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हरियाणा CEO बोले-कांग्रेस ने झूठी कहानी बनाई:चुनाव में गड़बड़ी के आरोपों पर 1600 पन्नों का जवाब; ECI ने कहा- आदतन हमला करने से बचें
हरियाणा CEO बोले-कांग्रेस ने झूठी कहानी बनाई:चुनाव में गड़बड़ी के आरोपों पर 1600 पन्नों का जवाब; ECI ने कहा- आदतन हमला करने से बचें भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने मंगलवार को कांग्रेस के हरियाणा विधानसभा चुनाव में धांधली के आरोपों को खारिज कर दिया है। ECI ने 26 विधानसभा क्षेत्रों में जांच के आधार पर 1642 पन्नों की रिपोर्ट में कांग्रेस के हर सवाल के बारीकी और सबूतों के साथ जवाब दिया। इसके साथ ही आयोग ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि वह एक पुराने और अनुभवी राजनीतिक दल की तरह व्यवहार करे। कांग्रेस के तुच्छ और निराधार संदेह मतदान और मतगणना जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के दौरान अशांति पैदा कर सकते हैं। वहीं, हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कांग्रेस ने झूठी कहानी बनाई थी। ECI के प्रिंसिपल सेक्रेटरी एसबी जोशी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर बिंदुवार हर सवाल का जवाब दिया। आयोग ने पिछले एक साल में 5 मामलों का हवाला देते हुए कांग्रेस से कहा कि आरोप लगाने में सावधानी बरतें, बिना किसी सबूत के इलेक्टोरल ऑपरेशन पर आदतन हमला करने से बचें। बता दें कि हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान हुआ था और 8 अक्टूबर को रिजल्ट आया था। मतगणना के दौरान कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी कि कुछ EVM 99 प्रतिशत बैटरी क्षमता पर काम कर रही थीं, जबकि कुछ 60-70 और 80 प्रतिशत से कम बैटरी क्षमता पर काम कर रही थीं। चुनाव आयोग ने कांग्रेस को क्या दी नसीहत…
चुनाव आयोग ने मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र में कहा, “कांग्रेस एक पुराना राजनीतिक दल है, जिसके पास वर्षों का चुनावी अनुभव है। अगर ऐसा दल चुनाव प्रणाली पर सवाल उठाता है तो चुनाव आयोग को उनकी शिकायत पर ध्यान देने के लिए मजबूर होना पड़ता है। कांग्रेस के पास चुनाव में धांधली का कोई सबूत नहीं है। उम्मीदवार की सहमति से ही चुनाव के अलग-अलग चरणों से होकर गुजरना पड़ता है। इसका पूरा रिकॉर्ड भी है। कांग्रेस ने एक बार फिर पूरे चुनाव की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है। एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल से इस तरह की उम्मीद नहीं की जा सकती। आयोग देश में चुनावी लोकतंत्र को बनाए रखने और मजबूत करने के लिए राजनीतिक दलों के विचारों का सम्मान करता है और आश्वस्त करता है कि आयोग शिकायतों के निवारण के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। आयोग कांग्रेस से ईमानदारी से आग्रह करता है कि वह अपने पुरानी और शानदार प्रतिष्ठा के अनुरूप दृढ़ और ठोस कदम उठाए और अपने दृष्टिकोण में बदलाव करे। संवेदनशील चुनावी चरणों में जिम्मेदारी से आचरण करे, ताकि सार्वजनिक अशांति और अराजकता की संभावनाओं को कम किया जा सके। EVM का बैटरी को लेकर शिकायत पर आयोग ने जवाब में लिखा कि कांग्रेस ने आरोप रिजल्ट आने के तुरंत बाद लगाए। अगर इस तरह के आरोप थे तो पहले ही क्यों नहीं संज्ञान में लाए गए? बैटरी से जुड़े आरोपों पर विस्तृत जवाब भी दिया
आयोग ने बैटरी से जुड़े आरोपों पर विस्तृत जवाब भी दिया। कहा कि EVM की बैटरी की जो क्षमता होती है, उनमें 4 बैलेट यूनिट (BU) और एक कंट्रोल यूनिट (CU) इस्तेमाल में ली जा सकती है। साथ ही इनमें 2 हजार वोट भी डाले जा सकते हैं। जहां भी यह अपनी पूरी क्षमता में इस्तेमाल में ली गई, वहां बैटरी की क्षमता कम हुई, लेकिन जहां सिर्फ एक BU और एक CU का ही इस्तेमाल हुआ था और एक हजार से कम वोटिंग हुई, वहां बैटरी की क्षमता ज्यादा प्रभावित नहीं हुई। वैसे भी EVM में जिस बैटरी का इस्तेमाल होता है, वह अलकाइन बैटरी होती है। यह मोबाइल की तरह नहीं, बल्कि कैलकुलेटर की तरह होती है, जो न तो चार्ज होती है और न ही दोबारा इस्तेमाल में ली जा सकती है। EVM में इस्तेमाल के समय इनमें सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के उस पर हस्ताक्षर भी होते हैं। आयोग ने बैटरी से जुड़े आरोपों को सवाल-जवाब के स्वरूप में आयोग की वेबसाइट पर भी अपलोड किया है। कांग्रेस ने धांधली का आरोप लगाया था
कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव में EVM की गड़बड़ी का दावा करते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की थी। कांग्रेस ने कहा था कि 26 सीटों पर मतगणना के दौरान EVM में गड़बड़ी पाई गई। इन सीटों के उम्मीदवारों ने लिखित और मौखिक शिकायतें दर्ज की थीं। कांग्रेस ने इनकी सूची चुनाव आयोग को भेजी है। कांग्रेस ने कहा था कि यह अजीब है कि जिन मशीनों में 99% बैटरी चार्ज रही, उन्हीं सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार हारे हैं। वहीं, 60-70% बैटरी चार्ज वाली मशीन वे हैं, जिन पर कांग्रेस उम्मीदवार जीते हैं। मतगणना के दिन कुछ मशीनें 99% और बाकी सामान्य मशीनें 60-70% चार्ज थीं। हमारी मांग है कि जांच पूरी होने तक उन मशीनों को सील और सुरक्षित रखा जाना चाहिए। कांग्रेस ने चुनाव आयोग के समक्ष क्या-क्या कहा… कांग्रेस : 26 विधानसभा क्षेत्रों में कुछ मतदान केंद्रों पर मतगणना के दौरान EVM की 99 प्रतिशत तक बैटरी चार्ज थी। इसकी स्पष्टता को लेकर स्पष्टीकरण दिया जाए कि आखिरकार ऐसा क्यों हुआ?
चुनाव आयोग : EVM की CU की बैटरी की चार्जिंग का वोटिंग काउंट से कोई संबंध नहीं है। EVM काउंटिंग तक 15 चरण होते हैं। हर चरण में उम्मीदवार, उनके प्रतिनिधि या एजेंट शामिल होते हैं। कांग्रेस : EVM की CU बदले जाने की आशंका है। 8 अक्टूबर को मतगणना के दौरान ही इस आशंका को जाहिर कर दिया गया था। कुछ उम्मीदवारों और उनके प्रतिनिधियों ने 6 निर्वाचन क्षेत्रों में RO के ध्यान में लाया गया।
चुनाव आयोग : CU को गुप्त रूप से बदला जाए, ऐसा हो ही नहीं सकता। पूरा चुनाव निष्पक्ष होता है। चुनाव से पहले और काउंटिंग तक हर चीज में राजनीतिक दल भाग लेते हैं। अगर कोई गड़गड़ी थी तो काउंटिंग से पहले ध्यान में क्यों नहीं लाई गई। कांग्रेस : जांच तक 26 विधानसभा क्षेत्रों की सभी EVM को सुरक्षित रखा जाए, जब तक ECI उनकी शिकायतों की जांच न कर ले।
चुनाव आयोग : EVM का डाटा 45 दिनों तक सुरक्षित रहता है। इसलिए डाटा डिलीट जैसी कोई परेशानी नहीं है। EVM की काउंटिंग के बाद भी उसे संभाल कर रखा जाता है। कांग्रेस : वोटों की गिनती और उनकी अपलोडिंग जानबूझकर धीमी कर दी गई।
चुनाव आयोग : ऐसा नहीं होता। पूर्व में भी इस तरह के आरोपों पर जवाब दिया जा चुका है। इसकी पूरी डिटेल जांच रिपोर्ट में संलग्न है। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने ये 5 बातें बताईं
फाजिल्का में तैरता मिला युवक का शव:मृतक की 72 घंटों में नहीं हुई शिनाख्त, पुलिस ने कराया अंतिम संस्कार
फाजिल्का में तैरता मिला युवक का शव:मृतक की 72 घंटों में नहीं हुई शिनाख्त, पुलिस ने कराया अंतिम संस्कार फाजिल्का जिले के हौज गंधड़ गांव के नजदीक सेमनाले में पानी में तैरती हुई एक अज्ञात व्यक्ति की लाश मिली है l जिसे पोस्टमार्टम के लिए और पहचान के लिए सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है l 72 घंटे बीत जाने के बावजूद उसकी पहचान नहीं हो पाई है l जिसके चलते पुलिस मृतक के पारिवारिक सदस्यों को ढूंढने में लगी हुई है l पुलिस का कहना है कि आखिरकार उनके द्वारा समाज सेवी संस्था के सहयोग से मृतक अंतिम संस्कार किया जा रहा है l मृतक की नहीं हुई पहचान मामले की जानकारी देते हुए पुलिस अधिकारी गुरमेल सिंह ने बताया कि 13 जून को चंदभान सेमनाले में तैरती हुई अज्ञात युवक की लाश मिली थी l पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम और पहचान के लिए फाजिल्का के सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया l 72 घंटे से ऊपर समय हो गया है लेकिन मृतक के ना तो पारिवारिक सदस्य आए हैं और ना ही उसकी कोई पहचान हो पाई है l पुलिस ने किया अंतिम संस्कार मृतक की पहचान नहीं के चलते पुलिस द्वारा इस मामले में धारा 174 तहत कार्रवाई करते हुए स्थानीय समाजसेवी संस्था की मदद से मृतक अज्ञात शव का आज अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से किया जा रहा है l हालांकि उनके द्वारा अपनी तफ्तीश जारी है, जिसमें मामले में जांच की जा रही है l
हिमाचल के संजौली मस्जिद विवाद मामले में नया मोड़:मुस्लिम पक्ष ने निगम आयुक्त के फैसले को जिला अदालत में दी चुनौती, 6 को सुनवाई
हिमाचल के संजौली मस्जिद विवाद मामले में नया मोड़:मुस्लिम पक्ष ने निगम आयुक्त के फैसले को जिला अदालत में दी चुनौती, 6 को सुनवाई हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण विवाद मामले में नया मोड़ आ गया है। संजौली मस्जिद मामले में नगर निगम कमिश्नर के कोर्ट से आए फैसले को मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत में चुनौती दी। यह मामला जिला अदालत में 6 नवंबर को लिस्ट हुआ है। ऐसे में मामले में उस दिन सुनवाई प्रस्तावित है। मुस्लिम पक्ष से जुड़ी तीन वेलफेयर सोसाइटी ने नगर निगम आयुक्त के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है। सोसाइटी ने जिला अदालत में दायर याचिका में कहा है कि नगर निगम आयुक्त के कोर्ट का फैसला डिफेक्टिड है। उन्होंने यह फैसला संजौली मस्जिद कमेटी के नगर निगम को दिए हलफनामे के आधार पर दिया है। सोसाइटी ने जिला अदालत में दायर याचिका में कहा है कि मस्जिद कमेटी कोई रजिस्टर नहीं है, ऐसे में उनके अध्यक्ष मोहमद लतीफ द्वारा दिया गया हलफनामा गैर कानूनी है। जिला अदालत में याचिका दायर करने वाली मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी पोंटा साहिब के सदस्य नाजाक्त अली हाशमी ने बताया कि तीन अलग अलग कमेटी व सोसाइटी ने जिला अदालत में नगर निगम आयुक्त के फैसले को चुनौती दी है। आयुक्त कोर्ट के फैसले को बताया डिफेक्टिड उन्होंने दावा किया कि जिला अदालत में उनकी याचिका स्वीकार हो गई है और 6 नवंबर को मामला जिला अदालत में लिस्ट हुआ है। हाशमी ने बताया कि उन्होंने जिला अदालत में दायर याचिका में मांग की है कि नगर निगम आयुक्त ने मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहमद लतीफ के हलफनामे के आधार पर अपना फैसला सुनाया है। जो डिफेक्टिड है। मुस्लिम पक्ष ने दावा किया है कि मस्जिद कमेटी कोई रजिस्टर संस्था नहीं है। ऐसे में उनका हलफनामा गैर कानूनी है। इसलिए मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत में दायर याचिका में अपील की है कि मामले में मुस्लिम समुदाय की भावनाएं जुड़ी हुई है। ऐसे में उनका पक्ष भी सुना जाना चाइए। उन्होंने बताया कि जिला अदालत में याचिका दायर करने में मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी पोंटा साहिब , जामा मस्जिद मैनेजमेंट कमेटी बिलासपुर और अल हुदा एजुकेशनल सोसायटी दीनक मंडी शामिल है। जिन्होंने नगर निगम आयुक्त के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है। 5 अक्टूबर को आया था नगर निगम आयुक्त कोर्ट का फैसला बता दें कि हिमाचल प्रदेश के शिमला के संजौली में स्थित मस्जिद निर्माण विवाद मामले में नगर निगम आयुक्त के कोर्ट ने 5 अक्टूबर को मस्जिद कमेटी व वक्फ बोर्ड के नगर निगम आयुक्त को दिए हलफनामे पर फैसला सुनाया। मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिल गिराने के आदेश दिए थे। जिसके बाद मस्जिद कमेटी ने विवादित हिस्से को हटाने का कार्य शुरू कर दिया। मस्जिद का एटिक लगभग हटा भी दिया है। लेकिन अब मुस्लिम पक्ष ने मामले को जिला अदालत में चुनौती दी है। जिसके कारण मामले में नया पेंच फंस गया है। हाई कोर्ट ने 8 सप्ताह में मामले को निपटाने के लिए आदेश बता दें कि इस मामले में स्थानीय लोगों की याचिका पर एक आदेश पारित किया है। जिसमें हाईकोर्ट ने मामले को 8 सप्ताह के भीतर निपटाने के आदेश पारित किए हैं। वहीं इस मामले में बची हुई 2 मंजिलों को लेकर नगर निगम आयुक्त कोर्ट में अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होनी है।