महीनों बाद अचानक से वसुंधरा राजे क्यों हुईं सक्रिय, उपचुनाव में प्रचार से बनाई थी दूरी, क्या है वजह?

महीनों बाद अचानक से वसुंधरा राजे क्यों हुईं सक्रिय, उपचुनाव में प्रचार से बनाई थी दूरी, क्या है वजह?

<p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Politics:</strong> राजस्थान उपचुनाव में जिस तरह से बीजेपी की बड़ी जीत हुई है, उसे लेकर राजनीति तेज हो गई. इस बीच पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी तेजी से एक्टिव दिख रही हैं. राजे साढ़े तीन महीने बाद जयपुर में बीजेपी कार्यालय पहुंचीं. उसके दो दिन पहले दिल्ली में भी संगठनात्मक बैठक में भाग लिया था. उसके एक दिन पहले उदयपुर में मेवाड़ उदयपुर में पूर्व मेवाड़ राजपरिवार के महाराणा साहब महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन पर उनके घर गईं थीं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वसुंधरा राजे सिंधिया राजस्थान के उपचुनाव में नहीं दिखीं. किसी भी सीट पर उन्होंने दौरा नहीं किया. लेकिन जब पांच सीटों पर बीजेपी को जीत मिली तो बीजेपी के दफ्तर कार्यालय में उन सभी विधायकों से उन्होंने मुलाक़ात की है. सूत्रों का कहना है कि राजे बीजेपी ऑफिस में लगभग एक घंटे का समय दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्यों रहीं महीनों दूर?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राजस्थान में उपचुनाव और पार्टी के कार्यक्रमों से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे लगातार दूर रहीं. जब उपचुनाव में सभी दिग्गज नेताओं के दौरे तय हो रहे थे तब वसुंधरा राजे के कोई दौरे तय नहीं हुए. जबकि, वसुंधरा राजे स्टार प्रचारक भी थीं. उस समय बीजेपी सूत्रों का कहना था कि राजे के दौरे तय किये जा रहे हैं लेकिन वो प्रचार के दौरान कहीं दिखीं नहीं. वहीं, सूत्रों का कहना कि राजे को प्रचार के लिए बुलाया ही नहीं गया. जैसे <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> के दौरान उनके दौरे नहीं हुए थे. इस बार भी उन्हें दूर रखा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कल के दौरे ने दिए संकेत?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वसुंधरा राजे अभी बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. वहीं, बीजेपी के संगठनात्मक बदलाव की कवायद चल रही है. राजे गुट विधायकों को न तो सरकार में बड़ी जिम्मेदारी है और न ही संगठन में कोई पद मिला है. इसलिए अब उनके समर्थक चाहते हैं कि उन्हें संगठन और सरकार में मौका मिला. चूंकि, अब उपचुनाव के बाद मंत्रिमंडल में बदलाव की सुगबुगाहट दिख रही है. इसलिए अब राजे के बेहद एक्टिव होने की चर्चा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Politics:</strong> राजस्थान उपचुनाव में जिस तरह से बीजेपी की बड़ी जीत हुई है, उसे लेकर राजनीति तेज हो गई. इस बीच पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी तेजी से एक्टिव दिख रही हैं. राजे साढ़े तीन महीने बाद जयपुर में बीजेपी कार्यालय पहुंचीं. उसके दो दिन पहले दिल्ली में भी संगठनात्मक बैठक में भाग लिया था. उसके एक दिन पहले उदयपुर में मेवाड़ उदयपुर में पूर्व मेवाड़ राजपरिवार के महाराणा साहब महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन पर उनके घर गईं थीं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वसुंधरा राजे सिंधिया राजस्थान के उपचुनाव में नहीं दिखीं. किसी भी सीट पर उन्होंने दौरा नहीं किया. लेकिन जब पांच सीटों पर बीजेपी को जीत मिली तो बीजेपी के दफ्तर कार्यालय में उन सभी विधायकों से उन्होंने मुलाक़ात की है. सूत्रों का कहना है कि राजे बीजेपी ऑफिस में लगभग एक घंटे का समय दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्यों रहीं महीनों दूर?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राजस्थान में उपचुनाव और पार्टी के कार्यक्रमों से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे लगातार दूर रहीं. जब उपचुनाव में सभी दिग्गज नेताओं के दौरे तय हो रहे थे तब वसुंधरा राजे के कोई दौरे तय नहीं हुए. जबकि, वसुंधरा राजे स्टार प्रचारक भी थीं. उस समय बीजेपी सूत्रों का कहना था कि राजे के दौरे तय किये जा रहे हैं लेकिन वो प्रचार के दौरान कहीं दिखीं नहीं. वहीं, सूत्रों का कहना कि राजे को प्रचार के लिए बुलाया ही नहीं गया. जैसे <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> के दौरान उनके दौरे नहीं हुए थे. इस बार भी उन्हें दूर रखा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कल के दौरे ने दिए संकेत?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वसुंधरा राजे अभी बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. वहीं, बीजेपी के संगठनात्मक बदलाव की कवायद चल रही है. राजे गुट विधायकों को न तो सरकार में बड़ी जिम्मेदारी है और न ही संगठन में कोई पद मिला है. इसलिए अब उनके समर्थक चाहते हैं कि उन्हें संगठन और सरकार में मौका मिला. चूंकि, अब उपचुनाव के बाद मंत्रिमंडल में बदलाव की सुगबुगाहट दिख रही है. इसलिए अब राजे के बेहद एक्टिव होने की चर्चा है.</p>
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