<p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar News:</strong> बिहार के मधेपुरा जिले में स्थानांतरण के बाद भी अपनी जगह तैनात हुए अधिकारियों को मामलों की फाइल (केस फाइल) नहीं सौंपने के आरोप में करीब 31 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है. पुलिस के एक बयान में कहा, ‘‘कई मामलों में जांच अधर में लटकी हुई थी, क्योंकि तत्कालीन जांच अधिकारियों का तबादला हो गया और बार-बार याद दिलाने के बाद भी उन्होंने फाइल अपनी जगह तैनात हुए अधिकारी को नहीं सौंपी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सभी संबंधित अधिकारियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इससे पहले इसी तरह के कारणों पर गोपालगंज जिले में पुलिस के 53 अधिकारियों और मुजफ्फरपुर जिले में पुलिस के 134 अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पूर्वी चंपारण में 104 पुलिसकर्मियों का रोका गया था वेतन</strong><br />इससे पहले जनवरी माह में पूर्वी चंपारण में भी बिहार पुलिस ने तबादले के बाद अपने रिलीवर को केस फाइलें न सौंपने पर 104 पुलिसकर्मियों का वेतन रोक दिया था. केस फाइलें न सौंपने की वजह से 990 मामलों की जांच प्रभावित हो रही थी. 104 पुलिसकर्मियों का वेतन रोककर उन्हें 24 घंटे के भीतर संबंधित पुलिसकर्मियों को केस फाइल सौंपने के लिए कहा गया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गोपालगंज में 53 पुलिसकर्मियों पर दर्ज हुए केस</strong><br />जनवरी माह में ही गोपालगंज जिले में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया था. 53 से अधिक पुलिस अधिकारियों पर उनके स्थानांतरण के बाद भी केस फाइल अपने रिलीवर को नहीं सौंपने के लिए केस दर्ज किए गए थे. पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित ने पिछले दिनों जब लंबित केसों के समीक्षा की तो पता चला पांच से दस सालों से पेंडिग पड़े हुए हैं. इन सभी केस के आइओ जिले से ट्रांसफर होकर दूसरे जिले में चले गए साथ ही कई आपराधिक वारदातों की जांच फाइल भी अपने साथ ले गए. जिसकी वजह से केस पेंडिंग पड़े हुए थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/jZI3Pgz2_E4?si=PAd70E8RuReQHnhb” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”रोहतास में प्रेम-प्रसंग में लड़की पर दिनदहाड़े हमला, कान काटकर फरार हुआ आरोपी आशिक” href=”https://www.abplive.com/states/bihar/sp-awadhesh-dixit-lodged-fir-against-53-police-officers-for-negligence-in-work-in-gopalganj-bihar-ann-2864958″ target=”_blank” rel=”noopener”>रोहतास में प्रेम-प्रसंग में लड़की पर दिनदहाड़े हमला, कान काटकर फरार हुआ आरोपी आशिक</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar News:</strong> बिहार के मधेपुरा जिले में स्थानांतरण के बाद भी अपनी जगह तैनात हुए अधिकारियों को मामलों की फाइल (केस फाइल) नहीं सौंपने के आरोप में करीब 31 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है. पुलिस के एक बयान में कहा, ‘‘कई मामलों में जांच अधर में लटकी हुई थी, क्योंकि तत्कालीन जांच अधिकारियों का तबादला हो गया और बार-बार याद दिलाने के बाद भी उन्होंने फाइल अपनी जगह तैनात हुए अधिकारी को नहीं सौंपी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सभी संबंधित अधिकारियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इससे पहले इसी तरह के कारणों पर गोपालगंज जिले में पुलिस के 53 अधिकारियों और मुजफ्फरपुर जिले में पुलिस के 134 अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पूर्वी चंपारण में 104 पुलिसकर्मियों का रोका गया था वेतन</strong><br />इससे पहले जनवरी माह में पूर्वी चंपारण में भी बिहार पुलिस ने तबादले के बाद अपने रिलीवर को केस फाइलें न सौंपने पर 104 पुलिसकर्मियों का वेतन रोक दिया था. केस फाइलें न सौंपने की वजह से 990 मामलों की जांच प्रभावित हो रही थी. 104 पुलिसकर्मियों का वेतन रोककर उन्हें 24 घंटे के भीतर संबंधित पुलिसकर्मियों को केस फाइल सौंपने के लिए कहा गया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गोपालगंज में 53 पुलिसकर्मियों पर दर्ज हुए केस</strong><br />जनवरी माह में ही गोपालगंज जिले में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया था. 53 से अधिक पुलिस अधिकारियों पर उनके स्थानांतरण के बाद भी केस फाइल अपने रिलीवर को नहीं सौंपने के लिए केस दर्ज किए गए थे. पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित ने पिछले दिनों जब लंबित केसों के समीक्षा की तो पता चला पांच से दस सालों से पेंडिग पड़े हुए हैं. इन सभी केस के आइओ जिले से ट्रांसफर होकर दूसरे जिले में चले गए साथ ही कई आपराधिक वारदातों की जांच फाइल भी अपने साथ ले गए. जिसकी वजह से केस पेंडिंग पड़े हुए थे. </p>
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मुजफ्फरपुर, गोपालगंज के बाद अब मधेपुरा में 31 पुलिस अधिकारियों पर केस दर्ज, सामने आई बड़ी वजह
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