यूपी में वसीयत और बंटवारों के मामलों में योगी सरकार का बड़ा फैसला, सभी 75 जिलों में लागू होगा एक नियम

यूपी में वसीयत और बंटवारों के मामलों में योगी सरकार का बड़ा फैसला, सभी 75 जिलों में लागू होगा एक नियम

<p style=”text-align: justify;”><strong>UP News: </strong>उत्तर प्रदेश सरकार नगरीय निकायों में संपत्ति से जुड़ी सेवाओं को सरल और एक समान बनाने जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि वसीयत, बंटवारा या नामांतरण जैसे मामलों में अब सभी नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में एक जैसी प्रक्रिया और शुल्क व्यवस्था लागू की जाए. सरकार का मकसद है कि प्रदेश के नागरिकों को समान, पारदर्शी और सरल सेवाएं मिलें.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फिलहाल प्रदेश के अलग-अलग शहरों में वसीयत या संपत्ति के बंटवारे पर शुल्क और प्रक्रिया अलग-अलग हैं. जैसे गाजियाबाद में वसीयत के नामांतरण पर ₹5000 शुल्क लिया जाता है, जबकि लखनऊ नगर निगम में यह निशुल्क है. मेरठ में संपत्ति बंटवारे पर 3% शुल्क देना पड़ता है, जबकि प्रयागराज में केवल ₹2000 ही लिए जाते हैं. इसी तरह, कई पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में भी भारी भिन्नता है, जिससे आम लोगों को काफी परेशानी और भ्रम का सामना करना पड़ता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> ने इस असमानता को खत्म करने के निर्देश दिए हैं. अब पूरे प्रदेश में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा तय मानकों के हिसाब से एक समान नियम और शुल्क लागू किए जाएंगे. इसका फायदा यह होगा कि नागरिकों को न तो अलग-अलग शहरों में भटकना पड़ेगा और न ही अलग-अलग रकम चुकानी होगी. हर जगह एक जैसी प्रक्रिया और शुल्क से पारदर्शिता भी बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नई नियमावली और शुल्क दर तय करने का काम शुरू</strong><br />सिर्फ वसीयत और बंटवारे ही नहीं, बल्कि संपत्ति कर निर्धारण की प्रक्रिया में भी एकरूपता लाई जाएगी. अब नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में कर निर्धारण से लेकर नामांतरण तक सभी कार्य एक तय नियम के तहत होंगे. इससे न केवल प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि नागरिकों का समय और पैसा दोनों बचेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-politics-congress-will-start-election-campaign-against-bjp-from-samajwadi-party-stronghold-ann-2933578″><strong>UP Politics: यूपी में सपा के गढ़ से चुनावी आगाज करेगी कांग्रेस, बनी रणनीति</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>योगी सरकार ने इस दिशा में नई नियमावली और शुल्क दर तय करने का काम भी शुरू कर दिया है. जल्द ही यह प्रस्ताव कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा. सरकार का मकसद &lsquo;ईज़ ऑफ लिविंग&rsquo; यानी आम लोगों के जीवन को आसान बनाना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में यूपी सरकार ने नगरीय निकायों में कई बड़े सुधार किए हैं. जैसे कि संपत्ति विवरणों को ऑनलाइन करना, घर बैठे नामांतरण सुविधा शुरू करना और करों के डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना. अब इस नई पहल से प्रदेश के सभी नागरिकों को और अधिक सरल, तेज और पारदर्शी सेवाएं मिलेंगी.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News: </strong>उत्तर प्रदेश सरकार नगरीय निकायों में संपत्ति से जुड़ी सेवाओं को सरल और एक समान बनाने जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि वसीयत, बंटवारा या नामांतरण जैसे मामलों में अब सभी नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में एक जैसी प्रक्रिया और शुल्क व्यवस्था लागू की जाए. सरकार का मकसद है कि प्रदेश के नागरिकों को समान, पारदर्शी और सरल सेवाएं मिलें.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फिलहाल प्रदेश के अलग-अलग शहरों में वसीयत या संपत्ति के बंटवारे पर शुल्क और प्रक्रिया अलग-अलग हैं. जैसे गाजियाबाद में वसीयत के नामांतरण पर ₹5000 शुल्क लिया जाता है, जबकि लखनऊ नगर निगम में यह निशुल्क है. मेरठ में संपत्ति बंटवारे पर 3% शुल्क देना पड़ता है, जबकि प्रयागराज में केवल ₹2000 ही लिए जाते हैं. इसी तरह, कई पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में भी भारी भिन्नता है, जिससे आम लोगों को काफी परेशानी और भ्रम का सामना करना पड़ता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> ने इस असमानता को खत्म करने के निर्देश दिए हैं. अब पूरे प्रदेश में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा तय मानकों के हिसाब से एक समान नियम और शुल्क लागू किए जाएंगे. इसका फायदा यह होगा कि नागरिकों को न तो अलग-अलग शहरों में भटकना पड़ेगा और न ही अलग-अलग रकम चुकानी होगी. हर जगह एक जैसी प्रक्रिया और शुल्क से पारदर्शिता भी बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नई नियमावली और शुल्क दर तय करने का काम शुरू</strong><br />सिर्फ वसीयत और बंटवारे ही नहीं, बल्कि संपत्ति कर निर्धारण की प्रक्रिया में भी एकरूपता लाई जाएगी. अब नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में कर निर्धारण से लेकर नामांतरण तक सभी कार्य एक तय नियम के तहत होंगे. इससे न केवल प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि नागरिकों का समय और पैसा दोनों बचेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-politics-congress-will-start-election-campaign-against-bjp-from-samajwadi-party-stronghold-ann-2933578″><strong>UP Politics: यूपी में सपा के गढ़ से चुनावी आगाज करेगी कांग्रेस, बनी रणनीति</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>योगी सरकार ने इस दिशा में नई नियमावली और शुल्क दर तय करने का काम भी शुरू कर दिया है. जल्द ही यह प्रस्ताव कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा. सरकार का मकसद &lsquo;ईज़ ऑफ लिविंग&rsquo; यानी आम लोगों के जीवन को आसान बनाना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में यूपी सरकार ने नगरीय निकायों में कई बड़े सुधार किए हैं. जैसे कि संपत्ति विवरणों को ऑनलाइन करना, घर बैठे नामांतरण सुविधा शुरू करना और करों के डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना. अब इस नई पहल से प्रदेश के सभी नागरिकों को और अधिक सरल, तेज और पारदर्शी सेवाएं मिलेंगी.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Delhi News: दिल्ली में 20 साल के लड़के की गोली मारकर हत्या, 10 दिनों के अंदर दूसरी वारदात