राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से महज 80 किलोमीटर दूर बसा मेवात जिला एक ऐसा पिछड़ा जिला है, जहां मेट्रो और वंदे भारत जैसी ट्रेन के जमाने में यहां के लोगों के लिए सामान्य रेल भी एक सपने की तरह है। क्षेत्र में रेल की सीटी बजे इस सपने को देखते हुए कई पीढ़ियां चली गई। सरकारें भी चली गई। लेकिन नायब सैनी की सरकार में अब मेवात वासियों का सपना साकार होता दिख रहा है। गुरुग्राम से अलग होकर मेवात 2005 में प्रदेश का 20वां जिला बना था। इस जिले के हजारों लोग अपने शहर में रेल देखे बिना ही दुनिया को अलविदा कह गए और कुछ लोग उम्र के आखिरी पड़ाव पर हैं। मेवात के करीब 70 फीसदी लोगों ने कभी रेल को देखा तक नहीं है, उसमें सफर करना तो दूर की बात है। रेल के लिए मेवात के सामाजिक संगठनों ने कई बार आंदोलन भी किया। लेकिन मांग पूरी नहीं हुई। इसके साथ ही चुनावों के समय राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों ने मेवात को रेलवे लाइन से जोड़ने का आश्वासन देकर खूब वोट बटोरे, लेकिन यहां के लोगों को रेलवे का सफर नसीब नहीं हुआ। रेल आने से खुलेंगे विकास के रास्ते मेवात जिले में रेल की कनेक्टिविटी से क्षेत्र में विकास के रास्ते खुलेंगे। रेल मिलने से लोग यहां से दूध, सब्जी का व्यापार कर एनसीआर के बड़े शहरों तक अपनी पकड़ बनाकर बेरोजगारी के कलंक को भी मिटा सकेंगे। वहीं युवाओं के लिए भी नौकरी के रास्ते खुलेंगे। क्षेत्र के युवा जहां शिक्षा ग्रहण करने के लिए बड़े बड़े शहरों में जा सकेंगे वहीं जिले की लड़कियों को भी बहार बेहतर शिक्षा के संसाधन मिलेंगे। रेल मंत्रालय ने दी मंजूरी मेवात के लोगों की दशकों पुरानी मांग को भाजपा की सरकार ने अब हरी झड़ी दिखाई है। केंद्रीय बजट में रेल मंत्रालय ने दिल्ली-सोहना-नूंह-फिरोजपुर झिरका और अलवर रेलवे लाइन को मंजूरी दे दी है। 104 किलोमीटर लंबी इस लाइन के लिए 2500 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया गया है। मंजूरी के बाद रेलवे ने लाइन के लिए बजट हेड खोल दिया है। जल्द ही इस लाइन के लिए रेलवे की ओर से सर्वे शुरू किया जाएगा। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रेसवार्ता कर यह जानकारी दी है कि मेवात से जल्द जी रेल लाइन निकाली जाएगी। सरकार की इस घोषणा से क्षेत्र के लोगों में खुशी का माहौल है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से महज 80 किलोमीटर दूर बसा मेवात जिला एक ऐसा पिछड़ा जिला है, जहां मेट्रो और वंदे भारत जैसी ट्रेन के जमाने में यहां के लोगों के लिए सामान्य रेल भी एक सपने की तरह है। क्षेत्र में रेल की सीटी बजे इस सपने को देखते हुए कई पीढ़ियां चली गई। सरकारें भी चली गई। लेकिन नायब सैनी की सरकार में अब मेवात वासियों का सपना साकार होता दिख रहा है। गुरुग्राम से अलग होकर मेवात 2005 में प्रदेश का 20वां जिला बना था। इस जिले के हजारों लोग अपने शहर में रेल देखे बिना ही दुनिया को अलविदा कह गए और कुछ लोग उम्र के आखिरी पड़ाव पर हैं। मेवात के करीब 70 फीसदी लोगों ने कभी रेल को देखा तक नहीं है, उसमें सफर करना तो दूर की बात है। रेल के लिए मेवात के सामाजिक संगठनों ने कई बार आंदोलन भी किया। लेकिन मांग पूरी नहीं हुई। इसके साथ ही चुनावों के समय राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों ने मेवात को रेलवे लाइन से जोड़ने का आश्वासन देकर खूब वोट बटोरे, लेकिन यहां के लोगों को रेलवे का सफर नसीब नहीं हुआ। रेल आने से खुलेंगे विकास के रास्ते मेवात जिले में रेल की कनेक्टिविटी से क्षेत्र में विकास के रास्ते खुलेंगे। रेल मिलने से लोग यहां से दूध, सब्जी का व्यापार कर एनसीआर के बड़े शहरों तक अपनी पकड़ बनाकर बेरोजगारी के कलंक को भी मिटा सकेंगे। वहीं युवाओं के लिए भी नौकरी के रास्ते खुलेंगे। क्षेत्र के युवा जहां शिक्षा ग्रहण करने के लिए बड़े बड़े शहरों में जा सकेंगे वहीं जिले की लड़कियों को भी बहार बेहतर शिक्षा के संसाधन मिलेंगे। रेल मंत्रालय ने दी मंजूरी मेवात के लोगों की दशकों पुरानी मांग को भाजपा की सरकार ने अब हरी झड़ी दिखाई है। केंद्रीय बजट में रेल मंत्रालय ने दिल्ली-सोहना-नूंह-फिरोजपुर झिरका और अलवर रेलवे लाइन को मंजूरी दे दी है। 104 किलोमीटर लंबी इस लाइन के लिए 2500 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया गया है। मंजूरी के बाद रेलवे ने लाइन के लिए बजट हेड खोल दिया है। जल्द ही इस लाइन के लिए रेलवे की ओर से सर्वे शुरू किया जाएगा। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रेसवार्ता कर यह जानकारी दी है कि मेवात से जल्द जी रेल लाइन निकाली जाएगी। सरकार की इस घोषणा से क्षेत्र के लोगों में खुशी का माहौल है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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सोनीपत में हादसे में युवती की मौत, सहेली घायल:दोस्त की बाइक पर मुरथल ढ़ाबे पर आए थे; ब्यूटी पार्लर चलाती थी हरियाणा के सोनीपत में जीटी रोड पर बाइक डिवाइडर से टकरा गई। हादसे में मुरथल ढ़ाबे पर खाना खाने आई दिल्ली की एक युवती की मौत हो गई। उसकी सहेली को भी गंभीर चोटें लगी हैं। दोनों युवक के साथ बाइक पर थी। आरोप है कि युवक बाइक को तेज गति से चला रहा था। पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। लड़की के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। उत्तरी पूर्वी दिल्ली की रहने वाली महरुनिसा ने बताया कि वह तीन बच्चों की मां है। दूसरे नंबर की लड़की अनम है, जो ब्यूटी पार्लर का काम करती थी। उसने बताया कि लड़की ने उसे बताया था कि वह अपने साथी जयंत चौधरी निवासी बुराडी के साथ हम दो तीन दोस्त मुरथल ढ़ाबे पर खाना खाने जाएंगे। रविवार शाम को उसकी बेटी अनम व उसकी सहेली सैली जतिन की मोटरसाईकिल पर गये थे। रात को अनम ने उसे फोन पर बताया था कि जतिन अपनी बाइक को बहुत तेज व लापरवाही से चला रहा है। कहने पर भी नही मान रहा। सोमवार सुबह उसे पता चला कि जतिन की मोटरसाइकिल मुरथल से दिल्ली आते समय बहालगढ में जीटी रोड पर डिवाइडर से टकरा गई। एक्सीडेंट मे लगी चोटों के कारण उसकी बेटी अनम की मौत हो गई। उसकी सहेली शैली को काफी चोटें लगी हैं। थाना बहालगढ़ के ASI सुभाष के अनुसार सोमवार को थाना बहालगढ़ में सूचना मिली की राड साइड एक्सीडेंट में एक लक़की की मौत हो गई है। वह हादसे के बाद रामा अस्पताल में लायी गई थी। वह अस्पताल में पहुंचे तो वहां गेट दिल्ली की महिला महरुनिशा मिली। उसने बताया कि जतिन के मोटरसाइकिल तेज चलाने के कारण हादसे में उसकी बेटी की मौत हुई है। पुलिस ने धारा 281,106 BNS थाना बहालगढ में केस दर्ज किया गया है।
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जानकारों की माने तो पुंडरी विधानसभा में रोड समाज का दबदबा है। यहां पर 60 प्रतिशत वोटर रोड बिरादरी से हैं और उसके बाद करीब 17 प्रतिशत वोटर ब्राह्मण समाज से आते हैं। जाट भी यहां पर करीब 7 प्रतिशत हैं और अन्य में ओबीसी एवं एससी वर्ग आता है। इस बार 6 उम्मीदवार रोड, 3 ब्राह्मण
इस सीट पर इस बार कुल 6 प्रत्याशी अकेले रोड समाज से हैं। जिनमें पूर्व विधायक रणधीर सिंह गोलन, पूर्व विधायक सुल्तान जड़ौला, सुनीता बतान, नरेश कुमार फरल, प्रमोद चुहड और सतपाल जांबा शामिल हैं। वहीं जाट समाज से सज्जन सिंह ढुल निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में हैं। ब्राह्मण समाज से चुनावी मैदान में नरेश शर्मा, नरेंद्र शर्मा और दिनेश कौशिक हैं। रोड समाज के ज्यादा उम्मीदवार होने के कारण रोड बिरादरी के वोट बंट सकते हैं जिसका सीधा फायदा जांगडा समाज के निर्दलीय उम्मीदवार सतबीर भाना को पहुंचेगा। बीजेपी और कांग्रेस को इस चुनाव में सतबीर भाना ही टक्कर देते नजर आ रहे हैं। दूसरी जाति के वोटरों की बात करें तो जाट समाज के वोट ढुल को और पंजाबी समाज के वोट गुरींद्र सिंह हाबड़ी को मिल सकते हैं, लेकिन आबादी कम होने के कारण ये ज्यादा बड़ा प्रभाव नहीं डाल पाएंगे। उधर ब्राह्मण समाज से भी तीन उम्मीदवार खड़ें हैं जिसकी वजह से उनके वोट भी आपस में बंट सकते हैं। गोलन को करना पड़ रहा एंटी इनकंबेंसी का सामना
2019 में इस सीट से रणधीर सिंह गोलन की जीत हुई थी। यहां पर उनका सामना कांग्रेस के सतबीर भाना से था हालांकि गोलन ने कुल 41008 वोट प्राप्ट कर भाना को 12824 वोटों से हरा दिया था। जीतने पर गोलन ने भाजपा सरकार को समर्थन दिया था, लेकिन लोकसभा चुनाव से ऐन पहले गोलन ने भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। गोलन इस सीट से विधायक रह चुके हैं लेकिन इस चुनाव में उन्हें एंटी इनकंबेंसी का सामना करना पड़ रहा है जिसके कारण इस बार उनकी वापसी मुश्किल लग रही है। भाजपा नहीं खोल पाई है इस सीट पर खाता
पुंडरी एक ऐसी सीट है जहां पर आज तक भाजपा जीत हासिल नहीं कर पाई है। हालांकि कांग्रेस ने इस सीट पर चार बार जीत दर्ज की है। इसके साथ ही 1987 में लोकदल के माखन सिंह ने भी इस सीट पर जीत दर्ज की थी। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने ही गोलन को टक्कर दी थी। हालांकि इस बार गोलन ने भाजपा से सर्मथन इसी उम्मीद में वापस लिया था कि उन्हें कांग्रेस टिकट देगी। लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया जिसकी वजह से वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ही मैदान में हैं।
करनाल लेबर डिपार्टमेंट में सीएम फ्लाइंग का छापा:कार्यालय में मचा हड़कंप, लोग बोले-यहां ATM कार्ड नहीं चलता
करनाल लेबर डिपार्टमेंट में सीएम फ्लाइंग का छापा:कार्यालय में मचा हड़कंप, लोग बोले-यहां ATM कार्ड नहीं चलता हरियाणा के करनाल स्थित लेबर डिपार्टमेंट में CM फ्लाइंग की टीम ने छापा मारा, जिससे कार्यालय में हड़कंप मच गया। CM फ्लाइंग की टीम ने विभाग के रिकॉर्ड खंगाले और कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच की। टीम ने यह भी देखा कि आज कितने कर्मचारी कार्यालय में उपस्थित हैं और कितने अनुपस्थित हैं। वही लेबर डिपार्टमेंट अपने काम के लिए पहुंचे लोगों ने भी डिपार्टमेंट की कार्यप्रणाली की पोल खोल दी। लोगों से जानी समस्याएं कार्यालय में आने वाले लोगों ने भी अपनी समस्याओं और अनुभवों को टीम के साथ साझा किया। लोगों की माने तो यहां पर हमें अपने कार्यो के लिए बार-बार चक्कर काटने पड़ते है। यहां पर आते है तो पता चलता है कि वेबसाइट नहीं चल रही, जबकि बाहर प्राइवेट दुकानों पर वह वेबसाइट चलती हुई नजर आती है। वेबसाइट चल जाती है तो यहां पर ATM कार्ड नहीं चलते, जबकि बाहर दुकानों पर ATM भी चलते है। निर्माण कार्य करने वाले मजदूर अपनी कॉपियां बनवाने के लिए दिहाड़ी छोड़कर कार्यालय में आते है। जानबूझकर चक्कर कटवा रहे कर्मचारी गांव सग्गा से आए व्यक्ति रामचंद ने बताया कि हम यहां आते है टोकन मिल जाता है, लेकिन नंबर ही नहीं आता। मेरी लेबर कोर्ट की कॉपी है। टोकन के बिना तो किसी अधिकारी से मिल भी नहीं सकते। अब कर्मचारी जानबूझकर चक्कर कटवा रहे है या नहीं, यह तो कर्मचारी ही जाने। करनाल से कलंदरी गेट से आई महिला रीटा ने बताया कि तीन-तीन घंटे तक साइट बंद पड़ी रहती है। हम यहां पर सारा दिन बैठकर चले जाते है। हम कर्मचारियों को बोल-बोल कर थक चुके है, यहां बैठकर चले जाते है। गांव बांसा से आए व्यक्ति ने बताया कि हम चिनाई का काम करते है। सरकार लेबर को लाभ देती है, मैं यहां पर कॉपी बनवाने के लिए आया हूं, पहले यह लाभ बंद हो गया था, लेकिन अब इलेक्शन का दौर है, स्कीम दोबारा खोल दी गई है। अपनी समस्याओं के बारे में किसको सुनाए, कोई सुनने वाला भी तो हो। एक क्लर्क मिला छुट्टी पर लेबर डिपार्टमेंट की सहायक वेलफेयर ऑफिसर रजनी पसरीचा ने जानकारी देते हुए बताया कि सीएम फ्लाइंग की टीम रूटीन चेकिंग के तहत यहां आई हुई है। उन्होंने कहा कि एक क्लर्क आज कार्यालय में नहीं आया है और उसकी मेडिकल लीव दर्ज की गई है। पसरीचा ने यह भी कहा कि सीएम फ्लाइंग की टीम ने कार्यालय में आने वाले लोगों से बातचीत की और जानना चाहा कि क्या उनके काम समय पर हो रहे हैं या नहीं। जांच रिपोर्ट भेजी जाएगी मुख्यालय CM फ्लाइंग के सब इंस्पेक्टर शेर सिंह ने बताया कि टीम द्वारा कार्यालय में रिकॉर्ड चेक किया जा रहा है। जांच के दौरान जो भी खामियां पाई जाती है। उसकी रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेजी जाएगी।