मायावती लेंगी राजनीति से संन्यास? BSP चीफ बोलीं- मुझे राष्ट्रपति बनाने की अफवाह भी उड़ी लेकिन…

मायावती लेंगी राजनीति से संन्यास? BSP चीफ बोलीं- मुझे राष्ट्रपति बनाने की अफवाह भी उड़ी लेकिन…

<p style=”text-align: justify;”><strong>UP Politics:</strong> बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले बड़ा बयान जारी किया है. मायावती ने उन दावों पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें कहा जा रहा था कि वह अब बसपा की बागडोर छोड़ देंगी. हालांकि उन्होंने इन सब दावों से इनकार किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सोशल मीडिया साइट एक्स पर बसपा चीफ ने लिखा- बहुजनों के अम्बेडकरवादी कारवाँ को कमजोर करने की विरोधियों की साजिशों को विफल करने के संकल्प हेतु बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर कांशीराम की तरह ही मेरी जिन्दगी की आखिरी सांस तक बीएसपी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट को समर्पित रहने का फैसला अटल.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”hi”>1. बहुजनों के अम्बेडकरवादी कारवाँ को कमजोर करने की विरोधियों की साजिशों को विफल करने के संकल्प हेतु बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी की तरह ही मेरी जिन्दगी की आखिरी सांस तक बीएसपी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट को समर्पित रहने का फैसला अटल.</p>
&mdash; Mayawati (@Mayawati) <a href=”https://twitter.com/Mayawati/status/1827944380067447155?ref_src=twsrc%5Etfw”>August 26, 2024</a></blockquote>
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<p style=”text-align: justify;”>मायावती ने लिखा- अर्थात सक्रिय राजनीति से मेरा सन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है. जबसे पार्टी ने आकाश आनन्द को मेरे ना रहने पर या अस्वस्थ विकट हालात में उसे बीएसपी के उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है तबसे जातिवादी मीडिया ऐसी फेक न्यूज प्रचारित कर रहा है जिससे लोग सावधान रहें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-politics-will-bsp-chief-retire-from-politics-mayawati-made-this-claim-before-the-national-executive-meeting-2769164″><strong>’विपक्षी दलों को फिलिस्तीन दिखता है बांग्लादेश नहीं क्योंकि तोड़े जा रहे मंदिर’- सीएम योगी</strong></a></p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”hi”>3. हालाँकि पहले भी मुझे राष्ट्रपति बनाए जाने की अफवाह उड़ाई गयी, जबकि मान्यवर श्री कांशीराम जी ने ऐसे ही आफर को यह कहकर ठुकरा दिया था कि राष्ट्रपति बनने का मतलब है सक्रिय राजनीति से सन्यास लेना जो पार्टी हित में उन्हें गवारा नहीं था, तो फिर उनकी शिष्या को यह स्वीकारना कैसे संभव?</p>
&mdash; Mayawati (@Mayawati) <a href=”https://twitter.com/Mayawati/status/1827944297754190130?ref_src=twsrc%5Etfw”>August 26, 2024</a></blockquote>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>कल है राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक</strong><br />यूपी की पूर्व सीएम ने लिखा कि हालाँकि पहले भी मुझे राष्ट्रपति बनाए जाने की अफवाह उड़ाई गयी, जबकि मान्यवर श्री कांशीराम जी ने ऐसे ही आफर को यह कहकर ठुकरा दिया था कि राष्ट्रपति बनने का मतलब है सक्रिय राजनीति से सन्यास लेना जो पार्टी हित में उन्हें गवारा नहीं था, तो फिर उनकी शिष्या को यह स्वीकारना कैसे संभव?</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें मायावती से पहले कांशीराम पार्टी के अध्यक्ष चुने जाते थे. उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद मायावती पहली बार 18 सितंबर 2003 को अध्यक्ष चुनी गई थीं. लखनऊ में होने वाली बैठक का पहला एजेंडा पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव है. फिर दलित रिजर्वेशन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ मायावती देश भर में जन समर्थन जुटाना चाहती हैं. उन्होंने मोदी सरकार से संसद में बिल लाकर कोर्ट के फैसले को बदलने की मांग की है. इसी इमोशनल मामले से मायावती अपनी खोए हुए जनाधार को वापस पाने की तैयारी में हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Politics:</strong> बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले बड़ा बयान जारी किया है. मायावती ने उन दावों पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें कहा जा रहा था कि वह अब बसपा की बागडोर छोड़ देंगी. हालांकि उन्होंने इन सब दावों से इनकार किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सोशल मीडिया साइट एक्स पर बसपा चीफ ने लिखा- बहुजनों के अम्बेडकरवादी कारवाँ को कमजोर करने की विरोधियों की साजिशों को विफल करने के संकल्प हेतु बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर कांशीराम की तरह ही मेरी जिन्दगी की आखिरी सांस तक बीएसपी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट को समर्पित रहने का फैसला अटल.</p>
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<p dir=”ltr” lang=”hi”>1. बहुजनों के अम्बेडकरवादी कारवाँ को कमजोर करने की विरोधियों की साजिशों को विफल करने के संकल्प हेतु बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी की तरह ही मेरी जिन्दगी की आखिरी सांस तक बीएसपी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट को समर्पित रहने का फैसला अटल.</p>
&mdash; Mayawati (@Mayawati) <a href=”https://twitter.com/Mayawati/status/1827944380067447155?ref_src=twsrc%5Etfw”>August 26, 2024</a></blockquote>
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<p style=”text-align: justify;”>मायावती ने लिखा- अर्थात सक्रिय राजनीति से मेरा सन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है. जबसे पार्टी ने आकाश आनन्द को मेरे ना रहने पर या अस्वस्थ विकट हालात में उसे बीएसपी के उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है तबसे जातिवादी मीडिया ऐसी फेक न्यूज प्रचारित कर रहा है जिससे लोग सावधान रहें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-politics-will-bsp-chief-retire-from-politics-mayawati-made-this-claim-before-the-national-executive-meeting-2769164″><strong>’विपक्षी दलों को फिलिस्तीन दिखता है बांग्लादेश नहीं क्योंकि तोड़े जा रहे मंदिर’- सीएम योगी</strong></a></p>
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<p dir=”ltr” lang=”hi”>3. हालाँकि पहले भी मुझे राष्ट्रपति बनाए जाने की अफवाह उड़ाई गयी, जबकि मान्यवर श्री कांशीराम जी ने ऐसे ही आफर को यह कहकर ठुकरा दिया था कि राष्ट्रपति बनने का मतलब है सक्रिय राजनीति से सन्यास लेना जो पार्टी हित में उन्हें गवारा नहीं था, तो फिर उनकी शिष्या को यह स्वीकारना कैसे संभव?</p>
&mdash; Mayawati (@Mayawati) <a href=”https://twitter.com/Mayawati/status/1827944297754190130?ref_src=twsrc%5Etfw”>August 26, 2024</a></blockquote>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>कल है राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक</strong><br />यूपी की पूर्व सीएम ने लिखा कि हालाँकि पहले भी मुझे राष्ट्रपति बनाए जाने की अफवाह उड़ाई गयी, जबकि मान्यवर श्री कांशीराम जी ने ऐसे ही आफर को यह कहकर ठुकरा दिया था कि राष्ट्रपति बनने का मतलब है सक्रिय राजनीति से सन्यास लेना जो पार्टी हित में उन्हें गवारा नहीं था, तो फिर उनकी शिष्या को यह स्वीकारना कैसे संभव?</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें मायावती से पहले कांशीराम पार्टी के अध्यक्ष चुने जाते थे. उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद मायावती पहली बार 18 सितंबर 2003 को अध्यक्ष चुनी गई थीं. लखनऊ में होने वाली बैठक का पहला एजेंडा पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव है. फिर दलित रिजर्वेशन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ मायावती देश भर में जन समर्थन जुटाना चाहती हैं. उन्होंने मोदी सरकार से संसद में बिल लाकर कोर्ट के फैसले को बदलने की मांग की है. इसी इमोशनल मामले से मायावती अपनी खोए हुए जनाधार को वापस पाने की तैयारी में हैं.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Vinesh Phogat: विनेश फोगाट को मिला इतने तोले का ‘गोल्ड मेडल’, एक बार फिर भरी हुंकार, ‘लड़ाई तो अब…’