हरियाणा के यमुनानगर जिले के बलौली गांव में सरपंच श्याम लाल ने गांव के एक क्लिनिक पर नशे की प्रतिबंधित दवाइयों के शक की प्रशासन को जानकारी दी। जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्लिनिक में रखी दवाइयों की जांच की, तो वहां नशे की दवाई तो नहीं मिली, लेकिन जो डॉक्टर क्लिनिक चला रहा था, उसके पास ना ही डिग्री थी, ना ही लाइसेंस और ना ही दवाई बेचने के स्टॉक का बिल। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और उसके क्लिनिक को सील भी कर दिया है। सरपंच ने दी पुलिस को शिकायत क्लिनिक पर नशा बेचने के शक में सरपंच श्याम लाल ने पुलिस को इसकी जानकारी दी। इसके बाद छछरौली थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी। दुकान का शटर खोल कर जब दवाइयों की चेकिंग की गई तो दुकान से एक भी प्रतिबंध दवाई बरामद नहीं हुई, लेकिन मोहित डॉक्टर का खुलासा तब हुआ जब ड्रग इंस्पेक्टर बिंदु धीमान ने उनसे क्लिनिक चलाने का लाइसेंस मांगा। टीम देख पूरा गांव हुआ इकट्ठा वह जवाब नहीं दे पाया। जब उनसे दवाइयों के स्टॉक का बिल मांगा, तो वह इधर-उधर की बात करने लगा। गांव में पुलिस की दस्तक और स्वास्थ्य विभाग की टीम को देखकर पूरा गांव वहां इकट्ठा हो गया। करीब 2 घंटे की चेकिंग और पूछताछ के बाद मोहित नाम के इस झोलाछाप डॉक्टर को पुलिस अपने साथ ले गई और स्वास्थ्य विभाग ने उसके क्लिनिक को भी सील कर दिया। प्रतिबंधित दवाइयां नहीं हुई बरामद ड्रग इंस्पेक्टर बिंदु धीमान ने कहा कि गांव के सरपंच ने हमें शिकायत दी थी कि एक युवक को नशे की गोलियों के साथ पकड़ा है। जिसके बाद हमने एक टीम का गठन किया और मौके पर पहुंचे। जब हमने दवाइयों की चेकिंग की, तो प्रतिबंधित दवाइयां तो बरामद नहीं हुई, लेकिन डॉक्टर ना तो डिग्री दिखा पाया, ना ही लाइसेंस और ना ही दवाइयों के स्टॉक का बिल। हरियाणा के यमुनानगर जिले के बलौली गांव में सरपंच श्याम लाल ने गांव के एक क्लिनिक पर नशे की प्रतिबंधित दवाइयों के शक की प्रशासन को जानकारी दी। जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्लिनिक में रखी दवाइयों की जांच की, तो वहां नशे की दवाई तो नहीं मिली, लेकिन जो डॉक्टर क्लिनिक चला रहा था, उसके पास ना ही डिग्री थी, ना ही लाइसेंस और ना ही दवाई बेचने के स्टॉक का बिल। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और उसके क्लिनिक को सील भी कर दिया है। सरपंच ने दी पुलिस को शिकायत क्लिनिक पर नशा बेचने के शक में सरपंच श्याम लाल ने पुलिस को इसकी जानकारी दी। इसके बाद छछरौली थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी। दुकान का शटर खोल कर जब दवाइयों की चेकिंग की गई तो दुकान से एक भी प्रतिबंध दवाई बरामद नहीं हुई, लेकिन मोहित डॉक्टर का खुलासा तब हुआ जब ड्रग इंस्पेक्टर बिंदु धीमान ने उनसे क्लिनिक चलाने का लाइसेंस मांगा। टीम देख पूरा गांव हुआ इकट्ठा वह जवाब नहीं दे पाया। जब उनसे दवाइयों के स्टॉक का बिल मांगा, तो वह इधर-उधर की बात करने लगा। गांव में पुलिस की दस्तक और स्वास्थ्य विभाग की टीम को देखकर पूरा गांव वहां इकट्ठा हो गया। करीब 2 घंटे की चेकिंग और पूछताछ के बाद मोहित नाम के इस झोलाछाप डॉक्टर को पुलिस अपने साथ ले गई और स्वास्थ्य विभाग ने उसके क्लिनिक को भी सील कर दिया। प्रतिबंधित दवाइयां नहीं हुई बरामद ड्रग इंस्पेक्टर बिंदु धीमान ने कहा कि गांव के सरपंच ने हमें शिकायत दी थी कि एक युवक को नशे की गोलियों के साथ पकड़ा है। जिसके बाद हमने एक टीम का गठन किया और मौके पर पहुंचे। जब हमने दवाइयों की चेकिंग की, तो प्रतिबंधित दवाइयां तो बरामद नहीं हुई, लेकिन डॉक्टर ना तो डिग्री दिखा पाया, ना ही लाइसेंस और ना ही दवाइयों के स्टॉक का बिल। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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नूंह में चार सगे भाइयों को 15 साल जेल:22 हजार जुर्माना; 7 साल पहले पुलिस पर की थी फायरिंग, सरकारी पिस्टल लूटी नूंह में जिला कोर्ट ने चार सगे भाइयों को 15 साल 3 माह की सजा सुनाई है। चारों पर 27 हजार 500 रुपए का जुर्माना लगाया है। दोषियों ने 7 साल पहले पुलिस टीम पर फायरिंग की थी और सरकारी पिस्टल लूट ली थी। दोषी ताहिर उर्फ छोटा, शरीफ, खुर्शीद निवासी कांगरका थाना तावडू को 22 हजार 500 रुपए जुर्माना भरना होगा। जुर्माना न भरने पर 4 माह 10 अतिरिक्त सजा काटनी होगी। धारा-392 में चारों दोषी भाइयों की सबसे अधिक 7-7 साल कैद की सजा सुनाई है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इसलिए चारों दोषी भाइयों को अधिकतम 7 साल सजा काटनी होगी। ये है पूरा मामला अपराध शाखा तावडू में कार्यरत सब इंस्पेक्टर भगत सिंह की शिकायत पर 12 जनवरी 2018 को तावडू थाने में करीब 10 नामजद लोगों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने, फायरिंग करने, सरकारी असलह लूटने, मारपीट करने सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। सब इंस्पेक्टर भगत सिंह ने पुलिस को दिए अपने बयान में आरोप लगाए थे कि वह सीआईए नूंह मे बतौर उप निरीक्षक तैनात है। वह अपने अन्य कर्मचारियों के साथ अपराध की तलाश के लिए तावडू बाइपास पर मौजूद था। उसे गुप्त सूचाना मिली की मुकदमा नंबर-163/16 धारा 302 थाना तावडू का आरोपी जाकिर निवासी कांगरका अपने घर पर मौजूद हैं। इसके बाद कर्मचारियों के साथ जाकिर के मकान पहुंचा, तो एक लडका पुलिस को देखकर भागकर छत पर चड़ गया। छत पर चढ़कर जाकिर को काबू किया और जाकिर ने शोर किया कि खुर्शीद, शरीफ, छोटा आदि ने उसे जबरदस्ती छुड़ा लिया। आरोपियों ने पुलिस ने देशी पिस्तौल निकालकर पुलिस पार्टी पर जान से मारने की नीयत से फायरिंग कर दी थी। जिससे पुलिस कर्मचारी बाल-बाल बच गए थे। वहीं जाकिर और उसके परिवार वालों ने सरकारी पिस्टल व 6 जिन्दा रोंद लूट लिए थे।
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हरियाणा में हिंदू संगठनों ने क्रिसमस का कार्यक्रम रुकवाया:धर्म परिवर्तन का आरोप लगा मंच पर चढ़े, हनुमान चालीसा पढ़ी; पुलिस बुलानी पड़ी
हरियाणा में हिंदू संगठनों ने क्रिसमस का कार्यक्रम रुकवाया:धर्म परिवर्तन का आरोप लगा मंच पर चढ़े, हनुमान चालीसा पढ़ी; पुलिस बुलानी पड़ी हरियाणा में रोहतक की गोहाना रोड स्थित शिव धर्मशाला में क्रिसमस के कार्यक्रम में बुधवार को बवाल हो गया। यहां क्रिसमस मनाने की पूरी तैयारी थी। मंच लगाने के बाद कुर्सियां भी बिछाई जा चुकी थी। ईसाई धर्म को मानने वाले लोग भी पहुंच चुके थे। इसमें WWE के रेसलर द ग्रेट खली को भी बुलाया गया था। हालांकि कार्यक्रम शुरू होता, इससे पहले ही विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल से जुड़े लोग वहां पहुंच गए। उन्होंने हंगामा कर दिया कि यहां पर क्रिसमस के बहाने धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्रिसमस मनाना है तो चर्च में मनाते।क्रिसमस के मंच पर हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। वहीं क्रिसमस के लिए जुटे लोगों को वहां से बाहर निकाल दिया। विवाद इतना बढ़ गया कि वहां पुलिस बुलानी पड़ गई। किसी तरह से कोई झड़प न हो, इसलिए हंगामे के बाद कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया। हिंदू संगठनों के विरोध ने कार्यक्रम की जगह से कुछ दूरी पर होटल में रुके खली भी वहां से लौटा दिया। क्रिसमस कार्यक्रम में हुए हंगामे से जुड़े PHOTOS… विवाद पर हिंदू संगठनों के 2 बड़े आरोप.. 1. धर्म परिवर्तन के लिए पैसे का लालच देकर बुलाए लोग
यहां विरोध करने पहुंचे महामंडलेश्वर स्वामी अनुभूतता सूर्यवंशी ने कहा कि हर धर्म के व्यक्ति को अपने प्रभु का जन्मदिन मनाना चाहिए। मगर, शिव धर्मशाला में जो कार्यक्रम किया जा रहा था, उसमें लोगों को बीमारियों और रुपयों का लालच देकर धर्मांतरण किया जाना था। जिसका शांतिपूर्ण ढंग से विरोध किया गया। अगर इन्हें कोई कार्यक्रम करना है तो अपनी चर्च या निजी स्थान पर करें। सार्वजनिक जगह पर ऐसा नहीं करने दिया जाएगा। 2. बीमारी ठीक करने के बहाने महिलाओं को बहका रहे
भाट समाज के प्रदेश अध्यक्ष मनोज ने कहा कि लोगों को बीमारी के नाम पर गुमराह किया जा रहा है। महिलाएं यहां आती है, उनको बहकाया जा रहा है कि वे यहां आने के बाद ठीक हो गई। इन्होंने अपनी जनसंख्या बढ़ानी है, इसलिए जो भोले-भाले लोग हैं उनको पैसों का लालच देकर धर्मांतरण किया जा रहा है। हिंदू संगठनों के आरोपों पर ईसाई समाज का जवाब 1. यहां क्रिसमस का कार्यक्रम था, धर्म परिवर्तन नहीं
ईसाई मिशनरीज के अनुयायी राकेश ने कहा कि हम क्रिसमस पर कार्यक्रम कर रहे थे, लेकिन बजरंग दल वालों ने रोक दिया। हम परमेश्वर का वचन सुनाते हैं कि कोई बीमार है, परेशान है, दबा-कुचला है तो वह वह प्रभु के राज्य में आए और अनंत राज्य का वारिस हो। यहां पर कोई धर्म परिवर्तन नहीं कर रहे थे। 2. कार्यक्रम नहीं करने देना था तो किराए पर क्यों दी धर्मशाला
ईसाई समुदाय से जुड़े शगुन ने कहा कि हम 5-6 साल से यहीं पर कार्यक्रम कर रहे हैं। हमने धर्मशाला किराए पर ली हुई थी। अगर कार्यक्रम नहीं करने देना था तो फिर किराया लेकर धर्मशाला क्यों दी गई। हमारा विरोध किया गया और वे मारने तक के लिए आ गए। हमारी महिलाओं से बदतमीजी की। शुगन ने धर्म परिवर्तन के सवाल पर कहा कि यीशुमसीह ने उनका जीवन बदला है, कोई धर्म नहीं बदला। ————— क्रिसमिस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- 159 साल पुराने चर्च में मनाया क्रिसमिस, हिसार में इंग्लैंड सरकार ने 1865 में बनवाया था चर्च, 6225 रुपए आई थी लागत हिसार में 159 साल पुराने क्रांतिमान पार्क के पास बना सेंट थॉमस चर्च में बुधवार को क्रिसमस धूमधाम से मनाया गया। चर्च के अंदर 1865 के समय की छत, फर्नीचर और कुर्सियां आज भी लगी हुई है। इंगलैंड सरकार की ओर से बनाए गए चर्च में 50 कुर्सियां लगाई गई थी। पढ़ें पूरी खबर