महाकुंभ: 144 साल के दावे पर कथावाचक विश्वाकांताचार्य बोले- ‘कोई शास्त्रीय और ज्योतिषी आधार नहीं’

महाकुंभ: 144 साल के दावे पर कथावाचक विश्वाकांताचार्य बोले- ‘कोई शास्त्रीय और ज्योतिषी आधार नहीं’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Mahakumbh 2025:</strong> 144 वर्ष बाद महाकुंभ का बने संयोग को लेकर देश में बहस जारी है. समाजवादी पार्टी की तरफ से इस विषय को लेकर बीजेपी पर निशाना साधते हुए खुद के लाभ का आरोप लगाया गया है. अब इस मामले को लेकर वाराणसी के धर्माचार्य और कथावाचक विश्वकांताचार्य ने बयान जारी करते हुए बड़ा दावा किया है. उनका कहना है कि कुंभ हमारी सनातन की प्राचीन परंपरा है. ऐसा कहना कि यह कुंभ 144 वर्ष बाद लग रहा है इसका कोई भी शास्त्रीय और ज्योतिषी आधार नहीं है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वाराणसी के धर्माचार्य और कथावाचक विश्वकांताचार्य ने बयान जारी करते हुए कहा कि सभी श्रद्धालु पूरे उत्साह के साथ महाकुंभ में स्नान करने के लिए पहुंच रहें हैं. यह उनकी सनातन परंपरा के प्रति अपार आस्था को दर्शाता है. लेकिन यह कहना कि 2025 महाकुंभ का संयोग 144 वर्ष के बाद देखा जा रहा है, यह मेरा मानना है कि निराधार है. अपने-अपने विचारों के आधार पर जरूर इस बात का दावा किया गया है, लेकिन किसी भी सिद्धांत के तहत कोई सिद्ध नहीं कर सकता कि यह कुंभ 144 वर्ष बाद लगा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/railway-bomb-threat-in-kamayani-express-train-at-ballia-railway-station-ann-2887143″>Bomb Threat: बलिया रेलवे स्टेशन पर कामायनी एक्सप्रेस ट्रेन में बम होने की सूचना, मचा हड़कंप</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रचार-प्रसार करने के अपने विचार- कथावाचक</strong><br />उन्होंने कहा कि आप भले ही अपने किसी आधार को मानते हुए 12 X 12 साल को 144 वर्ष से जोड़ दें. लेकिन यह पूर्ण रूप से स्पष्ट नहीं करता है. इसके अलावा राजनीतिक दलों की तरफ से महाकुंभ को देश दुनिया के समक्ष प्रचार प्रसार करने के लिए अपने विचार रखे गए होंगे और इसमें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन यह कहना कि 144 वर्ष बाद ऐसा महाकुंभ का संयोग बना है. इसके लिए हमारे सनातन के सबसे बड़े जानकार शंकराचार्य, महामंडलेश्वर और वेद पुराणों के ज्ञाता की टिप्पणी ही मान्य होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा काशी के धर्माचार्य ने यह भी कहा कि महाकुंभ का 144 वर्ष बाद बने संयोग को लेकर अगर इस प्रकार की बातें कही गई है तो आने वाली पीढ़ी भी हमसे इसका सार्थक प्रमाण मांगेगी. सभी कुंभ का अपना-अपना महत्व है और इस 2025 <a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a> की भी अपनी विशेषता है. लेकिन यह कहना की 144 वर्ष बाद 2025 में कुंभ लगा है, यह पूरी तरह से निराधार है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Mahakumbh 2025:</strong> 144 वर्ष बाद महाकुंभ का बने संयोग को लेकर देश में बहस जारी है. समाजवादी पार्टी की तरफ से इस विषय को लेकर बीजेपी पर निशाना साधते हुए खुद के लाभ का आरोप लगाया गया है. अब इस मामले को लेकर वाराणसी के धर्माचार्य और कथावाचक विश्वकांताचार्य ने बयान जारी करते हुए बड़ा दावा किया है. उनका कहना है कि कुंभ हमारी सनातन की प्राचीन परंपरा है. ऐसा कहना कि यह कुंभ 144 वर्ष बाद लग रहा है इसका कोई भी शास्त्रीय और ज्योतिषी आधार नहीं है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वाराणसी के धर्माचार्य और कथावाचक विश्वकांताचार्य ने बयान जारी करते हुए कहा कि सभी श्रद्धालु पूरे उत्साह के साथ महाकुंभ में स्नान करने के लिए पहुंच रहें हैं. यह उनकी सनातन परंपरा के प्रति अपार आस्था को दर्शाता है. लेकिन यह कहना कि 2025 महाकुंभ का संयोग 144 वर्ष के बाद देखा जा रहा है, यह मेरा मानना है कि निराधार है. अपने-अपने विचारों के आधार पर जरूर इस बात का दावा किया गया है, लेकिन किसी भी सिद्धांत के तहत कोई सिद्ध नहीं कर सकता कि यह कुंभ 144 वर्ष बाद लगा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/railway-bomb-threat-in-kamayani-express-train-at-ballia-railway-station-ann-2887143″>Bomb Threat: बलिया रेलवे स्टेशन पर कामायनी एक्सप्रेस ट्रेन में बम होने की सूचना, मचा हड़कंप</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रचार-प्रसार करने के अपने विचार- कथावाचक</strong><br />उन्होंने कहा कि आप भले ही अपने किसी आधार को मानते हुए 12 X 12 साल को 144 वर्ष से जोड़ दें. लेकिन यह पूर्ण रूप से स्पष्ट नहीं करता है. इसके अलावा राजनीतिक दलों की तरफ से महाकुंभ को देश दुनिया के समक्ष प्रचार प्रसार करने के लिए अपने विचार रखे गए होंगे और इसमें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन यह कहना कि 144 वर्ष बाद ऐसा महाकुंभ का संयोग बना है. इसके लिए हमारे सनातन के सबसे बड़े जानकार शंकराचार्य, महामंडलेश्वर और वेद पुराणों के ज्ञाता की टिप्पणी ही मान्य होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा काशी के धर्माचार्य ने यह भी कहा कि महाकुंभ का 144 वर्ष बाद बने संयोग को लेकर अगर इस प्रकार की बातें कही गई है तो आने वाली पीढ़ी भी हमसे इसका सार्थक प्रमाण मांगेगी. सभी कुंभ का अपना-अपना महत्व है और इस 2025 <a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a> की भी अपनी विशेषता है. लेकिन यह कहना की 144 वर्ष बाद 2025 में कुंभ लगा है, यह पूरी तरह से निराधार है.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Bihar Crime: पटना में पुलिस और बदमाशों के बीच एनकाउंटर, कंकड़बाग में चार थानों की पुलिस ने घेरा