<p style=”text-align: justify;”><strong>Dehradun</strong> <strong>News</strong><strong>:</strong> उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने जातिगत जनगणना (Caste Census) को ऐतिहासिक करार देते हुए इसे मोदी सरकार की पारदर्शी और साक्ष्य-आधारित नीतियों का प्रमाण बताया. उन्होंने कहा कि 94 वर्ष बाद केंद्र सरकार ने इस जनगणना को पुनर्जनन देकर सामाजिक और आर्थिक नीतियों को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>1931 में हुई थी जनगणना </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदेश भाजपा मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में भट्ट ने बताया कि आखिरी बार 1931 में ब्रिटिश शासन के दौरान जातिगत जनगणना हुई थी, जब पाकिस्तान और बांग्लादेश भी भारत का हिस्सा थे. उस समय ओबीसी वर्ग की संख्या 27 करोड़ थी, लेकिन इसके बाद अनुसूचित जाति और जनजातियों को छोड़कर अन्य जातियों की राष्ट्रीय स्तर पर कोई आधिकारिक गणना नहीं हुई. 2011 की जनगणना में भी ओबीसी आंकड़े शामिल नहीं हो सके, जिससे नीति निर्माण में सटीक डेटा की कमी रही.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जातिगत जनगणना से नीतियों में पारदर्शिता</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>महेंद्र भट्ट ने कहा कि जातिगत जनगणना से सरकार को हर वर्ग की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का सटीक आकलन करने में मदद मिलेगी. इससे कल्याणकारी योजनाएं जरूरतमंदों तक प्रभावी ढंग से पहुंचेंगी और नीतियों में पारदर्शिता आएगी. उन्होंने इसे समावेशी विकास की दिशा में एक ठोस कदम बताया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांग्रेस पर दोगली नीति का आरोप</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए भट्ट ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस <a title=”जातिगत जनगणना” href=”https://www.abplive.com/topic/caste-census” data-type=”interlinkingkeywords”>जातिगत जनगणना</a> की वकालत करती है, लेकिन सत्ता में आने पर इस मुद्दे पर चुप्पी साध लेती है. उन्होंने नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक के कांग्रेस नेतृत्व पर इस जनगणना का विरोध करने का आरोप लगाया. तेलंगाना में कांग्रेस सरकार द्वारा कराए गए जातीय सर्वेक्षण की रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने पर भी सवाल उठाए, जिससे उनकी मंशा पर संदेह पैदा होता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मोदी सरकार का समावेशी विकास का वादा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भट्ट ने कहा कि मोदी सरकार का यह निर्णय केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसके आधार पर नीति निर्धारण की मजबूत नींव तैयार होगी. यह कदम हर वर्ग को न्याय और समान अवसर प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भट्ट ने <a title=”ऑपरेशन सिंदूर” href=”https://www.abplive.com/topic/operation-sindoor” data-type=”interlinkingkeywords”>ऑपरेशन सिंदूर</a> का उल्लेख करते हुए कहा कि इस अभियान में आतंक के टॉप कमांडर मारे गए हैं, जो पाकिस्तान के लिए सबक है. उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए सरकार पूरी तरह सजग और सक्षम है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Dehradun</strong> <strong>News</strong><strong>:</strong> उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने जातिगत जनगणना (Caste Census) को ऐतिहासिक करार देते हुए इसे मोदी सरकार की पारदर्शी और साक्ष्य-आधारित नीतियों का प्रमाण बताया. उन्होंने कहा कि 94 वर्ष बाद केंद्र सरकार ने इस जनगणना को पुनर्जनन देकर सामाजिक और आर्थिक नीतियों को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>1931 में हुई थी जनगणना </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदेश भाजपा मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में भट्ट ने बताया कि आखिरी बार 1931 में ब्रिटिश शासन के दौरान जातिगत जनगणना हुई थी, जब पाकिस्तान और बांग्लादेश भी भारत का हिस्सा थे. उस समय ओबीसी वर्ग की संख्या 27 करोड़ थी, लेकिन इसके बाद अनुसूचित जाति और जनजातियों को छोड़कर अन्य जातियों की राष्ट्रीय स्तर पर कोई आधिकारिक गणना नहीं हुई. 2011 की जनगणना में भी ओबीसी आंकड़े शामिल नहीं हो सके, जिससे नीति निर्माण में सटीक डेटा की कमी रही.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जातिगत जनगणना से नीतियों में पारदर्शिता</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>महेंद्र भट्ट ने कहा कि जातिगत जनगणना से सरकार को हर वर्ग की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का सटीक आकलन करने में मदद मिलेगी. इससे कल्याणकारी योजनाएं जरूरतमंदों तक प्रभावी ढंग से पहुंचेंगी और नीतियों में पारदर्शिता आएगी. उन्होंने इसे समावेशी विकास की दिशा में एक ठोस कदम बताया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांग्रेस पर दोगली नीति का आरोप</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए भट्ट ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस <a title=”जातिगत जनगणना” href=”https://www.abplive.com/topic/caste-census” data-type=”interlinkingkeywords”>जातिगत जनगणना</a> की वकालत करती है, लेकिन सत्ता में आने पर इस मुद्दे पर चुप्पी साध लेती है. उन्होंने नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक के कांग्रेस नेतृत्व पर इस जनगणना का विरोध करने का आरोप लगाया. तेलंगाना में कांग्रेस सरकार द्वारा कराए गए जातीय सर्वेक्षण की रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने पर भी सवाल उठाए, जिससे उनकी मंशा पर संदेह पैदा होता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मोदी सरकार का समावेशी विकास का वादा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भट्ट ने कहा कि मोदी सरकार का यह निर्णय केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसके आधार पर नीति निर्धारण की मजबूत नींव तैयार होगी. यह कदम हर वर्ग को न्याय और समान अवसर प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भट्ट ने <a title=”ऑपरेशन सिंदूर” href=”https://www.abplive.com/topic/operation-sindoor” data-type=”interlinkingkeywords”>ऑपरेशन सिंदूर</a> का उल्लेख करते हुए कहा कि इस अभियान में आतंक के टॉप कमांडर मारे गए हैं, जो पाकिस्तान के लिए सबक है. उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए सरकार पूरी तरह सजग और सक्षम है.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Rajasthan: जैसलमेर में बुजुर्ग को बुलाकर लड़की ने की अश्लील हरकत, बाद में वेबसाइट पर अपलोड किया वीडियो
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