मोदी सरकार ने जब किया जाति जनगणना का ऐलान तब मोहन भागवत कर रहे थे ये खास काम, अब हो रही चर्चा

मोदी सरकार ने जब किया जाति जनगणना का ऐलान तब मोहन भागवत कर रहे थे ये खास काम, अब हो रही चर्चा

<p style=”text-align: justify;”><strong>Varanasi News: </strong>केंद्र सरकार द्वारा 30 अप्रैल को शाम होते ही देश भर में जाति जनगणना कराने वाले फैसले के बाद अब चर्चाओं का दौर तेज है. इंडिया गठबंधन के नेता जहां इसको अपनी जीत बता रहे हैं वहीं भारतीय जनता पार्टी और उनके सहयोगी दलों ने इस निर्णय को आजादी के बाद का सबसे महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसला बताया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वैसे भारतीय जनता पार्टी के हर एक बड़े फैसले में संघ की भूमिका भी चर्चा के केंद्र में रहती है. चर्चा हो भी क्यों न, जब मोदी सरकार द्वारा जाति जनगणना का ऐलान किया गया तो संघ प्रमुख मोहन भागवत वाराणसी में ही सभी जातियों को एक ही मंच पर लाकर सामूहिक विवाह कार्यक्रम के माध्यम से एकता का संदेश दे रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मोहन भागवत की मौजूदगी में सामूहिक विवाह कार्यक्रम</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>30 अप्रैल को किसी ने भी अंदाजा नहीं लगाया था कि केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना को लेकर बड़ा निर्णय ले लिया जाएगा. जहां एक तरफ 30 अप्रैल कों शाम होते ही केंद्र सरकार ने देश में जाति जनगणना का ऐलान कर दिया वहीं इसी दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत वाराणसी में सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस दौरान उन्होंने 125 ऐसे जोड़ों का विवाह संपन्न कराया जो विभिन्न जातियों से आते थे. हालांकि यह एक संयोग ही है कि जहां एक तरफ जातीय &nbsp;जनगणना को लेकर केंद्र सरकार ने अपनें इरादे स्पष्ट कर दिए वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ही संघ प्रमुख सभी जातियों को एक धागे में बंधे रहने का संदेश दे रहे थे. यह इसलिए भी हैरान करने वाली तस्वीर बनी रही क्योंकि इससे पहले वाराणसी जनपद में एक ही मंच पर अलग-अलग जातियों का सामूहिक विवाह कार्यक्रम नहीं हुआ था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विधि विधान से किया कन्यादान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वाराणसी के संकुल धारा कुंड के पास 125 जोड़ों का सामूहिक विवाह कार्यक्रम कराया गया, जिसमें अलग-अलग जातियों के लोग एक साथ बैठकर सनातन परंपरा के तहत वैवाहिक बंधन में बंध रहे थे. खुद संघ प्रमुख मोहन भागवत नें ही इसमें शामिल होकर वर वधुओं का विवाह संपन्न कराया. अब इस बात की चर्चा और अटकलें तेज है कि जहां एक तरफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वाराणसी में सभी जातियों को एक ही मंच पर लाने के प्रयास में जुटा रहा वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के जातीय जनगणना करने वाले फैसले ने एक नई चर्चा को गति दी है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Varanasi News: </strong>केंद्र सरकार द्वारा 30 अप्रैल को शाम होते ही देश भर में जाति जनगणना कराने वाले फैसले के बाद अब चर्चाओं का दौर तेज है. इंडिया गठबंधन के नेता जहां इसको अपनी जीत बता रहे हैं वहीं भारतीय जनता पार्टी और उनके सहयोगी दलों ने इस निर्णय को आजादी के बाद का सबसे महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसला बताया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वैसे भारतीय जनता पार्टी के हर एक बड़े फैसले में संघ की भूमिका भी चर्चा के केंद्र में रहती है. चर्चा हो भी क्यों न, जब मोदी सरकार द्वारा जाति जनगणना का ऐलान किया गया तो संघ प्रमुख मोहन भागवत वाराणसी में ही सभी जातियों को एक ही मंच पर लाकर सामूहिक विवाह कार्यक्रम के माध्यम से एकता का संदेश दे रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मोहन भागवत की मौजूदगी में सामूहिक विवाह कार्यक्रम</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>30 अप्रैल को किसी ने भी अंदाजा नहीं लगाया था कि केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना को लेकर बड़ा निर्णय ले लिया जाएगा. जहां एक तरफ 30 अप्रैल कों शाम होते ही केंद्र सरकार ने देश में जाति जनगणना का ऐलान कर दिया वहीं इसी दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत वाराणसी में सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस दौरान उन्होंने 125 ऐसे जोड़ों का विवाह संपन्न कराया जो विभिन्न जातियों से आते थे. हालांकि यह एक संयोग ही है कि जहां एक तरफ जातीय &nbsp;जनगणना को लेकर केंद्र सरकार ने अपनें इरादे स्पष्ट कर दिए वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ही संघ प्रमुख सभी जातियों को एक धागे में बंधे रहने का संदेश दे रहे थे. यह इसलिए भी हैरान करने वाली तस्वीर बनी रही क्योंकि इससे पहले वाराणसी जनपद में एक ही मंच पर अलग-अलग जातियों का सामूहिक विवाह कार्यक्रम नहीं हुआ था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विधि विधान से किया कन्यादान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वाराणसी के संकुल धारा कुंड के पास 125 जोड़ों का सामूहिक विवाह कार्यक्रम कराया गया, जिसमें अलग-अलग जातियों के लोग एक साथ बैठकर सनातन परंपरा के तहत वैवाहिक बंधन में बंध रहे थे. खुद संघ प्रमुख मोहन भागवत नें ही इसमें शामिल होकर वर वधुओं का विवाह संपन्न कराया. अब इस बात की चर्चा और अटकलें तेज है कि जहां एक तरफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वाराणसी में सभी जातियों को एक ही मंच पर लाने के प्रयास में जुटा रहा वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के जातीय जनगणना करने वाले फैसले ने एक नई चर्चा को गति दी है.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड VIDEO: पटना में BJP की पूर्व MLA ने युवक की दनादन चप्पल से की पिटाई, बोले तेज प्रताप- ये है असली…