हरियाणा पुलिस इंस्पेक्टर निर्मल सिंह की मां की हत्या और लूट के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इस वारदात की साजिशकर्ता और कोई नहीं, बल्कि खुद इंस्पेक्टर की पत्नी शिल्पी है। पुलिस ने शिल्पी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूछताछ में हत्यारोपी शिल्पी ने अपनी अपनी सास की हत्या करने की बात कबूल की है। डीएसपी राजेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि शिल्पी ने सास के साथ हाथापाई की और उनका गला घोंटकर हत्या कर दी। लगी थी पुलिस की साख दांव पर आपको बता दें कि, पुलिस को पिछले दिनों यमुनानगर के पाश इलाके हुडा सेक्टर 18 स्थित इंस्पेक्टर निर्मल सिंह की कोठी में लाखों की लूट और इंस्पेक्टर निर्मल सिंह की मां की हत्या की सूचना मिली थी। वारदात पुलिस अधिकारी के घर पर हुई थी, लिहाजा पुलिस की साख भी दाव पर लगी थी। पुलिस अधिकारियों की माने तो उन्हें पहले दिन से ही शिल्पी के बयानों पर शक हो रहा था। दोपहर के समय शिल्पी घर से निकली, जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का समय सुबह का आया। पुलिस ने जब सभी पहलुओं की बारीकी से जांच पड़ताल की तो पुलिस का शक यकीन में बदलते देर नहीं लगी। सास बहू होते था अक्सर झगड़ा डीएसपी राजेश ने खुलासा किया कि शिल्पी के किसी अन्य व्यक्ति के साथ अवैध संबंध थे। घर में शिल्पी की अपनी सास से नहीं बनती थी। दोनों में अक्सर झगड़े होते रहते थे। मगर, किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि रोज की यह चिक चिक इतनी खौफनाक वारदात का रूप ले लेगी। पुलिस जांच में सामने आया कि शिल्पी ने अपनी सास को रास्ते से हटाने के लिए खुद यह खौफनाक कदम उठाया। शिल्पी के हाथों पर हाथापाई के दौरान ताजी खरोंचों के भी निशान मिले। शिल्पी को कोर्ट में पेश कर पुलिस ने रिमांड पर लिया जाएगी। हरियाणा पुलिस इंस्पेक्टर निर्मल सिंह की मां की हत्या और लूट के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इस वारदात की साजिशकर्ता और कोई नहीं, बल्कि खुद इंस्पेक्टर की पत्नी शिल्पी है। पुलिस ने शिल्पी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूछताछ में हत्यारोपी शिल्पी ने अपनी अपनी सास की हत्या करने की बात कबूल की है। डीएसपी राजेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि शिल्पी ने सास के साथ हाथापाई की और उनका गला घोंटकर हत्या कर दी। लगी थी पुलिस की साख दांव पर आपको बता दें कि, पुलिस को पिछले दिनों यमुनानगर के पाश इलाके हुडा सेक्टर 18 स्थित इंस्पेक्टर निर्मल सिंह की कोठी में लाखों की लूट और इंस्पेक्टर निर्मल सिंह की मां की हत्या की सूचना मिली थी। वारदात पुलिस अधिकारी के घर पर हुई थी, लिहाजा पुलिस की साख भी दाव पर लगी थी। पुलिस अधिकारियों की माने तो उन्हें पहले दिन से ही शिल्पी के बयानों पर शक हो रहा था। दोपहर के समय शिल्पी घर से निकली, जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का समय सुबह का आया। पुलिस ने जब सभी पहलुओं की बारीकी से जांच पड़ताल की तो पुलिस का शक यकीन में बदलते देर नहीं लगी। सास बहू होते था अक्सर झगड़ा डीएसपी राजेश ने खुलासा किया कि शिल्पी के किसी अन्य व्यक्ति के साथ अवैध संबंध थे। घर में शिल्पी की अपनी सास से नहीं बनती थी। दोनों में अक्सर झगड़े होते रहते थे। मगर, किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि रोज की यह चिक चिक इतनी खौफनाक वारदात का रूप ले लेगी। पुलिस जांच में सामने आया कि शिल्पी ने अपनी सास को रास्ते से हटाने के लिए खुद यह खौफनाक कदम उठाया। शिल्पी के हाथों पर हाथापाई के दौरान ताजी खरोंचों के भी निशान मिले। शिल्पी को कोर्ट में पेश कर पुलिस ने रिमांड पर लिया जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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विधानसभा चुनाव से पहले BJP का आदमपुर पर दांव:3 साल बाद नगर पालिका दर्जा खत्म होगा, कुलदीप बिश्नोई ने जताया आभार
विधानसभा चुनाव से पहले BJP का आदमपुर पर दांव:3 साल बाद नगर पालिका दर्जा खत्म होगा, कुलदीप बिश्नोई ने जताया आभार हिसार की आदमपुर नगर पालिका का दर्जा जल्द ही खत्म हो जाएगा। सरकार से इसकी मंजूरी मिलने के बाद फाइल हिसार डीसी ऑफिस पहुंच गई है। कभी भी इसकी घोषणा हो सकती है। आदमपुर को भाजपा सरकार ने 29 जून 2021 को नगर पालिका का दर्जा दिया था। इसके बाद से ही लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। करीब 40 दिन तक लगातार धरना-प्रदर्शन चला था। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने धरने पर पहुंचकर आश्वासन दिया था कि वह सरकार से मिलकर नगर पालिका का दर्जा खत्म करवाएंगे। कुलदीप बिश्नोई ने तब के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की थी। मनोहर लाल ने आश्वासन दिया था कि नगर पालिका का दर्जा हटाएंगे। करीब 2 साल पहले सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि आदमपुर गांव को नगर पालिका से हटाया जाएगा। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने विधायक बेटे भव्य बिश्नोई के साथ जाकर 6 जून को मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की थी और इस मामले को जल्द हल करने को कहा था। इसके बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए फाइल आगे बढ़ा दी। अब फाइल मंजूर होकर डीसी ऑफिस तक पहुंच गई है। पहले नगर पालिका का दर्जा देने को चली थी मुहिम बता दें कि इससे पहले मंडी आदमपुर को नगर पालिका बनाने के लिए जन सेवा समिति ने मुहिम शुरू की थी। बाद में जन सेवा समिति के सदस्यों ने आदमपुर की करीब 16 सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं को अपने साथ लिया और उनसे इस बारे में चर्चा की। संस्थाओं द्वारा सहमति जताने के साथ ही अपने-अपने लेटर हेड पर प्रस्ताव लिखित में दिए गए थे। संस्थाओं से प्रस्ताव मिलने के बाद समिति द्वारा सामूहिक बैठक बुलाई गई थी। आदमपुर को नगरपालिका बनाने के लिए तब जजपा के नेता रहे रमेश गोदारा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से मुलाकात की थी। इसके बाद आदमपुर को नगर पालिका का दर्जा मिला था। इसके बाद नगर पालिका का दर्जा हटवाने को चला धरना आदमपुर ग्राम पंचायत को नगरपालिका से बाहर कर पुनः ग्राम पंचायत का दर्जा देने की मांग पर 40 दिनों तक धरना चला। इसके बाद ग्रामीणों के साथ वीडियो काल कर आदमपुर से विधायक कुलदीप बिश्नोई ने दावा किया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनकी मांग को मानते हुए आदमपुर गांव को पुन: ग्राम पंचायत का दर्जा देने की स्वीकृति दे दी है। कुलदीप बिश्नोई की ओर से कहा गया था कि वे इस मामले को लेकर गुरुग्राम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलकर विस्तृत सकारात्मक चर्चा कर चुके हैं। आदमपुर ग्राम पंचायत बहाली को लेकर मुख्यमंत्री ने उनके सामने अधिकारियों को निर्देश दिए। पूर्व CM के इलाका उपमंडल बनने को तरसा आदमपुर को उपमंडल बनाने के मामले में पहले की सरकारें राजनीति करती रही हैं। 1991 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे चौ. भजनलाल ने आदमपुर को उपमंडल का दर्जा दे दिया था। वर्ष 1996 में बनी हविपा-भाजपा गठबंधन की सरकार के मुख्यमंत्री बंसीलाल ने तोशाम सहित आदमपुर का उपमंडल का दर्जा वापस ले लिया। इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुए और आदमपुर के साथ-साथ तोशाम को भी फिर से उपमंडल का दर्जा दे दिया। साथ ही इसे विधानसभा में पारित भी करवा दिया था। फिर कांग्रेस की सरकार बनने के बाद फाइलें धूल फांकती रही और अब तक आदमपुर को उप मंडल का दर्जा नहीं मिल सका है। नगर पालिका का दर्जा का इसलिए हुआ था विरोध लोगों का आरोप था कि नगरपालिका बनने के बाद विकास का कोई कार्य आरंभ नहीं हुआ, जबकि जनता के ऊपर टैक्स थोपे जाने लगे। निकायों के टैक्स लोगों से लिए जाने लगे। इसके कारण लोग परेशान हो गए। निर्माण करा रहे लोगों को नोटिस दिए जाने लगे। आदमपुर गांव के पूर्व सरपंच कृष्ण सेठी ने बताया कि नगरपालिका का कोई फायदा नहीं है, बल्कि नुकसान ही नुकसान है। नगरपालिका बनने के बाद से मनरेगा स्कीम बंद हो गई है। चुनावों में उठाना पड़ा नुकसान, भजनलाल के गढ़ में हारी भाजपा भजनलाल परिवार का अभेद दुर्ग कहे जाने वाले आदमपुर में भाजपा को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। आदमपुर विधानसभा पर 56 साल से बिश्नोई परिवार का कब्जा है। इस सीट पर पहली बार भजनलाल 1968 में विधायक बने थे तब से लेकर जितने भी चुनाव हुए सभी में भजनलाल परिवार ही आदमपुर से जीतता आ रहा है। मगर इस बार भजनलाल के किले में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। स्व. भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई भाजपा में हैं और उनके बेटे भव्य बिश्नोई आदमपुर में 2022 में भाजपा की टिकट पर विधायक चुने गए थे। मगर इस बार कुलदीप बिश्नोई भाजपा की नैया आदमपुर में पार नहीं लगा सके। भाजपा के हिसार से लोकसभा रणजीत चौटाला को आदमपुर में 53156 वोट मिले जबकि कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी को 59544 वोट मिले। जयप्रकाश जेपी 6384 वोट से आदमपुर से चुनाव जीत गए। कुलदीप ने बार-बार जनता के सामने जोड़े थे हाथ कुलदीप बिश्नोई इस बात को जानते थे कि आदमपुर में अगर वह हार गए तो इसका खामियाजा उनके राजनीतिक जीवन पर पड़ेगा। इस स्थिति को भांपते हुए वह बार-बार जनता के बीच गए और अपने पिता चौधरी भजनलाल से जुड़ाव को याद दिलाकर वोट मांगे। वह बार-बार जनता के बीच जाकर हाथ जोड़ते हुए नजर आए और कहते रहे कि लाज रख लेना कहीं गलत कदम मल उठा लेना। मगर लोगों ने कुलदीप बिश्नोई की अपील को अनसुना कर दिया। आदमपुर में कांग्रेस को बढ़त मिली और सबसे खास बात है कि बिश्नोईयों के गांव में जयप्रकाश जेपी आगे रहे। इसका कारण कुलदीप बिश्नोई से लोगों की नाराजगी को कारण माना जा रहा है। बिश्नोई परिवार का आदमपुर में घटा जनाधार आदमपुर में बिश्नोई परिवार का जनाधार लगातार कम हो रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भजनलाल के पौते भव्य बिश्नोई हिसार से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे तब भाजपा के बृजेंद्र सिंह ने भव्य को आदमपुर में हराया था। अब लोकसभा चुनाव में यह दूसरा मौका है जब बिश्नोई परिवार आदमपुर में हार गया हो। वहीं दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव में भाजपा की ही टिकट पर भव्य आदमपुर से चुनाव लड़े और चुनाव जीते। मगर चुनाव जीत का मार्जिन कम हो गया। भव्य 15,714 वोटों से ही चुनाव जीत पाए। बिश्नोई परिवार का आदमपुर ही नहीं आसपास की सीटों भी प्रभाव था जो कहीं देखने को नहीं मिला।
पलवल में दिनदहाड़े फायरिंग:गोली लगने से स्कॉर्पियो सवार की हालत गंभीर, जूस पीने के लिए रुका था तभी हमला
पलवल में दिनदहाड़े फायरिंग:गोली लगने से स्कॉर्पियो सवार की हालत गंभीर, जूस पीने के लिए रुका था तभी हमला होडल शहर के हसनपुर चौक के निकट शुक्रवार सुबह हुई गोलीबारी में एक युवक गोली लगने से घायल हो गया, जबकि गोली चलाने वाले मौके से फरार हो गए। घायल को आनन-फानन में सरकारी अस्पताल लाया गया, जहां से हालत गंभीर देखते हुए हॉयर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। सूचना मिलते ही डीएसपी व थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और घटना स्थल का जायजा लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, होडल रोहता पट्टी निवासी पूर्व पार्षद वीरेंद्र का भांजा नरवीर उर्फ भोला अपने दो-तीन साथियों के साथ होडल उनसे मिलने के लिए अपनी स्कॉर्पियो गाड़ी में आया था। नेशनल हाईवे-19 पर हसनपुर चौक के निकट नरवीर जूस की दुकान पर जूस पीने के लिए रुक गया। गोली मारकर हमलावर फरार जूस पीने के बाद जैसे ही गाड़ी में बैठकर चला, तभी पीछे से दूसरी स्कॉर्पियो गाड़ी आई और इसमें सवार लोगों ने नरवीर की गाड़ी पर फॉयरिंग शुरू कर दी। गोलीबारी में एक गोली नरवीर उर्फ भोला की छाती में लगने से वह घायल हो गया। जिसके बाद हमलवार अपनी गाड़ी को लेकर मौके से फरार हो गए। घायल नरवीर उर्फ भोला को उसके साथी तुरंत उपचार के लिए होडल के सरकारी अस्पताल पहुंचे, जहां से चिकित्सकों ने उसकी हालत नाजुक देखते हुए हॉयर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। फिल्हाल नरवीर का फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है। दुकानदारों से घटना के बारे में पूछताछ घटना की सूचना मिलते ही डीएसपी कुलदीप सिंह व थाना प्रभारी मौहम्मद इलियास पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने आसपास के दुकानदारों से घटना के बारे में पूछताछ की और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने में जुट गई, ताकि आरोपियों का पता लगाया जा सके। इस संबंध में होडल थाना प्रभारी मोहम्मद इलियास का कहना है कि उन्हें सूचना मिली तो वे पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए, लेकिन अभी तक घायलों की तरफ से कोई शिकायत नहीं दी गई है। शिकायत मिलने के बाद ही आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि घटना को अंजाम देने वालों की तलाश में पुलिस की टीम जुटी हुई है।
हरियाणा में टिकट मिले बगैर कांग्रेस नेता ने लड्डू बंटवाए:उम्मीदवारों पर फैसले के लिए केंद्रीय चुनाव समिति मीटिंग हुई; कल पहली लिस्ट संभव
हरियाणा में टिकट मिले बगैर कांग्रेस नेता ने लड्डू बंटवाए:उम्मीदवारों पर फैसले के लिए केंद्रीय चुनाव समिति मीटिंग हुई; कल पहली लिस्ट संभव हरियाणा के हांसी में उम्मीदवारों की घोषणा से पहले ही कांग्रेस दावेदार के समर्थकों ने लड्डू बांट दिए। हांसी में कांग्रेस नेता प्रेम सिंह मलिक टिकट पर दावा जता रहे हैं। उनकी उम्मीदवारी को लेकर गांव पुट्ठी मंगल खां में मंगल गीत गाए और टिकट की खुशी में लड्डू बांटे। समर्थकों ने कहा कि उनको पूरा विश्वास है कि प्रेम सिंह मलिक को ही टिकट मिलेगा। प्रेम सिंह मलिक पहले भी हांसी से निर्दलीय चुनाव लड़े थे और हार गए थे। वहीं दिल्ली में कांग्रेस के टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की पहली मीटिंग हुई है। दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में हुई इस मीटिंग में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी भी मौजूद हैं। बैठक में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन व हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया के अलावा हरियाणा से नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा, प्रदेशाध्यक्ष उदयभान और दीपक बाबरिया भी शामिल रहे। इस बैठक में कांग्रेस उम्मीदवारों को लेकर बड़े फैसले ले सकती है। वहीं उम्मीदवार फाइनल करने के लिए अभी तक कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की 4 मीटिंग कर चुकी है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस 4 दिनों में 2 लिस्ट जारी करेगी। पहली लिस्ट 3 सितंबर यानी कल आने के पूरे आसार हैं। यह बात प्रभारी दीपक बाबरिया भी कह चुके हैं। वहीं दूसरी लिस्ट 6 या 7 को आ सकती है। बाबरिया बोले- अधिकतर विधायकों को टिकट मिलेगा
रविवार को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा था कि अधिकतर विधायकों को टिकट मिलेगा। कुछ विधायकों का टिकट कट भी सकता है। सभी सीटों के पैनल बना लिए गए हैं। सहमति नहीं बन पाने के कारण काफी सीटों पर सिंगल पैनल है। कुछ पर दो-दो के नाम है। कई सीटों पर कई नाम हैं। ये उम्मीदवार हो सकते हैं फाइनल लिस्ट में
कांग्रेस के 14 फाइनल हुए उम्मीदवारों में सबसे पहला नाम भूपेंद्र हुड्डा का शामिल हैं, जो राज्य में सांपला किलोई से चुनाव लड़ने वाले हैं और इस सीट से किसी उम्मीदवार ने आवेदन नहीं किया था। हुड्डा के साथ इस फाइनल उम्मीदवारों की लिस्ट में झज्जर से गीता भुक्कल, रेवाड़ी से चिरंजीव राव, बेरी से रघुबीर कादियान, रोहतक से बीबी बत्रा, महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह , नूंह से आफताब अहमद, बरौदा से इंदुराज भालू और पुन्हाना से मोहम्मद इलियास के नाम शामिल हैं। इसके साथ ही पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन बिश्नोई का पंचकूला से टिकट लगभग फाइनल हो चुकी है। हुड्डा ने युवाओं से किया बड़ा वादा
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा इस बार कांग्रेस की तरफ से सीएम चेहरे के बड़े दावेदार माने जा रहे हैं। बीजेपी पर हमला करते हुए हुड्डा ने कहा “बीजेपी 10 साल से भर्तियों को लटकाने, भटकाने और कोर्ट के चक्कर कटवाने का काम करती रही। लेकिन अब भर्तियों को लटकाने वाली बीजेपी सरकार की जल्द विदाई होने वाली है”। उन्होंने कहा “प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही हरियाणा पुलिस, ग्रुप-डी और CET के सभी ग्रुप समेत लटकी पड़ी तमाम भर्तियों और खाली पड़े 2 लाख पदों पर भर्ती को तेज़ी से पूरा करके चयनित युवाओं को तुरंत ज्वाइनिंग दिलवाई जाएगी। इसके अलावा, कांग्रेस सरकार बनते ही 1 लाख नई भर्तियों की प्रक्रिया भी शुरू होगी, जिन्हें भर्ती विधान और जॉब कैलेंडर के आधार पर समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाएगा”।