महाकुंभ में देश का पहला AI बेस्ड ICU:रिवर और एयर एंबुलेंस तैनात, 107 करोड़ दवाओं का स्टॉक, फ्री में होगा श्रद्धालुओं का इलाज

महाकुंभ में देश का पहला AI बेस्ड ICU:रिवर और एयर एंबुलेंस तैनात, 107 करोड़ दवाओं का स्टॉक, फ्री में होगा श्रद्धालुओं का इलाज

महाकुंभ-2025 को भव्य के साथ स्वस्थ बनाने के खास इंतजाम किए गए हैं। यहां 40 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। इसी आधार पर कुंभ क्षेत्र में मेडिकल स्ट्रक्चर भी खड़ा किया गया है। पूरे मेले में स्वास्थ्य सेवाओं के नेटवर्क को ऐसा बनाया गया है कि बीमार होने पर कहीं भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। न सिर्फ ओपीडी, अगर भर्ती करने और ऑपरेशन करने की नौबत आती है, तो उसका भी इंतजाम है। यहां देश का पहला AI बेस्ड ICU हॉस्पिटल बनाया गया है। इस ICU हॉस्पिटल की खासियत क्या है? कुंभ क्षेत्र का मेडिकल स्ट्रक्चर कैसा है? क्या तैयारियां की गई हैं? दैनिक भास्कर ने पूरी तैयारी को करीब से समझा। जानते हैं महाकुंभ की मेडिकल व्यवस्था के बारे में… महाकुंभ का मेन हॉस्पिटल परेड ग्राउंड में बनाया गया है। इसका नाम केंद्रीय हॉस्पिटल है। यहां ओपीडी से लेकर मेजर ऑपरेशन वार्ड, बच्चों और महिलाओं के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं। हमें सेंट्रल हॉस्पिटल में कुछ साधु-संत बेंच पर बैठे मिले। पूछने पर बताते हैं- हल्का बुखार था, तुरंत दवा मिली। इसके अलावा जनरल वार्ड में कुछ पुलिस वालों का इलाज किया जा रहा था। साफ-सफाई ऐसी कि फर्श शीशे जैसी चमक रही थी। पहले हम इस हॉस्पिटल के अलग-अलग वार्डों में गए। इसके बाद पूरा मैनेजमेंट देख रहे मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) डॉ. मनोज कौशिक से बात की। CMS डॉ. मनोज कौशिक बताते हैं- 2013 महाकुंभ के मुकाबले इस बार महाकुंभ में 4 गुना ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। यह देश का पहला AI बेस्ड 100 बेड का केंद्रीय चिकित्सालय है। इसके अलावा इमरजेंसी के लिए कुंभ क्षेत्र में 43 अस्थाई हॉस्पिटल बनाए गए हैं। इनमें 380 बेड की सुविधा उपलब्ध है। डॉ. मनोज कौशिक ने बताया कि श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए सभी लेवल पर तैयारी की गई है। सरकारी हॉस्पिटल के अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल को भी जोड़ा गया है। 36 स्पेशलिस्ट डॉक्टर की ड्यूटी
डॉ. मनोज कौशिक ने बताया- सेंट्रल हॉस्पिटल में 36 स्पेशलिस्ट डॉक्टर की टीम 24 घंटे मौजूद रहेगी, जो ओपीडी सेवाएं देगी। इसके साथ ही सेंट्रल हॉस्पिटल में 35 स्टाफ, 15 वार्ड बॉय भी मौजूद रहेंगे। सेंट्रल हॉस्पिटल में 215 तरह के ब्लड टेस्ट के लिए पैथोलॉजी बनाई गई है। ईसीजी, अल्ट्रासाउंड, X-ray, आई टेस्ट, कार्डियो टेस्ट जैसी सभी व्यवस्था यहां पर उपलब्ध रहेगी। रिवर और एयर एंबुलेंस, बनाए गए ग्रीन ट्रैक
हमने CMS डॉ. मनोज कौशिक से पूछा कि अगर मेले के दौरान किसी श्रद्धालु की तबीयत बिगड़ जाती है, तो उसे अस्पताल तक कैसे लाया जाएगा? उन्होंने बताया- मेला क्षेत्र में मेडिकल हेल्प डेस्क बनाई गई है। इसके अलावा 125 एंबुलेंस यहां मौजूद रहेंगी। इनमें 115 बेसिक लाइफ सपोर्ट और 10 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस हैं। मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए अलग से ग्रीन ट्रैक बनाए गए हैं। ये सभी सेवाएं श्रद्धालुओं को पूरी तरह से मुफ्त रहेंगी। श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र के अस्पतालों में इलाज के बाद राहत नहीं मिलती है, तो उन्हें बेहतर उपचार के लिए एयर एंबुलेंस से बड़े अस्पताल लाया जा सकेगा। इसके लिए 14 एयर एंबुलेंस का इंतजाम किया गया है। एयर एंबुलेंस भी 24 घंटे अलर्ट रहेंगी। इसके अलावा रिवर एंबुलेंस की भी व्यवस्था की है, जो प्रत्येक घाट पर मूवमेंट करती रहेंगी। अगर नहाने के दौरान किसी श्रद्धालु की तबीयत बिगड़ी है, तो उसका तत्काल इलाज किया जाएगा। रिवर एंबुलेंस में मिनी वेटिंलेटर भी है। मेदांता और एम्स से आई डॉक्टरों की टीम कुंभ मेला क्षेत्र में बनाए गए केंद्रीय अस्पताल में पहली बार AI बेस्ड स्वास्थ्य निगरानी की भी व्यवस्था की गई है। अस्पताल में 10 बेड का AI बेस्ड स्पेशल आईसीयू बनाया गया है। इसकी मॉनिटरिंग अस्पताल में तैनात डॉक्टर के साथ ही कैंटोनमेंट हॉस्पिटल और मेदांता लखनऊ के डॉक्टर की टीम करेगी। जो पेशेंट इस ICU में एडमिट होंगे, उनकी करंट स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए पूरे आईसीयू में AI बेस्ड कैमरे लगाए गए हैं। तीन वरिष्ठ विशेषज्ञों की देखरेख में स्वास्थ्य का आकलन होगा। दरअसल इस AI बेस्ड ICU की खासियत है आपातकालीन स्थिति में तुरंत मेडिकल टीम को अलार्म बजाकर इंस्ट्रक्शन देते हुए सचेत करना। सिस्टम भी स्वतः ही टीम लीडर को सीधे संदेश भेज देता है, जिससे कि सेकेंड्स में इलाज शुरू हो जाता है। रायबरेली एम्स और लखनऊ मेदांता के अलावा SGPGI लखनऊ और आर्मी हॉस्पिटल के डॉक्टर महाकुंभ में मेडिकल व्यवस्था को मजबूत बनाएंगे। सभी डॉक्टरों की ड्यूटी रोटेशन के साथ ही ऑन कॉल भी होगी। केंद्रीय चिकित्सालय के साथ ही अगर सभी अस्थाई अस्पतालों को मिलाकर देखा जाए तो 400 से ज्यादा डॉक्टरों की तैनाती की गई है। 30 लाख पैरासिटामॉल का बैकअप कुंभ मेले के दौरान तकरीबन 5000 से 8000 OPD प्रतिदिन होने की संभावना जताई जा रही है। दवाओं के बैकअप पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया- अभी हमारे पास करीब 500 मरीज डेली OPD में आ रहे हैं। जिनमें से लगभग 300 मरीज बुखार, पेट दर्द और मौसमी बीमारियों से पीड़ित होते हैं। एक मरीज को कम से कम 5 दिन की दवा दी जा रही है। ऐसे में 2000 पैरासिटामॉल की डेली की खपत है। वहीं हम ये मान कर चल रहे है कि अगर हमारे हॉस्पिटल में 5000 मरीज भी आएं तो दवाएं खत्म नहीं होंगी। 107 करोड़ टैबलेट्स का स्टॉक सेंट्रल हॉस्पिटल के मेडिकल स्टोर में लगभग 107 करोड़ टैबलेट्स का स्टॉक है। 276 तरह की दवाओं की लिस्टिंग की गई है। यह यहां मौजूद हैं। इसमें बुखार, पेट दर्द, गैस के साथ ही लाइफ सेविंग मेडिसिन भी उपलब्ध हैं। 20 लाख पैरासिटामॉल, 40 लाख एसिलॉक, 20 लाख एमोक्सीसिलिन, 7.5 लाख डाइक्लो जेल, 20 लाख सिट्रिजेन टैबलेट के साथ ही अन्य दवाइयों का भी स्टॉक है। नेत्र कुंभ के तहत 5 लाख मुफ्त चश्मा दिए जाएंगे प्रयागराज में कुंभ मेले में नौ एकड़ में लगने जा रहे ‘नेत्र कुम्भ’ में पहली बार पांच लाख से ज्यादा लोगों की आंखों की जांच करने और तीन लाख चश्मों का वितरण करने का लक्ष्य है। कुंभ-2019 में 1.5 लाख लोगों को चश्मा वितरित किए गए। तीन लाख लोगों के आंखों की जांच के साथ ‘लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में जगह बनाई थी। प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशन को बनाया गया ऑब्जर्वेशन रूम NCR के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि प्रयागराज महाकुंभ के दौरान रेलवे स्टेशनों पर 24 घंटे सातों दिन चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। जब भी किसी यात्री को चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होगी, तुरंत उन्हें प्राथमिक उपचार दिया जाएगा। इसके साथ ही रेलवे अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों से समन्वय बनाए रखेगा ताकि जरूरत पड़ने पर किसी भी मरीज को तुरंत रेफर किया जा सके। प्रयागराज जंक्शन, प्रयाग जंक्शन, सूबेदारगंज, नैनी जंक्शन और प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर ऑब्जर्वेशन रूम बनाए गए हैं। इनमें हमेशा डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ मौजूद रहेगा। यहां सभी आवश्यक चिकित्सा उपकरण मौजूद होंगे, जिससे यात्रियों को तुरंत उपचार दिया जा सके। 15 स्टाफ नर्स, 12 फार्मासिस्ट, 12 हॉस्पिटल अटेंडेंट और 15 हाउसकीपिंग असिस्टेंट तैनात रहेंगे। इन कर्मचारियों की तैनाती यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि सभी शिफ्ट में चिकित्सा सेवाएं सुचारु रूप से चलती रहें। प्रत्येक शिफ्ट का समय 8 घंटे होगा। —————– महाकुंभ से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… 45 दिन की ट्रेनिंग के बाद बनते हैं ‘अघोरी’:हर अखाड़े में इनकी डिमांड, 1 हजार दिन की कमाई; काली बनते हैं ‘प्रयागराज महाकुंभ में हमें 8 पेशवाई का ऑर्डर मिला है। 45 दिन पहले ही अखाड़े की तरफ से हमें बता दिया जाता है कि क्या-क्या चाहिए। हम झांकी के लिए उसी हिसाब से अपने लड़के तैयार करते हैं। हनुमान मैं खुद बनता हूं। अघोरी, श्रीकृष्ण, भोले नाथ, काली चुनते हैं। फिर उन्हें सिखाते हैं। जब सब परफेक्ट हो जाते हैं तो हम लोग ड्रामा करते हैं।’ ये कहना है गोलू का। वह ‘दीपक-गोलू झांकी’ ग्रुप चलाते हैं। कुंभ में जो पेशवाई निकल रही है, उसमें उनकी टीम अलग-अलग थीम पर झांकी निकालती है। ये झांकियां इस वक्त बेहद पसंद की जा रही हैं। सोशल मीडिया पर इनकी चर्चा है। महाकुंभ-2025 को भव्य के साथ स्वस्थ बनाने के खास इंतजाम किए गए हैं। यहां 40 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। इसी आधार पर कुंभ क्षेत्र में मेडिकल स्ट्रक्चर भी खड़ा किया गया है। पूरे मेले में स्वास्थ्य सेवाओं के नेटवर्क को ऐसा बनाया गया है कि बीमार होने पर कहीं भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। न सिर्फ ओपीडी, अगर भर्ती करने और ऑपरेशन करने की नौबत आती है, तो उसका भी इंतजाम है। यहां देश का पहला AI बेस्ड ICU हॉस्पिटल बनाया गया है। इस ICU हॉस्पिटल की खासियत क्या है? कुंभ क्षेत्र का मेडिकल स्ट्रक्चर कैसा है? क्या तैयारियां की गई हैं? दैनिक भास्कर ने पूरी तैयारी को करीब से समझा। जानते हैं महाकुंभ की मेडिकल व्यवस्था के बारे में… महाकुंभ का मेन हॉस्पिटल परेड ग्राउंड में बनाया गया है। इसका नाम केंद्रीय हॉस्पिटल है। यहां ओपीडी से लेकर मेजर ऑपरेशन वार्ड, बच्चों और महिलाओं के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं। हमें सेंट्रल हॉस्पिटल में कुछ साधु-संत बेंच पर बैठे मिले। पूछने पर बताते हैं- हल्का बुखार था, तुरंत दवा मिली। इसके अलावा जनरल वार्ड में कुछ पुलिस वालों का इलाज किया जा रहा था। साफ-सफाई ऐसी कि फर्श शीशे जैसी चमक रही थी। पहले हम इस हॉस्पिटल के अलग-अलग वार्डों में गए। इसके बाद पूरा मैनेजमेंट देख रहे मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) डॉ. मनोज कौशिक से बात की। CMS डॉ. मनोज कौशिक बताते हैं- 2013 महाकुंभ के मुकाबले इस बार महाकुंभ में 4 गुना ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। यह देश का पहला AI बेस्ड 100 बेड का केंद्रीय चिकित्सालय है। इसके अलावा इमरजेंसी के लिए कुंभ क्षेत्र में 43 अस्थाई हॉस्पिटल बनाए गए हैं। इनमें 380 बेड की सुविधा उपलब्ध है। डॉ. मनोज कौशिक ने बताया कि श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए सभी लेवल पर तैयारी की गई है। सरकारी हॉस्पिटल के अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल को भी जोड़ा गया है। 36 स्पेशलिस्ट डॉक्टर की ड्यूटी
डॉ. मनोज कौशिक ने बताया- सेंट्रल हॉस्पिटल में 36 स्पेशलिस्ट डॉक्टर की टीम 24 घंटे मौजूद रहेगी, जो ओपीडी सेवाएं देगी। इसके साथ ही सेंट्रल हॉस्पिटल में 35 स्टाफ, 15 वार्ड बॉय भी मौजूद रहेंगे। सेंट्रल हॉस्पिटल में 215 तरह के ब्लड टेस्ट के लिए पैथोलॉजी बनाई गई है। ईसीजी, अल्ट्रासाउंड, X-ray, आई टेस्ट, कार्डियो टेस्ट जैसी सभी व्यवस्था यहां पर उपलब्ध रहेगी। रिवर और एयर एंबुलेंस, बनाए गए ग्रीन ट्रैक
हमने CMS डॉ. मनोज कौशिक से पूछा कि अगर मेले के दौरान किसी श्रद्धालु की तबीयत बिगड़ जाती है, तो उसे अस्पताल तक कैसे लाया जाएगा? उन्होंने बताया- मेला क्षेत्र में मेडिकल हेल्प डेस्क बनाई गई है। इसके अलावा 125 एंबुलेंस यहां मौजूद रहेंगी। इनमें 115 बेसिक लाइफ सपोर्ट और 10 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस हैं। मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए अलग से ग्रीन ट्रैक बनाए गए हैं। ये सभी सेवाएं श्रद्धालुओं को पूरी तरह से मुफ्त रहेंगी। श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र के अस्पतालों में इलाज के बाद राहत नहीं मिलती है, तो उन्हें बेहतर उपचार के लिए एयर एंबुलेंस से बड़े अस्पताल लाया जा सकेगा। इसके लिए 14 एयर एंबुलेंस का इंतजाम किया गया है। एयर एंबुलेंस भी 24 घंटे अलर्ट रहेंगी। इसके अलावा रिवर एंबुलेंस की भी व्यवस्था की है, जो प्रत्येक घाट पर मूवमेंट करती रहेंगी। अगर नहाने के दौरान किसी श्रद्धालु की तबीयत बिगड़ी है, तो उसका तत्काल इलाज किया जाएगा। रिवर एंबुलेंस में मिनी वेटिंलेटर भी है। मेदांता और एम्स से आई डॉक्टरों की टीम कुंभ मेला क्षेत्र में बनाए गए केंद्रीय अस्पताल में पहली बार AI बेस्ड स्वास्थ्य निगरानी की भी व्यवस्था की गई है। अस्पताल में 10 बेड का AI बेस्ड स्पेशल आईसीयू बनाया गया है। इसकी मॉनिटरिंग अस्पताल में तैनात डॉक्टर के साथ ही कैंटोनमेंट हॉस्पिटल और मेदांता लखनऊ के डॉक्टर की टीम करेगी। जो पेशेंट इस ICU में एडमिट होंगे, उनकी करंट स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए पूरे आईसीयू में AI बेस्ड कैमरे लगाए गए हैं। तीन वरिष्ठ विशेषज्ञों की देखरेख में स्वास्थ्य का आकलन होगा। दरअसल इस AI बेस्ड ICU की खासियत है आपातकालीन स्थिति में तुरंत मेडिकल टीम को अलार्म बजाकर इंस्ट्रक्शन देते हुए सचेत करना। सिस्टम भी स्वतः ही टीम लीडर को सीधे संदेश भेज देता है, जिससे कि सेकेंड्स में इलाज शुरू हो जाता है। रायबरेली एम्स और लखनऊ मेदांता के अलावा SGPGI लखनऊ और आर्मी हॉस्पिटल के डॉक्टर महाकुंभ में मेडिकल व्यवस्था को मजबूत बनाएंगे। सभी डॉक्टरों की ड्यूटी रोटेशन के साथ ही ऑन कॉल भी होगी। केंद्रीय चिकित्सालय के साथ ही अगर सभी अस्थाई अस्पतालों को मिलाकर देखा जाए तो 400 से ज्यादा डॉक्टरों की तैनाती की गई है। 30 लाख पैरासिटामॉल का बैकअप कुंभ मेले के दौरान तकरीबन 5000 से 8000 OPD प्रतिदिन होने की संभावना जताई जा रही है। दवाओं के बैकअप पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया- अभी हमारे पास करीब 500 मरीज डेली OPD में आ रहे हैं। जिनमें से लगभग 300 मरीज बुखार, पेट दर्द और मौसमी बीमारियों से पीड़ित होते हैं। एक मरीज को कम से कम 5 दिन की दवा दी जा रही है। ऐसे में 2000 पैरासिटामॉल की डेली की खपत है। वहीं हम ये मान कर चल रहे है कि अगर हमारे हॉस्पिटल में 5000 मरीज भी आएं तो दवाएं खत्म नहीं होंगी। 107 करोड़ टैबलेट्स का स्टॉक सेंट्रल हॉस्पिटल के मेडिकल स्टोर में लगभग 107 करोड़ टैबलेट्स का स्टॉक है। 276 तरह की दवाओं की लिस्टिंग की गई है। यह यहां मौजूद हैं। इसमें बुखार, पेट दर्द, गैस के साथ ही लाइफ सेविंग मेडिसिन भी उपलब्ध हैं। 20 लाख पैरासिटामॉल, 40 लाख एसिलॉक, 20 लाख एमोक्सीसिलिन, 7.5 लाख डाइक्लो जेल, 20 लाख सिट्रिजेन टैबलेट के साथ ही अन्य दवाइयों का भी स्टॉक है। नेत्र कुंभ के तहत 5 लाख मुफ्त चश्मा दिए जाएंगे प्रयागराज में कुंभ मेले में नौ एकड़ में लगने जा रहे ‘नेत्र कुम्भ’ में पहली बार पांच लाख से ज्यादा लोगों की आंखों की जांच करने और तीन लाख चश्मों का वितरण करने का लक्ष्य है। कुंभ-2019 में 1.5 लाख लोगों को चश्मा वितरित किए गए। तीन लाख लोगों के आंखों की जांच के साथ ‘लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में जगह बनाई थी। प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशन को बनाया गया ऑब्जर्वेशन रूम NCR के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि प्रयागराज महाकुंभ के दौरान रेलवे स्टेशनों पर 24 घंटे सातों दिन चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। जब भी किसी यात्री को चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होगी, तुरंत उन्हें प्राथमिक उपचार दिया जाएगा। इसके साथ ही रेलवे अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों से समन्वय बनाए रखेगा ताकि जरूरत पड़ने पर किसी भी मरीज को तुरंत रेफर किया जा सके। प्रयागराज जंक्शन, प्रयाग जंक्शन, सूबेदारगंज, नैनी जंक्शन और प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर ऑब्जर्वेशन रूम बनाए गए हैं। इनमें हमेशा डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ मौजूद रहेगा। यहां सभी आवश्यक चिकित्सा उपकरण मौजूद होंगे, जिससे यात्रियों को तुरंत उपचार दिया जा सके। 15 स्टाफ नर्स, 12 फार्मासिस्ट, 12 हॉस्पिटल अटेंडेंट और 15 हाउसकीपिंग असिस्टेंट तैनात रहेंगे। इन कर्मचारियों की तैनाती यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि सभी शिफ्ट में चिकित्सा सेवाएं सुचारु रूप से चलती रहें। प्रत्येक शिफ्ट का समय 8 घंटे होगा। —————– महाकुंभ से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… 45 दिन की ट्रेनिंग के बाद बनते हैं ‘अघोरी’:हर अखाड़े में इनकी डिमांड, 1 हजार दिन की कमाई; काली बनते हैं ‘प्रयागराज महाकुंभ में हमें 8 पेशवाई का ऑर्डर मिला है। 45 दिन पहले ही अखाड़े की तरफ से हमें बता दिया जाता है कि क्या-क्या चाहिए। हम झांकी के लिए उसी हिसाब से अपने लड़के तैयार करते हैं। हनुमान मैं खुद बनता हूं। अघोरी, श्रीकृष्ण, भोले नाथ, काली चुनते हैं। फिर उन्हें सिखाते हैं। जब सब परफेक्ट हो जाते हैं तो हम लोग ड्रामा करते हैं।’ ये कहना है गोलू का। वह ‘दीपक-गोलू झांकी’ ग्रुप चलाते हैं। कुंभ में जो पेशवाई निकल रही है, उसमें उनकी टीम अलग-अलग थीम पर झांकी निकालती है। ये झांकियां इस वक्त बेहद पसंद की जा रही हैं। सोशल मीडिया पर इनकी चर्चा है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर