Jamia: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की खुशी में जामिया में तिरंगा मार्च का AISA ने किया विरोध, जानें क्या कहा? <div id=”:tz” class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” style=”text-align: justify;” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:wd” aria-controls=”:wd” aria-expanded=”false”><strong>AISA Reaction on Jamia Tiranga March:</strong> जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के खिलाफ भारतीय सेना ने ’ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था. इस ऑपरेशन की सफलता की खुशी में 13 मई 2025 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में कुलपति प्रोफेसर मजहर आसिफ और रजिस्ट्रार प्रोफेसर महताब आलम रिजवी ने ‘तिरंगा मार्च’ निकाली गई, यह मार्च शिक्षा मंत्रालय के “राष्ट्र प्रथम” अभियान के अंतर्गत ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का जश्न मनाने के लिए निकली गई थी, <br /><br />जामिया में तिरंगा मार्च सेंटेनरी गेट से शुरू होकर डीएसडब्ल्यू लॉन पर समाप्त हुआ. कुलपति ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व की तारीफ की और युवाओं से देश के लिए समर्पण की अपील की,<br /><br />जामिया के ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA JMI) ने तिरंगा मार्च की आलोचना करते हुए कहा, “यह जामिया प्रशासन की युद्धोन्मादी सोच को दर्शाता है, सैन्य कार्रवाई का जश्न मनाना उन निर्दोष लोगों का अपमान है जो युद्ध में मारे जाते हैं, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से आम नागरिकों की जान और शांति खतरे में पड़ जाती है.”<br /><br /><strong>पहलगाम हमले के बाद बढ़ीं नफरत फैलाने वाली घटनाएं- AISA</strong><br /><br />AISA ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद मुस्लिमों और कश्मीरियों पर देशभर में नफरत फैलाने वाली घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, APCR की रिपोर्ट के अनुसार ऐसे 184 मामलों की पुष्टि हुई है, इसके लिए AISA ने बीजेपी आईटी सेल और कॉरपोरेट मीडिया को जिम्मेदार बताया और आरोप लगाते हुए कहा कि इनके द्वारा झूठी खबरें फैलाकर युद्ध की भावना को भड़काया जा रहा है, <br /><br /><strong>’शांति की आवाजों को दबा रही है सरकार'</strong><br /><br />जामिया के ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन का कहना है कि सरकार शांति की आवाजों को दबा रही है. स्वतंत्र पत्रकारिता पर हमला कर रही है. AISA के अनुसार, “कश्मीर लंबे समय से सैन्य दबाव, मानवाधिकार उल्लंघनों और राजनीतिक उपेक्षा का शिकार रहा है, ‘<a title=”ऑपरेशन सिंदूर” href=”https://www.abplive.com/topic/operation-sindoor” data-type=”interlinkingkeywords”>ऑपरेशन सिंदूर</a>’ के दौरान भी कई निर्दोष नागरिक मारे गए और घायल हुए,”<br /><br /><strong>मारे गए नागरिकों के परिजनों को मुआवजा क्यों नहीं मिला?</strong> <br /><br />AISA के अनुसार आगे कहा गया है कि प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए भाषण में भी कई अहम सवालों को नजरअंदाज कर दिया गया. पीएम मोदी ने अपने भाषण में <a title=”पहलगाम” href=”https://www.abplive.com/topic/pahalgam-terror-attack” data-type=”interlinkingkeywords”>पहलगाम</a> हमले के दोषियों का क्या हुआ, सीमा पर मारे गए नागरिकों को मुआवजा क्यों नहीं मिला और अमेरिका द्वारा युद्ध विराम की पेशकश पर भारत की क्या स्थिति है, के बारे में पीएम ने कोई जिक्र नहीं किया. <br /><br /><strong>’तिरंगा मार्च का लोगों में गया गलत संदेश'</strong> <br /><br />AISA का मानना है कि विश्वविद्यालय लोकतंत्र, बहस और असहमति का मंच होना चाहिए, न कि सरकार की भक्ति और डर की जगह, जब छात्रों की आवाजें दबाई जा रही हैं, कैंपस पर निगरानी और दमन बढ़ रहा है, तो प्रशासन का ऐसा मार्च गलत संदेश देता है. AISA ने सभी छात्रों और जामिया समुदाय से अपील की है कि वे युद्ध, नफरत और अन्याय की राजनीति का विरोध करें और शांति, न्याय और लोकतंत्र के समर्थन में आवाज उठाएं.</div>