<p style=”text-align: justify;”><strong>Waqf Amendment Bill:</strong> वक्फ संशोधन बिल संसद के दोंनो सदनों में पेश करने के बाद पास हो गया है लेकिन अभी भी इस पर सियासत जारी है. विपक्षी दलों के नेता और कुछ मुस्लिम संगठन सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं. हालांकि उत्तर प्रदेश में वक्फ संशोधन बिल को लेकर बीजेपी के सहयोगी दलों के अंदर ही घमासान मचा हुआ है और उनके नेता पार्टी छोड़ कर जा रहे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यूपी में मिशन-27 के लिए एक तरफ बीजेपी पूरी तरह से तैयारी में लगी हुई है, वहीं उसके सहयोगी दलों के अंदर भगदड़ जैसी स्थिति बनी हुई है. हाल ही में राष्ट्रीय लोकदल के दो मुस्लिम नेताओं ने पार्टी छोड़ते हुए रालोद चीफ जंयत चौधरी पर भेदभाव के आरोप लगाए थे. अब आज शनिवार (5 अप्रैल) को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के संगठन मंत्री का भी इस्तीफा आ चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के बयानों से आहत होकर सुभासपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के संगठन मंत्री जफर नकवी ने इस्तीफा दे दिया है. जफर नकवी ने राजभर पर मुस्लिम विरोधी नीतियों का आरोप लगाया है और इमामबाड़ों के खिलाफ बयान देने का भी आरोप लगाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जानें जाफर नकवी ने अपने इस्तीफे के लेटर में क्या लिखा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सुभासपा छोड़ने वाले जफर नकवी ने अपने लेटर में लिखा-“मैं जाफर नकवी सुहेलदेव भारतीय समाजवादी पार्टी में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश संगठन मंत्री/प्रमुख वक्ता अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ व अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ पंचायत चुनाव प्रभारी के साथ-साथ पार्टी की सक्रिय सदस्यता से पूर्णरूपेण तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर जो कि उतर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण व पंचायती राज मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री हैं, उनके ‌द्वारा दिए गए बयान से आहत होकर और पार्टी ‌द्वारा लगातार बयानों में मुस्लिम विरोधी नीतियां और इमामबाड़ों पर दिए गए बयानों से आहत हूं और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को आगाह भी करना चाहता हुं कि इनकी नीयत अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कदापि हितकारी नहीं है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इनसे अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय वापस लिया जाए- जफर नकवी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जफर नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> और सीएम <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> से भी निवेदन करता हूं कि इनसे अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय वापस लिया जाए क्योंकि इनकी दृष्टि सबका साथ सबका विकास की न होकर सिर्फ और सिर्फ अपने समाज विशेष के उद्धार के लिए है जो प्रदेश के लिए अहितकारी है. अतः ऐसी सोच के साथ राजनीति करना अपने जमीर को मारने जैसा है, इसलिए सभी पदों से इस्तीफा देते हुए समाज का रोचक बनकर समाज की सेवा करता रहूंगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि इस समय यूपी में बीजेपी के साथ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा), अपना दल (सोनेलाल), निषाद पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) गठबंधन में हैं. इन सभी पार्टियों को अपने-अपने क्षेत्र में वोट बैंक भी है. हालांकि इस समय वक्फ बिल को लेकर रालोद और सुभासपा के नेताओं के इस्तीफे की ही खबर सामने आई हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यूपी में सुभासपा के पास हैं 6 विधायक </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस समय सुभासपा के उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधायकों की बात की जाए तो सुभासपा के पास 6 विधायक हैं. यह विधायक 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन में जीते थे, लेकिन बाद में ओम प्रकाश राजभर ने 2023 में सपा से नाराज होकर बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया. वहीं अगर सुभासपा के वोट बैंक की बात की जाए तो गाजीपुर, बलिया, मऊ,चंदौली, जौनपुर, आजमगढ़, देवरिया और वाराणसी के ग्रामीण इलाकों में पार्टी का वोट माना जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रालोद के पास यूपी में 9 विधायक और 2 सांसद</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं रालोद का भी कुछ ऐसा ही हाल है, यूपी में रालोद के पास 9 विधायक हैं और इसका प्रभाव पश्चिमी यूपी की 40-50 विधानसभा सीटों पर है. रालोद ने भी सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले जयंत चौधरी बीजेपी में शामिल हो गए थे. इस समय रालोद के पास यूपी में दो सांसद भी हैं, रालोद के पास पश्चिमी यूपी में जाट और किसान वोट हैं. हालांकि रालोद ने गैर-जाट समुदायों जैसे गुर्जर, दलित, और मुस्लिम को भी जोड़ने की कोशिश की है, लेकिन इसका खास प्रभाव अभी पश्चिमी यूपी में ही मजबूत है. जिसमें बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, मेरठ, बिजनौर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, अलीगढ़, और मथुरा जिलों रालोद का वोट बैंक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/akhilesh-yadav-honored-ananya-who-ran-away-with-her-books-during-bulldozer-action-2919136″>बुलडोजर एक्शन के बीच किताबें बचाने वाली अनन्या को अखिलेश यादव ने किया सम्मानित, जानें क्या दिया?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Waqf Amendment Bill:</strong> वक्फ संशोधन बिल संसद के दोंनो सदनों में पेश करने के बाद पास हो गया है लेकिन अभी भी इस पर सियासत जारी है. विपक्षी दलों के नेता और कुछ मुस्लिम संगठन सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं. हालांकि उत्तर प्रदेश में वक्फ संशोधन बिल को लेकर बीजेपी के सहयोगी दलों के अंदर ही घमासान मचा हुआ है और उनके नेता पार्टी छोड़ कर जा रहे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यूपी में मिशन-27 के लिए एक तरफ बीजेपी पूरी तरह से तैयारी में लगी हुई है, वहीं उसके सहयोगी दलों के अंदर भगदड़ जैसी स्थिति बनी हुई है. हाल ही में राष्ट्रीय लोकदल के दो मुस्लिम नेताओं ने पार्टी छोड़ते हुए रालोद चीफ जंयत चौधरी पर भेदभाव के आरोप लगाए थे. अब आज शनिवार (5 अप्रैल) को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के संगठन मंत्री का भी इस्तीफा आ चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के बयानों से आहत होकर सुभासपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के संगठन मंत्री जफर नकवी ने इस्तीफा दे दिया है. जफर नकवी ने राजभर पर मुस्लिम विरोधी नीतियों का आरोप लगाया है और इमामबाड़ों के खिलाफ बयान देने का भी आरोप लगाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जानें जाफर नकवी ने अपने इस्तीफे के लेटर में क्या लिखा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सुभासपा छोड़ने वाले जफर नकवी ने अपने लेटर में लिखा-“मैं जाफर नकवी सुहेलदेव भारतीय समाजवादी पार्टी में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश संगठन मंत्री/प्रमुख वक्ता अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ व अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ पंचायत चुनाव प्रभारी के साथ-साथ पार्टी की सक्रिय सदस्यता से पूर्णरूपेण तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर जो कि उतर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण व पंचायती राज मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री हैं, उनके ‌द्वारा दिए गए बयान से आहत होकर और पार्टी ‌द्वारा लगातार बयानों में मुस्लिम विरोधी नीतियां और इमामबाड़ों पर दिए गए बयानों से आहत हूं और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को आगाह भी करना चाहता हुं कि इनकी नीयत अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कदापि हितकारी नहीं है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इनसे अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय वापस लिया जाए- जफर नकवी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जफर नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> और सीएम <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> से भी निवेदन करता हूं कि इनसे अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय वापस लिया जाए क्योंकि इनकी दृष्टि सबका साथ सबका विकास की न होकर सिर्फ और सिर्फ अपने समाज विशेष के उद्धार के लिए है जो प्रदेश के लिए अहितकारी है. अतः ऐसी सोच के साथ राजनीति करना अपने जमीर को मारने जैसा है, इसलिए सभी पदों से इस्तीफा देते हुए समाज का रोचक बनकर समाज की सेवा करता रहूंगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि इस समय यूपी में बीजेपी के साथ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा), अपना दल (सोनेलाल), निषाद पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) गठबंधन में हैं. इन सभी पार्टियों को अपने-अपने क्षेत्र में वोट बैंक भी है. हालांकि इस समय वक्फ बिल को लेकर रालोद और सुभासपा के नेताओं के इस्तीफे की ही खबर सामने आई हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यूपी में सुभासपा के पास हैं 6 विधायक </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस समय सुभासपा के उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधायकों की बात की जाए तो सुभासपा के पास 6 विधायक हैं. यह विधायक 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन में जीते थे, लेकिन बाद में ओम प्रकाश राजभर ने 2023 में सपा से नाराज होकर बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया. वहीं अगर सुभासपा के वोट बैंक की बात की जाए तो गाजीपुर, बलिया, मऊ,चंदौली, जौनपुर, आजमगढ़, देवरिया और वाराणसी के ग्रामीण इलाकों में पार्टी का वोट माना जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रालोद के पास यूपी में 9 विधायक और 2 सांसद</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं रालोद का भी कुछ ऐसा ही हाल है, यूपी में रालोद के पास 9 विधायक हैं और इसका प्रभाव पश्चिमी यूपी की 40-50 विधानसभा सीटों पर है. रालोद ने भी सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले जयंत चौधरी बीजेपी में शामिल हो गए थे. इस समय रालोद के पास यूपी में दो सांसद भी हैं, रालोद के पास पश्चिमी यूपी में जाट और किसान वोट हैं. हालांकि रालोद ने गैर-जाट समुदायों जैसे गुर्जर, दलित, और मुस्लिम को भी जोड़ने की कोशिश की है, लेकिन इसका खास प्रभाव अभी पश्चिमी यूपी में ही मजबूत है. जिसमें बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, मेरठ, बिजनौर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, अलीगढ़, और मथुरा जिलों रालोद का वोट बैंक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/akhilesh-yadav-honored-ananya-who-ran-away-with-her-books-during-bulldozer-action-2919136″>बुलडोजर एक्शन के बीच किताबें बचाने वाली अनन्या को अखिलेश यादव ने किया सम्मानित, जानें क्या दिया?</a></strong></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड बुलडोजर एक्शन के बीच किताबें बचाने वाली अनन्या को अखिलेश यादव ने किया सम्मानित, जानें क्या दिया?
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