मां बगलामुखी धाम में हवन, संकीर्तन और 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाकर भक्तों ने लिया मां का आशीर्वाद

मां बगलामुखी धाम में हवन, संकीर्तन और 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाकर भक्तों ने लिया मां का आशीर्वाद

भास्कर न्यूज | जालंधर सोमवार को मा‌ता बगलामुखी और गीता जयंती के मौके पर शहर में विभिन्न जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। मातारानी का आशीर्वाद लेने उमड़े श्रद्धालुओं ने पीले रंग की खाद्य सामग्री चढ़ाकर मुरादें मांगी। श्रद्धालुओं का हुजूम मंदिर परिसर में उमड़ा तो वहीं मंदिर पीले रंग में रंगे नजर आए। नाचते-गाते, हाथों में पीले झंडे लिए भक्तों ने मां का गुणगान किया। विद्वानों के अनुसार बगलामुखी जयंती, बगलामुखी माता के अवतार दिवस के रूप में मनाई जाती है, जिन्हें माता पीताम्बरा या ब्रह्मास्त्र विद्या भी कहा जाता है। वीरवार को सिटी के मां बगलामुखी मंदिरों में हवन, संकीर्तन करके मां बगलामुखी की जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई। जयंती के मौके पर करवाए गए कार्यक्रम में मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में माथा टेकते श्रद्धालु (दाएं) ढोल की धुन पर नाचते भक्त। मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में कार्यक्रम आयोजित किया गया। मंदिर के पंडितों ने सुबह 6:30 बजे विधिवत पूजन व हवन यज्ञ कर कार्यक्रम की शुरुआत की। धार्मिक आयोजन में अध्यक्षता धाम के संचालक नवजीत भारद्वाज ने की। उन्होंने विधिवत पूजन करके भक्तों से हवन कुंड में आहुतियां डलवाईं। हवन के बाद भक्तों ने मां बगलामुखी के भजनों का गुणगान करके भक्तिमय माहौल बनाया। मंदिर परिसर में श्रद्धालु प्रीत नगर से गुलमोहर सिटी तक दंडवत प्रणाम करते मंदिर पहुंचे। विद्वानों ने बताया िक माता बगलामुखी की उपसना शत्रुनाश, वाक-सिद्धि, वाद-विवाद में विजय के लिए की जाती है और इनकी उपसना से भक्त का जीवन हर प्रकार की बाधा से मुक्त हो जाता है। मां को पीला रंग अधिक पसंद है, इसलिए इनकी पूजा मे पीले रंग की सामग्री का उपयोग अधिक होता है। इनकी उपासना में हल्दी की माला, पीले फूल और पीले वस्त्रों का विधान है। देवी बगलामुखी का रंग स्वर्ण के समान पीला होता है। बगलामुखी देवी के मंत्रों से दुखों का नाश होता है। मां की पूजा करते श्रद्धालु। भास्कर न्यूज | जालंधर सोमवार को मा‌ता बगलामुखी और गीता जयंती के मौके पर शहर में विभिन्न जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। मातारानी का आशीर्वाद लेने उमड़े श्रद्धालुओं ने पीले रंग की खाद्य सामग्री चढ़ाकर मुरादें मांगी। श्रद्धालुओं का हुजूम मंदिर परिसर में उमड़ा तो वहीं मंदिर पीले रंग में रंगे नजर आए। नाचते-गाते, हाथों में पीले झंडे लिए भक्तों ने मां का गुणगान किया। विद्वानों के अनुसार बगलामुखी जयंती, बगलामुखी माता के अवतार दिवस के रूप में मनाई जाती है, जिन्हें माता पीताम्बरा या ब्रह्मास्त्र विद्या भी कहा जाता है। वीरवार को सिटी के मां बगलामुखी मंदिरों में हवन, संकीर्तन करके मां बगलामुखी की जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई। जयंती के मौके पर करवाए गए कार्यक्रम में मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में माथा टेकते श्रद्धालु (दाएं) ढोल की धुन पर नाचते भक्त। मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में कार्यक्रम आयोजित किया गया। मंदिर के पंडितों ने सुबह 6:30 बजे विधिवत पूजन व हवन यज्ञ कर कार्यक्रम की शुरुआत की। धार्मिक आयोजन में अध्यक्षता धाम के संचालक नवजीत भारद्वाज ने की। उन्होंने विधिवत पूजन करके भक्तों से हवन कुंड में आहुतियां डलवाईं। हवन के बाद भक्तों ने मां बगलामुखी के भजनों का गुणगान करके भक्तिमय माहौल बनाया। मंदिर परिसर में श्रद्धालु प्रीत नगर से गुलमोहर सिटी तक दंडवत प्रणाम करते मंदिर पहुंचे। विद्वानों ने बताया िक माता बगलामुखी की उपसना शत्रुनाश, वाक-सिद्धि, वाद-विवाद में विजय के लिए की जाती है और इनकी उपसना से भक्त का जीवन हर प्रकार की बाधा से मुक्त हो जाता है। मां को पीला रंग अधिक पसंद है, इसलिए इनकी पूजा मे पीले रंग की सामग्री का उपयोग अधिक होता है। इनकी उपासना में हल्दी की माला, पीले फूल और पीले वस्त्रों का विधान है। देवी बगलामुखी का रंग स्वर्ण के समान पीला होता है। बगलामुखी देवी के मंत्रों से दुखों का नाश होता है। मां की पूजा करते श्रद्धालु।   पंजाब | दैनिक भास्कर