मायावती की रणनीति से बदलेगा दक्षिण–पश्चिम का सियासी समीकरण:BSP ने भाषा और नई शिक्षा-नीति को लेकर केंद्र पर साधा निशाना, संगठन विस्तार पर मंथन

मायावती की रणनीति से बदलेगा दक्षिण–पश्चिम का सियासी समीकरण:BSP ने भाषा और नई शिक्षा-नीति को लेकर केंद्र पर साधा निशाना, संगठन विस्तार पर मंथन

बहुजन समाज पार्टी (BSP) अब पश्चिम और दक्षिण भारत के राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में पूरी ताकत झोंकने जा रही है। महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में संगठन विस्तार, जनाधार बढ़ाने और पार्टी को जमीनी स्तर पर सक्रिय करने को लेकर दिल्ली में एक अहम बैठक हुई। बैठक में पार्टी नेताओं ने तन, मन और धन से संगठन को मजबूती देने का संकल्प लिया। साथ ही यह भी तय किया गया कि अब इन राज्यों में भी बहुजन आंदोलन की चेतना को व्यापक रूप से फैलाया जाएगा। ‘जनहित’ के मुद्दों पर केंद्र को घेरा मायावती ने बैठक में जनगणना के आधार पर लोकसभा सीटों के पुनः आवंटन, नई शिक्षा नीति और जबरन भाषा थोपने जैसे मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। मायावती ने कहा कि इन विवादित मुद्दों का इस्तेमाल कुछ राजनीतिक दल अपने-अपने स्वार्थ के लिए कर रहे हैं, जिससे आम जनता और देशहित प्रभावित हो रहा है। मायावती ने दो टूक कहा— गुड गवर्नेंस वही है जो पूरे देश को संविधान के मुताबिक साथ लेकर चले, न कि कुछ राज्यों को साथ रखकर बाकी को हाशिए पर ढकेल दे। ‘भाषा’ पर सियासत बंद करे सरकार: BSP मायावती ने बैठक में यह भी गहरी चिंता जताई कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दलित, आदिवासी, पिछड़े और गरीब तबके के बच्चे अगर अंग्रेजी भाषा नहीं सीख पाएंगे तो वे आईटी और स्किल आधारित क्षेत्रों में कैसे आगे बढ़ पाएंगे ? मायावती ने ने केंद्र सरकार को नसीहत दी कि भाषा के नाम पर किसी प्रकार की नफरत या दबाव उचित नहीं है। भाषा का चुनाव लोकतांत्रिक होना चाहिए, न कि राजनीतिक। बहुजन समाज पार्टी (BSP) अब पश्चिम और दक्षिण भारत के राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में पूरी ताकत झोंकने जा रही है। महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में संगठन विस्तार, जनाधार बढ़ाने और पार्टी को जमीनी स्तर पर सक्रिय करने को लेकर दिल्ली में एक अहम बैठक हुई। बैठक में पार्टी नेताओं ने तन, मन और धन से संगठन को मजबूती देने का संकल्प लिया। साथ ही यह भी तय किया गया कि अब इन राज्यों में भी बहुजन आंदोलन की चेतना को व्यापक रूप से फैलाया जाएगा। ‘जनहित’ के मुद्दों पर केंद्र को घेरा मायावती ने बैठक में जनगणना के आधार पर लोकसभा सीटों के पुनः आवंटन, नई शिक्षा नीति और जबरन भाषा थोपने जैसे मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। मायावती ने कहा कि इन विवादित मुद्दों का इस्तेमाल कुछ राजनीतिक दल अपने-अपने स्वार्थ के लिए कर रहे हैं, जिससे आम जनता और देशहित प्रभावित हो रहा है। मायावती ने दो टूक कहा— गुड गवर्नेंस वही है जो पूरे देश को संविधान के मुताबिक साथ लेकर चले, न कि कुछ राज्यों को साथ रखकर बाकी को हाशिए पर ढकेल दे। ‘भाषा’ पर सियासत बंद करे सरकार: BSP मायावती ने बैठक में यह भी गहरी चिंता जताई कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दलित, आदिवासी, पिछड़े और गरीब तबके के बच्चे अगर अंग्रेजी भाषा नहीं सीख पाएंगे तो वे आईटी और स्किल आधारित क्षेत्रों में कैसे आगे बढ़ पाएंगे ? मायावती ने ने केंद्र सरकार को नसीहत दी कि भाषा के नाम पर किसी प्रकार की नफरत या दबाव उचित नहीं है। भाषा का चुनाव लोकतांत्रिक होना चाहिए, न कि राजनीतिक।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर