महेंद्रगढ़ के केंद्रीय विश्वविद्यालय में ग्यारहवें दीक्षांत समारोह में 49 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल मिला। इनमें किसी ने सफलता का श्रेय गुरुजनों को दिया तो किसी ने परिवार के योगदान को महत्वपूर्ण बताया। सभी ने अपनी सफलता की कहानी बताई। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अब्दुल ने कहा कि यह उसके लिए बेहद खुशी का पल है। वह अपने विभाग और सभी शिक्षकों का आभार व्यक्त करता हैं, विशेष रूप से डॉ. अशोक कुमार और डॉ. नीरज करन सिंह का, जिनका मार्गदर्शन हमेशा मिला। फिलहाल, वह दिल्ली के एक न्यूज चैनल से जुड़ा हुआ है। मेरा मानना है कि पढ़ाई के साथ-साथ कैंपस के हर पल का आनंद लेना भी उतना ही जरूरी है। संस्कृत विभाग के दीपक वशिष्ठ ने कहा कि यह सफलता उसके लिए अपेक्षित थी। उसके प्रोफेसर डॉ. देवेंद्र सिंह राजपूत मेरे प्रेरणा स्रोत रहे हैं। वह मानता है कि यदि शुरुआत से ही लक्ष्य तय कर लिया जाए, तो सफलता निश्चित होती है। फिलहाल, वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से पीएचडी कर रहा है। बिना रुके लक्ष्य की ओर बढ़ें महिलाएं सांख्यिकी विभाग की रेणु कुमारी ने कहा कि यह उसके लिए गर्व का क्षण था। फिलहाल वह केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा से पीएचडी कर रही है। उसका मानना है कि महिलाओं को अपने लक्ष्य की ओर बिना रुके बढ़ते रहना चाहिए, आज के समय में महिलाओं के पास ढेरों विकल्प हैं और स्वतंत्रता है। गणित विभाग की निकिता शर्मा ने बताया कि गणित में उत्कृष्ट प्रदर्शन करना उसके लिए जीवन के सबसे खास पलों में से एक है। यह उपलब्धि उसकी कड़ी मेहनत, माता-पिता और दोस्तों के सहयोग का परिणाम है। उसकी प्रेरणा का स्रोत आईएएस टीना डाबी हैं, जिसने उसे निरंतर प्रयास और धैर्य सीखा है। उसका मानना है कि नियमित और एकाग्र अध्ययन ही सफलता की कुंजी है। सही दिशा न मिलने पर भी सकारात्मक दृष्टिकोण से सफलता संभव रसायन विज्ञान विभाग की चेतना सैनी ने कहा कि उन्होंने नेट और गेट क्वालिफाइड किया है। वर्तमान में आईआईटी रुड़की से पीएचडी कर रही हैं। शुरुआत में टॉपर बनने का सपना नहीं था, लेकिन एकेडमिक में रुचि बढ़ती गई। कल्पना चावला से प्रेरित चेतना मानती हैं कि सही दिशा न मिलने पर भी सकारात्मक दृष्टिकोण से सफलता संभव है। महेंद्रगढ़ के केंद्रीय विश्वविद्यालय में ग्यारहवें दीक्षांत समारोह में 49 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल मिला। इनमें किसी ने सफलता का श्रेय गुरुजनों को दिया तो किसी ने परिवार के योगदान को महत्वपूर्ण बताया। सभी ने अपनी सफलता की कहानी बताई। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अब्दुल ने कहा कि यह उसके लिए बेहद खुशी का पल है। वह अपने विभाग और सभी शिक्षकों का आभार व्यक्त करता हैं, विशेष रूप से डॉ. अशोक कुमार और डॉ. नीरज करन सिंह का, जिनका मार्गदर्शन हमेशा मिला। फिलहाल, वह दिल्ली के एक न्यूज चैनल से जुड़ा हुआ है। मेरा मानना है कि पढ़ाई के साथ-साथ कैंपस के हर पल का आनंद लेना भी उतना ही जरूरी है। संस्कृत विभाग के दीपक वशिष्ठ ने कहा कि यह सफलता उसके लिए अपेक्षित थी। उसके प्रोफेसर डॉ. देवेंद्र सिंह राजपूत मेरे प्रेरणा स्रोत रहे हैं। वह मानता है कि यदि शुरुआत से ही लक्ष्य तय कर लिया जाए, तो सफलता निश्चित होती है। फिलहाल, वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से पीएचडी कर रहा है। बिना रुके लक्ष्य की ओर बढ़ें महिलाएं सांख्यिकी विभाग की रेणु कुमारी ने कहा कि यह उसके लिए गर्व का क्षण था। फिलहाल वह केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा से पीएचडी कर रही है। उसका मानना है कि महिलाओं को अपने लक्ष्य की ओर बिना रुके बढ़ते रहना चाहिए, आज के समय में महिलाओं के पास ढेरों विकल्प हैं और स्वतंत्रता है। गणित विभाग की निकिता शर्मा ने बताया कि गणित में उत्कृष्ट प्रदर्शन करना उसके लिए जीवन के सबसे खास पलों में से एक है। यह उपलब्धि उसकी कड़ी मेहनत, माता-पिता और दोस्तों के सहयोग का परिणाम है। उसकी प्रेरणा का स्रोत आईएएस टीना डाबी हैं, जिसने उसे निरंतर प्रयास और धैर्य सीखा है। उसका मानना है कि नियमित और एकाग्र अध्ययन ही सफलता की कुंजी है। सही दिशा न मिलने पर भी सकारात्मक दृष्टिकोण से सफलता संभव रसायन विज्ञान विभाग की चेतना सैनी ने कहा कि उन्होंने नेट और गेट क्वालिफाइड किया है। वर्तमान में आईआईटी रुड़की से पीएचडी कर रही हैं। शुरुआत में टॉपर बनने का सपना नहीं था, लेकिन एकेडमिक में रुचि बढ़ती गई। कल्पना चावला से प्रेरित चेतना मानती हैं कि सही दिशा न मिलने पर भी सकारात्मक दृष्टिकोण से सफलता संभव है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
