<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024:</strong> महाराष्ट्र में बीजेपी को एक और झटका लगा है. बीजेपी की नेता और पूर्व विधायक तृप्ति सावंत ने पार्टी का दामन छोड़कर राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना में शामिल हो गई हैं. इसके बाद उन्हें बांद्रा पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से एमएनएस का उम्मीदवार भी घोषित कर दिया गया है. इस सीट से बाबा सिद्दीकी के बेटे और विधायक जीशान सिद्दीकी चुनाव लड़ रहे हैं. यहां से उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने वरुण सरदेसाई को टिकट दिया है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024:</strong> महाराष्ट्र में बीजेपी को एक और झटका लगा है. बीजेपी की नेता और पूर्व विधायक तृप्ति सावंत ने पार्टी का दामन छोड़कर राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना में शामिल हो गई हैं. इसके बाद उन्हें बांद्रा पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से एमएनएस का उम्मीदवार भी घोषित कर दिया गया है. इस सीट से बाबा सिद्दीकी के बेटे और विधायक जीशान सिद्दीकी चुनाव लड़ रहे हैं. यहां से उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने वरुण सरदेसाई को टिकट दिया है.</p> महाराष्ट्र महाराष्ट्र में BJP के इस नेता ने की बगावत, शिवसेना के सामने भी संकट, शाइना एनसी की राह होगी मुश्किल!
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20 साल में पहली दफा नेता-प्रतिपक्ष के लिए इतना इंतजार:वजह-कांग्रेस की लगातार 3 हार और नेताओं की खींचतान; CM सैनी कह चुके-ढूंढवाओ
20 साल में पहली दफा नेता-प्रतिपक्ष के लिए इतना इंतजार:वजह-कांग्रेस की लगातार 3 हार और नेताओं की खींचतान; CM सैनी कह चुके-ढूंढवाओ तारीख : 27 अक्टूबर 2024 हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पानीपत में मैराथन के बाद मीडिया से कहा- ‘आप लोग कांग्रेस का नेता प्रतिपक्ष ढूंढवाओ।’ 20 वर्षों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी पार्टी को राज्य में नेता प्रतिपक्ष का नाम फाइनल करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसका मुख्य कारण पिछले 3 चुनाव में कांग्रेस को लगातार मिली हार है। साल 2009 में कांग्रेस बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन बहुमत से पीछे रह गई। तब कांग्रेस को जनहित कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों के सहारे सरकार बनानी पड़ी। इसके बाद कांग्रेस सत्ता में नहीं आई। ऐसे में हुड्डा विरोधी खेमा हरियाणा में एक्टिव होता गया और अब हालात ये हैं कि खुद हाईकमान भी हुड्डा के साथ खड़ा नहीं दिख रहा। 2005, 2009, 2014 और 2019 में चुनाव रिजल्ट के बाद करीब 15 दिन के अंदर नेता प्रतिपक्ष चुन लिए गए थे। साल 2024 में कांग्रेस सरकार बनाने का सपना देख रही थी, लेकिन पार्टी को 37 सीट ही मिलीं। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर घमासान हो गया। केंद्र के तरफ से 4 ऑब्जर्वर भी आए, लेकिन बावजूद इसके अभी तक नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान नहीं हो पाया। नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस हाईकमान की पसंद का होगा
18 अक्टूबर को हरियाणा में कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने को लेकर चंडीगढ़ में मीटिंग हुई। करीब डेढ़ घंटे चली मीटिंग में ऑब्जर्वर के तौर पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्यसभा सांसद अजय माकन, पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के अलावा छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव शामिल हुए। मीटिंग में ऑब्जर्वरों ने सभी विधायकों से विधायक दल के नेता का नाम फाइनल करने के लिए वन टु वन बातचीत कर उनकी राय जानी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक अधिकतर विधायकों ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम ही विधायक दल के नेता के लिए रखा। कुमारी सैलजा गुट के कुछ विधायकों ने नए चेहरे को जिम्मेदारी देने की बात कही। मीटिंग के बाद अशोक गहलोत और अजय माकन ने कहा- ‘विधायक दल के नेता का चयन हाईकमान करेगा। विधायकों की राय हाईकमान तक पहुंचा दी जाएगी।’ नवंबर में शुरू होगा शीतकालीन सत्र
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र नवंबर में शुरू हो सकता है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने इसको लेकर जानकारी दी है। ऐसे में कांग्रेस को नवंबर के पहले हफ्ते में विधायक दल के नेता का चयन करना होगा, नहीं तो बिना नेता प्रतिपक्ष के सदन चलेगा। हुड्डा और सैलजा गुट में खींचतान
2019 में विपक्ष का नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बनाया गया था। हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव में हुई हार के लिए हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ऐसे में सिरसा सांसद कुमारी सैलजा का गुट हुड्डा को फिर विपक्षी दल नेता बनाने का विरोध कर रहा है। इसे देखते हुए कुछ दिन पहले 31 विधायक इकट्ठा कर हुड्डा दिल्ली में अपनी ताकत दिखा चुके हैं। हुड्डा के विरोध की सूरत में उनके गुट से झज्जर की विधायक गीता भुक्कल और थानेसर से अशोक अरोड़ा का नाम भी चर्चा में है। वहीं सैलजा गुट से पंचकूला के विधायक चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया जा रहा है। हार के कारण जानने को कांग्रेस ने कमेटी बनाई थी
विधानसभा चुनाव में अच्छे माहौल के बावजूद हारी कांग्रेस ने इसके कारण तलाशे। शुरुआत में कांग्रेस हाईकमान ने इसके लिए 2 मेंबरी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई। जिसमें छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल और राजस्थान के कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी शामिल रहे। दोनों नेताओं ने खुद बैठकर जूम मीटिंग के जरिए एक-एक नेता से वन टु वन बात की। किसी उम्मीदवार को इसकी रिकॉर्डिंग नहीं करने दी गई। प्रदेश के 90 में से चुनाव हारे 53 नेताओं से उनकी बातचीत हुई। कमेटी ने चुनाव हारे उम्मीदवारों से 4 तरह के सवाल पूछे। जिसके बाद कमेटी ने इसकी लिखित रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें EVM से ज्यादा चुनाव के बीच तालमेल की कमी और गुटबाजी की वजह सामने आई है।
पीलीभीत-बरेली ट्रैक पर सरिया फेंक ट्रेन को पलटने की साजिश? लोको पायलट की सतर्कता से टला हादसा
पीलीभीत-बरेली ट्रैक पर सरिया फेंक ट्रेन को पलटने की साजिश? लोको पायलट की सतर्कता से टला हादसा <p style=”text-align: justify;”><strong>Pilibhit News Today:</strong> उत्तर प्रदेश में बरेली पीलीभीत के बीच में शुक्रवार (22 नवंबर) की देर रात अज्ञात शरारती तत्वों ने रेलवे ट्रैक पर लोही की सरिया डाल दी थी. शरारती तत्वों ने लोहे की सरिया जहानाबाद के निकट रेलवेट ट्रैक पर डाला था. हालांकि रेलवे के लोको पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ट्रेन के लोको पायलट को दूर से ही ट्रैक पर संदिग्ध वस्तु दिखाई पड़ी. इसके बाद लोको पायलट ने इमर्जेंसी ब्रेक लेकर ट्रेन को रोक दिया. जिससे न सिर्फ एक बड़ा हादसा टल गया बल्कि सैकड़ों की जान भी बच गई. इस घटना को लेकर जीआरपी ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच में जुट गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लोको पायलट की सतर्कता से टला हादसा</strong><br />दरअसल, ये पूरा मामला पीलीभीत बरेली रेलवे ट्रैक स्थित जहानाबाद शाही हाल्ट के पास का है. जहां शरारती तत्वों ने रेलवे ट्रैक पर लोहे की सरिया डाल दी थी. गनीमत रही कि बीती रात पीलीभीत से बरेली जाने वाली ट्रेन जैसे ही जहानाबाद पहुंची, तभी लोको पायलट ने ट्रैक पर पड़ी सरिया देख लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सूचना मिलते में मचा हड़कंप</strong><br />इसके बाद लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लेकर ट्रेन को रोक दिया. सुखद बात ये रही कि ट्रैक से ट्रेन नहीं उतरी और एक बड़ा हादसा टल गया. घटना की सूचना मिलते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया और वे आनन फानन में मौके पर पहुंच गए. मामले को लेकर तत्काल जीआरपी पुलिस ने अज्ञात युवकों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की कार्रवाई शुरू कर दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शाही रेलवे हाल्ट के स्टेशन मास्टर राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि घटना बीते 22 नवंबर की रात 21:24 की है. जिस दौरान ललौरी खेड़ा रेलवे ट्रैक के पास अज्ञात शरारती तत्वों ने सरिया फेंक दिया था. उन्होंने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई है. जीआरपी आगे की कार्रवाई में जुटी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Sambhal News: ‘सांसद होकर दंगे के लिए उकसा रहे’ नरसिंहानंद सरस्वती ने जियाउर्रहमान बर्क पर लगाए गंभीर आरोप” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/narsinghanand-saraswati-reaction-on-sambhal-violence-target-sp-mp-ziaur-rahman-barq-ann-2829877″ target=”_blank” rel=”noopener”>Sambhal News: ‘सांसद होकर दंगे के लिए उकसा रहे’ नरसिंहानंद सरस्वती ने जियाउर्रहमान बर्क पर लगाए गंभीर आरोप</a></strong></p>
MP की इस योजना का श्रद्धालुओं में क्रेज, लक्ष्य से तीन गुना ज्यादा आवेदन, जानिए कैसे हुआ चयन
MP की इस योजना का श्रद्धालुओं में क्रेज, लक्ष्य से तीन गुना ज्यादा आवेदन, जानिए कैसे हुआ चयन <p style=”text-align: justify;”><strong>CM Teerth Darshan Yojana:</strong> मध्य प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी‌ मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का लाभ लेने की होड़ मची हुई है. मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत धार्मिक स्थलों का वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त यात्रा कराने का प्रावधान है. काशी, वाराणसी और अयोध्या दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं ने तीन गुना से अधिक आवेदन कर दिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आवेदनों की बड़ी संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने रेंडमाइजेशन प्रक्रिया के जरिये श्रद्धालुओं का चयन किया. सभी जिलों में श्रद्धालुओं के बीच मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का जबरदस्त उत्साह है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विदिशा जिले में लक्ष्य से तीन गुना अधिक श्रद्धालुओं ने आवेदन किए. कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने बताया कि 279 हितग्राहियों को मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का लाभ दिया जाना था. 1042 लोगों की ओर से आवेदन प्राप्त हुए. शासन के आदेशानुसार 279 हितग्राहियों का रेंडमाइजेशन प्रणाली के जरिए चयन किया गया. उन्होंने बताया कि कुछ लोगों को प्रतीक्षा सूची में रखा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लक्ष्य से तीन गुना ज्यादा आए आवेदन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कलेक्टर के मुताबिक आने वाले समय में सरकार की ओर से निर्देश मिलने पर आवेदकों को बुलाकर योजना का लाभ दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत आने वाले आवेदनों से स्पष्ट है कि काशी, वाराणसी और अयोध्या की यात्रा के प्रति श्रद्धालुओं का आकर्षण बढ़ा है. श्रद्धालु अयोध्या में <a title=”राम मंदिर” href=”https://www.abplive.com/topic/ram-mandir” data-type=”interlinkingkeywords”>राम मंदिर</a> का दर्शन विशेष रूप से करना चाहते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि मध्य सरकार ने साल 2012 में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का शुभारंभ किया था. अब तक मध्य प्रदेश के लाखों श्रद्धालु योजना का लाभ उठा चुके हैं. बुजुर्ग श्रद्धालुओं को तीर्थ यात्रा पर ले जाने के लिए सरकार ने गाइडलाइन भी बनाई है. गाइडलाइन के मुताबिक पात्र व्यक्ति की उम्र 60 वर्ष से अधिक होना चाहिए. हितग्राही को करदाता नहीं होना चाहिए. मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का लाभ एक बार ही उठाया जा सकता है. सबसे खास बात है कि आवेदक को टीबी सहित संक्रमित बीमारी नहीं होना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>.ये भी पढ़ें-</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”पितृपक्ष पर जबलपुर से गया के लिए चलेगी स्पेशल ट्रेन, जानें कितने होंगे फेरे? इन यात्रियों को मिलेगा फायदा” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/indian-railways-will-run-pitru-paksha-special-train-between-jabalpur-and-gaya-ann-2778954″ target=”_self”>पितृपक्ष पर जबलपुर से गया के लिए चलेगी स्पेशल ट्रेन, जानें कितने होंगे फेरे? इन यात्रियों को मिलेगा फायदा</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”> </p>