‘आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई हो लेकिन…’, कश्मीरियों के लिए क्या बोले उमर अब्दुल्ला? <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir:</strong> जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को आतंकवाद और इसकी उत्पत्ति के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि लापरवाही से लोगों का अलगाव हो सकता है. एक्स पर एक पोस्ट में सीएम उमर ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक होनी चाहिए, लेकिन इसे अनियंत्रित तरीके से नहीं चलाया जा सकता, जिससे लोग अलग-थलग पड़ जाएं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर लिखा,”दोषियों को सजा दो, उन पर दया मत करो, लेकिन निर्दोष लोगों को नुकसान मत पहुंचाओ.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू-कश्मीर के सीएम जिनका सुरक्षा बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस पर नियंत्रण नहीं है, लिखा “पहलगाम आतंकी हमले के बाद, आतंकवाद और इसकी उत्पत्ति के खिलाफ निर्णायक लड़ाई होनी चाहिए.” स्थानीय कश्मीरियों द्वारा सामाजिक और राजनीतिक सीमाओं के पार आतंकवाद विरोधी स्वतःस्फूर्त प्रदर्शनों की सराहना करते हुए कहा कि कश्मीर के लोग आतंकवाद और निर्दोष लोगों की हत्या के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं. उन्होंने यह सब स्वतंत्र रूप से और सहजता से किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उमर अब्दुल्ला ने लिखा कि अब समय आ गया है कि इस समर्थन को और मजबूत किया जाए और लोगों को अलग-थलग करने वाली किसी भी गलत कार्रवाई से बचा जाए. दोषियों को दंडित करें, उन पर कोई दया न दिखाएं, लेकिन निर्दोष लोगों को नुकसान न होने दें.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उनकी यह टिप्पणी महबूबा मुफ्ती और मीरवाइज उमर फारूक द्वारा अपने सोशल मीडिया हैंडल पर निर्दोष लोगों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने पर चिंता व्यक्त करने के तुरंत बाद आई है. हुर्रियत के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, ”कश्मीरी सामूहिक रूप से <a title=”पहलगाम” href=”https://www.abplive.com/topic/pahalgam-terror-attack” data-type=”interlinkingkeywords”>पहलगाम</a> में हुए जघन्य अपराध की निंदा करते हैं, और इसके अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाना जरूरी है, अंधाधुंध गिरफ्तारियां और घरों और मोहल्लों को ध्वस्त करने के वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होना परेशान करने वाला और दुखद है. मैं अधिकारियों से आग्रह करता हूं कि निर्दोष पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करते हुए निर्दोष कश्मीरी परिवारों को दंडित न करें.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>नए ऑपरेशन के पिछले 4 दिनों के दौरान बांदीपुरा और कुपवाड़ा में दो लोगों की हत्या के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं अधिक मुखर हो गई हैं और लोगों और राजनेताओं द्वारा इस पर सवाल उठाए गए हैं. जबकि एक संदिग्ध आतंकवादी सहयोगी अल्ताफ लाली बांदीपुरा जिले के कुलनार बाजीपुरा में एक ऑपरेशन में मारा गया, जिसके बाद इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दावा किया कि तलाशी अभियान के दौरान आतंकवादियों द्वारा गोलीबारी करने के बाद यह मुठभेड़ में बदल गया, जिसमें हिजबुल मुजाहिदीन के एक आतंकवादी के भाई की मौत हो गई, जिसके बारे में अधिकारियों ने कहा कि वह एक आतंकवादी सहयोगी था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुठभेड़ में दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए और मृतक की पहचान जेल में बंद हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी तालिब लाली के भाई अल्ताफ लाली के रूप में हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जैसे ही उसकी मौत की खबर फैली, बांदीपुरा के अजास में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और उसके परिवार ने आरोप लगाया कि मुठभेड़ फर्जी थी. उन्होंने आरोप लगाया कि दो दिन पहले पुलिस ने उन्हें उनके घर से उठाया था और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे थे, लेकिन पुलिस ने अब “फर्जी खबर” का दावा करते हुए कई लोगों पर मामला दर्ज किया है.</p>