मायावती ने भतीजे आकाश को पार्टी से निकाला:कहा- वे ससुर के इशारों पर काम कर रहे थे; 15 महीने में 2 बार उत्तराधिकारी बनाया और हटाया

मायावती ने भतीजे आकाश को पार्टी से निकाला:कहा- वे ससुर के इशारों पर काम कर रहे थे; 15 महीने में 2 बार उत्तराधिकारी बनाया और हटाया

बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार को अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निकाल दिया। उन्होंने कहा कि आकाश को पश्चाताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी। लेकिन आकाश ने जो प्रतिक्रिया दी, वह राजनीतिक मैच्योरिटी नहीं है। वो अपने ससुर के प्रभाव में स्वार्थी, अहंकारी हो गया है। बसपा सुप्रीमो ने एक दिन पहले ही आकाश को पार्टी के सभी पदों से हटाया था और कहा था कि वे उनके उत्तराधिकारी नहीं हैं। उन्होंने कहा था, ‘मेरे जीते-जी और आखिरी सांस तक पार्टी में मेरा कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। मेरे लिए पार्टी और आंदोलन सबसे पहले हैं, परिवार और रिश्ते बाद में आते हैं। जब तक मैं जीवित रहूंगी, तब तक पूरी ईमानदारी से पार्टी को आगे बढ़ाती रहूंगी।’ 15 महीने में 2 बार उत्तराधिकारी बनाया आकाश मायावती के सबसे छोटे भाई के बेटे हैं। उन्हें 15 महीने में 2 बार उत्तराधिकारी घोषित किया गया, लेकिन दोनों ही बार हटा दिया। सबसे पहले 10 दिसंबर, 2023 को उत्तराधिकारी बनाया। 7 मई, 2024 को गलतबयानी की वजह से सभी जिम्मेदारियां छीन ली गईं। 23 जून 2024 को फिर से उत्तराधिकारी बनाया और नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी भी सौंप दी, लेकिन 2 मार्च 2025 को उनसे फिर सारी जिम्मेदारियां छीन लीं। 3 मार्च को उन्हें पार्टी से ही बाहर कर दिया गया। मायावती ने 3 ट्वीट कर जानकारी दी आकाश ने कहा था- बहनजी का फैसला पत्थर की लकीर
आकाश ने बसपा के सभी पदों से हटाए जाने के बाद कहा था, ‘बहनजी का हर फैसला मेरे लिए पत्थर की लकीर के जैसा है। मैं उनके हर फैसले का सम्मान करता हूं। उनके हर फैसले के साथ खड़ा हूं। परीक्षा कठिन और लड़ाई लंबी है। बहुजन मिशन और मूवमेंट के एक सच्चे कार्यकर्ता की तरह मैं पार्टी और मिशन के लिए पूरी निष्ठा से काम करता रहूंगा। आखिरी सांस तक अपने समाज के हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा।’ मायावती ने 2 मार्च को आकाश से सभी पद छीने थे
रविवार, 2 मार्च को मायावती ने लखनऊ में बसपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में कहा था, ‘मैं बताना चाहती हूं कि अब हमने अपने बच्चों के रिश्ते गैर-राजनीतिक परिवारों में ही करने का फैसला किया है।
बसपा सुप्रीमो ने 16 फरवरी को भतीजे आकाश को अल्टीमेटम दिया था। कहा था, ‘बसपा का वास्तविक उत्तराधिकारी वही होगा, जो कांशीराम की तरह हर दुख-तकलीफ उठाकर पार्टी के लिए आखिरी सांस तक जी-जान लगाकर लड़े और पार्टी मूवमेंट को आगे बढ़ाता रहे।’ मायावती ने आकाश के ससुर सिद्धार्थ को 18 दिन पहले पार्टी से निकाला था 18 दिन पहले 12 फरवरी को मायावती ने भतीजे आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ और उनके करीबी नितिन सिंह को भी पार्टी से बाहर कर दिया। यह एक्शन संगठन में गुटबाजी और अनुशासनहीनता पर लिया था। कहा था- दक्षिणी राज्यों के प्रभारी रहे डॉ अशोक सिद्धार्थ और नितिन सिंह चेतावनी के बाद भी पार्टी में गुटबाजी कर रहे थे। इन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के चलते तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है। आकाश ने 2017 में राजनीति में की थी एंट्री
आकाश आनंद पहली बार 2017 में सहारनपुर की जनसभा में मायावती के साथ दिखे थे। इसके बाद वह लगातार पार्टी का काम कर रहे थे। 2019 में उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया। यह फैसला तब लिया गया जब सपा और बसपा का गठबंधन लोकसभा चुनाव के बाद टूटा। 2022 के हिमाचल विधानसभा चुनाव में पहली बार आकाश आनंद का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में आया था। आकाश ने लंदन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की पढ़ाई की है। आकाश की शादी बसपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य अशोक सिद्धार्थ की बेटी डॉ. प्रज्ञा से हुई है। ————————— ये खबरें भी पढ़ें मायावती ने भतीजे आकाश से उत्तराधिकार छीना, एक साल में दूसरी बार सभी पद से हटाया; बोलीं- जीते-जी किसी को जिम्मेदारी नहीं दूंगी बसपा प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद से सभी जिम्मेदारियां छीन ली हैं। एक साल में दूसरी बार आकाश आनंद को उत्तराधिकारी और नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया है। उन्होंने कहा- जीते-जी किसी को भी अपना उत्तराधिकारी घोषित नहीं करूंगी। यह खबर भी पढ़ें क्या आकाश की पॉपुलैरिटी से डर गईं मायावती, परिवार में दिखने लगी थी पार्टी की गुटबाजी; भतीजे को किनारे करने के 3 बड़े कारण 15 दिन पहले दिए गए अल्टीमेटम के बाद रविवार (2 मार्च) को बसपा सुप्रीमो मायावती ने कड़ी बात कहते हुए भतीजे आकाश आनंद को न सिर्फ अपने उत्तराधिकारी, बल्कि पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया। इससे पहले 12 फरवरी को मायावती ने उनके ससुर एवं दक्षिणी राज्यों के प्रभारी रहे डॉ. अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। उन पर गुटबाजी को बढ़ाने और पार्टी विरोधी गतिविधियों का गंभीर आरोप लगाया था। यहां पढ़ें पूरी खबर बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार को अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निकाल दिया। उन्होंने कहा कि आकाश को पश्चाताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी। लेकिन आकाश ने जो प्रतिक्रिया दी, वह राजनीतिक मैच्योरिटी नहीं है। वो अपने ससुर के प्रभाव में स्वार्थी, अहंकारी हो गया है। बसपा सुप्रीमो ने एक दिन पहले ही आकाश को पार्टी के सभी पदों से हटाया था और कहा था कि वे उनके उत्तराधिकारी नहीं हैं। उन्होंने कहा था, ‘मेरे जीते-जी और आखिरी सांस तक पार्टी में मेरा कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। मेरे लिए पार्टी और आंदोलन सबसे पहले हैं, परिवार और रिश्ते बाद में आते हैं। जब तक मैं जीवित रहूंगी, तब तक पूरी ईमानदारी से पार्टी को आगे बढ़ाती रहूंगी।’ 15 महीने में 2 बार उत्तराधिकारी बनाया आकाश मायावती के सबसे छोटे भाई के बेटे हैं। उन्हें 15 महीने में 2 बार उत्तराधिकारी घोषित किया गया, लेकिन दोनों ही बार हटा दिया। सबसे पहले 10 दिसंबर, 2023 को उत्तराधिकारी बनाया। 7 मई, 2024 को गलतबयानी की वजह से सभी जिम्मेदारियां छीन ली गईं। 23 जून 2024 को फिर से उत्तराधिकारी बनाया और नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी भी सौंप दी, लेकिन 2 मार्च 2025 को उनसे फिर सारी जिम्मेदारियां छीन लीं। 3 मार्च को उन्हें पार्टी से ही बाहर कर दिया गया। मायावती ने 3 ट्वीट कर जानकारी दी आकाश ने कहा था- बहनजी का फैसला पत्थर की लकीर
आकाश ने बसपा के सभी पदों से हटाए जाने के बाद कहा था, ‘बहनजी का हर फैसला मेरे लिए पत्थर की लकीर के जैसा है। मैं उनके हर फैसले का सम्मान करता हूं। उनके हर फैसले के साथ खड़ा हूं। परीक्षा कठिन और लड़ाई लंबी है। बहुजन मिशन और मूवमेंट के एक सच्चे कार्यकर्ता की तरह मैं पार्टी और मिशन के लिए पूरी निष्ठा से काम करता रहूंगा। आखिरी सांस तक अपने समाज के हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा।’ मायावती ने 2 मार्च को आकाश से सभी पद छीने थे
रविवार, 2 मार्च को मायावती ने लखनऊ में बसपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में कहा था, ‘मैं बताना चाहती हूं कि अब हमने अपने बच्चों के रिश्ते गैर-राजनीतिक परिवारों में ही करने का फैसला किया है।
बसपा सुप्रीमो ने 16 फरवरी को भतीजे आकाश को अल्टीमेटम दिया था। कहा था, ‘बसपा का वास्तविक उत्तराधिकारी वही होगा, जो कांशीराम की तरह हर दुख-तकलीफ उठाकर पार्टी के लिए आखिरी सांस तक जी-जान लगाकर लड़े और पार्टी मूवमेंट को आगे बढ़ाता रहे।’ मायावती ने आकाश के ससुर सिद्धार्थ को 18 दिन पहले पार्टी से निकाला था 18 दिन पहले 12 फरवरी को मायावती ने भतीजे आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ और उनके करीबी नितिन सिंह को भी पार्टी से बाहर कर दिया। यह एक्शन संगठन में गुटबाजी और अनुशासनहीनता पर लिया था। कहा था- दक्षिणी राज्यों के प्रभारी रहे डॉ अशोक सिद्धार्थ और नितिन सिंह चेतावनी के बाद भी पार्टी में गुटबाजी कर रहे थे। इन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के चलते तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है। आकाश ने 2017 में राजनीति में की थी एंट्री
आकाश आनंद पहली बार 2017 में सहारनपुर की जनसभा में मायावती के साथ दिखे थे। इसके बाद वह लगातार पार्टी का काम कर रहे थे। 2019 में उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया। यह फैसला तब लिया गया जब सपा और बसपा का गठबंधन लोकसभा चुनाव के बाद टूटा। 2022 के हिमाचल विधानसभा चुनाव में पहली बार आकाश आनंद का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में आया था। आकाश ने लंदन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की पढ़ाई की है। आकाश की शादी बसपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य अशोक सिद्धार्थ की बेटी डॉ. प्रज्ञा से हुई है। ————————— ये खबरें भी पढ़ें मायावती ने भतीजे आकाश से उत्तराधिकार छीना, एक साल में दूसरी बार सभी पद से हटाया; बोलीं- जीते-जी किसी को जिम्मेदारी नहीं दूंगी बसपा प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद से सभी जिम्मेदारियां छीन ली हैं। एक साल में दूसरी बार आकाश आनंद को उत्तराधिकारी और नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया है। उन्होंने कहा- जीते-जी किसी को भी अपना उत्तराधिकारी घोषित नहीं करूंगी। यह खबर भी पढ़ें क्या आकाश की पॉपुलैरिटी से डर गईं मायावती, परिवार में दिखने लगी थी पार्टी की गुटबाजी; भतीजे को किनारे करने के 3 बड़े कारण 15 दिन पहले दिए गए अल्टीमेटम के बाद रविवार (2 मार्च) को बसपा सुप्रीमो मायावती ने कड़ी बात कहते हुए भतीजे आकाश आनंद को न सिर्फ अपने उत्तराधिकारी, बल्कि पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया। इससे पहले 12 फरवरी को मायावती ने उनके ससुर एवं दक्षिणी राज्यों के प्रभारी रहे डॉ. अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। उन पर गुटबाजी को बढ़ाने और पार्टी विरोधी गतिविधियों का गंभीर आरोप लगाया था। यहां पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर