यात्री बोले- लगता ही नहीं, अमावस्या पर डुबकी लगा पाएंगे:महाकुंभ ट्रेनों में गेट से सीट तक ठसाठस भरे लोग; यूपी के 6 स्टेशनों से रिपोर्ट

यात्री बोले- लगता ही नहीं, अमावस्या पर डुबकी लगा पाएंगे:महाकुंभ ट्रेनों में गेट से सीट तक ठसाठस भरे लोग; यूपी के 6 स्टेशनों से रिपोर्ट

‘हमारा थर्ड AC में रिजर्वेशन है, लेकिन हम कोच में चढ़ भी नहीं पा रहे। ट्रेन के सारे दरवाजे पैक हैं। प्रयागराज महाकुंभ जाने वाले लोग बोगी के दरवाजों पर भी लटके हैं। GRP और RPF के जवान सीटी बजा रहे हैं, मगर कोई हटने को तैयार नहीं है।’ यह कहना है मुकुलानंद का। वे अपनी पत्नी के साथ कोलकाता से वाराणसी आए। अब रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 4 से सारनाथ-दुर्ग एक्सप्रेस से अब प्रयागराज जा रहे हैं। मगर, बोगी M-1 के दरवाजे पर पहुंचकर वो बेबस महसूस कर रहे हैं। GRP और RPF के जवानों से बहस कर रहे हैं। ये हाल सिर्फ मुकुलानंद नहीं हैं, प्रयागराज की तरफ जाने वाली ट्रेनों के ज्यादातर यात्रियों का है। ट्रेनें 6 से 10 घंटे लेट चल रही हैं। यात्रियों की मुश्किलों को दैनिक भास्कर डिजिटल ऐप ने वाराणसी, कानपुर, मुगलसराय, मिर्जापुर, जौनपुर, भदोही स्टेशनों से समझा। पढ़िए रिपोर्ट… वाराणसी स्टेशन बंद बोगी के गेट पर लोग हाथ पटक रहे
भास्कर टीम वाराणसी रेलवे स्टेशन पहुंची। यहां सामान्य दिनों में 80 हजार यात्रियों की आवाजाही होती है। मगर, 13 जनवरी यानी महाकुंभ शुरू होने के बाद हर दिन 1.5 लाख से 2 लाख लोग स्टेशन पर आ रहे हैं। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के स्नान के लिए वाराणसी स्टेशन पर प्लेटफार्म-1 से लेकर 4 तक लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। तभी अचानक सारनाथ-दुर्ग एक्सप्रेस के प्लेटफार्म नंबर 4 पर आने का ऐलान हुआ। ट्रेन 12.20 की जगह 12.56 बजे पहुंची। प्लेटफार्म पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। पैदल पुल पर पैर रखने को जगह नहीं थी। ट्रेन के ठहरते ही, सिर पर झोला और बैग लादे लोगों ने रिजर्वेशन वाली बोगी के बंद दरवाजे पीटने शुरू कर दिए। दरवाजा खुलते ही हाथापाई
एक बोगी का दरवाजा किसी तरह खुला तो यात्रियों में धक्का-मुक्की के बाद हाथापाई होने लगी। जिन यात्रियों का रिजर्वेशन था, वो बेबस दिखे। स्लीपर और AC बोगी के दरवाजे जबरदस्ती खुलवाने वाले अंदर दाखिल हो रहे थे, रिजर्वेशन वाले अंदर नहीं जा पाए। जनरल बोगी में लोग इमरजेंसी खिड़की से भी अंदर जाते दिखे। यात्रियों की बात… 1 महीने पहले रिजर्वेशन, मगर सीट पर दर्शनार्थी बैठे
प्रफुल्ल शुक्ला बिहार से आए हैं। काशी विश्वनाथ के दर्शन के बाद सारनाथ-दुर्ग एक्सप्रेस के स्लीपर कोच से उन्होंने भिलाई जाना था। रिजर्वेशन 1 महीने पहले कराया था। प्रफुल्ल ने बताया- सारनाथ एक्सप्रेस की बोगी नंबर एस-2 में मेरा और पत्नी का रिजर्वेशन है। ट्रेन आ गई है। मगर हम उसमें चढ़ नहीं पा रहे हैं। प्रयागराज जाने वाले दर्शनार्थी अंदर पहले से ही बैठे हुए हैं। क्या करें? अब हम समझ नहीं पा रहे हैं। पहले गेट नहीं खुले, जब खुले, तब तक छूटने का टाइम हो गया
वाराणसी में कोलकाता के मुकुलानंद का गुस्सा आरपीएफ कर्मियों पर फूट पड़ा। उन्होंने कहा- आप लोग कुछ नहीं कर पाए। अब आ रहे हैं, जब ट्रेन छूटने का टाइम हो गया। मुकुलानंद ने बताया- हमने प्रयागराज के लिए टिकट कराया था। यहां ट्रेन के सामने आए तो पहले तो दरवाजा नहीं खुला। फिर दरवाजा खुला तो उसमें वो लोग चढ़ गए, जिनका टिकट ही नहीं है। दिलीप बोले- कोच के अंदर दम घुट रहा
जयकेश कुमार मिश्रा ने बताया- एसी-3 में मेरा रिजर्वेशन है। लेकिन, हम कोच के गेट नहीं खुल पा रहे हैं। AC बोगी को जनरल बोगी बना दिया है। प्रशासन यहां सिर्फ सीटी मारने के लिए खड़ी है। दिलीप अग्रवाल को रायपुर अपनी पत्नी के साथ जाना था। उन्होंने कहा- एसी कोच के गेट पर और अंदर इस कदर लोग घुस गए हैं कि घुटन हो रही है। हमें बाहर निकलना पड़ा। हमने सारनाथ से ट्रेन पकड़ी थी। एसी में खिड़की खुल नहीं सकती। ऐसे में दम घुट जाएगा। ट्रेनें 30 से 45 मिनट लेट, स्पेशल 1 घंटे पर हो रही रवाना
वाराणसी जंक्शन पर प्रयागराज रूट पर चलने वाली डेली ट्रेनें 30 से 45 मिनट लेट चल रही हैं। वहीं, स्पेशल स्नान महाकुंभ ट्रेनें हर एक घंटे बाद वाराणसी से रवाना हो रही हैं। इसमें कुछ यहां से बनकर चल रही है। तो कुछ अन्य स्टेशनों से वाराणसी पहुंच रही हैं। कानपुर सेंट्रल स्टेशन ठसाठस भरी कामाख्या एक्सप्रेस में चढ़ने की होड़
कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन यात्री ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। कामाख्या आनंद विहार एक्सप्रेस प्लेटफार्म पर लगी। ट्रेन पूरी तरह से यात्रियों से भरी हुई थी। बावजूद इसके यात्रियों में पहले चढ़ने की होड़ मच गई। भास्कर टीम ने सफर कर रहे यात्री ओमप्रकाश से बात की। उन्होंने कहा- मैं S4 बोगी में हूं। पूरी बोगी ठसाठस भरी हुई है। स्लीपर और जनरल बोगी में कोई फर्क नहीं रह गया है। प्रयागराज जाने के लिए यात्री किसी तरह से कोच में चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। AC बोगी के गेट बंद, यात्री परेशान
कालका एक्सप्रेस में चढ़ने की कोशिश में अनुज AC कोच का दरवाजा खुलवाने की जद्दो-जहद करते नजर आए। पूछने पर कहा- जो यात्री पहले से अंदर हैं, उन्होंने गेट बंद कर रखे हैं। हमें भी प्रयागराज जाना है, मगर कैसे जाएं। स्लीपर कोच में प्रयागराज के लिए सफर करने वाले यात्री इनाउल कहते हैं- ट्रेन में एक बार जहां पर बैठ गए, वहां से हिल पाना भी मुश्किल हो रहा है। ये सफर बहुत मुश्किल भरा लग रहा है। परेशान हो गए। सुशील बोले- बाथरूम कैसे जाएं, समझ नहीं आ रहा
नॉर्थ ईस्ट ट्रेन में सफर कर रहे सुशील पांडे ने कहा- मेरे पास रिजर्वेशन हैं, मगर ऐसा लग रहा है कि जनरल क्लास में सफर कर रहा हूं। बहुत परेशानी है। प्यास लगे तो पानी नहीं पी सकते। बाथरूम तक जाना भी मुश्किल है। यात्री बोले- ट्रेन का सफर मुश्किल
प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करके वापस आए यात्रियों से भास्कर ने बातचीत शुरू की। इसमें कन्नौज के विकास ने कहा- मैं चोरी-चौरा एक्सप्रेस से कानपुर पहुंचा हूं। मेरा स्लीपर क्लास से रिजर्वेशन था। मगर, लोग हमारी बोगी में जबरदस्ती चढ़ आए। GRP ने ऐसे यात्रियों को हमारी बोगी से हटाकर नीचे उतारा। तब बैठने लायक जगह हुई। फर्रुखाबाद के उमेश चंद्र ने कहा- प्रयागराज के अंदर व्यवस्थाएं काफी बेहतर थीं। मगर ट्रेन का सफर मुश्किल हो गया है। प्लेटफार्म से लेकर ट्रेन तक लोग ही लोग हैं। मेरठ के मोनू बजरंगी कहते हैं- चोरी चौरा एक्सप्रेस से आया हूं। करोड़ों लोग प्रयागराज पहुंच गए हैं। लेकिन फिर भी प्रशासन की व्यवस्था अच्छी नजर आई। क्योंकि शाही स्नान है, मौनी अमावस्या है, इसलिए ट्रेनों में अधिक भीड़ चल रही है। मुगलसराय स्टेशन भीड़ देखकर लग नहीं रहा कि जा पाएंगे
रवि यादव कहते हैं- हमारी ट्रेन 30 मिनट लेट है, भीड़ देखकर लग नहीं रहा कि हम लोग जा पाएंगे। मगर जो भी कष्ट होगा, हम उठाते हुए जाना चाहते हैं। क्योंकि महाकुंभ 144 साल बाद आया है। हर कोई महाकुंभ जाना चाहता है। मुगलसराय के आशीष विश्वकर्मा कहते है- ट्रेनों में भीड़ ज्यादा चल रही है। 2 ट्रेन हम छोड़ चुके हैं। अब अगली ट्रेन का वेट कर रहे हैं। जाना तो है ही, हर हाल में प्रयागराज पहुंचेंगे। ट्रेनें 1 से 2 घंटा लेट चल रहीं
मुगलसराय स्टेशन पहुंची भास्कर टीम को यात्रियों ने बताया- ज्यादातर ट्रेनें 1 से 2 घंटा लेट चल रही हैं। महाकुंभ है, इसलिए ट्रेनों में भीड़ बहुत ज्यादा है। जो लोग प्लेटफार्म पर नजर आए, वह ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। चहल-पहल बहुत ज्यादा थी। यात्रियों ने बताया कि ट्रेनों के टाइम टेबल में भी बदलाव हुए हैं। इससे यात्री और ज्यादा उलझन में हैं। 8 घंटे लेट पहुंची स्पेशल ट्रेन में बैठने को जगह नहीं
इसी दौरान टूंडला महाकुंभ मेला स्पेशल प्लेटफार्म पर लगी। यह ट्रेन 8 घंटा लेट चल रही थी। खिड़की से दिखा कि स्लीपर क्लास में भी लोग एक-दूसरे के ऊपर बैठे हुए हैं। यात्री आपस में बात करते हुए दिखे। बोले- महाकुंभ तो जाएंगे, चाहे कुछ भी हो जाए। जगह नहीं मिलेगी, तो चलकर जाएंगे। एसी क्लास में भी यह स्थिति कुछ अलग नहीं है। यात्रियों ने बताया कि दो-दो लोग एक सीट पर बैठकर यात्रा करने को मजबूर हैं। रिजर्वेशन का कोई मतलब नहीं रह गया है। लोग गार्ड रूम तक घुस चुके हैं। विशाल कहते हैं- हमने टिकट बुक किया था, लेकिन अब हमें खड़े होकर यात्रा करनी पड़ रही है। महाकुंभ जा रहे रोहित यादव कहते हैं- 144 साल बाद महाकुंभ आया है, बाद में क्या हम जिंदा भी रहेंगे। दोबारा तो जा नहीं पाएंगे, इसलिए जाएंगे जरूर। 42 ट्रेन प्रयागराज की तरफ जा रहीं
इसके बाद हम मुगलसराय स्टेशन की पूछताछ केंद्र पहुंचे। पता चला कि ज्यादातर ट्रेनें लेट चल रही हैं। इनमें 12938 गरबा एक्सप्रेस 5 घंटे, 14620 त्रिपुरा सुंदरी एक्सप्रेस 3 घंटे, 15657 ब्रह्मपुत्र मेल 4 घंटे, 08417 टूंडला महाकुंभ मेला स्पेशल 8 घंटे, 63557 बरकाखाना वाराणसी मेमू एक्सप्रेस 3 घंटे लेट चल रही हैं। डीडीयू नगर से 42 ट्रेन प्रयागराज के लिए चलाई जा रही हैं। अलग-अलग दिन प्रयागराज के लिए स्पेशल 42 ट्रेन चलाई जा रही हैं। भदोही स्टेशन पुजारी बोले- ट्रेनें आ रही, मगर चढ़ने की जगह नहीं
भदोही स्टेशन पर हमारी मुलाकात पुजारी कनौजिया से हुई। वह कहते हैं- प्रयागराज जाना है, 30 मिनट से खड़े हैं। जो ट्रेन आई थी, उसमें बैठने की जगह भी नहीं है। कोई दरवाजा तक नहीं खोल रहा है कि यात्री अंदर चढ़ सकें। ट्रेनें आ रही हैं, मगर सब में भीड़ है। बिहार से आए श्रद्धालु पंकज ने कहा- लोग भूसे की तरह ट्रेनों में भरे हुए हैं। महाकुंभ में जाने का उत्साह लोगों में देखा जा सकता है। बैठना छोड़िए, ट्रेनों में खड़े होने की जगह भी नहीं है। यात्री अवधेश कहते हैं- यात्री चढ़ नहीं पा रहे हैं। पवन एक्सप्रेस, अयोध्या स्पेशल और चौरी चौरा समेत कई ट्रेनें 5 से 7 घंटे की देरी से चल रही हैं। रेल प्रशासन यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने के लिए पूरा समय दे रहा है। यात्रियों ने सरकार से और अधिक ट्रेनें चलाने की मांग की है। कई परिवारों के सदस्य अलग-अलग ट्रेनों में यात्रा करने को मजबूर हैं, क्योंकि एक साथ जगह नहीं मिल पा रही है। हर 30 मिनट में स्पेशल ट्रेन, फिर भी यात्रियों के लिए जगह नहीं
मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए रेलवे प्रशासन ने हर 30 मिनट पर मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है। लेकिन भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। भदोही स्टेशन पर ही वैसे ही हालात मिले। रेलवे 40 मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर रहा है। यात्रियों को घंटों इंतजार और भारी मशक्कत के बाद ही ट्रेन में जगह मिल पा रही है। सभी ट्रेनें इतनी भरी हुई हैं कि पैर रखने तक की जगह नहीं बच रही है। स्लीपर, एसी और दिव्यांग बोगी सहित सभी डिब्बे श्रद्धालुओं से खचाखच भरे हुए हैं। मिर्जापुर स्टेशन GRP जवान ट्रेनों का दरवाजा खुलवा रहे
15 से ज्यादा स्पेशल ट्रेन प्रयागराज कुंभ के लिए चलाई जा रही हैं। पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से ही ट्रेनों के भर कर आने से यात्रियों को एंट्री नहीं मिल पा रही है। जीआरपी के जवान ट्रेन की बोगी खुलवाकर यात्रियों को किसी तरह प्रयागराज की ओर रवाना करने में लगे हैं। प्रयागराज कुंभ मेला के लिए दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन और प्रयागराज के बीच 15 स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही हैं। हर 2 घंटे पर स्पेशल ट्रेनों को रवाना किया जा रहा है। इसके अलावा 120 ट्रेनों का ठहराव किया गया है। ट्रेनों के अंदर बैठे लोगों ने बोगी के गेट बंद कर दिए हैं। यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रिजर्व सीट होने के बावजूद मुंबई की ओर जाने वाले का यात्री अपनी ट्रेन पर सवार नहीं हो सके। लिहाजा उन्हें मायूस होकर अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी। बक्सर से प्रयागराज की तरफ सफर कर रहे गोपाल कहते हैं- ट्रेनों में बिल्कुल जगह नहीं है। हम लोग बहुत परेशान हो गए हैं, मगर यात्रा तो करनी है न…। हर हाल में जाएंगे। ट्रेन में सफर कर रहे यात्री अंकुश ने बताया- भीड़ अधिक देखकर दो ट्रेन छोड़ दिया। तीसरी में बैठे हैं, लेकिन इसमें भी तिल रखने भर की जगह नहीं है। जमालुद्दीन, अजय को अपनी मुंबई की यात्रा अंदर से बंद बोगी न खुलने के कारण रद्द करनी पड़ी। जौनपुर स्टेशन ट्रेनें 6-7 घंटे देरी से चल रही, सीट घेरने के लिए लोग घंटों पहले पहुंच रहे
प्रयागराज कुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा है। मंगलवार को जौनपुर-प्रयागराज रूट पर चलने वाली सभी ट्रेनें खचाखच भरकर आईं। यात्रियों को सीट सुरक्षित करने के लिए 7 घंटे पहले से ही स्टेशन पर डेरा डालना पड़ रहा है। प्रयागराज जाने वाली ट्रेनें 6-7 घंटे देरी से चल रही हैं। जौनपुर से प्रयागराज के लिए एक ट्रेन गोदान और एक इलाहाबाद-प्रयागराज पैसेंजर और दो जोड़ी स्पेशल ट्रेन चल रही हैं। ट्रेन में चढ़ने के लिए धक्का-मुक्की
यात्री अनिकेत सिंह के कहा- शाम 6 बजे की ट्रेन में जगह पाने की आस में वे सुबह 11 बजे से ही स्टेशन पर पहुंच गए। भीड़ का आलम यह है कि यात्री एसी कोच से लेकर स्लीपर और गार्ड रूम तक में घुस रहे हैं। टिकट काउंटर पर यात्रियों के बीच धक्का-मुक्की की स्थिति बनी हुई है और सभी ट्रेनों में टिकट वेटिंग पर चल रहे हैं। जौनपुर स्टेशन अधीक्षक ने बताया- बढ़ती भीड़ को देखते हुए रेल प्रशासन ने गोदान एक्सप्रेस के अलावा दो अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनों की सेवाएं शुरू की हैं। मौनी अमावस्या स्नान के लिए भीड़ अधिक है। रेलवे प्रशासन यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम कर रहा है, लेकिन अत्यधिक भीड़ के कारण व्यवस्था बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो रहा है। प्रयागराज मंडल के PRO बोले- आउटर में ट्रेन न रोकनी पड़े, इसके अरेंजमेंट किए हैं
यात्रियों से बातचीत में सामने आया कि ट्रेनों को प्रयागराज के आउटर में खड़ा करना पड़ रहा है। ऐसे में दैनिक भास्कर ने प्रयागराज मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अमित सिंह से बात की। उन्होंने कहा- प्रयागराज आने वाली रेगुलर ट्रेनों को आस-पास के दूसरे स्टेशनों पर शेड्यूल किया गया। कई ट्रेन कैंसिल भी करना पड़ा। ताकि मेला से जुड़ी ट्रेन लेट न हो। क्या आउटर में ट्रेन रोकनी पड़ रही है? जवाब में उन्होंने कहा कि प्रयागराज के आउटर में ट्रेन न रोकनी पड़े, इसके अरेंजमेंट किए जा रहे हैं। यह हो सकता है कि लंबे रूट की गाड़ियों को पास करने के लिए लोकल ट्रेनों को आउटर में रोका गया हो।
……………………. यह भी पढ़ें : महाकुंभ जा रही 2 ट्रेनों पर पथराव: कोच के गेट न खुलने से भड़के यात्री, शीशे-दरवाजे तोड़े; RPF बैकफुट पर महाकुंभ जा रही दो ट्रेनों में पथराव और तोड़फोड़ की गई। ट्रेन के अंदर पैर रखने की जगह नहीं थी। ऐसे में यात्रियों ने अंदर से दरवाजे बंद कर लिए। वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-फतेहपुर पैसेंजर ट्रेन रात सोमवार रात हरपालपुर स्टेशन पर रुकी, यात्री चढ़ने के लिए गेट को धक्का देने लगे। जब गेट नहीं खुला तो पथराव शुरू कर दिया। ऐसा ही वाकया अंबेडकर नगर-प्रयागराज एक्सप्रेस में भी हुआ। यह ट्रेन मध्य प्रदेश के छतरपुर रेलवे स्टेशन पर रुकी थी। RPF भीड़ को संभाल नहीं पाई तो पुलिस को बुलाया। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को शांत किया। पथराव में दोनों ट्रेनों की कई बोगियों के शीशे, दरवाजे और खिड़कियों को नुकसान पहुंचा है। पढ़िए पूरी खबर… ‘हमारा थर्ड AC में रिजर्वेशन है, लेकिन हम कोच में चढ़ भी नहीं पा रहे। ट्रेन के सारे दरवाजे पैक हैं। प्रयागराज महाकुंभ जाने वाले लोग बोगी के दरवाजों पर भी लटके हैं। GRP और RPF के जवान सीटी बजा रहे हैं, मगर कोई हटने को तैयार नहीं है।’ यह कहना है मुकुलानंद का। वे अपनी पत्नी के साथ कोलकाता से वाराणसी आए। अब रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 4 से सारनाथ-दुर्ग एक्सप्रेस से अब प्रयागराज जा रहे हैं। मगर, बोगी M-1 के दरवाजे पर पहुंचकर वो बेबस महसूस कर रहे हैं। GRP और RPF के जवानों से बहस कर रहे हैं। ये हाल सिर्फ मुकुलानंद नहीं हैं, प्रयागराज की तरफ जाने वाली ट्रेनों के ज्यादातर यात्रियों का है। ट्रेनें 6 से 10 घंटे लेट चल रही हैं। यात्रियों की मुश्किलों को दैनिक भास्कर डिजिटल ऐप ने वाराणसी, कानपुर, मुगलसराय, मिर्जापुर, जौनपुर, भदोही स्टेशनों से समझा। पढ़िए रिपोर्ट… वाराणसी स्टेशन बंद बोगी के गेट पर लोग हाथ पटक रहे
भास्कर टीम वाराणसी रेलवे स्टेशन पहुंची। यहां सामान्य दिनों में 80 हजार यात्रियों की आवाजाही होती है। मगर, 13 जनवरी यानी महाकुंभ शुरू होने के बाद हर दिन 1.5 लाख से 2 लाख लोग स्टेशन पर आ रहे हैं। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के स्नान के लिए वाराणसी स्टेशन पर प्लेटफार्म-1 से लेकर 4 तक लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। तभी अचानक सारनाथ-दुर्ग एक्सप्रेस के प्लेटफार्म नंबर 4 पर आने का ऐलान हुआ। ट्रेन 12.20 की जगह 12.56 बजे पहुंची। प्लेटफार्म पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। पैदल पुल पर पैर रखने को जगह नहीं थी। ट्रेन के ठहरते ही, सिर पर झोला और बैग लादे लोगों ने रिजर्वेशन वाली बोगी के बंद दरवाजे पीटने शुरू कर दिए। दरवाजा खुलते ही हाथापाई
एक बोगी का दरवाजा किसी तरह खुला तो यात्रियों में धक्का-मुक्की के बाद हाथापाई होने लगी। जिन यात्रियों का रिजर्वेशन था, वो बेबस दिखे। स्लीपर और AC बोगी के दरवाजे जबरदस्ती खुलवाने वाले अंदर दाखिल हो रहे थे, रिजर्वेशन वाले अंदर नहीं जा पाए। जनरल बोगी में लोग इमरजेंसी खिड़की से भी अंदर जाते दिखे। यात्रियों की बात… 1 महीने पहले रिजर्वेशन, मगर सीट पर दर्शनार्थी बैठे
प्रफुल्ल शुक्ला बिहार से आए हैं। काशी विश्वनाथ के दर्शन के बाद सारनाथ-दुर्ग एक्सप्रेस के स्लीपर कोच से उन्होंने भिलाई जाना था। रिजर्वेशन 1 महीने पहले कराया था। प्रफुल्ल ने बताया- सारनाथ एक्सप्रेस की बोगी नंबर एस-2 में मेरा और पत्नी का रिजर्वेशन है। ट्रेन आ गई है। मगर हम उसमें चढ़ नहीं पा रहे हैं। प्रयागराज जाने वाले दर्शनार्थी अंदर पहले से ही बैठे हुए हैं। क्या करें? अब हम समझ नहीं पा रहे हैं। पहले गेट नहीं खुले, जब खुले, तब तक छूटने का टाइम हो गया
वाराणसी में कोलकाता के मुकुलानंद का गुस्सा आरपीएफ कर्मियों पर फूट पड़ा। उन्होंने कहा- आप लोग कुछ नहीं कर पाए। अब आ रहे हैं, जब ट्रेन छूटने का टाइम हो गया। मुकुलानंद ने बताया- हमने प्रयागराज के लिए टिकट कराया था। यहां ट्रेन के सामने आए तो पहले तो दरवाजा नहीं खुला। फिर दरवाजा खुला तो उसमें वो लोग चढ़ गए, जिनका टिकट ही नहीं है। दिलीप बोले- कोच के अंदर दम घुट रहा
जयकेश कुमार मिश्रा ने बताया- एसी-3 में मेरा रिजर्वेशन है। लेकिन, हम कोच के गेट नहीं खुल पा रहे हैं। AC बोगी को जनरल बोगी बना दिया है। प्रशासन यहां सिर्फ सीटी मारने के लिए खड़ी है। दिलीप अग्रवाल को रायपुर अपनी पत्नी के साथ जाना था। उन्होंने कहा- एसी कोच के गेट पर और अंदर इस कदर लोग घुस गए हैं कि घुटन हो रही है। हमें बाहर निकलना पड़ा। हमने सारनाथ से ट्रेन पकड़ी थी। एसी में खिड़की खुल नहीं सकती। ऐसे में दम घुट जाएगा। ट्रेनें 30 से 45 मिनट लेट, स्पेशल 1 घंटे पर हो रही रवाना
वाराणसी जंक्शन पर प्रयागराज रूट पर चलने वाली डेली ट्रेनें 30 से 45 मिनट लेट चल रही हैं। वहीं, स्पेशल स्नान महाकुंभ ट्रेनें हर एक घंटे बाद वाराणसी से रवाना हो रही हैं। इसमें कुछ यहां से बनकर चल रही है। तो कुछ अन्य स्टेशनों से वाराणसी पहुंच रही हैं। कानपुर सेंट्रल स्टेशन ठसाठस भरी कामाख्या एक्सप्रेस में चढ़ने की होड़
कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन यात्री ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। कामाख्या आनंद विहार एक्सप्रेस प्लेटफार्म पर लगी। ट्रेन पूरी तरह से यात्रियों से भरी हुई थी। बावजूद इसके यात्रियों में पहले चढ़ने की होड़ मच गई। भास्कर टीम ने सफर कर रहे यात्री ओमप्रकाश से बात की। उन्होंने कहा- मैं S4 बोगी में हूं। पूरी बोगी ठसाठस भरी हुई है। स्लीपर और जनरल बोगी में कोई फर्क नहीं रह गया है। प्रयागराज जाने के लिए यात्री किसी तरह से कोच में चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। AC बोगी के गेट बंद, यात्री परेशान
कालका एक्सप्रेस में चढ़ने की कोशिश में अनुज AC कोच का दरवाजा खुलवाने की जद्दो-जहद करते नजर आए। पूछने पर कहा- जो यात्री पहले से अंदर हैं, उन्होंने गेट बंद कर रखे हैं। हमें भी प्रयागराज जाना है, मगर कैसे जाएं। स्लीपर कोच में प्रयागराज के लिए सफर करने वाले यात्री इनाउल कहते हैं- ट्रेन में एक बार जहां पर बैठ गए, वहां से हिल पाना भी मुश्किल हो रहा है। ये सफर बहुत मुश्किल भरा लग रहा है। परेशान हो गए। सुशील बोले- बाथरूम कैसे जाएं, समझ नहीं आ रहा
नॉर्थ ईस्ट ट्रेन में सफर कर रहे सुशील पांडे ने कहा- मेरे पास रिजर्वेशन हैं, मगर ऐसा लग रहा है कि जनरल क्लास में सफर कर रहा हूं। बहुत परेशानी है। प्यास लगे तो पानी नहीं पी सकते। बाथरूम तक जाना भी मुश्किल है। यात्री बोले- ट्रेन का सफर मुश्किल
प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करके वापस आए यात्रियों से भास्कर ने बातचीत शुरू की। इसमें कन्नौज के विकास ने कहा- मैं चोरी-चौरा एक्सप्रेस से कानपुर पहुंचा हूं। मेरा स्लीपर क्लास से रिजर्वेशन था। मगर, लोग हमारी बोगी में जबरदस्ती चढ़ आए। GRP ने ऐसे यात्रियों को हमारी बोगी से हटाकर नीचे उतारा। तब बैठने लायक जगह हुई। फर्रुखाबाद के उमेश चंद्र ने कहा- प्रयागराज के अंदर व्यवस्थाएं काफी बेहतर थीं। मगर ट्रेन का सफर मुश्किल हो गया है। प्लेटफार्म से लेकर ट्रेन तक लोग ही लोग हैं। मेरठ के मोनू बजरंगी कहते हैं- चोरी चौरा एक्सप्रेस से आया हूं। करोड़ों लोग प्रयागराज पहुंच गए हैं। लेकिन फिर भी प्रशासन की व्यवस्था अच्छी नजर आई। क्योंकि शाही स्नान है, मौनी अमावस्या है, इसलिए ट्रेनों में अधिक भीड़ चल रही है। मुगलसराय स्टेशन भीड़ देखकर लग नहीं रहा कि जा पाएंगे
रवि यादव कहते हैं- हमारी ट्रेन 30 मिनट लेट है, भीड़ देखकर लग नहीं रहा कि हम लोग जा पाएंगे। मगर जो भी कष्ट होगा, हम उठाते हुए जाना चाहते हैं। क्योंकि महाकुंभ 144 साल बाद आया है। हर कोई महाकुंभ जाना चाहता है। मुगलसराय के आशीष विश्वकर्मा कहते है- ट्रेनों में भीड़ ज्यादा चल रही है। 2 ट्रेन हम छोड़ चुके हैं। अब अगली ट्रेन का वेट कर रहे हैं। जाना तो है ही, हर हाल में प्रयागराज पहुंचेंगे। ट्रेनें 1 से 2 घंटा लेट चल रहीं
मुगलसराय स्टेशन पहुंची भास्कर टीम को यात्रियों ने बताया- ज्यादातर ट्रेनें 1 से 2 घंटा लेट चल रही हैं। महाकुंभ है, इसलिए ट्रेनों में भीड़ बहुत ज्यादा है। जो लोग प्लेटफार्म पर नजर आए, वह ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। चहल-पहल बहुत ज्यादा थी। यात्रियों ने बताया कि ट्रेनों के टाइम टेबल में भी बदलाव हुए हैं। इससे यात्री और ज्यादा उलझन में हैं। 8 घंटे लेट पहुंची स्पेशल ट्रेन में बैठने को जगह नहीं
इसी दौरान टूंडला महाकुंभ मेला स्पेशल प्लेटफार्म पर लगी। यह ट्रेन 8 घंटा लेट चल रही थी। खिड़की से दिखा कि स्लीपर क्लास में भी लोग एक-दूसरे के ऊपर बैठे हुए हैं। यात्री आपस में बात करते हुए दिखे। बोले- महाकुंभ तो जाएंगे, चाहे कुछ भी हो जाए। जगह नहीं मिलेगी, तो चलकर जाएंगे। एसी क्लास में भी यह स्थिति कुछ अलग नहीं है। यात्रियों ने बताया कि दो-दो लोग एक सीट पर बैठकर यात्रा करने को मजबूर हैं। रिजर्वेशन का कोई मतलब नहीं रह गया है। लोग गार्ड रूम तक घुस चुके हैं। विशाल कहते हैं- हमने टिकट बुक किया था, लेकिन अब हमें खड़े होकर यात्रा करनी पड़ रही है। महाकुंभ जा रहे रोहित यादव कहते हैं- 144 साल बाद महाकुंभ आया है, बाद में क्या हम जिंदा भी रहेंगे। दोबारा तो जा नहीं पाएंगे, इसलिए जाएंगे जरूर। 42 ट्रेन प्रयागराज की तरफ जा रहीं
इसके बाद हम मुगलसराय स्टेशन की पूछताछ केंद्र पहुंचे। पता चला कि ज्यादातर ट्रेनें लेट चल रही हैं। इनमें 12938 गरबा एक्सप्रेस 5 घंटे, 14620 त्रिपुरा सुंदरी एक्सप्रेस 3 घंटे, 15657 ब्रह्मपुत्र मेल 4 घंटे, 08417 टूंडला महाकुंभ मेला स्पेशल 8 घंटे, 63557 बरकाखाना वाराणसी मेमू एक्सप्रेस 3 घंटे लेट चल रही हैं। डीडीयू नगर से 42 ट्रेन प्रयागराज के लिए चलाई जा रही हैं। अलग-अलग दिन प्रयागराज के लिए स्पेशल 42 ट्रेन चलाई जा रही हैं। भदोही स्टेशन पुजारी बोले- ट्रेनें आ रही, मगर चढ़ने की जगह नहीं
भदोही स्टेशन पर हमारी मुलाकात पुजारी कनौजिया से हुई। वह कहते हैं- प्रयागराज जाना है, 30 मिनट से खड़े हैं। जो ट्रेन आई थी, उसमें बैठने की जगह भी नहीं है। कोई दरवाजा तक नहीं खोल रहा है कि यात्री अंदर चढ़ सकें। ट्रेनें आ रही हैं, मगर सब में भीड़ है। बिहार से आए श्रद्धालु पंकज ने कहा- लोग भूसे की तरह ट्रेनों में भरे हुए हैं। महाकुंभ में जाने का उत्साह लोगों में देखा जा सकता है। बैठना छोड़िए, ट्रेनों में खड़े होने की जगह भी नहीं है। यात्री अवधेश कहते हैं- यात्री चढ़ नहीं पा रहे हैं। पवन एक्सप्रेस, अयोध्या स्पेशल और चौरी चौरा समेत कई ट्रेनें 5 से 7 घंटे की देरी से चल रही हैं। रेल प्रशासन यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने के लिए पूरा समय दे रहा है। यात्रियों ने सरकार से और अधिक ट्रेनें चलाने की मांग की है। कई परिवारों के सदस्य अलग-अलग ट्रेनों में यात्रा करने को मजबूर हैं, क्योंकि एक साथ जगह नहीं मिल पा रही है। हर 30 मिनट में स्पेशल ट्रेन, फिर भी यात्रियों के लिए जगह नहीं
मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए रेलवे प्रशासन ने हर 30 मिनट पर मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है। लेकिन भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। भदोही स्टेशन पर ही वैसे ही हालात मिले। रेलवे 40 मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर रहा है। यात्रियों को घंटों इंतजार और भारी मशक्कत के बाद ही ट्रेन में जगह मिल पा रही है। सभी ट्रेनें इतनी भरी हुई हैं कि पैर रखने तक की जगह नहीं बच रही है। स्लीपर, एसी और दिव्यांग बोगी सहित सभी डिब्बे श्रद्धालुओं से खचाखच भरे हुए हैं। मिर्जापुर स्टेशन GRP जवान ट्रेनों का दरवाजा खुलवा रहे
15 से ज्यादा स्पेशल ट्रेन प्रयागराज कुंभ के लिए चलाई जा रही हैं। पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से ही ट्रेनों के भर कर आने से यात्रियों को एंट्री नहीं मिल पा रही है। जीआरपी के जवान ट्रेन की बोगी खुलवाकर यात्रियों को किसी तरह प्रयागराज की ओर रवाना करने में लगे हैं। प्रयागराज कुंभ मेला के लिए दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन और प्रयागराज के बीच 15 स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही हैं। हर 2 घंटे पर स्पेशल ट्रेनों को रवाना किया जा रहा है। इसके अलावा 120 ट्रेनों का ठहराव किया गया है। ट्रेनों के अंदर बैठे लोगों ने बोगी के गेट बंद कर दिए हैं। यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रिजर्व सीट होने के बावजूद मुंबई की ओर जाने वाले का यात्री अपनी ट्रेन पर सवार नहीं हो सके। लिहाजा उन्हें मायूस होकर अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी। बक्सर से प्रयागराज की तरफ सफर कर रहे गोपाल कहते हैं- ट्रेनों में बिल्कुल जगह नहीं है। हम लोग बहुत परेशान हो गए हैं, मगर यात्रा तो करनी है न…। हर हाल में जाएंगे। ट्रेन में सफर कर रहे यात्री अंकुश ने बताया- भीड़ अधिक देखकर दो ट्रेन छोड़ दिया। तीसरी में बैठे हैं, लेकिन इसमें भी तिल रखने भर की जगह नहीं है। जमालुद्दीन, अजय को अपनी मुंबई की यात्रा अंदर से बंद बोगी न खुलने के कारण रद्द करनी पड़ी। जौनपुर स्टेशन ट्रेनें 6-7 घंटे देरी से चल रही, सीट घेरने के लिए लोग घंटों पहले पहुंच रहे
प्रयागराज कुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा है। मंगलवार को जौनपुर-प्रयागराज रूट पर चलने वाली सभी ट्रेनें खचाखच भरकर आईं। यात्रियों को सीट सुरक्षित करने के लिए 7 घंटे पहले से ही स्टेशन पर डेरा डालना पड़ रहा है। प्रयागराज जाने वाली ट्रेनें 6-7 घंटे देरी से चल रही हैं। जौनपुर से प्रयागराज के लिए एक ट्रेन गोदान और एक इलाहाबाद-प्रयागराज पैसेंजर और दो जोड़ी स्पेशल ट्रेन चल रही हैं। ट्रेन में चढ़ने के लिए धक्का-मुक्की
यात्री अनिकेत सिंह के कहा- शाम 6 बजे की ट्रेन में जगह पाने की आस में वे सुबह 11 बजे से ही स्टेशन पर पहुंच गए। भीड़ का आलम यह है कि यात्री एसी कोच से लेकर स्लीपर और गार्ड रूम तक में घुस रहे हैं। टिकट काउंटर पर यात्रियों के बीच धक्का-मुक्की की स्थिति बनी हुई है और सभी ट्रेनों में टिकट वेटिंग पर चल रहे हैं। जौनपुर स्टेशन अधीक्षक ने बताया- बढ़ती भीड़ को देखते हुए रेल प्रशासन ने गोदान एक्सप्रेस के अलावा दो अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनों की सेवाएं शुरू की हैं। मौनी अमावस्या स्नान के लिए भीड़ अधिक है। रेलवे प्रशासन यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम कर रहा है, लेकिन अत्यधिक भीड़ के कारण व्यवस्था बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो रहा है। प्रयागराज मंडल के PRO बोले- आउटर में ट्रेन न रोकनी पड़े, इसके अरेंजमेंट किए हैं
यात्रियों से बातचीत में सामने आया कि ट्रेनों को प्रयागराज के आउटर में खड़ा करना पड़ रहा है। ऐसे में दैनिक भास्कर ने प्रयागराज मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अमित सिंह से बात की। उन्होंने कहा- प्रयागराज आने वाली रेगुलर ट्रेनों को आस-पास के दूसरे स्टेशनों पर शेड्यूल किया गया। कई ट्रेन कैंसिल भी करना पड़ा। ताकि मेला से जुड़ी ट्रेन लेट न हो। क्या आउटर में ट्रेन रोकनी पड़ रही है? जवाब में उन्होंने कहा कि प्रयागराज के आउटर में ट्रेन न रोकनी पड़े, इसके अरेंजमेंट किए जा रहे हैं। यह हो सकता है कि लंबे रूट की गाड़ियों को पास करने के लिए लोकल ट्रेनों को आउटर में रोका गया हो।
……………………. यह भी पढ़ें : महाकुंभ जा रही 2 ट्रेनों पर पथराव: कोच के गेट न खुलने से भड़के यात्री, शीशे-दरवाजे तोड़े; RPF बैकफुट पर महाकुंभ जा रही दो ट्रेनों में पथराव और तोड़फोड़ की गई। ट्रेन के अंदर पैर रखने की जगह नहीं थी। ऐसे में यात्रियों ने अंदर से दरवाजे बंद कर लिए। वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-फतेहपुर पैसेंजर ट्रेन रात सोमवार रात हरपालपुर स्टेशन पर रुकी, यात्री चढ़ने के लिए गेट को धक्का देने लगे। जब गेट नहीं खुला तो पथराव शुरू कर दिया। ऐसा ही वाकया अंबेडकर नगर-प्रयागराज एक्सप्रेस में भी हुआ। यह ट्रेन मध्य प्रदेश के छतरपुर रेलवे स्टेशन पर रुकी थी। RPF भीड़ को संभाल नहीं पाई तो पुलिस को बुलाया। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को शांत किया। पथराव में दोनों ट्रेनों की कई बोगियों के शीशे, दरवाजे और खिड़कियों को नुकसान पहुंचा है। पढ़िए पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर