यूपी में योगी सरकार ने इन शिक्षकों का बढ़ाया मानदेय, कार्यकाल में भी की दो साल की बढ़ोतरी

यूपी में योगी सरकार ने इन शिक्षकों का बढ़ाया मानदेय, कार्यकाल में भी की दो साल की बढ़ोतरी

<p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> उत्तर प्रदेश सरकार ने संस्कृत शिक्षकों को बड़ी राहत दी है. मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पूर्व मध्यमा (हाईस्कूल स्तर) और उत्तर मध्यमा (इंटरमीडिएट स्तर) पर कार्यरत मानदेय शिक्षकों के वेतन में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी गई है. अब हाईस्कूल स्तर पर पढ़ा रहे शिक्षकों को 12,000 रुपये की जगह 20,000 रुपये मासिक मानदेय मिलेगा. वहीं इंटरमीडिएट स्तर पर पढ़ाने वाले शिक्षकों का वेतन 15,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दिया गया है. यह फैसला लंबे समय से शिक्षकों द्वारा की जा रही मांग के बाद लिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार ने केवल वेतन बढ़ाने का ही फैसला नहीं किया, बल्कि वर्ष 2021 और 2023 में तैनात किए गए वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों के कार्यकाल को भी दो शैक्षिक सत्रों तक बढ़ा दिया गया है. यानी अब ये शिक्षक 2025-26 और 2026-27 तक शिक्षण कार्य कर सकेंगे. यह लाभ केवल अशासकीय एडेड संस्कृत विद्यालयों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि प्रदेश के सभी राजकीय संस्कृत विद्यालयों में कार्यरत मानदेय शिक्षकों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा. उनके कार्यकाल में भी दो साल की वृद्धि की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार के इस फैसले से प्रदेश भर में संस्कृत विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूती मिलेगी. इससे एक तरफ शिक्षकों को आर्थिक राहत और नौकरी की सुरक्षा मिलेगी, वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों को पढ़ाई का लगातार लाभ मिलेगा. संस्कृत शिक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार लगातार सक्रिय रही है. राज्य में करीब 1,000 से अधिक संस्कृत विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जिनमें हजारों विद्यार्थी पारंपरिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. वर्षों से मानदेय पर कार्य कर रहे शिक्षकों को न तो स्थायी नियुक्ति मिली और न ही वेतन पर्याप्त था. ऐसे में यह फैसला उनके लिए न केवल राहतभरा है, बल्कि सरकार की उस नीति का भी प्रमाण है जिसमें पारंपरिक और सांस्कृतिक शिक्षा को संरक्षण देने की बात कही गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/azam-khan-relief-from-anjaneya-kumar-singh-court-maulana-mohammad-ali-jauhar-university-trust-ann-2932308″>आजम खान को आंजनेय कुमार की अदालत से भी मिली राहत, क्यों हो रही इस IAS की इतनी चर्चा</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> उत्तर प्रदेश सरकार ने संस्कृत शिक्षकों को बड़ी राहत दी है. मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पूर्व मध्यमा (हाईस्कूल स्तर) और उत्तर मध्यमा (इंटरमीडिएट स्तर) पर कार्यरत मानदेय शिक्षकों के वेतन में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी गई है. अब हाईस्कूल स्तर पर पढ़ा रहे शिक्षकों को 12,000 रुपये की जगह 20,000 रुपये मासिक मानदेय मिलेगा. वहीं इंटरमीडिएट स्तर पर पढ़ाने वाले शिक्षकों का वेतन 15,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दिया गया है. यह फैसला लंबे समय से शिक्षकों द्वारा की जा रही मांग के बाद लिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार ने केवल वेतन बढ़ाने का ही फैसला नहीं किया, बल्कि वर्ष 2021 और 2023 में तैनात किए गए वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों के कार्यकाल को भी दो शैक्षिक सत्रों तक बढ़ा दिया गया है. यानी अब ये शिक्षक 2025-26 और 2026-27 तक शिक्षण कार्य कर सकेंगे. यह लाभ केवल अशासकीय एडेड संस्कृत विद्यालयों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि प्रदेश के सभी राजकीय संस्कृत विद्यालयों में कार्यरत मानदेय शिक्षकों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा. उनके कार्यकाल में भी दो साल की वृद्धि की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार के इस फैसले से प्रदेश भर में संस्कृत विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूती मिलेगी. इससे एक तरफ शिक्षकों को आर्थिक राहत और नौकरी की सुरक्षा मिलेगी, वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों को पढ़ाई का लगातार लाभ मिलेगा. संस्कृत शिक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार लगातार सक्रिय रही है. राज्य में करीब 1,000 से अधिक संस्कृत विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जिनमें हजारों विद्यार्थी पारंपरिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. वर्षों से मानदेय पर कार्य कर रहे शिक्षकों को न तो स्थायी नियुक्ति मिली और न ही वेतन पर्याप्त था. ऐसे में यह फैसला उनके लिए न केवल राहतभरा है, बल्कि सरकार की उस नीति का भी प्रमाण है जिसमें पारंपरिक और सांस्कृतिक शिक्षा को संरक्षण देने की बात कही गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/azam-khan-relief-from-anjaneya-kumar-singh-court-maulana-mohammad-ali-jauhar-university-trust-ann-2932308″>आजम खान को आंजनेय कुमार की अदालत से भी मिली राहत, क्यों हो रही इस IAS की इतनी चर्चा</a></strong></p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पत्नी से परेशान युवक लखनऊ विधानसभा के बाहर आत्मदाह करने पहुंचा, माचिस जलाने से पहले…