महिला के पेट से 17 साल बाद कैंची निकाली:KGMU के डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया, सिजेरियन डिलीवरी के दौरान पेट में छोड़ी थी

महिला के पेट से 17 साल बाद कैंची निकाली:KGMU के डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया, सिजेरियन डिलीवरी के दौरान पेट में छोड़ी थी

लखनऊ के निजी अस्पताल के डॉक्टर पर ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में कैंची छोड़ने का आरोप लगा है। शहर के इंदिरा नगर निवासी अरविंद पांडेय के मुताबिक 17 साल पहले इंदिरानगर के एक निजी अस्पताल में उनकी पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया था। सर्जरी के दौरान डॉक्टर ने पेट में ही कैंची छोड़ दी थी। ऑपरेशन के कुछ दिन बाद ही पत्नी को समस्याएं होने लगीं। बीते 23 मार्च 2025 को पत्नी का एक्सरे कराया था। पेट में कैंची होने की बात पता चली। KGMU में डॉक्टरों ने बुधवार को संध्या का ऑपरेशन कर पेट से कैंची निकाल दी।
ट्रॉमा सेंटर में ऑपरेशन हुआ KGMU के ट्रॉमा सर्जरी विभाग के डॉक्टरों की टीम ने महिला का ऑपरेशन 23 मार्च को किया। करीब 3 घंटे चले ऑपरेशन में महिला के पेट से कैंची जैसा सर्जिकल इक्विपमेंट निकालने में कामयाब रहे। ऑपरेशन के बाद महिला फिलहाल ट्रॉमा सर्जरी विभाग में भर्ती हैं। अगले सप्ताह तक अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। MRI मशीन ने नहीं किया था स्कैन बताया गया कि 50 साल की पीड़ित महिला को कई दिनों से पीठ में असहनीय दर्द था। डॉक्टरों की सलाह पर मरीज को परिजन जब MRI कराने ले गए तो मशीन में उसकी जांच नहीं हो सकी। इसके बाद फिर X Ray कराया गया। जिसमें कैंची जैसा उपकरण दिखा। तीन एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम ने आपरेशन किया परिजन मरीज को लेकर KGMU के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने नए सिरे से सभी जांच कराईं। जांच में शरीर के अंदर जब उपकरण की पुष्टि हुई। तब डॉक्टर ने सर्जरी करने की बात कही। ट्रॉमा सर्जरी विभाग के तीन एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम के अलावा एनेस्थीसिया विभाग के एक्सपर्ट भी ऑपरेशन में शामिल रहे। मामले में KGMU के प्रवक्ता डॉ.सुधीर सिंह ने बताया कि 23 मार्च को ट्रॉमा सर्जरी विभाग में ऑपरेशन के बाद एक मरीज के पेट से कैंची निकाली गई है। ये प्रकरण मेडिको लीगल केस से जुड़ा है। थानाधिकारी ने कहा- CMO को भेजी शिकायत गाजीपुर थाने के इंस्पेक्टर विकास राय के मुताबिक अरविंद कुमार पांडेय की तहरीर मिली है। इसे सीएमओ के पास भेज दिया गया है। उनकी रिपोर्ट आने के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी। शिकायत सीएमओ ऑफिस तक नहीं पहुंची वहीं, इस मामले में लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय तक अभी कोई शिकायत नहीं मिली हैं। CMO ऑफिस के प्रवक्ता योगेश रघुवंशी ने बताया- अभी तक ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। मरीज या उसके परिजन कोई शिकायत करेंगे तो जांच करके विधिक कार्रवाई की जाएगी। ……………………….. यह खबर भी पढ़े लखनऊ आश्रय केंद्र में 4 नहीं, 5 बच्चों की मौत:सरकारी पर्चा बना, पोस्टमॉर्टम भी हुआ, फिर भी 6 दिन अधिकारियों ने की लीपापोती लखनऊ निर्वाण आश्रय केंद्र के 4 नहीं, 5 बच्चों की मौत हुई है। हैरान करने वाली बात यह है कि 5वीं मौत को लेकर अफसर अभी तक चुप्पी साधे हैं। मौत के सही आंकड़े जानने के लिए जब दैनिक भास्कर ने पड़ताल की तब 5वीं मौत का खुलासा हुआ। जिस बच्ची की मौत हुई है उसका नाम सरोजनी है। मृतक बच्चों की सूची में इसका जिक्र तक नहीं है। यहां पढ़े पूरी खबर लखनऊ के निजी अस्पताल के डॉक्टर पर ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में कैंची छोड़ने का आरोप लगा है। शहर के इंदिरा नगर निवासी अरविंद पांडेय के मुताबिक 17 साल पहले इंदिरानगर के एक निजी अस्पताल में उनकी पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया था। सर्जरी के दौरान डॉक्टर ने पेट में ही कैंची छोड़ दी थी। ऑपरेशन के कुछ दिन बाद ही पत्नी को समस्याएं होने लगीं। बीते 23 मार्च 2025 को पत्नी का एक्सरे कराया था। पेट में कैंची होने की बात पता चली। KGMU में डॉक्टरों ने बुधवार को संध्या का ऑपरेशन कर पेट से कैंची निकाल दी।
ट्रॉमा सेंटर में ऑपरेशन हुआ KGMU के ट्रॉमा सर्जरी विभाग के डॉक्टरों की टीम ने महिला का ऑपरेशन 23 मार्च को किया। करीब 3 घंटे चले ऑपरेशन में महिला के पेट से कैंची जैसा सर्जिकल इक्विपमेंट निकालने में कामयाब रहे। ऑपरेशन के बाद महिला फिलहाल ट्रॉमा सर्जरी विभाग में भर्ती हैं। अगले सप्ताह तक अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। MRI मशीन ने नहीं किया था स्कैन बताया गया कि 50 साल की पीड़ित महिला को कई दिनों से पीठ में असहनीय दर्द था। डॉक्टरों की सलाह पर मरीज को परिजन जब MRI कराने ले गए तो मशीन में उसकी जांच नहीं हो सकी। इसके बाद फिर X Ray कराया गया। जिसमें कैंची जैसा उपकरण दिखा। तीन एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम ने आपरेशन किया परिजन मरीज को लेकर KGMU के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने नए सिरे से सभी जांच कराईं। जांच में शरीर के अंदर जब उपकरण की पुष्टि हुई। तब डॉक्टर ने सर्जरी करने की बात कही। ट्रॉमा सर्जरी विभाग के तीन एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम के अलावा एनेस्थीसिया विभाग के एक्सपर्ट भी ऑपरेशन में शामिल रहे। मामले में KGMU के प्रवक्ता डॉ.सुधीर सिंह ने बताया कि 23 मार्च को ट्रॉमा सर्जरी विभाग में ऑपरेशन के बाद एक मरीज के पेट से कैंची निकाली गई है। ये प्रकरण मेडिको लीगल केस से जुड़ा है। थानाधिकारी ने कहा- CMO को भेजी शिकायत गाजीपुर थाने के इंस्पेक्टर विकास राय के मुताबिक अरविंद कुमार पांडेय की तहरीर मिली है। इसे सीएमओ के पास भेज दिया गया है। उनकी रिपोर्ट आने के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी। शिकायत सीएमओ ऑफिस तक नहीं पहुंची वहीं, इस मामले में लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय तक अभी कोई शिकायत नहीं मिली हैं। CMO ऑफिस के प्रवक्ता योगेश रघुवंशी ने बताया- अभी तक ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। मरीज या उसके परिजन कोई शिकायत करेंगे तो जांच करके विधिक कार्रवाई की जाएगी। ……………………….. यह खबर भी पढ़े लखनऊ आश्रय केंद्र में 4 नहीं, 5 बच्चों की मौत:सरकारी पर्चा बना, पोस्टमॉर्टम भी हुआ, फिर भी 6 दिन अधिकारियों ने की लीपापोती लखनऊ निर्वाण आश्रय केंद्र के 4 नहीं, 5 बच्चों की मौत हुई है। हैरान करने वाली बात यह है कि 5वीं मौत को लेकर अफसर अभी तक चुप्पी साधे हैं। मौत के सही आंकड़े जानने के लिए जब दैनिक भास्कर ने पड़ताल की तब 5वीं मौत का खुलासा हुआ। जिस बच्ची की मौत हुई है उसका नाम सरोजनी है। मृतक बच्चों की सूची में इसका जिक्र तक नहीं है। यहां पढ़े पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर