‘मैं अपने 7 साल के बेटे अयांश के साथ रात में आंगन में सो रही थी। भेड़िया कब बच्चे को उठा ले गया, मुझे पता भी नहीं चला। जब नींद खुली तो बेटा गायब था। घरवालों के साथ रातभर बेटे को खोजते रहे, लेकिन नहीं मिला। सुबह गांव वालों ने बताया कि बेटे का शव खेत में पड़ा है। बेटे का पूरा सिर भेड़िया खा गया।’ यह बात रोते-बिलखते रोली ने कही। रोली के बेटे अयांश को सोमवार रात भेड़िया उठा ले गया था। वह बहराइच के खैरीघाट में रहती हैं। 48 घंटे में भेड़िए के हमले में यहां 2 लोगों की मौत हुई। राजधानी लखनऊ से 150 किलोमीटर दूर महसी तहसील में भेड़ियों का खौफ है। भेड़ियों का आतंक पहले 25 गांव से में ही था, लेकिन दो दिन में यह बढ़कर 35 गांव तक पहुंच गया। 47 दिन में भेड़ियों का झुंड 6 बच्चों सहित 7 लोगों का शिकार कर चुका है। भेड़ियों का खौफ इतना है कि गांव वाले लाठी-डंडे लेकर रातभर पहरेदारी कर रहे हैं। वन और पुलिस विभाग के करीब 200 कर्मचारी खेतों और जंगलों में भेड़ियों की तलाश में कॉम्बिंग कर रहे हैं। महसी से विधायक सुरेश्वर सिंह ने खुद बंदूक लेकर भेड़िए की तलाश की, लेकिन हमले के बाद भेड़िए गायब हो जाते हैं। बच्चों को टारगेट कर रहा भेड़िया
आदमखोर भेड़ियों का शिकार बच्चे ज्यादा हो रहे हैं। इससे पहले 21 अगस्त की रात इसी तरह की घटना हरदी इलाके के बस्ती गडरिया गांव में हुई थी। दादी और उसके दो जवान बेटों के बीच 8 साल की पोती खुशबू सो रही थी। रात करीब 11 बजे आदमखोर भेड़िए ने चुपके से हमला किया। पलक झपकते ही खुशबू को दबोच कर भाग गया। परिवार के लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले वह आंखों से ओझल हो गया। रात भर पूरा गांव बच्ची की तलाश करता रहा। सुबह 1 किलोमीटर दूर उसकी लाश मिली। उसके शरीर का करीब 60 फीसदी हिस्सा भेड़िया खा गया था। खौफ में जी रहे 70 हजार से ज्यादा लोग
बहराइच की महसी तहसील के हरदी और खैरीघाट इलाके में 35 से ज्यादा गांव हैं, जहां करीब 70 हजार की आबादी है। ये लोग आदमखोर भेड़ियों के खौफ में जी रहे हैं। ज्यादातर गांव घाघरा नदी के किनारे बसे हैं। नदी के किनारे जंगल-झाड़ियां हैं। इनमें ही भेड़िए छिपे रहते हैं। 8-10 का झुंड, घात लगाकर हमला करते हैं भेड़िए
पूरे इलाके में भेड़ियों का आतंक इस कदर है कि लोग रात-रातभर सो नहीं पा रहे। गांव वालों ने बताया- 8-10 भेड़िए इस पूरे इलाके में घूम रहे हैं, जो मौका मिलते ही अटैक कर देते हैं। कुलैला, मक्कापुरवा , भटौली, नकवा, कुम्हारन पुरवा में रात को बिजली जाने के बाद सन्नाटा पसर जाता है। खौफ में जी रहे लोग बच्चों को अकेला नहीं छोड़ रहे, रात को टोली बनाकर पहरा देते हैं। भेड़िया 6 बच्चों की जान ले चुका है, एक महिला को भी शिकार बनाया है। मंगलवार को डीएम मोनिका रानी और एसपी वृंदा शुक्ला ने भी गांव का दौरा किया। दोनों अधिकारी रानी खैरीघाट इलाके की रहने वाली रोली को ढांढस बंधाने पहुंचीं। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द भेड़िए पकड़ लिए जाएंगे। डीएम ने कहा- नई रणनीति बनाई गई है। जिन गांवों में टीम लगाई गई थी, वहां हमले नहीं हो रहे हैं। अब इस क्षेत्र में टीमें लगाई जाएंगी। डीएम ने अपील की कि जिनके घर धान या गन्ने के खेतों के पास हैं, वो सचेत रहें। देखा गया है कि पशु और बकरियों पर अटैक नहीं हुआ है। 200 कर्मचारी भेड़ियों को पकड़ने में लगे
वन विभाग के मुताबिक, 35 किलोमीटर का एरिया भेड़िए के हमले से प्रभावित है। वन विभाग की 9 टीमों के 200 कर्मचारी भेड़ियों को पकड़ने में लगे हैं। इसके अलावा 3 DFO (बाराबंकी, कतर्निया घाट, बहराइच) को भी लगाया गया है। चार भेड़िए ड्रोन कैमरे में कैद हुए
आदमखोर जानवरों की तलाश में वन विभाग CCTV और ड्रोन कैमरों के जरिए भी निगरानी कर रहा है। 2 दिन पहले तलाशी अभियान के दौरान वन विभाग के ड्रोन कैमरे में 4 भेड़िए कैद हुए थे। वन विभाग की टीम ने लोकेशन के आसपास भेड़ियों की तलाश की, लेकिन कहीं पता नहीं चला। हालांकि, आसपास को गांव के लोगों का कहना है कि इस इलाके में 8 से 10 भेड़िए हैं। बंदूक लेकर कॉम्बिंग कर रहे भाजपा विधायक जनता के खौफ को देखते हुए महसी के विधायक सुरेश्वर सिंह ने भी बंदूक उठा ली है। वह राइफल लेकर ग्रामीणों के साथ कॉम्बिंग कर रहे हैं। उन्होंने दैनिक भास्कर से कहा- अगर भेड़िया हमारी जनता पर हमला करेगा, तो हम गार्ड का इंतजार नहीं करेंगे। मुझे जनता ने चुना है। 4 लाख मतदाताओं की जिम्मेदारी है। सरकार ने जो असलहा दिया है, उसका इस्तेमाल करेंगे। 3 भेड़िए पकड़े जा चुके
अब तक 3 भेड़िए पकड़े जा चुके हैं। 18 अगस्त, 2024 को हरदी इलाके के सिसैया चूड़ामणि में भेड़िया पिंजरे में फंसा था। इससे पहले कुलैला गांव में एक नर भेड़िया पिंजरे में कैद हुआ था। उससे पहले एक मादा भेड़िया भी पिंजरे में कैद हुई थी। मक्का पुरवा और कुलैला कछार में 4 पिंजरे लगाए गए हैं। ये खबर भी पढ़ें यूपी में भेड़िया…गोद से बच्चे खींच ले जाता:बहराइच के 25 गांवों में खौफ, बोले- बेटी को उठा ले गया, सिर्फ धड़ मिला बहराइच जिले के हरदी इलाके में दादी और उसके दो जवान बेटों के बीच 8 साल की पोती खुशबू सो रही थी। रात करीब 11 बजे आदमखोर भेड़िए ने चुपके से हमला किया। पलक झपकते ही खुशबू को दबोच कर भाग गया। परिवार के लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले वह आंखों से ओझल हो चुका था। रात भर पूरा गांव बच्ची की तलाश करता रहा। सुबह 1 किलोमीटर दूर लाश मिली। उसके शरीर का करीब 60 फीसदी हिस्सा भेड़िया खा गया था। पढ़ें पूरी खबर ‘मैं अपने 7 साल के बेटे अयांश के साथ रात में आंगन में सो रही थी। भेड़िया कब बच्चे को उठा ले गया, मुझे पता भी नहीं चला। जब नींद खुली तो बेटा गायब था। घरवालों के साथ रातभर बेटे को खोजते रहे, लेकिन नहीं मिला। सुबह गांव वालों ने बताया कि बेटे का शव खेत में पड़ा है। बेटे का पूरा सिर भेड़िया खा गया।’ यह बात रोते-बिलखते रोली ने कही। रोली के बेटे अयांश को सोमवार रात भेड़िया उठा ले गया था। वह बहराइच के खैरीघाट में रहती हैं। 48 घंटे में भेड़िए के हमले में यहां 2 लोगों की मौत हुई। राजधानी लखनऊ से 150 किलोमीटर दूर महसी तहसील में भेड़ियों का खौफ है। भेड़ियों का आतंक पहले 25 गांव से में ही था, लेकिन दो दिन में यह बढ़कर 35 गांव तक पहुंच गया। 47 दिन में भेड़ियों का झुंड 6 बच्चों सहित 7 लोगों का शिकार कर चुका है। भेड़ियों का खौफ इतना है कि गांव वाले लाठी-डंडे लेकर रातभर पहरेदारी कर रहे हैं। वन और पुलिस विभाग के करीब 200 कर्मचारी खेतों और जंगलों में भेड़ियों की तलाश में कॉम्बिंग कर रहे हैं। महसी से विधायक सुरेश्वर सिंह ने खुद बंदूक लेकर भेड़िए की तलाश की, लेकिन हमले के बाद भेड़िए गायब हो जाते हैं। बच्चों को टारगेट कर रहा भेड़िया
आदमखोर भेड़ियों का शिकार बच्चे ज्यादा हो रहे हैं। इससे पहले 21 अगस्त की रात इसी तरह की घटना हरदी इलाके के बस्ती गडरिया गांव में हुई थी। दादी और उसके दो जवान बेटों के बीच 8 साल की पोती खुशबू सो रही थी। रात करीब 11 बजे आदमखोर भेड़िए ने चुपके से हमला किया। पलक झपकते ही खुशबू को दबोच कर भाग गया। परिवार के लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले वह आंखों से ओझल हो गया। रात भर पूरा गांव बच्ची की तलाश करता रहा। सुबह 1 किलोमीटर दूर उसकी लाश मिली। उसके शरीर का करीब 60 फीसदी हिस्सा भेड़िया खा गया था। खौफ में जी रहे 70 हजार से ज्यादा लोग
बहराइच की महसी तहसील के हरदी और खैरीघाट इलाके में 35 से ज्यादा गांव हैं, जहां करीब 70 हजार की आबादी है। ये लोग आदमखोर भेड़ियों के खौफ में जी रहे हैं। ज्यादातर गांव घाघरा नदी के किनारे बसे हैं। नदी के किनारे जंगल-झाड़ियां हैं। इनमें ही भेड़िए छिपे रहते हैं। 8-10 का झुंड, घात लगाकर हमला करते हैं भेड़िए
पूरे इलाके में भेड़ियों का आतंक इस कदर है कि लोग रात-रातभर सो नहीं पा रहे। गांव वालों ने बताया- 8-10 भेड़िए इस पूरे इलाके में घूम रहे हैं, जो मौका मिलते ही अटैक कर देते हैं। कुलैला, मक्कापुरवा , भटौली, नकवा, कुम्हारन पुरवा में रात को बिजली जाने के बाद सन्नाटा पसर जाता है। खौफ में जी रहे लोग बच्चों को अकेला नहीं छोड़ रहे, रात को टोली बनाकर पहरा देते हैं। भेड़िया 6 बच्चों की जान ले चुका है, एक महिला को भी शिकार बनाया है। मंगलवार को डीएम मोनिका रानी और एसपी वृंदा शुक्ला ने भी गांव का दौरा किया। दोनों अधिकारी रानी खैरीघाट इलाके की रहने वाली रोली को ढांढस बंधाने पहुंचीं। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द भेड़िए पकड़ लिए जाएंगे। डीएम ने कहा- नई रणनीति बनाई गई है। जिन गांवों में टीम लगाई गई थी, वहां हमले नहीं हो रहे हैं। अब इस क्षेत्र में टीमें लगाई जाएंगी। डीएम ने अपील की कि जिनके घर धान या गन्ने के खेतों के पास हैं, वो सचेत रहें। देखा गया है कि पशु और बकरियों पर अटैक नहीं हुआ है। 200 कर्मचारी भेड़ियों को पकड़ने में लगे
वन विभाग के मुताबिक, 35 किलोमीटर का एरिया भेड़िए के हमले से प्रभावित है। वन विभाग की 9 टीमों के 200 कर्मचारी भेड़ियों को पकड़ने में लगे हैं। इसके अलावा 3 DFO (बाराबंकी, कतर्निया घाट, बहराइच) को भी लगाया गया है। चार भेड़िए ड्रोन कैमरे में कैद हुए
आदमखोर जानवरों की तलाश में वन विभाग CCTV और ड्रोन कैमरों के जरिए भी निगरानी कर रहा है। 2 दिन पहले तलाशी अभियान के दौरान वन विभाग के ड्रोन कैमरे में 4 भेड़िए कैद हुए थे। वन विभाग की टीम ने लोकेशन के आसपास भेड़ियों की तलाश की, लेकिन कहीं पता नहीं चला। हालांकि, आसपास को गांव के लोगों का कहना है कि इस इलाके में 8 से 10 भेड़िए हैं। बंदूक लेकर कॉम्बिंग कर रहे भाजपा विधायक जनता के खौफ को देखते हुए महसी के विधायक सुरेश्वर सिंह ने भी बंदूक उठा ली है। वह राइफल लेकर ग्रामीणों के साथ कॉम्बिंग कर रहे हैं। उन्होंने दैनिक भास्कर से कहा- अगर भेड़िया हमारी जनता पर हमला करेगा, तो हम गार्ड का इंतजार नहीं करेंगे। मुझे जनता ने चुना है। 4 लाख मतदाताओं की जिम्मेदारी है। सरकार ने जो असलहा दिया है, उसका इस्तेमाल करेंगे। 3 भेड़िए पकड़े जा चुके
अब तक 3 भेड़िए पकड़े जा चुके हैं। 18 अगस्त, 2024 को हरदी इलाके के सिसैया चूड़ामणि में भेड़िया पिंजरे में फंसा था। इससे पहले कुलैला गांव में एक नर भेड़िया पिंजरे में कैद हुआ था। उससे पहले एक मादा भेड़िया भी पिंजरे में कैद हुई थी। मक्का पुरवा और कुलैला कछार में 4 पिंजरे लगाए गए हैं। ये खबर भी पढ़ें यूपी में भेड़िया…गोद से बच्चे खींच ले जाता:बहराइच के 25 गांवों में खौफ, बोले- बेटी को उठा ले गया, सिर्फ धड़ मिला बहराइच जिले के हरदी इलाके में दादी और उसके दो जवान बेटों के बीच 8 साल की पोती खुशबू सो रही थी। रात करीब 11 बजे आदमखोर भेड़िए ने चुपके से हमला किया। पलक झपकते ही खुशबू को दबोच कर भाग गया। परिवार के लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले वह आंखों से ओझल हो चुका था। रात भर पूरा गांव बच्ची की तलाश करता रहा। सुबह 1 किलोमीटर दूर लाश मिली। उसके शरीर का करीब 60 फीसदी हिस्सा भेड़िया खा गया था। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर