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हिमाचल कैबिनेट की मीटिंग आज:रिक्त पद भरने, प्रभावितों को विशेष पैकेज, विधानसभा के मानसून सत्र में पेश होने वाले विधेयक पर चर्चा होगी
हिमाचल कैबिनेट की मीटिंग आज:रिक्त पद भरने, प्रभावितों को विशेष पैकेज, विधानसभा के मानसून सत्र में पेश होने वाले विधेयक पर चर्चा होगी हिमाचल कैबिनेट की महत्वपूर्ण मीटिंग आज सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में कुछ देर में शुरू होगी। इसमें विभिन्न विभागों में रिक्त पद भरने, आपदा प्रभावितों के राहत एवं पुनर्वास के लिए विशेष पैकेज और 15 अगस्त को मुख्यमंत्री की घोषणाओं को लेकर फैसले हो सकते है। प्रदेश में बीते 31 जुलाई की आधी रात बादल फटने से शिमला, मंडी और कुल्लू जिला में भारी तबाही हुई है। इस आपदा में 55 लोग लापता हो गए थे। 50 से ज्यादा घरों को नुकसान हुआ है। 40 व्यक्ति अभी भी लापता है। आज की कैबिनेट ने आपदा प्रभावितों के लिए सरकार विशेष ऐलान कर सकती है। इनके लिए बिजली, पानी, राशन, सिलेंडर के अलावा टूटे हुए घरों को बनाने को लेकर कैबिनेट में फैसला हो सकता है। कैबिनेट में विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान पेश होने वाले विधेयकों को लेकर भी चर्चा हो सकती है। आज की मीटिंग में 15 अगस्त को मुख्यमंत्री की घोषणाओं को लेकर भी चर्चा हो सकती है। कर्मचारी-पेंशनर की 10 हजार करोड़ की देनदारी बकाया आपको बता दें कि सरकार पर कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की देनदारी बकाया है। आर्थिक संकट झेल रही सरकार इसका भुगतान नहीं कर पा रही है। अदालत एकमुश्त एरियर देने को कह चुका है। ऐसे में कर्मचारी-पेंशनर की देनदारी का भुगतान कैसे किया जाए, इसे लेकर भी कैबिनेट में चर्चा हो सकती है।
राकेश टिकैत ने कहा- EVM सरकार की मौसी:फूलपुर से कांग्रेस जिलाध्यक्ष हुए बागी; हाईकोर्ट ने मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर मांगा जवाब
राकेश टिकैत ने कहा- EVM सरकार की मौसी:फूलपुर से कांग्रेस जिलाध्यक्ष हुए बागी; हाईकोर्ट ने मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर मांगा जवाब यूपी की 9 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव के संबंध में चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी। बिजनौर में भाकियू की महापंचायत में राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने यूपी में हो रहे उपचुनावों पर चुटकी ली। उन्होंने कहा- जनता वोट देती नहीं, लेकिन ये जीतते हैं। ईवीएम तो सरकार की मौसी है। असली समस्या ईवीएम में है। फूलपुर सीट से कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ने गुपचुप नामांकन कर दिया है। जबकि यहां से पहले ही सपा प्रत्याशी मुज्तबा सिद्दीकी ने बुधवार को नामांकन कर चुके हैं। वहीं, मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से रालोद की मिथलेश पाल का टिकट लगभग तय माना जा रहा है। 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले ही मिथलेश पाल ने समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण ने कहा- यूपी में भाजपा और सपा के बीच ही लड़ाई है। तीसरी कोई पार्टी नहीं है। उन्होंने कहा- सपा का वोट अपनी जगह फिक्स है। इधर, भाजपा सरकार, सीएम, डिप्टी सीएम और संगठन लगातार चुनाव के लिए प्रयास कर रहे हैं। अच्छा रिजल्ट आएगा। शुक्रवार यानी कल उपचुनाव में नामांकन का आखिरी दिन है। यूपी उपचुनाव से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…
फरीदकोट में गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी बना फैक्टर:एक जून को घटना और वोटिंग बना संयोग, निर्दलीय चुनाव लड़कर जीते सर्वजीत सिंह खालसा
फरीदकोट में गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी बना फैक्टर:एक जून को घटना और वोटिंग बना संयोग, निर्दलीय चुनाव लड़कर जीते सर्वजीत सिंह खालसा फरीदकोट लोकसभा हलके से सांसद निर्वाचित हुए सर्वजीत सिंह खालसा की जीत का बड़ा फैक्टर बेअदबी की घटना रही है। क्योंकि 1 जून 2015 को फरीदकोट जिले के गांव जवाहर सिंह वाला के गुरूद्वारा साहिब से श्री गुरूग्रंथ जी के पावन स्वरूप के चोरी होने की घटना घटित हुई थी, जिससे सिक्ख संगत में भारी आक्रोश अब भी है। इसी का बड़ा फायदा आजाद प्रत्याशी रहे सर्वजीत सिंह खालसा को मिला है। इसका दावा उनके रणनीतिकार और फरीदकोट में प्रचार-प्रसार की कमान संभालने वाले सिख स्टूडेंट फेडरेशन के दलेर सिंह डोड ने मीडिया से किया। डोड ने कहा कि उन लोगों ने बेहतर रणनीत के तहत काम किया। सिक्ख संगत 2015 में घटित हुई बेअबदी की घटना में इंसाफ की आस लगाए बैठी है, परंतु पूर्व की शिअद, कांग्रेस व मौजूदा समय की आप सरकार से न्याय नहीं मिला, जबकि आप सरकार ने सिक्ख संगत को इंसाफ दिलाने का वादा किया था। जिससे संगत में भारी आक्रोश है। ऐसे में यह संयोग है कि इस बार वोटिंग 1 जून को हुई, जो कि उनके प्रत्याशी की जीत में बड़ा फैक्टर साबित हुई, सरबजीत सिंह खालसा 70246 मतों से जीते हैं। इसके अलावा उन लोगों ने नशे को भी बड़े मुद्दें के रुप में पेश किया और आम लोगों काे यह समझाने में सफल रहे कि पिछली व मौज्ूदा सरकार नशे का खात्मा करने में नाकाम रही है, लोगों ने उनकी बातों पर विश्वास किया और उन्हें अपना अमूल्य मत दिया। अब वह जब विजयी हो गए है तो वह देश की संसद में बंदी सिक्खों की रिहाई, किसानों के मुद्दें व पंजाब से जुड़े अन्य मुद्दों को प्रमुखता से उठाकर उसका निराकरण करवाने का भरसक प्रयास करेंगे।