यूपी में मानसून एक्टिव हो चुका है। लखनऊ, मथुरा समेत 5 शहरों में सुबह से रुक-रुककर बारिश हो रही है। आज 67 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। बिजली भी गिर सकती है। 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से हवाएं चलेंगी। पारा 4-5 डिग्री नीचे आएगा। आने वाले 7-8 दिनों तक पूरे प्रदेश में बारिश हो सकती है। मंगलवार की बात करें तो पिछले 24 घंटे में मानसून ने 14.2MM बारिश कराई। बहराइच में सबसे ज्यादा 126 मिलीमीटर (MM) बारिश हुई। 69MM के साथ कुशीनगर में दूसरे और 68MM के साथ बस्ती तीसरे पर रहा। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, मंगलवार को वेस्ट यूपी से ज्यादा बारिश पूर्वी यूपी में हुई। वेस्ट यूपी में 11.3MM और पूर्वी यूपी में 16.2MM बरसात रही। तापमान 4-5 डिग्री सेल्सियस तक घटा है। इससे लोगों को गर्मी और उमस से काफी राहत मिली हुई है। मंगलवार को सबसे गर्म जिला बागपत रहा। यहां का पारा 37 डिग्री सेल्सियस तक चला गया है। सबसे कम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस बाराबंकी में रहा। यूपी में मानसून एक्टिव हो चुका है। लखनऊ, मथुरा समेत 5 शहरों में सुबह से रुक-रुककर बारिश हो रही है। आज 67 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। बिजली भी गिर सकती है। 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से हवाएं चलेंगी। पारा 4-5 डिग्री नीचे आएगा। आने वाले 7-8 दिनों तक पूरे प्रदेश में बारिश हो सकती है। मंगलवार की बात करें तो पिछले 24 घंटे में मानसून ने 14.2MM बारिश कराई। बहराइच में सबसे ज्यादा 126 मिलीमीटर (MM) बारिश हुई। 69MM के साथ कुशीनगर में दूसरे और 68MM के साथ बस्ती तीसरे पर रहा। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, मंगलवार को वेस्ट यूपी से ज्यादा बारिश पूर्वी यूपी में हुई। वेस्ट यूपी में 11.3MM और पूर्वी यूपी में 16.2MM बरसात रही। तापमान 4-5 डिग्री सेल्सियस तक घटा है। इससे लोगों को गर्मी और उमस से काफी राहत मिली हुई है। मंगलवार को सबसे गर्म जिला बागपत रहा। यहां का पारा 37 डिग्री सेल्सियस तक चला गया है। सबसे कम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस बाराबंकी में रहा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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‘रावण इस गांव का बेटा है, राक्षस नहीं’:नोएडा के बिसरख में नहीं मनाते दशहरा, पुतला दहन से होने लगते हैं हादसे
‘रावण इस गांव का बेटा है, राक्षस नहीं’:नोएडा के बिसरख में नहीं मनाते दशहरा, पुतला दहन से होने लगते हैं हादसे ‘रावण इस गांव का बेटा है, राक्षस नहीं…यहां कभी रामलीला नहीं होती, न ही पुतला जलाया जाता है। जब-जब ऐसा हुआ, कुछ न कुछ अनिष्ट हुआ। दुर्घटनाएं होने लगीं। लोग मरे, बीमारी फैलने लगी।’ ऐसा नोएडा से 17 किमी दूर बिसरख गांव के लोगों का कहना है। इस गांव का नाम लंकापति रावण के पिता विश्रवा के नाम पर रखा गया था। मान्यता है कि यहीं रावण, कुंभकर्ण, विभीषण और शूर्पणखा ने जन्म लिया। इनसे पहले कुबेर भी यहां जन्मे, जिन्होंने सोने की लंका बनाई। तब, रावण अपने परिवार के साथ वहां चला गया। रावण के जन्मस्थान होने की वजह से यह गांव बिसरख धाम के नाम से प्रसिद्ध हुआ। दशहरे से पहले दैनिक भास्कर की टीम बिसरख गांव पहुंची। यहां हमने लोगों से बात की। यहां की मान्यता क्या है? रावण के जन्मस्थान के साक्ष्य क्या हैं? पंडित-पुरोहित क्या बताते हैं? मंदिर का इतिहास क्या है? पढ़िए पूरी रिपोर्ट… दशहरे तक छाया रहता है सन्नाटा
हम सुबह करीब 10 बजे बिसरख गांव पहुंचे। यहां अजीब-सा सन्नाटा पसरा था। घरों के दरवाजे बंद थे। सड़कें सूनी थीं। पेड़ की छांव में कुछ लोग बैठे थे। पूछने पर कहते हैं- भैया, दशहरे तक गांव का माहौल ऐसा ही रहेगा। यहां की हवा ही कुछ ऐसी है। दशहरे के बाद अपने आप ही लोगों का मिलना-जुलना बढ़ जाएगा। ये कोई नई बात नहीं है। हर साल ऐसा ही माहौल रहता है। गांव के लोग बाहर भी मेला या रामलीला देखने नहीं जाते। जिस दिन रावण दहन होता है, गांव में शोक जैसा माहौल रहता है। हमारे यह सवाल पूछने पर कि ऐसा क्यों? जवाब मिलता है- यह रावण का गांव है। उनके पिता विश्रवा यहीं रहते थे। गांव में उनका मंदिर है। यह जानने के बाद हम उस मंदिर की ओर चल पड़े। गांव में ज्यादा घनी आबादी नहीं है। लोग अपना काम करते दिखे। गांव में थोड़ा अंदर चलते ही दूर से ही मंदिर दिखा दिया। मंदिर के पुजारी और महंत ने रावण से जुड़ी कुछ जानकारियां बताईं। यहीं विश्रवा की कैकसी से शादी हुई
मंदिर के बाहर 10 सिर वाला रावण और शिवलिंग पर सिर काटकर चढ़ाते हुए दृश्य अंकित हैं। मंदिर के अंदर शिवलिंग है, जिसको हजारों साल पुराना बताया जाता है। मंदिर के पंडित विनय भारद्वाज बताते हैं- यह अष्टभुजा धारी शिवलिंग रावण के बाबा यानी पुलस्त्य ऋषि ने स्थापित किया था। यही शिवलिंग ही रावण की जन्मभूमि का प्रत्यक्ष प्रमाण है। शिवलिंग की खास बात यह है कि वह जिस पत्थर का है, वो आज कहीं नहीं मिलेगा। इस गांव में रावण के पिता ने राक्षसी राजकुमारी कैकसी से शादी की। यहीं रावण-कुंभकर्ण, विभीषण और शूर्पणखा का जन्म हुआ। शिवलिंग कितने साल पुराना है?
पंडित विनय बताते हैं- सन, शताब्दी तो चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने शुरू किया था। यह कलयुग की गणना है। इससे पहले माया कैलंडर होता था, जिसे आज तक कोई पढ़ नहीं पाया। इसलिए असली समय तो बता पाना मुश्किल है। अगर इस मंदिर को देखा जाए, तो पता चलता है कि रावण ने 28 हजार साल तक राज किया। उससे पहले कुबेर ने राज किया। आप अंदाजा लगाइए कि रावण यहां पैदा हुए, कुबेर यहां पैदा हुए, तो यह मंदिर कितने साल पुराना हो सकता है। पंडित ने बताया कि यहां के लोग भगवान राम की पूजा करते हैं और उनके आदर्शों को मानते हैं। लेकिन, रावण को भी गलत नहीं मानते। उसे भी विद्वान पंडित मानते हैं। यही वजह है, गांव में रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाता। दो बार रामलीला का आयोजन, दोनों बार मौत
बिसरख गांव के लोग रामलीला का आयोजन नहीं करते। इस परंपरा के पीछे गांव का इतिहास जुड़ा है। यहां दो बार रावण दहन किया गया, लेकिन दोनों ही बार रामलीला के दौरान किसी न किसी की मौत हो गई। बिसरख में शिव मंदिर के पुजारी महंत रामदास ने बताया- 60 साल पहले गांव में पहली बार रामलीला का आयोजन किया गया था। जिस व्यक्ति के घर के सामने यह आयोजन हुआ, उसी का बेटा मर गया। रावण की आत्मा की शांति के लिए होता है यज्ञ
कुछ समय बाद गांव वालों ने फिर से रामलीला रखी। इस बार उसमें हिस्सा लेने वाले एक पात्र की मौत हो गई। इसके बाद से यहां दशहरे पर रावण का पुतला नहीं दहन होता, न ही रामलीला होती है। यहां रावण की आत्मा की शांति के लिए यज्ञ-हवन किए जाते हैं। साथ ही नवरात्रि के दौरान शिवलिंग पर बलि भी चढ़ाई जाती है। 1984 में की गई खुदाई
1984 में तांत्रिक चंद्रास्वामी ने शिवलिंग की खुदाई कराई थी। 20 फीट खुदाई के बाद भी शिवलिंग का छोर नहीं मिला था। इस दौरान एक गुफा मिली थी। वह पास में बने खंडहरों में जाकर निकली। खुदाई के दौरान एक 24 मुखी शंख भी निकला था। जिसे चंद्रास्वामी अपने साथ ले गए थे। शिवपुराण में भी इस धाम का जिक्र
बिसरख गांव का जिक्र शिव पुराण में भी किया गया है। कहा जाता है, त्रेता युग में इस गांव में ऋषि विश्रव का जन्म हुआ था। यह शिवलिंग बाहर से देखने में महज 2.5 फीट का है, लेकिन जमीन के नीचे इसकी लंबाई करीब 8 फीट है। इस गांव में अब तक 25 शिवलिंग मिले हैं। मंदिर के महंत रामदास ने बताया- खुदाई के दौरान त्रेता युग के नर कंकाल, बर्तन और मूर्तियों के अलावा कई अवशेष मिले। लेकिन अब वह उनके पास नहीं हैं। रामदास कहते हैं- उस समय टूटी-फूटी मूर्तियां मिली थीं। साथ ही भांग घोंटने वाला बर्तन और भैरो की मूर्ति भी थी। वो सब पुरातत्व विभाग वाले ले गए। लेकिन, आज भी यहां जिस जगह खुदाई होगी, जरूर पुराने अवशेष मिलेंगे। अब तक नहीं बन सकी रावण की प्रतिमा
महंत रामदास ने बताया- मंदिर में 24 भुजा रावण की प्रतिमा थी, जिसे अराजक तत्वों ने खंडित कर दिया। नई मूर्ति राजस्थान में बन रही है, जो करीब 7 फीट की है। उसे यहां स्थापित किया जाएगा। अभी 4 फीट की एक सिर वाली मूर्ति बनी है, जिसे लाया जा रहा है। उसे राम मंदिर के साथ यहां स्थापित किया जाएगा। मंदिर के विकास को लेकर कई बार लिखा गया, लेकिन किसी ने भी सुध नहीं ली। यह खबर भी पढ़ें वेश्यालय से भीख में मांगकर लाई मिट्टी, कानपुर में मां दुर्गा की मूर्ति का किया निर्माण; 82 साल से चली आ रही परंपरा कानपुर में एक अनोखी दुर्गा पूजा आयोजित की जाती है। जहां वेश्यालय से भिक्षा मांगकर पहले मिट्टी लाई जाती है। फिर उसी मिट्टी से मां दुर्गा की मूर्ति का निर्माण कराया जाएगा। आज यानी बुधवार से दुर्गा पूजा शुरू हो रही है। कोलकाता की तर्ज पर पारंपरिक रूप से दुर्गा पूजा नारी सशक्तिकरण थीम पर शुरू की जा रही है। पढ़ें पूरी खबर…
पंजाब-चंडीगढ़ में फिर सुस्त हुआ मानसून:अगले 10 दिन में चिपचिपाती गर्मी से मिलेगी राहत; इस सीजन 22 फीसदी कम बरसे बादल
पंजाब-चंडीगढ़ में फिर सुस्त हुआ मानसून:अगले 10 दिन में चिपचिपाती गर्मी से मिलेगी राहत; इस सीजन 22 फीसदी कम बरसे बादल पंजाब और चंडीगढ़ में बीते दो दिन बरसने के बाद मानसून एक बार फिर सुस्त होने लगा है। इस माह के अंत तक मानसून की वापसी हो जाएगी। लेकिन, लोगों को 15 सितंबर तक चिपचिपाती गर्मी से राहत मिल सकती है। हरियाणा से सटे कुछ इलाकों में बीते 24 घंटों में बारिश हुई। औसतन तापमान में 1.3 डिग्री की कमी देखने को मिली है और अधिकतम तापमान पठानकोट में 34.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र (IMD) के अनुसार, आज पंजाब में बारिश को लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया। पठानकोट, होशियारपुर, रूपनगर और मोहाली में हल्की बारिश होने की संभावना है। वहीं, चंडीगढ़ में भी आज हल्की बारिश हो सकती है। IMD के अनुसार आने वाले 7 दिन पंजाब व चंडीगढ़ में पॉकेट रेन ही देखने को मिलेगी। लेकिन तापमान में अधिक बदलाव नहीं होगा। पंजाब के अधिकतर शहरों का अधिकतम तापमान 35 डिग्री के करीब रह सकता है। पंजाब-चंडीगढ़ रेड जोन में उत्तर भारत में IMD ने हिमाचल सहित पंजाब व चंडीगढ़ को रेड जोन में रखा है। यहां सामान्य से काफी कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, 1 जून से 4 सितंबर तक हिमाचल प्रदेश में 20 फीसदी जबकि चंडीगढ़ व पंजाब में 22 फीसदी कम बारिश देखने को मिली। पंजाब में इस सीजन सबसे कम बारिश मोहाली में देखने को मिली। यहां सामान्यत: 496.6 मिमी. बारिश होती थी, लेकिन इस सीजन यहां मात्र 209.2 मिमी. ही बादल बरसे, जो 58 फीसदी कम है। इसी तरह बठिंडा में सामान्यता 239.3 मिमी. बारिश होती थी, लेकिन इस सीजन यहां मात्र 103.3 फीसदी ही बादल बरसे। जबकि एसबीएस नगर में 64 फीसदी, मोगा- फिरोजपुर में 50 फीसदी, होशियारपुर में 47 फीसदी कम बारिश हुई। सीजन पंजाब में 15 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। इसी तरह चंडीगढ़ में सामान्यत: 699.2 मिमी बारिश होती है, जो इस सीजन 513.2 मिमी. ही रही। पंजाब-चंडीगढ़ में तापमान चंडीगढ़- बुधवार अधिकतम तापमान 32.2 डिग्री दर्ज किया गया। आज हल्के बादल छाएंगे, बारिश का अनुमान है। तापमान 24 से 33 डिग्री के करीब रह सकता है। मोहाली- बुधवार का तापमान 32.6 डिग्री दर्ज किया गया। आज हल्के बादल छाएंगे, बारिश का अनुमान है। तापमान 24 से 33 डिग्री के करीब रह सकता है। अमृतसर- बुधवार अधिकतम तापमान 34.3 डिग्री दर्ज किया गया। आज हल्के बादल छाएंगे, बारिश का अनुमान है। तापमान 24 से 33 डिग्री के करीब रह सकता है। जालंधर- बुधवार शाम का तापमान 32.9 डिग्री दर्ज किया गया। आज हल्के बादल छाएंगे। तापमान 25 से 33 डिग्री के करीब रह सकता है। लुधियाना- बुधवार का तापमान 31.8 डिग्री दर्ज किया गया। आज हल्के बादल छाएंगे, बारिश का अनुमान है। तापमान 24 से 32 डिग्री के करीब रह सकता है। पटियाला- बुधवार अधिकतम तापमान 30 डिग्री दर्ज किया गया। आज हल्के बादल छाएंगे, बारिश का अनुमान है। तापमान 24 से 33 डिग्री के करीब रह सकता है।
Maharashtra: BJP नेता विनय सहस्रबुद्धे बने महाराष्ट्र सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष, मिला राज्यमंत्री का दर्जा
Maharashtra: BJP नेता विनय सहस्रबुद्धे बने महाराष्ट्र सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष, मिला राज्यमंत्री का दर्जा <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> भारतीय जनता पार्टी के नेता विनय सहस्रबुद्धे (Vinay Sahasrabuddhe) को सोमवार (14 अक्तूबर) को राज्य सांस्कृतिक नीति कार्यान्वयन समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. यह पद राज्य मंत्री के दर्जे का है. इस संबंध में एक सरकारी प्रस्ताव जारी किया गया. पूर्व राज्यसभा सांसद सहस्रबुद्धे की नियुक्ति तीन साल की अवधि के लिए हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस आदेश के बाद विनय सहस्रबुद्धे ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर ट्वीट कर कहा, “राज्य संस्कृति नीति कार्यान्वयन समिति का अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए महाराष्ट्र के सीएम <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a>, डिप्टी सीएम देवेंद्र फणनवीस, अजित पवार और विशेष रूप से वरिष्ठ मंत्री सुधीर मुंगतीवार का बहुत-बहुत धन्यवाद. कार्यान्वयन की देखरेख के लिए पहली बार एक समिति गठित की गई है.”</p>