यमुनानगर जिले के रादौर अनाज मंडी के पास आज हरिद्वार से जल लेकर जा रहे कावड़िये को हरियाणा रोडवेज की बस से टकराकर जल खंडित होने पर कांवड़िये भड़क गए और उन्होंने हाइवे पर कुरुक्षेत्र से हरिद्वार मार्ग पर जाम लगा दिया। रादौर पुलिस को सूचना मिलती है पुलिस मौके पर पहुंची और उन्होंने स्थिति का जायजा लिया। रादौर में सुबह सहारनपुर- कुरुक्षेत्र हाईवे मार्ग पर अनाज मंडी के पास रोडवेज की बस की साइड लग जाने के कारण एक कांवड़िये का जल खंडित हो गया। जिसके बाद भड़के कांवड़ियों ने हाइवे मार्ग जाम कर दिया, जिससे सड़क के दोनों और वाहनों की लम्बी लाइन लग गई। पुलिस ने कड़ी मशक्क्त कर कांवड़ियों को मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद कांवड़ियों ने जाम खोल दिया। कांवड़ियों ने की कार्रवाई की मांग कैथल के कस्बा राजौंद के गांव कोटड़ा निवासी सत्यवान ने बताया कि वे रादौर अनाजमंडी में लगे शिविर से चंद कदम ही चले थे की रोडवेज के बस चालक ने उनके एक साथी अमन की कांवड़ को साइड से टक्कर मार दी, जिससे उसकी कांवड़ सड़क पर गिरकर खंडित हो गई। लेकिन इस बीच बस चालक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा की कांवड़ियां ठीक है या नहीं। जिससे आक्रोशित कांवड़ियों ने जाम लगाया है। सत्यवान ने कहा कि उनकी मांग है कि उनका जो जल खंडित हुआ है उसे दोबारा हरिद्वार से लाया जाए और आरोपी बस चालक की पहचान कर उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। पुलिस की और कांवड़ियों में हुई बहस रादौर थाना प्रभारी महेंद्र सिंह और कांवड़ियों के बीच काफी बहस हुई। लेकिन बाद में पुलिस ने कांवड़ियों को मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद कांवड़ियों ने जाम खोल दिया और वो आगे अपने गंतव्य की और बढ़ गए। थाना प्रभारी महेंद्र सिंह ने बताया कि बस की फुटेज चेक करेंगे अगर नंबर आ जाता है तो कार्रवाई करेंगे। यमुनानगर जिले के रादौर अनाज मंडी के पास आज हरिद्वार से जल लेकर जा रहे कावड़िये को हरियाणा रोडवेज की बस से टकराकर जल खंडित होने पर कांवड़िये भड़क गए और उन्होंने हाइवे पर कुरुक्षेत्र से हरिद्वार मार्ग पर जाम लगा दिया। रादौर पुलिस को सूचना मिलती है पुलिस मौके पर पहुंची और उन्होंने स्थिति का जायजा लिया। रादौर में सुबह सहारनपुर- कुरुक्षेत्र हाईवे मार्ग पर अनाज मंडी के पास रोडवेज की बस की साइड लग जाने के कारण एक कांवड़िये का जल खंडित हो गया। जिसके बाद भड़के कांवड़ियों ने हाइवे मार्ग जाम कर दिया, जिससे सड़क के दोनों और वाहनों की लम्बी लाइन लग गई। पुलिस ने कड़ी मशक्क्त कर कांवड़ियों को मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद कांवड़ियों ने जाम खोल दिया। कांवड़ियों ने की कार्रवाई की मांग कैथल के कस्बा राजौंद के गांव कोटड़ा निवासी सत्यवान ने बताया कि वे रादौर अनाजमंडी में लगे शिविर से चंद कदम ही चले थे की रोडवेज के बस चालक ने उनके एक साथी अमन की कांवड़ को साइड से टक्कर मार दी, जिससे उसकी कांवड़ सड़क पर गिरकर खंडित हो गई। लेकिन इस बीच बस चालक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा की कांवड़ियां ठीक है या नहीं। जिससे आक्रोशित कांवड़ियों ने जाम लगाया है। सत्यवान ने कहा कि उनकी मांग है कि उनका जो जल खंडित हुआ है उसे दोबारा हरिद्वार से लाया जाए और आरोपी बस चालक की पहचान कर उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। पुलिस की और कांवड़ियों में हुई बहस रादौर थाना प्रभारी महेंद्र सिंह और कांवड़ियों के बीच काफी बहस हुई। लेकिन बाद में पुलिस ने कांवड़ियों को मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद कांवड़ियों ने जाम खोल दिया और वो आगे अपने गंतव्य की और बढ़ गए। थाना प्रभारी महेंद्र सिंह ने बताया कि बस की फुटेज चेक करेंगे अगर नंबर आ जाता है तो कार्रवाई करेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में प्रॉपर्टी ID और PPP की होगी समीक्षा:लोकसभा चुनाव में था सबसे बड़ा मुद्दा; PWD मंत्री बोले-CM के सामने रखी मांग
हरियाणा में प्रॉपर्टी ID और PPP की होगी समीक्षा:लोकसभा चुनाव में था सबसे बड़ा मुद्दा; PWD मंत्री बोले-CM के सामने रखी मांग हरियाणा में लोकसभा चुनाव के दौरान सबसे बड़ा मुद्दा बनकर सामने आए परिवार पहचान पत्र (PPP), प्रॉपर्टी आईडी, एनडीसी, बीपीएल कार्ड की परेशानियों को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार अब इनकी समीक्षा करेगी। बकायदा इसके लिए ग्राउंड लेवल पर डिपार्टमेंट से फीडबैक लिया जा रहा हैं। बीजेपी सरकार को पोर्टल की वजह से प्रदेश में बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। सीनियर लेवल के अधिकारी ऑल इज वेल कहते रहे और निचलने स्तर पर चुनाव में बड़ा नुकसान हो गया। इसलिए सरकार अब निचले स्तर पर कर्मचारियों से फीडबैक ले रही है। प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने शनिवार को रेवाड़ी में बताया कि लोकसभा चुनाव की समीक्षा को लेकर सीएम नायब सैनी ने सभी विधायकों की बैठक ली थी। विधायकों की मीटिंग ली थी। सभी विधायकों से बात की। सीएम ने पूछा कि चुनाव के समय में क्या-क्या समस्याएं आई, जिसकी वजह से हमारा ग्राफ गिरा। जिसमें विधायकों ने बताया कि शहर में प्रॉपर्टी आईडी, फैमिली आईडी, गांवों में लोगों के बीपीएल कार्ड कट गए जैसी समस्याएं थी। ये समस्याएं पोर्टल पर ठीक नहीं हो रही है, जिसकी वजह से लोगों में रोष है। हमने सीएम से कहा कि इसे ऑफलाइन किया जाए। इसके बाद सीएम ने समीक्षा कराने की बात कही हैं। चुनाव में 5 सीटों का नुकसान हुआ बता दें कि लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद जैसे ही आचार संहिता हटी। तुरंत प्रदेश सरकार एक्टिव हो गई। क्योंकि बीजेपी को इस चुनाव में 5 सीटों का नुकसान हुआ हैं। जिन सीटों पर जीत मिली, वहां भी कांटे का ही मुकाबला रहा। चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा प्रॉपर्टी आईडी और फैमिली आईडी का ही था। जिसकी लेकर बीजेपी सरकार को बड़ा नुकसान भी झेलना पड़ा। सरकार को लोगों के रोष का पता नहीं चल पाया। ऐसे में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा बनाई गई इन योजनाओं की समीक्षा करा रहे हैं। दरअसल, प्रॉपर्टी आईडी और फैमिली आईडी को लेकर गुस्सा का आकलन प्रदेश सरकार को पहले भी था, लेकिन लोगों में ये गुस्सा इतना हावी रहेगा ये सरकार तक नहीं पहुंच पाया। अधिकारी सब कुछ ठीक होने का हवाला देते रहे पोर्टल से संबंधित चंडीगढ़ में बड़े लेवल पर अधिकारियों की बैठक होती रही। निचले लेवल पर बैठे अधिकारी सरकार को सब कुछ ठीक होने का फीडबैक देते रहे और सरकार ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। आखिर में लोकसभा चुनाव में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। विपक्ष भी पूर्व मुख्यमंत्री की पोर्टल योजनाओं को लेकर सवाल खड़े करता रहा, लेकिन सरकार तक इसकी गूंज नहीं पहुंची। निचले लेवल पर कर्मचारियों से लिया जा रहा फीडबैक बता दें कि 12 मार्च को मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफा देने के बाद नायब सैनी मुख्यमंत्री बने। इसके तुरंत बाद ही आचार संहित लग गई। जिसकी वजह से ज्यादा काम करने का मौका नहीं मिल पाया। लेकिन चुनाव में हुए नुकसान का आकलन लगाने के बाद सरकार ने पोर्टल की योजनाओं की समीक्षा शुरू कर दी है। सरकार की तरफ से निचले स्तर पर निकाय विभाग के कर्मचारियों से फीडबैक लिया जा रहा है। उनसे दो ही सवाल किए जा रहे है। पहला प्रॉपर्टी आईडी और परिवार पहचान पत्र में किस तरह की समस्या है और दूसरा इन समस्याओं को कैसे दूर किया जा सकता हैं। क्योंकि विधानसभा चुनाव में 4 माह का समय बचा है। ऐसे में कहीं से मुद्दा विधानसभा चुनाव में भी बड़ा बनकर न रह जाए इसलिए सरकार इसके सुधार की तरफ कदम उठा रही है।
रोहतक में युवक से धोखाधड़ी:बैंक में नौकरी लगाने का दिया झांसा, फीस के नाम पर मांगे रुपए, 79913 रुपए ठगे
रोहतक में युवक से धोखाधड़ी:बैंक में नौकरी लगाने का दिया झांसा, फीस के नाम पर मांगे रुपए, 79913 रुपए ठगे रोहतक में एक युवक से नौकरी का झांसा देकर रुपए ठगने का मामला सामने आया है। आरोपियों ने पहले युवक को अपने झांसे में फंसाया और फिर उसे नौकरी लगाने के बात कहकर विभिन्न फीस के माध्यम से उससे 79 हजार 913 रुपए ठग लिए। जिसकी शिकायत पुलिस को दी गई है। रोहतक के शक्ति नगर निवासी प्रशांत कुमार ने आर्य नगर थाना में धोखाधड़ी की शिकायत दी। शिकायत में बताया कि वह बेरोजगार है और नौकरी की तलाश में कई जगह आवेदन किए। एक अक्टूबर को उसे प्लेसमेंट एजेंसी के नाम से कॉल आई, जिसमें सामने वाले ने खुद को अधिकारी बताया और बैंक में अकाउंटेंट के पद का ऑफर दिया। इसलिए उसने नौकरी के लिए हां भर दी। इसके बाद फोन पर इंटरव्यू लेने की बात कही। दूसरे नंबर से कॉल आई और बैंक अधिकारी बनकर इंटरव्यू लिया। अगले दिन फोन करके इंटरव्यू पास होने की बात कहकर रजिस्ट्रेशन प्रोसेस के लिए कहा। फीस के नाम पर मांगे पैसे
प्रशांत कुमार ने बताया कि रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर 799 रुपए मांगे। इसके बाद प्रोफाइल सर्टिफिकेशन जनरेट करने के लिए 3850 रुपए, बैंक में अकाउंट खोलने के लिए 7500 रुपए व दस्तावेज मांगे। इसके बाद प्लेसमेंट फीस के नाम पर 13542 रुपए मांगे। ऑफर लेटर दिया और कहा कि एक माह की ट्रेनिंग में 25500 रुपए व बाद में 40500 रुपए मिलेंगे। ज्वाइनिंग के लिए 28500 रुपए मांगे। इसके पश्चात बीमा के नाम पर 25 हजार 722 रुपए जमा करवाए। नौकरी का झांसा देकर 79 हजार 913 रुपए ठगे
उन्होंने बताया कि दीपावली के बाद ज्वाइनिंग का शेड्यूल किया। जब ज्वाइनिंग लोकेशन के बारे में पूछा तो उससे लैपटॉप सिक्योरिटी के नाम पर 30 हजार 500 रुपए मांगे। इस पर पुलिस की धमकी दी और लोकेशन पर आकर पैसे देने की बात कही। उसके वाट्सअप पर भेजे कागजात में दिए पते पर जाकर देखा तो वहां दूसरी कंपनी का एड्रेस निकला। जिसके बाद पता चला कि उससे धोखाधड़ी हुई है। नौकरी का झांसा देकर 79 हजार 913 रुपए ठगे हैं। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दे दी। पुलिस ने केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी।
हरियाणा पुलिस के ट्रेंड डॉग का बेड़ा बढ़ा:27 नए प्रशिक्षित डॉग शामिल हुए; 10 महीनों में 24 केस सुलझाए, गांजा-हेरोइन तक पकड़वा चुके
हरियाणा पुलिस के ट्रेंड डॉग का बेड़ा बढ़ा:27 नए प्रशिक्षित डॉग शामिल हुए; 10 महीनों में 24 केस सुलझाए, गांजा-हेरोइन तक पकड़वा चुके अपराध नियंत्रण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए हरियाणा पुलिस द्वारा क्षमता निर्माण को लेकर सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर के निर्देशानुसार डॉग स्क्वायड में तैनात डॉग की संख्या को 36 से बढ़ाकर 63 किया गया है। संख्या बढ़ाने के साथ ही डॉग्स को उच्च कोटि का प्रशिक्षण भी दिया गया है ताकि अपराध पर नियंत्रण किया जा सके एवं अपराधियों को पकड़ा जा सके। जनवरी 2024 से लेकर 31 अक्टूबर 2024 तक हरियाणा पुलिस के डॉग स्क्वायड की 24 मुकदद्मों को सुलझाने में मदद मिली है। इस अवधि के दौरान डॉग स्कवायड की मदद से 24 किलो 450 ग्राम गांजा, 17.18 ग्राम हेरोइन, 42.45 ग्राम स्मैक, 10 किलो 572 ग्राम डोडा पोस्त तथा 62 ग्राम चरस की रिकवरी की गई है। 3 कैटेगरी की डॉग हैं हरियाणा पुलिस में शामिल 1. पुलिस महानिदेशक (DGP) शत्रुजीत कपूर ने बताया कि हरियाणा पुलिस में वर्तमान में तीन तरह के डॉग्स को तैनात किया गया है। इन डॉग्स को इनकी खुबियों के मुताबिक अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है। पहले तरह के डॉग को ट्रैकर डॉग्स कहा जाता है, जो चोरी, मर्डर इत्यादि के मामलों में अनुसंधान अधिकारी (IO) की मदद करते हैं। इस तरह के डॉग्स राज्य अपराध शाखा के पास है जोकि लैब्राडोर नस्ल के होते हैं। 2. दूसरे प्रकार के डॉग एक्सप्लोसिव डॉग्स के नाम से जाने जाते हैं जो वीआईपी सुरक्षा तथा संदिग्ध स्थानों पर बम आदि की चेकिंग के लिए प्रयोग होते हैं। ये डॉग्स सीआईडी के पास होते हैं। इनमें भी लैब्राडोर नस्ल के डॉग्स प्रयोग किए जाते हैं। 3. तीसरी प्रकार के डॉग नारकोटिक्स डॉग्स होते हैं। ये डॉग्स मादक पदार्थों को जमीन, मकान, बिल्डिंग, व्हीकल आदि से सूंघ कर उनके बारे में इशारा करते है। पुलिस में अभी 63 ट्रेंड डॉग डीजीपी ने बताया कि वर्तमान में हरियाणा पुलिस के पास 63 डॉग्स है जिसमें से पांच डॉग्स हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में तथा 58 डॉग्स हरियाणा के सभी जिलों में तैनात है। इन सभी डॉग्स पर एक-एक डॉग हैंडलर तथा असिस्टेंट डॉग हैंडलर तैनात किया गया है। हरियाणा पुलिस के बेड़े में बेल्जियम शेफर्ड, जर्मन शेफर्ड तथा लैब्राडोर तीन प्रजाति के डॉग शामिल है। इन डॉग्स के खान पान तथा रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जाता है। 6 महीनें की होती है ट्रेनिंग पुलिस महानिदेशक ने बताया कि नारकोटिक्स डॉग्स को 3 माह से 6 माह तक की आयु में विभिन्न फर्मों से खरीदा जाता है। तत्पश्चात् इनका मेडिकल चेकअप करवाकर 6 माह के नारकोटिक कोर्स करवाया जाता हैं। यहां इन्हें 6 महीने की और ट्रेनिंग दी जाती है। इसके बाद इन डॉग्स को जिलों में भेजा जाता है। नारकोटिक्स डॉग तकरीबन 10 या 11 साल के बाद रिटायर हो जाते है जिसमें रिटायर्ड डॉग्स को नियम अनुसार सबसे पहले डॉग हैंडलर तथा उसके बाद असिस्टेंट डॉग हैंडलर को अपने साथ घर ले जाने का ऑफर दिया जाता है अगर ये दोनों नहीं लेते तो इन्हें किसी एनजीओ या संस्था को दिया जाता है। इन सभी डॉग्स का प्रशिक्षण एक ट्रेनिंग प्रोग्राम के अनुसार होता है। इसके अलावा डॉग स्क्वायड द्वारा 26 जनवरी तथा 15 अगस्त पर डॉग शो भी किया जाता है। क्या बोले डीजीपी पुलिस महानिदेशक ने कहा कि अपराध नियंत्रण में डॉग स्क्वायड की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। डॉग स्क्वायड की मदद से कई महत्वपूर्ण मामलों को सुलझाने में मदद मिली है। हरियाणा पुलिस द्वारा इन डॉग्स को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण देने के साथ साथ इनकी मूलभूत सुविधाओं का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाता है। इन डॉग्स के प्रशिक्षण कार्यक्रम को विशेष रूप से डिजाइन किया जाता है ताकि अपराधियों की पहचान कर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सके।