सहारनपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज के ICU के वार्ड-4 में एक कर्मचारी ने फिनाइल की जगह फॉर्मेलिन का पोछा लगा दिया। वार्ड में भर्ती मरीजों तड़पने लगे। उनका दम घुटने लगा, उन्हें सांस लेने और आंखों में जलन होने लगी। इसके बाद मरीज खुद ही उठकर बाहर लॉबी में बैठ गए। गंभीर मरीज की परेशानी देखते हुए मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया। इस केस की जांच के लिए कॉलेज प्रबंधन ने 3 सदस्यीय टीम बनाई है। जिस समय फॉर्मेलिन का पोछा लगया गया, तब वार्ड में 10 मरीज भर्ती थे। तीमारदार बाहर मौजूद थे। पोछा लगाने के 2 मिनट बाद मरीज और तीमारदार परेशान हो उठे। मरीजों को एक साथ तड़पते देख उनके तीमारदार अंदर आ गए। आलम यह रहा कि गैस लीकेज की अफवाह फैल गई। तीमारदार अपने-अपने गंभीर मरीजों को उठाकर ICU से बाहर की तरफ दौड़ पड़े। प्राचार्य और वरिष्ठ चिकित्सकों को इसकी जानकारी हुई। तभी आनन-फानन में सभी वार्ड की ओर दौड़ पड़े। घटना शनिवार देर रात की है। रविवार को पूरा दिन इस मामले को लेकर अस्पताल में चर्चा होती रही। 48 घंटे में सब्मिट करें जांच रिपोर्ट राजकीय मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. सुधीर राठी ने कहा- गैस लीकेज की अफवाह गलत है। फिनाइल की जगह फॉर्मेलिन का पोछा लगाया दिया। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि फिनाइल की बोतल में फॉर्मेलिन मिलाया गया। इसकी जांच करने के लिए तीन सदस्य की टीम बनाई गई है। टीम में चिकित्सा अधिकारी, मेट्रन और चिकित्सा शिक्षक को शामिल किया है। 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट देगी। हालांकि, सवाल ये है कि जिन कर्मचारियों को गंभीर मरीजों के पास जाने तक की इजाजत है, क्या उन्हें फिनाइल और फॉर्मेलिन की पहचान नहीं है? क्या होता है फॉर्मेलिन फॉर्मेलिन एक प्रकार का फॉर्मेल्डिहाइड है, जो मनुष्यों में कैंसर का कारण बनता है। यह एक कीटाणुनाशक है। मेडिकल लाइन में इसका इस्तेमाल से पोस्टमॉर्टम हाउस और मॉर्च्युरी में शवों को संरक्षित करने के लिए, मृत जानवरों के नमूनों को संरक्षित करने के लिए किया जाता है। फॉर्मेलिन का दुष्प्रभाव : लंबे समय तक इसका प्रयोग करने से खांसी या दम घुटने की समस्या हो सकती है। गंभीर संपर्क से गले में सूजन या फेफड़ों में रासायनिक जलन से मौत हो सकती है। त्वचा, आंखों या जठरांत्र संबंधी मार्ग के साथ सीधे संपर्क से गंभीर जलन हो सकती है। फॉर्मेलिन की मात्र 30 ml (लगभग 2 बड़े चम्मच) मात्रा पीने से भी मौत हो सकती है। पढ़ें पूरी खबर… सहारनपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज के ICU के वार्ड-4 में एक कर्मचारी ने फिनाइल की जगह फॉर्मेलिन का पोछा लगा दिया। वार्ड में भर्ती मरीजों तड़पने लगे। उनका दम घुटने लगा, उन्हें सांस लेने और आंखों में जलन होने लगी। इसके बाद मरीज खुद ही उठकर बाहर लॉबी में बैठ गए। गंभीर मरीज की परेशानी देखते हुए मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया। इस केस की जांच के लिए कॉलेज प्रबंधन ने 3 सदस्यीय टीम बनाई है। जिस समय फॉर्मेलिन का पोछा लगया गया, तब वार्ड में 10 मरीज भर्ती थे। तीमारदार बाहर मौजूद थे। पोछा लगाने के 2 मिनट बाद मरीज और तीमारदार परेशान हो उठे। मरीजों को एक साथ तड़पते देख उनके तीमारदार अंदर आ गए। आलम यह रहा कि गैस लीकेज की अफवाह फैल गई। तीमारदार अपने-अपने गंभीर मरीजों को उठाकर ICU से बाहर की तरफ दौड़ पड़े। प्राचार्य और वरिष्ठ चिकित्सकों को इसकी जानकारी हुई। तभी आनन-फानन में सभी वार्ड की ओर दौड़ पड़े। घटना शनिवार देर रात की है। रविवार को पूरा दिन इस मामले को लेकर अस्पताल में चर्चा होती रही। 48 घंटे में सब्मिट करें जांच रिपोर्ट राजकीय मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. सुधीर राठी ने कहा- गैस लीकेज की अफवाह गलत है। फिनाइल की जगह फॉर्मेलिन का पोछा लगाया दिया। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि फिनाइल की बोतल में फॉर्मेलिन मिलाया गया। इसकी जांच करने के लिए तीन सदस्य की टीम बनाई गई है। टीम में चिकित्सा अधिकारी, मेट्रन और चिकित्सा शिक्षक को शामिल किया है। 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट देगी। हालांकि, सवाल ये है कि जिन कर्मचारियों को गंभीर मरीजों के पास जाने तक की इजाजत है, क्या उन्हें फिनाइल और फॉर्मेलिन की पहचान नहीं है? क्या होता है फॉर्मेलिन फॉर्मेलिन एक प्रकार का फॉर्मेल्डिहाइड है, जो मनुष्यों में कैंसर का कारण बनता है। यह एक कीटाणुनाशक है। मेडिकल लाइन में इसका इस्तेमाल से पोस्टमॉर्टम हाउस और मॉर्च्युरी में शवों को संरक्षित करने के लिए, मृत जानवरों के नमूनों को संरक्षित करने के लिए किया जाता है। फॉर्मेलिन का दुष्प्रभाव : लंबे समय तक इसका प्रयोग करने से खांसी या दम घुटने की समस्या हो सकती है। गंभीर संपर्क से गले में सूजन या फेफड़ों में रासायनिक जलन से मौत हो सकती है। त्वचा, आंखों या जठरांत्र संबंधी मार्ग के साथ सीधे संपर्क से गंभीर जलन हो सकती है। फॉर्मेलिन की मात्र 30 ml (लगभग 2 बड़े चम्मच) मात्रा पीने से भी मौत हो सकती है। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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महाकुंभ आयोजन तक काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन पर रहेगी रोक, जानें क्यों लिया ये फैसला
महाकुंभ आयोजन तक काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन पर रहेगी रोक, जानें क्यों लिया ये फैसला <p style=”text-align: justify;”><strong>Varanasi News: </strong>काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की हार्दिक इच्छा होती है कि वह बाबा का स्पर्श दर्शन प्राप्त करें. ऐसे में कई बार स्पर्श दर्शन की वजह से बाबा के गर्भगृह में अचानक भीड़ बढ़ जाती है. इसी को ध्यान में रखते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से नए वर्ष पर निर्धारित समय के लिए बाबा के स्पर्श दर्शन पर रोक लगाई गई थी. अब मंदिर प्रशासन ने इसे महाकुंभ आयोजन तक बढ़ाने का निर्णय लिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महाकुंभ आयोजन तक बाबा के स्पर्श पर रहेगी रोक</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा की तरफ से एबीपी लाइव को मिली जानकारी के अनुसार – सभी श्रद्धालुओं के सुलभ दर्शन को उपलब्ध कराने के लिए मंदिर प्रशासन हमेशा तत्पर है. इसी को ध्यान में रखते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर स्थित बाबा के गर्भगृह में किसी भी प्रकार की भीड़ अनियंत्रित ना हो इसलिए बाबा के स्पर्श दर्शन पर महाकुंभ आयोजन तक रोक रहेगी. इससे पहले नए साल के अवसर पर भी भारी संख्या में लोगों के आने की संभावना जताई गई थी. इसीलिए नए साल पर भी बाबा के स्पर्श दर्शन पर रोक रही. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं प्रयागराज महाकुंभ के दौरान तकरीबन 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के वाराणसी आने का अनुमान लगाया गया है, इस अवसर पर अधिकांश श्रद्धालु बाबा का दर्शन प्राप्त करने के लिए मंदिर परिसर आएंगे. उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो इसलिए मंदिर प्रशासन ने अपनी सभी तैयारियां को लगभग पूरा कर लिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नए साल पर काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे 12.5 लाख श्रद्धालु</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार 31 दिसंबर को 507321 श्रद्धालुओं ने बाबा काशी विश्वनाथ का दर्शन प्राप्त किया. वहीं साल 2025 के प्रथम दिन 1 जनवरी को 743699 श्रद्धालुओं ने भगवान काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करके अपने नव वर्ष की शुरुआत की. 31 दिसंबर और 1 जनवरी दोनों दिन मिलाकर कुल 1251020 श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन कर एक नया कीर्तिमान बनाया. बीते महीनों की तुलना में एक दिन में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की यह संख्या सर्वाधिक रही.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-weather-update-today-4-january-imd-forecast-cold-day-lucknow-noida-meerut-ka-mausam-2855774″>यूपी में भीषण सर्दी के बीच IMD ने जारी किया अलर्ट, अभी और बढ़ेगी ठंड, कानपुर-इटावा में रहा सबसे ठंडा दिन</a></strong></p>
ऑनलाइन गेम में हारा तो MR ने फांसी लगाई:ससुर ने 12 लाख रुपए भी दिए; वाराणसी में पत्नी को भगाया, फिर साड़ी से फंदा लगाया
ऑनलाइन गेम में हारा तो MR ने फांसी लगाई:ससुर ने 12 लाख रुपए भी दिए; वाराणसी में पत्नी को भगाया, फिर साड़ी से फंदा लगाया वाराणसी में ऑनलाइन गेम में लाखों रुपए हारने पर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (MR) ने फांसी लगा ली। कर्जदारों की धमकी और तानों से वह डिप्रेशन में आ गया था। खुद को कमरे में बंद कर पत्नी की साड़ी का फंदा बनाकर उसने सुसाइड किया। बुधवार को कमरा दोपहर तक नहीं खुलने पर मकान मालिक ने खटखटाया तो दरवाजा बंद मिला। खिड़की से देखा तो शव बेड पर फंदे से लटक रहा था। कमरे का सामान भी इधर-उधर पड़ा था और सिगरेट गुटखा बिस्तर पर बिखरा था। मकान मालिक की सूचना पर कैंट पुलिस पहुंची। मायके से पत्नी भी कमरे पर पहुंच गई। पुलिस को उसके फोन में कई ऑनलाइन गेमिंग ऐप मिले हैं। करीब 3 साल पहले MR पर 12 लाख का कर्ज था। उसे जान से मारने की धमकियां मिलीं। फिर ससुर ने GPF से निकालकर 12 रुपए का कर्ज चुकाया था। चंदौली का अभिषेक वाराणसी में किराए पर रहता था
चंदौली जिले के हुसैपुर बलुआ निवासी अभिषेक यादव एक मल्टीनेशनल दवा कंपनी में MR थे। उनका कार्यक्षेत्र वाराणसी समेत आसपास के जिलों में था। अभिषेक ने कैंट थाना क्षेत्र के टकटकपुर की राधापुरम कॉलोनी में किराए पर कमरा ले रखा था। पिछले दिनों कंपनी के दौरों में उसे ऑनलाइन गेम की लत लग गई, फिर उसने ऑनलाइन बेटिंग शुरू कर दी। अभिषेक गेम के साथ शराब और सिगरेट का आदी हो गया। नशे में कई बार पत्नी से मारपीट भी की। गेम में लाखों रुपए हारकर जब कर्जदार हो गया तो पत्नी ममता यादव ऐसा करने से मना करने लगी। इस पर अभिषेक ने उसे जमकर पीटा और घर से निकाल दिया। ममता अपने पिता के घर चली गई। विवादों के बावजूद अभिषेक ने गेम खेलना बंद नहीं किया। दोस्त से बोला- जल्दी सबका कर्ज उतार दूंगा
कर्जदारों ने वसूली शुरू कर दी। धमकी देने लगे। मंगलवार को भी कई लोगों ने उसे फोन कर रुपए की मांग की, जिसके बाद उसका कुछ लोगों से विवाद भी हो गया। इसकी जानकारी उसने अपने एक दोस्त को दी और जल्द ही सबका कर्ज उतारने की बात कही। मंगलवार रात वह घर गया और फिर बुधवार की छुट्टी ले ली। उसने कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस ने जब उसका फोन खंगाला तो कई गेमिंग एप की जानकारी मिली, हालांकि कितना कर्ज है इसकी जानकारी पुलिस जुटा रही है। गाजीपुर की ममता से हुई शादी, ससुर ने पहले भी चुकाया था कर्ज
गाजीपुर निवासी दरोगा अक्षय लाल यादव ने अपनी बेटी ममता की शादी 2013 में रक्षा मंत्रालय के पूर्व अफसर मुसाफिर सिंह के बेटे अभिषेक यादव से की थी। संपन्न परिवार देखकर उन्होंने बड़ी बेटी की शादी में दान दहेज भी दिया और बीच-बीच में भी मदद करते रहे। दो बेटियां होने के चलते सब कुछ बेटियों में ही बांट दिया। सोनभद्र में तैनाती के दौरान दरोगा अक्षयलाल को तीन साल पहले उन्हें पता चला कि दामाद गलत संगत में नशे और जुआ का आदी हो गया है। घर जाकर समझाया, लेकिन दामाद नहीं माना और आदतें जारी रखीं। इसके बाद बेटी ने एक दिन बताया कि कुछ लोग अभिषेक को मारने की धमकी दे रहे हैं और उन पर 12 लाख का कर्ज बताया। इसके बाद दरोगा ससुर ने अपने GPF अकाउंट से इमरजेंसी फंड को अप्लाई किया और सात दिन बाद 12 लाख रुपए का कर्ज चुकाया। तब अभिषेक ने ऑनलाइन गेमिंग छोड़ने का वादा भी किया था, लेकिन वह नहीं माना। लगातार जुआ और शराब में लिप्त रहा। दो महीने पहले पत्नी को पीटा तो चली गई मायके
पुलिस की अब तक की पूछताछ में सामने आया कि वाराणसी में किराए पर अभिषेक अपनी पत्नी ममता और दो साल के बेटे कृष्णा के साथ रहता था। अभिषेक शराब पीकर आए दिन पत्नी को पीटता था, उसने बेटे को भी कई बार पीटा। उसे बचाने में ममता को चोटें भी लगीं। एक दिन दोनों को पीटकर घर के बाहर निकाल दिया। इसके बाद ममता ने पिता को फोन किया और वाराणसी में भुल्लनपुर स्थित आवास पर चली गईं। तब से दोनों में बातचीत बंद थी और ममता भी अभिषेक को फोन नहीं करती थी। —————– ये खबर भी पढ़िए- संभल हिंसा- जेलर-डिप्टी जेलर सस्पेंड: जेल में आरोपियों की सपा नेताओं से कराई थी मुलाकात, DM की रिपोर्ट पर एक्शन संभल हिंसा के आरोपियों से जेल में सपा नेताओं से मुलाकात कराने के मामले में शासन ने मुरादाबाद के जेलर विक्रम यादव और डिप्टी जेलर प्रवीण सिंह को सस्पेंड कर दिया। जबकि सीनियर जेल सुपरिंटेंडेंट के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। सीनियर जेल सुपरिेटेंडेंट पीपी सिंह ने इस मामले में सफाई दी। कहा- हमें ऐसे कोई निर्देश नहीं थे कि संभल हिंसा के आरोपियों की मुलाकात नहीं कराई जानी है। पढ़ें पूरी खबर…