केशव मौर्य के लगातार बगावती तेवर के बाद उत्तर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बुधवार शाम को पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने उत्तर प्रदेश में सरकार-संगठन के बीच मौजूदा खींचतान और लोकसभा चुनाव की रिपोर्ट दी। इधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात की। हालांकि इसे शिष्टाचार भेंट बताया गया। इससे पहले योगी ने यूपी में दस विधानसभा सीटों पर होने वाले उप-चुनाव को लेकर मंत्रियों के साथ बैठक की। लोकसभा चुनाव में भाजपा को हुए सीटों के तगड़े नुकसान के बाद से ही खींचतान देखी जा रही है। भाजपा और सहयोगी पार्टी के नेता उत्तर प्रदेश सरकार के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं। पिछड़ों के सबसे बड़े नेता केशव मौर्य लगातार योगी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वह बार-बार कह रहे हैं कि कार्यकर्ता और संगठन सरकार से बड़ा है। जबकि वे खुद योगी सरकार में डिप्टी सीएम हैं। दो दिन दिल्ली में रहने के बाद मौर्य लखनऊ लौट आए हैं। केशव मौर्य के लगातार बगावती तेवर के बाद उत्तर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बुधवार शाम को पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने उत्तर प्रदेश में सरकार-संगठन के बीच मौजूदा खींचतान और लोकसभा चुनाव की रिपोर्ट दी। इधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात की। हालांकि इसे शिष्टाचार भेंट बताया गया। इससे पहले योगी ने यूपी में दस विधानसभा सीटों पर होने वाले उप-चुनाव को लेकर मंत्रियों के साथ बैठक की। लोकसभा चुनाव में भाजपा को हुए सीटों के तगड़े नुकसान के बाद से ही खींचतान देखी जा रही है। भाजपा और सहयोगी पार्टी के नेता उत्तर प्रदेश सरकार के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं। पिछड़ों के सबसे बड़े नेता केशव मौर्य लगातार योगी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वह बार-बार कह रहे हैं कि कार्यकर्ता और संगठन सरकार से बड़ा है। जबकि वे खुद योगी सरकार में डिप्टी सीएम हैं। दो दिन दिल्ली में रहने के बाद मौर्य लखनऊ लौट आए हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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जालंधर उपचुनाव में प्रशासन की पुख्ता तैयारियां:181 पोलिंग स्टेशनों पर होगी वोटिंग, हलके में सरकारी छुट्टी, 1.70 लाख मतदाता चुनेंगे अपना विधायक पंजाब के जालंधर में उपचुनाव को लेकर जालंधर जिला प्रशासन और चुनाव अधिकारियों ने तैयारियों पुख्ता कर ली हैं। हलके में सरकारी स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान कल बंद रहेंगे। जालंधर डीसी कम चुनाव अधिकारी हिमांशु अग्रवाल की ओर से जारी आदेश में यह कहा गया है। बुधवार 10 जुलाई को अवकाश घोषित किया गया है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हलके के सरकारी अधिकारी वेस्ट हलके में चुनाव कराने में व्यस्त रहेंगे। अपनी-अपनी पार्टियों के लिए प्रचार कर रहे बड़े नेता आज वेस्ट हलके से निकल गए हैं। इस दौरान उम्मीदवार के साथ चार ऐसे साथी होंगे जो डोर टू डोर प्रचार कर सकेंगे। विधानसभा क्षेत्र के लिए बुधवार 10 जुलाई को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा। देखें चुनाव की तैयारियों को लेकर फोटोज… डीसी ने कहा- व्यापारियों को वोट डालने के लिए मिलेगी छुट्टी डीसी अग्रवाल ने कहा- सरकारी कार्यालयों, बोर्ड, निगमों और शैक्षणिक संस्थानों सहित राज्य सरकार के सभी कर्मचारी, जो निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता हैं, इस विशेष अवकाश के हकदार हैं। इसी तरह, व्यापार, व्यापार, उद्योग, वाणिज्यिक और औद्योगिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले मतदाताओं को वेतन सहित अवकाश दिया जाएगा। निर्वाचन क्षेत्र में कुल 1,71,963 मतदाता हैं। इनमें 89,629 पुरुष और 82,326 महिलाएं शामिल हैं। साथ ही, उक्त क्षेत्र में आठ थर्ड जेंडर मतदाता भी हैं। कुल 181 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
Jamia Millia Islamia: कार्यवाहक वाइस चांसलर की नियुक्ति का मामला, हाई कोर्ट ने जामिया को भेजा नोटिस
Jamia Millia Islamia: कार्यवाहक वाइस चांसलर की नियुक्ति का मामला, हाई कोर्ट ने जामिया को भेजा नोटिस <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News: </strong>प्रोफेसर इकबाल हुसैन (Eqbal Hussain) ने जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) की प्रो-वाइस चांसलर और उसके बाद उनकी कार्यवाहक वाइस चांसलर में होने वाली नियुक्ति की हाई कोर्ट (High Court) की सिंगल बेंच ने रद्द कर दी है. इसको इकबाल हुसैन ने चुनौती दी है. जिस पर हाई कोर्ट ने यूनिवर्सिटी का स्टैंड पूछा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जस्टिस विभू बखरू की अध्यक्षता वाली पीठ ने सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ इकबाल हुसैन की अपील पर यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई अब 12 अगस्त को होगी. हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने 22 मई को मोहम्मद शमी अहमद अंसारी और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए प्रो वाइस के रूप में इकबाल हुसैन की नियुक्ति को रद्द कर दिया था. इसमें कहा गया था कि प्रो-वाइस चांसलर और बाद में कार्यवाहक वीसी के रूप में उनकी नियुक्ति कानून के अनुरूप नहीं हुई थी. कोर्ट के आदेश के कुछ घंटे के बाद प्रोफेसर मोहम्मद शकील को कार्यवाहक वीसी नियुक्त कर दिया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोर्ट ने आदेश पारित करने से किया इनकार</strong><br />उधर, इकबाल हुसैन के वीकल ने कोर्ट से अंतरिम राहत की अपील की. हालांकि पीठ ने किसी तरह का आदेश पारित करने से इनकार कर दिया और कहा कि हम उस व्यक्ति के काम में बाधा नहीं डालेंगे जो पहले से ही पद पर है. जबकि पहले के आदेश में सिंगल बेंच ने निर्देश दिया था कि कार्यवाहक वीसी के पद पर एक सप्ताह के भीतर नई नियुक्ति की जाए और साथ ही नियमित वीसी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कार्यवाहक वीसी की नियुक्ति के खिलाफ भी डाली याचिका</strong><br />इकबाल हुसैन ने प्रोफेसर शकील की नियुक्ति के खिलाफ अलग से याचिका दाखिल की थी. उन्होंने कहा था कि यह कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है जिसमें साफ शब्दों में विजिटर (राष्ट्रपति) से कार्यवाहक वीसी नियुक्त करने के लिए कहा गया था. जबकि यूनिवर्सिटी की ओऱ से कोर्ट में मंगलवार को पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा और वकील प्रीतीश सभरवाल ने हाई कोर्ट को बताया था कि विजिटर द्वारा नामित प्रतिनिधि ने संबंधित अधिकारियों की बैठक में भाग लिया था, जिसमें सबसे वरिष्ठ प्रोफेसर शकील की नियुक्ति पर फैसला किया गया.</p>
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देश की सबसे अमीर महिला की कैसे अटकी कांग्रेस जॉइनिंग:नवीन जिंदल ने सेटिंग की; BJP ने उन्हीं से फोन करवा सावित्री को रुकवाया
देश की सबसे अमीर महिला की कैसे अटकी कांग्रेस जॉइनिंग:नवीन जिंदल ने सेटिंग की; BJP ने उन्हीं से फोन करवा सावित्री को रुकवाया देश की सबसे अमीर महिला और हरियाणा के कुरुक्षेत्र से BJP सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल विधानसभा चुनाव में हिसार सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। वह BJP से टिकट मांग रही थीं, लेकिन पार्टी ने अपने पुराने नेता और RSS से जुड़े रहे डॉ. कमल गुप्ता को ही टिकट दे दिया। भाजपा ने कमल गुप्ता को हिसार सीट से लगातार तीसरी बार टिकट थमाया है। इसके बाद सावित्री जिंदल के कांग्रेस में जाने और उन्हें हिसार से पार्टी टिकट मिलने की चर्चा शुरू हो गई। कांग्रेस हाईकमान से सावित्री को टिकट दिलाने की पूरी सेंटिंग उनके बेटे और भाजपा सांसद नवीन जिंदल ने की। हरियाणा में नॉमिनेशन की प्रक्रिया खत्म होने से एक दिन पहले, यानि 11 सितंबर की रात बेटे के कहने पर सावित्री जिंदल हिसार से नई दिल्ली रवाना भी हो गईं। इसी दौरान पूरे घटनाक्रम में BJP हाईकमान की एंट्री हुई और अंतत: सावित्री जिंदल को रास्ते से वापस लौटना पड़ा। इसके चंद घंटे बाद कांग्रेस ने हिसार से रामनिवास राड़ा की उम्मीदवारी अनाउंस कर दी। पढ़िए इस पूरे घटनाक्रम की इनसाइड स्टोरी… कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक 11 सितंबर की शाम नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में हरियाणा विधानसभा की पेंडिंग 49 सीटों पर टिकटों को लेकर मीटिंग चल रही थी। इस बैठक में पार्टी की केंद्रीय लीडरशिप के साथ-साथ हरियाणा के प्रमुख नेता भी मौजूद थे। उसी दौरान बैठक में मौजूद एक सीनियर लीडर के पास नवीन जिंदल की कॉल आई। उन्होंने मां सावित्री को हिसार सीट से पार्टी टिकट पर चुनाव लड़ाने का आग्रह किया। कांग्रेस के उस सीनियर लीडर ने सामने से जवाब दिया कि किसी भी नेता को कांग्रेस पार्टी जॉइन करने के बाद ही टिकट दी जा सकती है। इस पर उस सीनियर लीडर को बताया गया कि सावित्री जिंदल कांग्रेस में ही हैं और उन्होंने कभी पार्टी की प्राइमरी मेंबरशिप नहीं छोड़ी। इसके बाद कांग्रेस कैंडिडेट्स की लिस्ट होल्ड कर ली गई और उस सीनियर लीडर ने बैठक में ही हिसार सीट से सावित्री जिंदल का नाम बढ़ाया। सावित्री जिंदल का नाम सुनकर बैठक में मौजूद पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा भी चौंक गईं। चूंकि सावित्री जिंदल का नाम सीधे पार्टी हाईकमान की तरफ से आ रहा था, इसलिए हरियाणा कांग्रेस के किसी नेता ने कोई प्रतिरोध नहीं किया। 11 की रात को दिल्ली के लिए निकलीं सावित्री
कांग्रेस हाईकमान से बात होने के बाद 11 सितंबर की रात तकरीबन 8 बजे सावित्री जिंदल को उनके बेटे ने फोन कर दिल्ली पहुंचने के लिए कहा। सावित्री जिंदल हिसार से दिल्ली के लिए रवाना हो गईं। इस बीच हिसार स्थित जिंदल हाउस में मौजूद सभी लोगों से कहा गया कि यह खबर बाहर नहीं निकलनी चाहिए कि माताजी दिल्ली जा रही हैं। जब तक सबकुछ सिरे न चढ़ जाए, तब तक किसी को भनक नहीं लगनी चाहिए। चंडीगढ़ में चल रही थी सैनी कैबिनेट की मीटिंग
दूसरी ओर भाजपा में 11 सितंबर की शाम को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपनी कैबिनेट की बैठक बुला रखी थी। इस बैठक का एजेंडा था- गवर्नर को प्रदेश विधानसभा भंग करने की सिफारश करना। सैनी कैबिनेट की इस मीटिंग में उनके मंत्री और हिसार सीट से BJP उम्मीदवार डॉ. कमल गुप्ता मौजूद थे। तब तक BJP कमल गुप्ता का नाम हिसार सीट से बतौर कैंडिडेट अनाउंस कर चुकी थी। अपनी उम्मीदवारी घोषित होने के बाद कमल गुप्ता को यह अहसास भी हो चुका था कि सावित्री जिंदल कांग्रेस में जा सकती हैं। वह ये भी समझ चुके थे कि अगर सावित्री जिंदल ने कांग्रेस जॉइन करके उनके सामने चुनाव लड़ा तो वह कड़े मुकाबले में फंस सकते हैं। गुप्ता ने सरकार में शामिल बड़े चेहरे को दी जानकारी चंडीगढ़ में बैठे कमल गुप्ता को जैसे ही सावित्री जिंदल के हिसार से दिल्ली रवाना होने की खबर मिली, उन्होंने तुरंत ये सूचना सरकार में शामिल एक सीनियर नेता को दी जिसने दिल्ली में पार्टी हाईकमान को अलर्ट किया। इसके बाद BJP हाईकमान की तरफ से नवीन जिंदल को फोन करके कहा गया कि अगर आपकी माताजी निर्दलीय चुनाव लड़ती हैं तो BJP को कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन अगर वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव में उतरीं तो दिक्कत हो जाएगी। इसके बाद नवीन जिंदल की ओर से सावित्री जिंदल को दोबारा फोन किया गया और वह रास्ते से ही वापस हिसार लौट आईं। हिसार में वैश्य बिरादरी के तीसरे चेहरे के खिलाफ था जिंदल हाउस
इस पूरे डवलपमेंट के बाद नवीन जिंदल कैंप ने कांग्रेस के उसी सीनियर नेता से दोबारा संपर्क साधा। आग्रह किया गया कि हिसार सीट से वैश्य बिरादरी का उम्मीदवार न उतारा जाए। जिंदल हाउस के करीबी सूत्रों के मुताबिक, BJP से टिकट नहीं मिलने के बाद जिंदल हाउस की ओर से हिसार हलके में एक सर्वे करवाया गया। उसी सर्वे में यह जानकारी भी प्रमुख तौर पर सामने आई कि कांग्रेस इस बार व्यापारी नेता बजरंग दास गर्ग को टिकट दे सकती है। जिंदल हाउस नहीं चाहता था कि कांग्रेस का टिकट वैश्य समाज के किसी प्रत्याशी को मिले। अगर ऐसा हो जाता तो हिसार सीट पर इसी बिरादरी के तीन चेहरे आमने-सामने हो जाते। इससे न सिर्फ वोटों का बंटवारा होता बल्कि आगे की राजनीति भी प्रभावित हो सकती थी। इसलिए जिंदल हाउस ने कांग्रेस हाईकमान से वैश्य बिरादरी के किसी चेहरे को टिकट न देने का आग्रह किया। उधर कांग्रेस में हिसार सीट से 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ चुके रामनिवास राड़ा टिकट मांग रहे थे। राड़ा ओबीसी बिरादरी से आते हैं और उन्हें इस बात का अहसास था कि कांग्रेस उनकी जगह वैश्य बिरादरी का उम्मीदवार उतार सकती है इसलिए वह निर्दलीय चुनाव लड़ने का पूरा मन बना चुके थे। उनके समर्थकों की ओर से बनवाए गए पोस्टरों से कांग्रेस नेताओं की फोटो भी गायब हो चुकी थी। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम के बाद जब कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट आई तो उसमें हिसार सीट से रामनिवास राड़ा का नाम था। रामनिवास राड़ा की ओर से बनवाए गए पोस्टर वैश्य बिरादरी को टिकट न दिलवाने के 3 बड़े कारण… वैश्य वोट बैंक में सेंध का खतरा : अगर कमल गुप्ता के सामने कांग्रेस वैश्य समाज के किसी दूसरे व्यक्ति को टिकट दे देती तो इससे जिंदल हाउस के वोटबैंक में सेंध लग सकती थी। भाजपा से नाराज वर्ग का वोट भी वैश्य बिरादरी के कैंडिडेट को चला जाता। नाराज वोटर्स का साथ मिलेगा : जिंदल हाउस का मानना है कि अगर कांग्रेस ने वैश्य बिरादरी के किसी उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया तो इस समाज के जो वोटर कमल गुप्ता से नाराज है, वह कांग्रेस की तरफ जाने की जगह उनके पाले में आ सकते हैं। चुनावी सीजन में तीसरा चेहरा उभरने से नुकसान : हिसार में पिछले छह-सात महीने में व्यापारियों से रंगदारी मांगने और धमकाने की कई घटनाएं हो चुकी थीं। शहर के व्यापारियों ने इसे लेकर सैनी सरकार के खिलाफ धरने-प्रदर्शन भी किए थे। इन धरनों में व्यापारी नेता बजरंग दास गर्ग ने सक्रिय रोल अदा किया। हिसार में वैश्य बिरादरी का अच्छा-खासा वोटबैंक है और इस समाज की नुमाइंदगी जिंदल हाउस और कमल गुप्ता करते रहे हैं। कमल गुप्ता को जिंदल हाउस बड़ा खतरा नहीं मानता क्योंकि उनके खिलाफ अच्छी-खासी नाराजगी है। ऐसे में वह नहीं चाहता कि चुनावी सीजन में उनके सामने बिरादरी का कोई तीसरा चेहरा उठे।