यति नरसिंहानंद बोले-मैं जेल जैसी स्थिति में रहा:26 दिन बाद डासना मंदिर पहुंचे; कहा-पुलिस ने उत्तराखंड में कमरे में बंद रखा

यति नरसिंहानंद बोले-मैं जेल जैसी स्थिति में रहा:26 दिन बाद डासना मंदिर पहुंचे; कहा-पुलिस ने उत्तराखंड में कमरे में बंद रखा

श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि 26 दिन बाद डासना देवी मंदिर पहुंच गए। यति ने कहा- गाजियाबाद पुलिस ने मुझे उत्तराखंड में एक कमरे में बंद रखा। मेरा फोन छीन लिया। मैं जेल जैसी स्थिति में रहा। अब 29 अक्टूबर की रात पुलिस ने मुझे उस कमरे से निकाला और यूपी-उत्तराखंड के बॉर्डर पर छोड़ दिया, जिसके बाद रात डेढ़ बजे मैं मंदिर पर पहुंचा हूं। ‘दो दिन गाजियाबाद रखा, फिर उत्तराखंड ले गए’
‘दैनिक भास्कर’ से फोन पर बातचीत में यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा- 4 अक्टूबर की रात मैं गाजियाबाद के गांव बम्हैटा में पार्षद प्रमोश यादव के घर गया था। वहां से पुलिस कमिश्नर के आदेश पर पुलिस ने मुझे उठा लिया। शुरुआत के दो दिन तक पुलिस ने मुझे नजरबंद करके गाजियाबाद पुलिस लाइन में रखा। फिर पुलिसवाले मुझे उत्तराखंड में ले गए। वहां उन्होंने मुझे एक बिल्डिंग के कमरे में रखा। वो बिल्डिंग होटल जैसी थी। ‘कमरे के बाहर रहते थे दो पुलिसवाले’
यति ने आगे कहा- मेरे गेट के बाहर हर वक्त यूपी पुलिस के दो जवान तैनात रहते थे। मेरा फोन उन्हीं के कब्जे में था। कभी-कभी व्यक्तिगत कॉल करने की बात कहकर मैं उनसे अपना मोबाइल हासिल कर पाता था। मैं 26 दिन तक जेल जैसी स्थिति में रहा। 29 अक्टूबर की रात पुलिसवालों ने मुझे उस कमरे से पहली बार बाहर निकाला और यूपी-उत्तराखंड के बॉर्डर (मुजफ्फरनगर के आसपास) मुझे छोड़कर चले गए। इसके बाद कुछ मेरे सेवक वहां पहुंचे और मुझे लेकर गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में आए हैं। गाजियाबाद पुलिस ने मुझे छोड़ते हुए कहा है कि मैं थोड़े दिन चुप रहूं। क्या है पूरा मामला
29 सितंबर को गाजियाबाद के लोहियानगर स्थित हिन्दी भवन में एक कार्यक्रम हुआ। इसमें डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर और महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि पहुंचे। उन्होंने पैगंबर को लेकर विवादित बयान दिया। सोशल मीडिया में कई दिन बाद ये क्लिप वायरल हुई तो मुस्लिमों ने देशभर में प्रदर्शन शुरू कर दिए। गाजियाबाद और महाराष्ट्र में यति पर दो मुकदमे दर्ज हुए। इस प्रकरण के बाद 4 अक्टूबर की रात यति नरसिंहानंद गिरि कथित तौर पर लापता हो गए थे। यति शिष्यों का कहना था कि गुरुजी को पुलिस ने नजरबंद किया हुआ है, जबकि पुलिस का कहना था कि यति उनके पास नहीं हैं। उर्दू टीचर से मारपीट केस में जेल भेजने का विरोध
डासना देवी मंदिर पर पहुंचने के बाद यति नरसिंहानंद गिरि ने बुधवार को एक केस को लेकर बयान जारी किया। दरअसल, पिछले दिनों क्रॉसिंग रिपब्लिक थाना क्षेत्र की पंचशील सोसाइटी के एक फ्लैट में उर्दू पढ़ाने जा रहे मुस्लिम टीचर से अभद्रता हुई थी। इस मामले में पुलिस ने मनोज प्रजापति को जेल भेज दिया। यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा- मनोज ने उर्दू टीचर से सिर्फ ये पूछा था कि कहां जा रहे हो? इसी बात पर टीचर ने हंगामा किया और मनोज पर झूठा मुकदमा दर्ज कराकर उन्हें जेल भिजवा दिया। ये खबर भी पढ़ें :- कानपुर में रईस महिलाओं से नजदीकी बढ़ाता जिम ट्रेनर, नशीला शेक पिलाकर यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेल करता था कानपुर के चर्चित एकता गुप्ता मर्डर और फिर लाश को DM कंपाउंड में दफनाने के मामले में एक और खुलासा हुआ है। जिम ट्रेनर विमल सोनी की वॉट्सऐप चैट और कॉल डिटेल से सामने आया कि वह ट्रेनिंग के दौरान रईस घराने की महिलाओं से पहले नजदीकी बढ़ाता। फिर प्रोटीन शेक में नशीली चीजें मिलाकर उनका यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेल करता। उसके संपर्क में एक-दो नहीं, 10 से ज्यादा महिलाएं थीं। जिनके साथ उसका बेहद नजदीकी रिश्ता था। पढ़ें पूरी खबर… जिम ट्रेनर बोला-एक घूंसे में मरी कारोबारी की पत्नी : कानपुर में अफसरों को ट्रेनिंग देता, इसी बात से इंप्रेस हुई मैं कानपुर में अधिकारियों को जिम में ट्रेनिंग देता था, अकसर मेरा उनके यहां भी आना-जाना था। जब मैं अफसरों और उनकी पत्नियों को ट्रेनिंग देता तो एकता मुझे एकटक देखती रहती थी। वह मुझसे इंप्रेस थी। जिम में और भी ट्रेनर थे, लेकिन एकता ने मुझसे ही ट्रेनिंग लेनी चाही। धीरे-धीरे हम करीब आ गए। इसी बीच मेरी शादी तय हो गई। इस बात से वह काफी नाराज थी, मैंने उसे बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी। उस दिन गुस्से में मैने एकता को एक घूंसा मार दिया, जिससे वह मर गई।’पढ़ें पूरी खबर श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि 26 दिन बाद डासना देवी मंदिर पहुंच गए। यति ने कहा- गाजियाबाद पुलिस ने मुझे उत्तराखंड में एक कमरे में बंद रखा। मेरा फोन छीन लिया। मैं जेल जैसी स्थिति में रहा। अब 29 अक्टूबर की रात पुलिस ने मुझे उस कमरे से निकाला और यूपी-उत्तराखंड के बॉर्डर पर छोड़ दिया, जिसके बाद रात डेढ़ बजे मैं मंदिर पर पहुंचा हूं। ‘दो दिन गाजियाबाद रखा, फिर उत्तराखंड ले गए’
‘दैनिक भास्कर’ से फोन पर बातचीत में यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा- 4 अक्टूबर की रात मैं गाजियाबाद के गांव बम्हैटा में पार्षद प्रमोश यादव के घर गया था। वहां से पुलिस कमिश्नर के आदेश पर पुलिस ने मुझे उठा लिया। शुरुआत के दो दिन तक पुलिस ने मुझे नजरबंद करके गाजियाबाद पुलिस लाइन में रखा। फिर पुलिसवाले मुझे उत्तराखंड में ले गए। वहां उन्होंने मुझे एक बिल्डिंग के कमरे में रखा। वो बिल्डिंग होटल जैसी थी। ‘कमरे के बाहर रहते थे दो पुलिसवाले’
यति ने आगे कहा- मेरे गेट के बाहर हर वक्त यूपी पुलिस के दो जवान तैनात रहते थे। मेरा फोन उन्हीं के कब्जे में था। कभी-कभी व्यक्तिगत कॉल करने की बात कहकर मैं उनसे अपना मोबाइल हासिल कर पाता था। मैं 26 दिन तक जेल जैसी स्थिति में रहा। 29 अक्टूबर की रात पुलिसवालों ने मुझे उस कमरे से पहली बार बाहर निकाला और यूपी-उत्तराखंड के बॉर्डर (मुजफ्फरनगर के आसपास) मुझे छोड़कर चले गए। इसके बाद कुछ मेरे सेवक वहां पहुंचे और मुझे लेकर गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में आए हैं। गाजियाबाद पुलिस ने मुझे छोड़ते हुए कहा है कि मैं थोड़े दिन चुप रहूं। क्या है पूरा मामला
29 सितंबर को गाजियाबाद के लोहियानगर स्थित हिन्दी भवन में एक कार्यक्रम हुआ। इसमें डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर और महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि पहुंचे। उन्होंने पैगंबर को लेकर विवादित बयान दिया। सोशल मीडिया में कई दिन बाद ये क्लिप वायरल हुई तो मुस्लिमों ने देशभर में प्रदर्शन शुरू कर दिए। गाजियाबाद और महाराष्ट्र में यति पर दो मुकदमे दर्ज हुए। इस प्रकरण के बाद 4 अक्टूबर की रात यति नरसिंहानंद गिरि कथित तौर पर लापता हो गए थे। यति शिष्यों का कहना था कि गुरुजी को पुलिस ने नजरबंद किया हुआ है, जबकि पुलिस का कहना था कि यति उनके पास नहीं हैं। उर्दू टीचर से मारपीट केस में जेल भेजने का विरोध
डासना देवी मंदिर पर पहुंचने के बाद यति नरसिंहानंद गिरि ने बुधवार को एक केस को लेकर बयान जारी किया। दरअसल, पिछले दिनों क्रॉसिंग रिपब्लिक थाना क्षेत्र की पंचशील सोसाइटी के एक फ्लैट में उर्दू पढ़ाने जा रहे मुस्लिम टीचर से अभद्रता हुई थी। इस मामले में पुलिस ने मनोज प्रजापति को जेल भेज दिया। यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा- मनोज ने उर्दू टीचर से सिर्फ ये पूछा था कि कहां जा रहे हो? इसी बात पर टीचर ने हंगामा किया और मनोज पर झूठा मुकदमा दर्ज कराकर उन्हें जेल भिजवा दिया। ये खबर भी पढ़ें :- कानपुर में रईस महिलाओं से नजदीकी बढ़ाता जिम ट्रेनर, नशीला शेक पिलाकर यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेल करता था कानपुर के चर्चित एकता गुप्ता मर्डर और फिर लाश को DM कंपाउंड में दफनाने के मामले में एक और खुलासा हुआ है। जिम ट्रेनर विमल सोनी की वॉट्सऐप चैट और कॉल डिटेल से सामने आया कि वह ट्रेनिंग के दौरान रईस घराने की महिलाओं से पहले नजदीकी बढ़ाता। फिर प्रोटीन शेक में नशीली चीजें मिलाकर उनका यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेल करता। उसके संपर्क में एक-दो नहीं, 10 से ज्यादा महिलाएं थीं। जिनके साथ उसका बेहद नजदीकी रिश्ता था। पढ़ें पूरी खबर… जिम ट्रेनर बोला-एक घूंसे में मरी कारोबारी की पत्नी : कानपुर में अफसरों को ट्रेनिंग देता, इसी बात से इंप्रेस हुई मैं कानपुर में अधिकारियों को जिम में ट्रेनिंग देता था, अकसर मेरा उनके यहां भी आना-जाना था। जब मैं अफसरों और उनकी पत्नियों को ट्रेनिंग देता तो एकता मुझे एकटक देखती रहती थी। वह मुझसे इंप्रेस थी। जिम में और भी ट्रेनर थे, लेकिन एकता ने मुझसे ही ट्रेनिंग लेनी चाही। धीरे-धीरे हम करीब आ गए। इसी बीच मेरी शादी तय हो गई। इस बात से वह काफी नाराज थी, मैंने उसे बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी। उस दिन गुस्से में मैने एकता को एक घूंसा मार दिया, जिससे वह मर गई।’पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर