी से लेकर बिहार तक के जिलों से ऐसी ही कहानियां सामने आ रही हैं। अब तक यूपी के 15 लोगों की मौत हुई है। इनमें 9 महिलाएं, 1 बच्ची और 5 पुरुष हैं। अधिकांश मृतकों की उम्र 50 साल से ज्यादा है। दूसरे राज्यों के भी 15 लोगों की जान गई है। अब पढ़िए अपनों को खोने की 10 कहानियां… 1. बलिया में मां-बेटी सहित 4 की मौत
भगदड़ में बलिया के 4 लोगों की मौत हुई है। मृतकों में मां-बेटी भी हैं। इस घटना से दो गांवों में शोक है। फेफना के नसीराबाद गांव से दिनेश पटेल मां ललिता देवी, पत्नी रीना पटेल (35) और बेटी रोशनी (8) के साथ स्नान के लिए गए थे। परिजनों ने बताया, भगदड़ में रीना और रोशनी की दब कर मौत हो गई। भगदड़ में दूसरे गांव नगरा के वार्ड नंबर-4 की दो महिलाएं मीरा सिंह (50) और रिंकी सिंह (38) की भी मौत हुई है। 2. जौनपुर की सास-बहू सहित 3 मौत
भगदड़ में जौनपुर की सास-बहू और एक अन्य बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। मड़ियाहू तहसील के इटाएं बाजार के बगल पुरवा गांव की रहने वाली रामपत्ती देवी (70), उनकी बहू रीता देवी (35) की मौत हो गई। इसके अलावा 65 साल की ममित्रा विश्वकर्मा की भी मौत हुई है। रीता देवी के परिवार वालों ने कहा- संगम के हादसे ने जिंदगीभर का दर्द दे दिया। 3. सिद्धार्थनगर में बेटी बोली- पापा की मौत लिखी थी, तभी परिवार वाले न जा पाए
सिद्धार्थनगर में बांसी के तेजगढ़ निवासी 55 साल के कोदई चौधरी की भगदड़ में मौत हो गई। वह बेटी के घर से अन्य श्रद्धालुओं के साथ गए थे। जेब में मिले आधार कार्ड और मोबाइल नंबर की मदद से परिजनों को मेला प्रशासन ने मौत की सूचना दी। कोदई परिवार के साथ जाने वाले थे, लेकिन उनकी पत्नी की तबीयत खराब हुई तो दो बेटे उन्हें लेकर मुंबई चले गए थे। घर देखने के लिए छोटा बेटा सनी रुक गया था। बेटी रोते हुए यही कहती रही कि सिर्फ पापा की मौत लिखी थी। इसी वजह से परिवार के अन्य लोग नहीं जा सके। होनी को कौन टाल सकता है। 4. गोंडा के जोखू बोले- ननकन का हाथ छूटा और भीड़ ने कुचल दिया
गोंडा के रुपईडीह निवासी 47 साल के ननकन की भगदड़ में मौत हो गई। वह पत्नी रामादेवी (35) और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ गए थे। ननकन के साथ गए जोखू ने बताया- मैं संगम जा रहा था, लेकिन भीड़ देखकर लौटने लगा। तभी वहां चारों ओर से अचानक भीड़ आ गई। भगदड़ मची…सभी दबने लगे। ननकन भी गिरे। मुझे भी धक्का लगा। इसी बीच ननकन को बचाने के लिए हाथ पकड़ा, लेकिन हाथ छूट गया। भीड़ ने मेरी आंखों के सामने उन्हें कुचल दिया। खुद को बचाने के लिए किसी तरह वहां से भागा। ननकन के परिवार में पत्नी और तीन बेटे- राहुल, अजय और विजय हैं। 5. गोरखपुर के 4 श्रद्धालुओं की मौत, 2 महिलाएं लापता
गोरखपुर के चार श्रद्धालुओं की कुंभ भगदड़ में मौत हुई है। दो महिलाएं लापता हैं। इनकी मौत की पुष्टि परिवार वालों ने की है। अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। खजनी के उनवल की नगीना देवी (61) और पन्ने निषाद (58), कैंपियरगंज के रामनगर केवटलिया निवासी वशिष्ठ मुनि पांडेय (60), झंगहा के तुलसी पाकड़ निवासी प्रभुनाथ गुप्ता (58) की मौत हुई है। वहीं, थाना सहजनवा के गांव पोस्ट भीटी रावत निवासी विद्या यादव और पिपराइच के हरपुर निवासी मालती देवी लापता हैं। 6. लखनऊ की महिला की मौत, पति के साथ स्नान कर चुकी थीं
भगदड़ में लखनऊ के इंदिरानगर निवासी मंजू पांडेय (58) की भी मौत हो गई। मंजू 27 जनवरी को पति त्रिभुवन नारायण पांडेय के साथ गई थीं। मंजू (58) का एक बेटा और एक बेटी है। त्रिभुवन नारायण के मुताबिक, दोनों लोग रात में स्नान कर चुके थे। कैंप के लिए लौट ही रहे थे कि भगदड़ मच गई। मंजू से उनका साथ छूट गया। उन्हें भी चोटें आईं। प्रयागराज प्रशासन की ओर से जारी की गई मृतकों की तस्वीरों से मंजू की मौत की जानकारी मिली। 7. मऊ की बुजुर्ग महिला की जान गई
भगदड़ में मऊ की 1 बुजुर्ग महिला की मौत हुई है। कोपागंज के फतेहपुर ताल नरजा निवासी प्रभावती राजभर (55) संगम स्नान के लिए गई थीं। साथ में गए लोगों ने बताया कि वह सभी स्नान नहीं कर पाए थे, इससे पहले भीड़ ने रौंद दिया। 8. बिहार : 7 श्रद्धालुओं की मौत, 11 लापता
भगदड़ में बिहार की 7 महिलाओं की भी मौत हुई है। इनमें गोपालगंज की 4, पटना की मनेर, औरंगाबाद और मुजफ्फरपुर की 1-1 श्रद्धालु की मौत हुई है। 5 जिलों के 11 लोग अब भी लापता हैं। भगदड़ में गोपालगंज के 4 अन्य लोग घायल भी हो गए हैं, जिनका प्रयागराज के हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। मृतक महिलाओं का प्रयागराज में पोस्टमॉर्टम कराया गया है। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। 9. झारखंड : 2 महिलाओं की मौत, 8 लापता
प्रयागराज में मची भगदड़ में झारखंड के दो लोगों की मौत हो गई। आठ लोग लापता हैं। इनमें मुसाबनी के सुंदरनगर निवासी शिवराज गुप्ता (58 वर्ष) और पलामू के रजहरा की रहने वाली गायत्री देवी (62) शामिल हैं। वहीं, गढ़वा की तेतरी देवी गंभीर रूप से घायल हो गई हैं। गढ़वा के नवादा गांव के बिंद टोला निवासी 4 वर्षीय बच्चा समेत 5 लोग, पोटका की गीता देवी (50), घाटशिला की सुनैना देवी (45) और शरीफ देवी (40) लापता हैं। 10. हरियाणा : 2 महिलाओं की मौत, 4 घायल
हरियाणा की 2 महिलाओं की मौत हो गई है। इनमें से एक रोहतक की और एक जींद की रहने वाली थी। भगदड़ के समय ये दोनों संगम तट पर ही मौजूद थीं। इनके अलावा जींद के 4 लोग घायल भी हुए हैं। ——————— ये खबर भी पढ़िए- महाकुंभ में 35-40 मौतों के जिम्मेदार 5 अफसर, एक ने पुल बंद किए, एक ने भीड़ बढ़ने दी 28 जनवरी की देर रात करीब 1.30 बजे प्रयागराज के संगम नोज इलाके में भगदड़ मच गई। प्रशासन के मुताबिक 30, जबकि भास्कर रिपोर्टर्स के मुताबिक 35-40 लोगों की मौत हुई है। 29 जनवरी की दोपहर होते-होते मौनी अमावस्या का शाही स्नान भी हो गया। लेकिन इन 40 मौतों के लिए जिम्मेदार कौन हैं, ये सवाल अब भी सामने है। क्लिक कर पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट… महाकुंभ भगदड़-12 रिपोर्टर्स की आंखों देखी: लाशों के बीच अपनों की तलाश, जमीन पर तड़पते लोग महाकुंभ का सबसे बड़ा अमृत स्नान मौनी अमावस्या का होता है। कवरेज के लिए हम लोग अलर्ट थे। रात के करीब 2 बजे थे। अचानक एक के बाद एक एंबुलेंस की आवाज आने लगीं। भगदड़ की सूचना मिली। हम सीधे सेक्टर-2 में सेंट्रल हॉस्पिटल पहुंचे। यहां पर बहुत सारी एंबुलेंस एकसाथ आ रही थीं। हमारी साथी रिपोर्टर सृष्टि को घायल का परिजन बताकर हॉस्पिटल के अंदर दाखिल किया। इमरजेंसी वार्ड में उसने देखा कि 10 से ज्यादा डेड बॉडी पड़ी थीं। बहुत सारे घायल स्ट्रेचर पर तड़प रहे थे। डॉक्टर उनका इलाज कर रहे थे। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर