मोगा जिले के मनुके गिल गांव के रहने वाले व्यक्ति की अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई। मृतक फुले वाला गांव में इलेक्ट्रीशियन की दुकान करता था। बताया जा रहा है कि देर रात वह अपनी बाइक पर सवार होकर आपने घर गांव आ रहा था। गांव के पास ही किसी अज्ञात वाहन ने उसकी बाइक को टक्कर मार दी। जिससे बाइक सवार की मौत हो गई। भाई की शिकायत पर मामला दर्ज जानकारी देते हुए जांच अधिकारी अमरजीत सिंह ने कहा के हमें सूचना मिली थी कि मानुके गिल गांव के रहने वाले 34 वर्षीय हरप्रीत सिंह साल की अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई। मृतक के दो बच्चे है। बेटे की उम्र 5 साल ओर बेटी की उम्र 2 साल के करीब है। मृतक के भाई ने शिकायत दर्ज करवाई है। उसके उसका भाई हरप्रीत सिंह ने बताया कि वह देर रात वह अपनी बाइक पर सवार होकर दुकान से घर आ रहा था। तभी गांव के पास ही किसी अज्ञात वाहन ने बाइक में टक्कर मार दी। इस हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उन्होंने बताया कि अस्पताल ले जाते वक्त उसकी रास्ते में ही मौत हो गई। मृतक के भाई की शिकायत पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मोगा जिले के मनुके गिल गांव के रहने वाले व्यक्ति की अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई। मृतक फुले वाला गांव में इलेक्ट्रीशियन की दुकान करता था। बताया जा रहा है कि देर रात वह अपनी बाइक पर सवार होकर आपने घर गांव आ रहा था। गांव के पास ही किसी अज्ञात वाहन ने उसकी बाइक को टक्कर मार दी। जिससे बाइक सवार की मौत हो गई। भाई की शिकायत पर मामला दर्ज जानकारी देते हुए जांच अधिकारी अमरजीत सिंह ने कहा के हमें सूचना मिली थी कि मानुके गिल गांव के रहने वाले 34 वर्षीय हरप्रीत सिंह साल की अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई। मृतक के दो बच्चे है। बेटे की उम्र 5 साल ओर बेटी की उम्र 2 साल के करीब है। मृतक के भाई ने शिकायत दर्ज करवाई है। उसके उसका भाई हरप्रीत सिंह ने बताया कि वह देर रात वह अपनी बाइक पर सवार होकर दुकान से घर आ रहा था। तभी गांव के पास ही किसी अज्ञात वाहन ने बाइक में टक्कर मार दी। इस हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उन्होंने बताया कि अस्पताल ले जाते वक्त उसकी रास्ते में ही मौत हो गई। मृतक के भाई की शिकायत पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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बठिंडा में ज्ञानी हरप्रीत का एसजीपीसी पर तंज:बोले- खुद दर्खास्त लिखी-खुद कमेटी बनाई, मैं अपने सिद्धांतों पर कायम हूं और रहूंगा
बठिंडा में ज्ञानी हरप्रीत का एसजीपीसी पर तंज:बोले- खुद दर्खास्त लिखी-खुद कमेटी बनाई, मैं अपने सिद्धांतों पर कायम हूं और रहूंगा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की आज अमृतसर में हुई अंतरिम कमेटी की बैठक के बाद जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि, मुझे अभी पता चला है कि मेरे खिलाफ जांच करने के लिए जो अनाधिकृत कमेटी बनाई गई थी, जिसने खुद ही दर्खास्त लेकर खुद ही पड़ताल कमेटी बनाई थी। आज उस जांच का समय एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। बठिंडा में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, मुझे लगता है कि वो एक महीने समय कमेटी का नहीं बढ़ाया, बल्कि मुझे एक महीने का समय दिया है। जिसमें बताया है कि अब हम ऐसा ही करेंगे। न जिंदो में छोड़ेंगे, न ही मृतकों में छोड़ेंगे। परंतु मैं एक बात साफ स्पष्ट कह देना चाहता हूं कि मुझे कोई परवाह नहीं। मुझ पर जो आरोप लगाए हैं, उन आरोपों के तहत मेरी सेवाएं खत्म कर दो। मुझे इस पर कोई एतराज नहीं। जो कुछ भी आपने करना है कर लो। मैं 2 दिसंबर को पंथ साहिबानों के फैसलों पर शामिल हुआ था, मैं तब भी अपने सिद्धांतों पर कायम था, अब भी हूं और आगे भी रहूंगा। किसी तरह की घबराहट और चिंता में नहीं रहूंगा। उन्होंने कहा कि, जो संघर्ष होते हैं वो इंसान को जीना सिखाते हैं, मरना सिखाते हैं, इसलिए मुझे कोई चिंता या फिक्र नहीं। हां, एक बात शिरोमणि अकाली दल की सीनियर लीडरशिप को जरूर कहूंगा। महाभारत में कौरव इसलिए खत्म हो गए, क्योंकि दुर्योधन और शकुनी का साथ था। मैं आज अकाली दल की सीनियर लीडरशिप कोअपील करता हूं कि शिरोमणि अकाली दल सिखों की क्षेत्रीय पार्टी है, सिखों की नुमाइंदगी जत्थेबंदी है, अगर ये बचती है तो इसे बचा लो। परंपराओं और मर्यादाओं का नाश होते न देखो। डटकर आप पहरा दो, जिस तरह पुराने अकाली अपनी पंथक जमात को मजबूत करने के लिए देते थे। व्यक्ति कभी पार्टियां नहीं होते, व्यक्ति आते हैं, व्यक्ति जाते हैं और व्यक्ति पैदा होते हैं और मर जाते हैं। बड़े बड़े थंभ अकाली दल में पैदा हुए हैं। मास्टर तारा सिंह जैसे, बाबा खड़क सिंह जैसे और भी बहुत सारे आए और चले गए।
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