मैं दृष्टि से सृष्टि का विनाश कर दूंगा:भोले बाबा भक्तों से कहता- मेरे चरणों की धूल लगा लो, सारे कष्ट दूर हो जाएंगे

मैं दृष्टि से सृष्टि का विनाश कर दूंगा:भोले बाबा भक्तों से कहता- मेरे चरणों की धूल लगा लो, सारे कष्ट दूर हो जाएंगे

‘अगर आवश्यकता पड़ी तो मैं प्रलय भी ला सकता हूं। दृष्टि से ही सृष्टि का विनाश कर सकता हूं। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई का भेद खत्म करने के लिए मेरा जन्म हुआ है। अब मैं बख्शने वाला नहीं हूं। मैं संकल्प करता हूं, संकल्प करता हूं…अन्याय और अधर्म का नाश करूंगा।’ ये दावा भोले बाबा उर्फ सूरज पाल का है, जो उसने 2020 में एक समागम में किया था। तब उसने एक नहीं, कई बड़े दावे किए। वह अपने चरण की धूल से शारीरिक कष्ट दूर करने की बात कहता है। वह भक्तों से सीधे कोई चढ़ावा नहीं लेता। इस वजह से वह लोगों का विश्वास जीत लेता है। इसीलिए उसके फॉलोअर्स भी लाखों में हैं। अनुयायी उसे परमात्मा मानते हैं। वह खुद परमात्मा होने का दावा भी करता है। दैनिक भास्कर ने बाबा के समागम कार्यक्रम के प्रवचनों के वीडियो खंगाले, उसके दावों को जाना, फिलॉसफी क्या है? उसके इलाज करने के तरीके को समझा। पढ़िए इस रिपोर्ट में… सबसे पहले जानिए उसके 2 अनुयायी क्या कहते हैं- अब समझिए बाबा कैसे कष्ट दूर करने का दावा करता 1. चरण की धूल- बाबा अपने सत्संगों में दावा करता कि मेरे चरणों की धूल ले लो। जो बीमार हैं, जहां पर दिक्कत है, वहां लगा लो। सब कष्ट दूर हो जाएगा। हाथरस के फुलरई गांव में 2 जुलाई को मची भगदड़ के पीछे मुख्य वजह भी यही सामने आई। पुलिस और सरकार का दावा भी यही है कि बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए भीड़ टूट पड़ी। सेवादारों और बाबा के सुरक्षाकर्मियों ने अनुयायियों को धक्का दिया और भगदड़ मच गई। सत्संग में शामिल महिलाओं ने भी यही बात कही है। 2. पानी से इलाज- भोले बाबा उर्फ सूरजपाल शुरू से ही पानी से इलाज करने का दावा करता रहा है। कासगंज में उसके गांव बहादुर नगर में पहले एक हैंडपंप था। उसी का पानी लोगों को पिलाता और कहता कि जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाएंगे। धीरे-धीरे यहां एक कतार में पांच नल लग गए। हर मंगलवार को यहां उसके अनुयायी नल का पानी पीने और अपने साथ ले जाने के लिए आते हैं। हाथरस हादसे के बाद भी यह जारी है। सत्संग के दौरान भी बाबा पानी पिलाकर हर कष्ट दूर करने का दावा करता था। 3. नहाए दूध से बनती खीर- एक बात और सामने आई है कि विशेष आयोजनों पर बाबा दूध से नहाता। इस दूध से खीर बनती और अनुयायियों को प्रसाद के रूप में बांटा जाता। हालांकि इसकी पुष्टि के लिए वीडियो या फोटो सामने नहीं आए हैं। बाबा किस तरह के प्रवचन देता, उसकी फिलॉसफी समझिए परमात्मा से डरने की सलाह तीन साल पहले भोले बाबा का अलीगढ़ में समागम था। सत्संग करते हुए बाबा कहता है- मानव धर्म सत्य था… है… और रहेगा। टूटी हुई मानवता को जोड़ना, बिखरी मानवता को समेटना, ये जीवन का लक्ष्य है। समझें ना समझें, ये आपका अपना निर्णय है। नारायण हरि कहता कि परमात्मा के दरबार में बोलने की जरूरत नहीं है। हिंदुस्तान की सरजमीं पर ज्ञानियों की कमी नहीं है। ध्यानियों की कमी नहीं। भोले बाबाओं की कमी नहीं। जलेबी की चासनी से मीठा बोलते हैं। लेकिन, यहां बोलने का कोई काम नहीं। हमको तो बोलने की कोई जरूरत नहीं। क्यों? क्योंकि, नारायण हरि परमात्मा केवल दृष्टि से ही दृष्टिपात कर देते हैं। इसलिए बोलने की जरूरत नहीं है। सभी धर्मों को आदर-सम्मान बाबा के सभी प्रवचनों में एक बात जो बार-बार दोहराई जा रही है, वो है मानवता का धर्म। अपने सभी प्रवचनों में वो कहता है- राम, कृष्ण, शंकर, दुर्गा, देवी…जिसे मानना है मानो। जिसे पूजना है पूजो। मंदिर जाना है तो मंदिर जाओ। मस्जिद जाना है तो मस्जिद जाओ। गिरजाघर जाना है तो गिरजाघर जाओ। चाहे माता-पिता की पूजा करो। चाहे भाई-बहन की पूजा करो। चाहे पति-पत्नी की पूजा करो। चाहे प्रकृति की पूजा करो। इतनी विविध प्रकार की प्रजातियां हैं। भूलोक में किसी की पूजा करो, हमारे यहां कोई प्रतिबंध नहीं है। हम कभी किसी पर उंगली नहीं उठाते हैं। ना कभी किसी का खंडन करते हैं। क्यों? क्योंकि हमें पता है कि जस कर्मी, जस धर्मी। खुद के अंदर झांकने की सलाह बाबा अपने प्रवचनों में कहता है- हमें हमारे पाप दिखाई नहीं देते। हमें हमारे दोष दिखाई नहीं देते। हमें अपनी बुराइयां दिखाई नहीं देतीं। अगर हम अपने दोषों को झांकने लगे, अपनी बुराइयों को झांकने लगे, अपने पापों को झांकने लगे तो और की जरूरत नहीं पड़ेगी। बोलते-बोलते माइक फेंक देता है भोले बाबा खुद को नारायण हरि मानता। इस दौरान मंच पर वो तमाशा करता कि उसके अंदर दैवीय शक्ति है। बोलते-बोलते मंच से माइक फेंक देता। वह कहता- नारायण हरि परमात्मा अजन्मा है। अविनाशी है। ना जन्म लेते हैं, ना मरते हैं। ब्रह्मंड के कुल मालिक हैं। अस्तित्व के स्वामी हैं। संसार को कर्म करने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया है, तो समझ सकते हैं कि कर्मों की मार से इस भूलोक में कोई बच नहीं सकता है। और सुनिए…पहले होता था, अब हमारे द्वारा घोषित किया गया है, जो सत्य का साथ देगा, वचन सेवा कर्म करेंगे, आते-जाते रहेंगे। दुनिया में लाभ कमाएंगे और भी आगे बढ़ सकते हैं। आप जब हरि परमात्मा के दर पर आते हैं, तो वो साकार में हैं। हमें तो उनके शरीर को भी सुरक्षित रखना पड़ता है। जीवन को गति देने के लिए अंध-विश्वास, पाखंड, ढकोसला, भेदभाव से बचना होगा। इससे लाभ नहीं, हानि जरूर होती है। विनाशकारी लीला की बात करता बाबा अपने सत्संग में कहता- जब समस्त संसार भौतिकतावाद के जुनून में डूबा हुआ है। भेदभाव के जुनून में डूबा हुआ है। कामवासना के जुनून में डूबा हुआ है। झूठ के जुनून में डूबा हुआ है, तो स्पष्ट संकेत मिलने लगते हैं कि अब विनाशकारी लीला प्रारंभ होने वाली है। बाबा खुद को जगत का रचयिता कहता है यूट्यूब पर बाबा का एक छह साल पुराना वीडियो मौजूद है। इसमें वो खुद को जगत का रचयिता कहता है। दूसरे बाबाओं से खुद की तुलना करते हुए कहता है- जिन बाबा की यहां बात की जाती है, वो हाड़-मांस नहीं, वो बाबा जगत के रचयिता हैं। उनका अंश सबके अंदर है। एक नहीं, अनेक भी ध्यान लगाते, सुमरत-सत्संग करते भाग जाएंगे तो प्रह्लाद बन सकते हैं। मीरा बन सकते हैं। पार्वती बन सकते हैं। सीता बन सकते हैं। राम बन सकते हैं। श्रीकृष्ण बन सकते हैं। राधे बन सकते हैं। लेकिन, संसार वाले बाबाओं के साथ भागोगे तो पुलिस मौजूद है। जगत रचयिता के साथ तुम्हारा शरीर नहीं भागेगा। जगत रचयिता के साथ तुम्हारी आत्मा भागेगी। ऑनलाइन नारायण साकार हरि चालीसा से लेकर आरती मौजूद यूट्यूब पर बाबा के नाम पर चालीसा से लेकर आरती तक मौजूद है। अलग-अलग नामों से बने चैनल पर इन गानों का एल्बम बनाकर डाला गया है। इसके अलावा नारायण साकार हरि के नाम से सैकड़ों भजन भी मौजूद हैं। वीडियो में अलग-अलग कलाकार बाबा के नाम पर भजन गाते हुए दिख रहे हैं। इन वीडियोज के लाखों में व्यूज है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आधिकारिक रूप से बाबा का कोई चैनल ना होने के बावजूद वह ऑनलाइन भी फेमस थे। पहले ऐंबैस्डर से चलता था बाबा बाबा की पुरानी वीडियो देखने पर पता चलता है कि कैसे समय के साथ उसने गाड़ियां भी अपडेट की हैं। वीडियो में बाबा ऐंबैस्डर कार में सवार होकर आश्रम से निकलते हुए दिखाई दे रहा है। सुरक्षा के लिए बाबा के आसपास पुलिस दिखाई दे रही है। साथ ही ब्लैक कमांडो भी दिखाई दे रहे हैं। फिलहाल बाबा के गाड़ियों में एसयूवी शामिल हैं। यानी समय के साथ बाबा ने अपनी सवारी भी अपडेट कर ली। अपने प्रवचन में भक्तों को भौतिकतावाद से दूर रहने की बात करने वाले बाबा खुद गाड़ियों और बड़े आश्रमों में पूरी सुख-सुविधा के साथ रहने को प्राथमिकता देता है। बाबा की भाषा और प्रवचन में पुलिसिया अंदाज की झलक बाबा अपने प्रवचनों में अपराध करने पर पुलिस से न बच पाने की भी चेतावनी देता है। वो पुलिस में रहने के दौरान अपने अनुभव का हवाला देता है और कहता है कि अगर कुछ गलत किया तो पुलिस तो पकड़ेगी ही। एक प्रवचन में वो महिलाओं पर किसी तरह के हमला होने की स्थिति पर कहता है- अगर किसी बहन बेटी को कोई शैतान छूता है तो आपके पास दांत रूपी शस्त्र है। उसे काट लो। मांस निकाल लो। ये वैज्ञानिक युग है। 21 वीं सदी है, जब परीक्षण होगा तो वही साक्ष्य काफी है। फिर आपको कोर्ट में भागने की जरूरत नहीं है। अन्यथा किस तरह से बहन-बेटियां अदालतों में मारी-मारी फिर रही हैं। जिनका मुंह नहीं देखा, उनके चरणों में पड़ रही हैं। जिस विभाग से आया हूं, वहां ये देखा हुआ है। बाबा के प्रवचनों को सुनने पर उसकी भाषा में पुलिस में रहने की झलक साफ दिखाई देती है। उदाहरण के लिए ‘मेरे द्वारा पूर्व में कहा गया’, अथवा, द्वारा, स्मरण रहे, आगमन हुआ है…इस तरह की शब्दावली का इस्तेमाल पुलिस विभाग में होता है। आम इंसान बोलचाल में इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं करता है। ये भी पढ़ें: हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर अरेस्ट हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर अरेस्ट कर लिया गया है। उसने दिल्ली के नजफगढ़-उत्तम नगर के बीच एक अस्पताल में पुलिस के सामने सरेंडर किया। इस बात की पुष्टि खुद भोले बाबा के वकील ने की है। यूपी पुलिस ने उस पर एक लाख इनाम घोषित किया था…(पढ़ें पूरी खबर) भोले बाबा की आर्मी पुलिस से भी नहीं डरती:100 ब्लैक कमांडो इशारा मिलते ही मरने-मारने को तैयार सत्संग के बाद भोले बाबा के चरण की धूल माथे पर लगाने के लिए लोग आगे बढ़े। उस दौरान बाबा के सुरक्षाकर्मी (ब्लैक कमांडो) और सेवादारों ने भीड़ के साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी। लोग गिर गए। फिर भगदड़ मच गई। यह जांच रिपोर्ट SDM ने हाथरस DM को सौंपी है। CM योगी आदित्यनाथ ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबा की आर्मी का जिक्र किया…(पढ़ें पूरी खबर) ‘अगर आवश्यकता पड़ी तो मैं प्रलय भी ला सकता हूं। दृष्टि से ही सृष्टि का विनाश कर सकता हूं। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई का भेद खत्म करने के लिए मेरा जन्म हुआ है। अब मैं बख्शने वाला नहीं हूं। मैं संकल्प करता हूं, संकल्प करता हूं…अन्याय और अधर्म का नाश करूंगा।’ ये दावा भोले बाबा उर्फ सूरज पाल का है, जो उसने 2020 में एक समागम में किया था। तब उसने एक नहीं, कई बड़े दावे किए। वह अपने चरण की धूल से शारीरिक कष्ट दूर करने की बात कहता है। वह भक्तों से सीधे कोई चढ़ावा नहीं लेता। इस वजह से वह लोगों का विश्वास जीत लेता है। इसीलिए उसके फॉलोअर्स भी लाखों में हैं। अनुयायी उसे परमात्मा मानते हैं। वह खुद परमात्मा होने का दावा भी करता है। दैनिक भास्कर ने बाबा के समागम कार्यक्रम के प्रवचनों के वीडियो खंगाले, उसके दावों को जाना, फिलॉसफी क्या है? उसके इलाज करने के तरीके को समझा। पढ़िए इस रिपोर्ट में… सबसे पहले जानिए उसके 2 अनुयायी क्या कहते हैं- अब समझिए बाबा कैसे कष्ट दूर करने का दावा करता 1. चरण की धूल- बाबा अपने सत्संगों में दावा करता कि मेरे चरणों की धूल ले लो। जो बीमार हैं, जहां पर दिक्कत है, वहां लगा लो। सब कष्ट दूर हो जाएगा। हाथरस के फुलरई गांव में 2 जुलाई को मची भगदड़ के पीछे मुख्य वजह भी यही सामने आई। पुलिस और सरकार का दावा भी यही है कि बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए भीड़ टूट पड़ी। सेवादारों और बाबा के सुरक्षाकर्मियों ने अनुयायियों को धक्का दिया और भगदड़ मच गई। सत्संग में शामिल महिलाओं ने भी यही बात कही है। 2. पानी से इलाज- भोले बाबा उर्फ सूरजपाल शुरू से ही पानी से इलाज करने का दावा करता रहा है। कासगंज में उसके गांव बहादुर नगर में पहले एक हैंडपंप था। उसी का पानी लोगों को पिलाता और कहता कि जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाएंगे। धीरे-धीरे यहां एक कतार में पांच नल लग गए। हर मंगलवार को यहां उसके अनुयायी नल का पानी पीने और अपने साथ ले जाने के लिए आते हैं। हाथरस हादसे के बाद भी यह जारी है। सत्संग के दौरान भी बाबा पानी पिलाकर हर कष्ट दूर करने का दावा करता था। 3. नहाए दूध से बनती खीर- एक बात और सामने आई है कि विशेष आयोजनों पर बाबा दूध से नहाता। इस दूध से खीर बनती और अनुयायियों को प्रसाद के रूप में बांटा जाता। हालांकि इसकी पुष्टि के लिए वीडियो या फोटो सामने नहीं आए हैं। बाबा किस तरह के प्रवचन देता, उसकी फिलॉसफी समझिए परमात्मा से डरने की सलाह तीन साल पहले भोले बाबा का अलीगढ़ में समागम था। सत्संग करते हुए बाबा कहता है- मानव धर्म सत्य था… है… और रहेगा। टूटी हुई मानवता को जोड़ना, बिखरी मानवता को समेटना, ये जीवन का लक्ष्य है। समझें ना समझें, ये आपका अपना निर्णय है। नारायण हरि कहता कि परमात्मा के दरबार में बोलने की जरूरत नहीं है। हिंदुस्तान की सरजमीं पर ज्ञानियों की कमी नहीं है। ध्यानियों की कमी नहीं। भोले बाबाओं की कमी नहीं। जलेबी की चासनी से मीठा बोलते हैं। लेकिन, यहां बोलने का कोई काम नहीं। हमको तो बोलने की कोई जरूरत नहीं। क्यों? क्योंकि, नारायण हरि परमात्मा केवल दृष्टि से ही दृष्टिपात कर देते हैं। इसलिए बोलने की जरूरत नहीं है। सभी धर्मों को आदर-सम्मान बाबा के सभी प्रवचनों में एक बात जो बार-बार दोहराई जा रही है, वो है मानवता का धर्म। अपने सभी प्रवचनों में वो कहता है- राम, कृष्ण, शंकर, दुर्गा, देवी…जिसे मानना है मानो। जिसे पूजना है पूजो। मंदिर जाना है तो मंदिर जाओ। मस्जिद जाना है तो मस्जिद जाओ। गिरजाघर जाना है तो गिरजाघर जाओ। चाहे माता-पिता की पूजा करो। चाहे भाई-बहन की पूजा करो। चाहे पति-पत्नी की पूजा करो। चाहे प्रकृति की पूजा करो। इतनी विविध प्रकार की प्रजातियां हैं। भूलोक में किसी की पूजा करो, हमारे यहां कोई प्रतिबंध नहीं है। हम कभी किसी पर उंगली नहीं उठाते हैं। ना कभी किसी का खंडन करते हैं। क्यों? क्योंकि हमें पता है कि जस कर्मी, जस धर्मी। खुद के अंदर झांकने की सलाह बाबा अपने प्रवचनों में कहता है- हमें हमारे पाप दिखाई नहीं देते। हमें हमारे दोष दिखाई नहीं देते। हमें अपनी बुराइयां दिखाई नहीं देतीं। अगर हम अपने दोषों को झांकने लगे, अपनी बुराइयों को झांकने लगे, अपने पापों को झांकने लगे तो और की जरूरत नहीं पड़ेगी। बोलते-बोलते माइक फेंक देता है भोले बाबा खुद को नारायण हरि मानता। इस दौरान मंच पर वो तमाशा करता कि उसके अंदर दैवीय शक्ति है। बोलते-बोलते मंच से माइक फेंक देता। वह कहता- नारायण हरि परमात्मा अजन्मा है। अविनाशी है। ना जन्म लेते हैं, ना मरते हैं। ब्रह्मंड के कुल मालिक हैं। अस्तित्व के स्वामी हैं। संसार को कर्म करने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया है, तो समझ सकते हैं कि कर्मों की मार से इस भूलोक में कोई बच नहीं सकता है। और सुनिए…पहले होता था, अब हमारे द्वारा घोषित किया गया है, जो सत्य का साथ देगा, वचन सेवा कर्म करेंगे, आते-जाते रहेंगे। दुनिया में लाभ कमाएंगे और भी आगे बढ़ सकते हैं। आप जब हरि परमात्मा के दर पर आते हैं, तो वो साकार में हैं। हमें तो उनके शरीर को भी सुरक्षित रखना पड़ता है। जीवन को गति देने के लिए अंध-विश्वास, पाखंड, ढकोसला, भेदभाव से बचना होगा। इससे लाभ नहीं, हानि जरूर होती है। विनाशकारी लीला की बात करता बाबा अपने सत्संग में कहता- जब समस्त संसार भौतिकतावाद के जुनून में डूबा हुआ है। भेदभाव के जुनून में डूबा हुआ है। कामवासना के जुनून में डूबा हुआ है। झूठ के जुनून में डूबा हुआ है, तो स्पष्ट संकेत मिलने लगते हैं कि अब विनाशकारी लीला प्रारंभ होने वाली है। बाबा खुद को जगत का रचयिता कहता है यूट्यूब पर बाबा का एक छह साल पुराना वीडियो मौजूद है। इसमें वो खुद को जगत का रचयिता कहता है। दूसरे बाबाओं से खुद की तुलना करते हुए कहता है- जिन बाबा की यहां बात की जाती है, वो हाड़-मांस नहीं, वो बाबा जगत के रचयिता हैं। उनका अंश सबके अंदर है। एक नहीं, अनेक भी ध्यान लगाते, सुमरत-सत्संग करते भाग जाएंगे तो प्रह्लाद बन सकते हैं। मीरा बन सकते हैं। पार्वती बन सकते हैं। सीता बन सकते हैं। राम बन सकते हैं। श्रीकृष्ण बन सकते हैं। राधे बन सकते हैं। लेकिन, संसार वाले बाबाओं के साथ भागोगे तो पुलिस मौजूद है। जगत रचयिता के साथ तुम्हारा शरीर नहीं भागेगा। जगत रचयिता के साथ तुम्हारी आत्मा भागेगी। ऑनलाइन नारायण साकार हरि चालीसा से लेकर आरती मौजूद यूट्यूब पर बाबा के नाम पर चालीसा से लेकर आरती तक मौजूद है। अलग-अलग नामों से बने चैनल पर इन गानों का एल्बम बनाकर डाला गया है। इसके अलावा नारायण साकार हरि के नाम से सैकड़ों भजन भी मौजूद हैं। वीडियो में अलग-अलग कलाकार बाबा के नाम पर भजन गाते हुए दिख रहे हैं। इन वीडियोज के लाखों में व्यूज है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आधिकारिक रूप से बाबा का कोई चैनल ना होने के बावजूद वह ऑनलाइन भी फेमस थे। पहले ऐंबैस्डर से चलता था बाबा बाबा की पुरानी वीडियो देखने पर पता चलता है कि कैसे समय के साथ उसने गाड़ियां भी अपडेट की हैं। वीडियो में बाबा ऐंबैस्डर कार में सवार होकर आश्रम से निकलते हुए दिखाई दे रहा है। सुरक्षा के लिए बाबा के आसपास पुलिस दिखाई दे रही है। साथ ही ब्लैक कमांडो भी दिखाई दे रहे हैं। फिलहाल बाबा के गाड़ियों में एसयूवी शामिल हैं। यानी समय के साथ बाबा ने अपनी सवारी भी अपडेट कर ली। अपने प्रवचन में भक्तों को भौतिकतावाद से दूर रहने की बात करने वाले बाबा खुद गाड़ियों और बड़े आश्रमों में पूरी सुख-सुविधा के साथ रहने को प्राथमिकता देता है। बाबा की भाषा और प्रवचन में पुलिसिया अंदाज की झलक बाबा अपने प्रवचनों में अपराध करने पर पुलिस से न बच पाने की भी चेतावनी देता है। वो पुलिस में रहने के दौरान अपने अनुभव का हवाला देता है और कहता है कि अगर कुछ गलत किया तो पुलिस तो पकड़ेगी ही। एक प्रवचन में वो महिलाओं पर किसी तरह के हमला होने की स्थिति पर कहता है- अगर किसी बहन बेटी को कोई शैतान छूता है तो आपके पास दांत रूपी शस्त्र है। उसे काट लो। मांस निकाल लो। ये वैज्ञानिक युग है। 21 वीं सदी है, जब परीक्षण होगा तो वही साक्ष्य काफी है। फिर आपको कोर्ट में भागने की जरूरत नहीं है। अन्यथा किस तरह से बहन-बेटियां अदालतों में मारी-मारी फिर रही हैं। जिनका मुंह नहीं देखा, उनके चरणों में पड़ रही हैं। जिस विभाग से आया हूं, वहां ये देखा हुआ है। बाबा के प्रवचनों को सुनने पर उसकी भाषा में पुलिस में रहने की झलक साफ दिखाई देती है। उदाहरण के लिए ‘मेरे द्वारा पूर्व में कहा गया’, अथवा, द्वारा, स्मरण रहे, आगमन हुआ है…इस तरह की शब्दावली का इस्तेमाल पुलिस विभाग में होता है। आम इंसान बोलचाल में इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं करता है। ये भी पढ़ें: हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर अरेस्ट हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर अरेस्ट कर लिया गया है। उसने दिल्ली के नजफगढ़-उत्तम नगर के बीच एक अस्पताल में पुलिस के सामने सरेंडर किया। इस बात की पुष्टि खुद भोले बाबा के वकील ने की है। यूपी पुलिस ने उस पर एक लाख इनाम घोषित किया था…(पढ़ें पूरी खबर) भोले बाबा की आर्मी पुलिस से भी नहीं डरती:100 ब्लैक कमांडो इशारा मिलते ही मरने-मारने को तैयार सत्संग के बाद भोले बाबा के चरण की धूल माथे पर लगाने के लिए लोग आगे बढ़े। उस दौरान बाबा के सुरक्षाकर्मी (ब्लैक कमांडो) और सेवादारों ने भीड़ के साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी। लोग गिर गए। फिर भगदड़ मच गई। यह जांच रिपोर्ट SDM ने हाथरस DM को सौंपी है। CM योगी आदित्यनाथ ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबा की आर्मी का जिक्र किया…(पढ़ें पूरी खबर)   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर