सपा के सभी 9 कैंडिडेट फाइनल…4 मुस्लिम, 3 पिछड़ा-2 दलित:सबसे ज्यादा महिलाओं को टिकट; गाजियाबाद जनरल सीट पर खेला दलित कार्ड समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को 2 और टिकट घोषित कर दिए। गाजियाबाद में सिंह राज जाटव और खैर में डॉक्टर चारू कैन को प्रत्याशी घोषित किया है। 27 साल की चारू कैन 2022 में बसपा के टिकट पर खैर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं। दूसरे नंबर पर थीं। उन्हें 65,302 वोट मिले थे। चुनाव के बाद चारू कांग्रेस में शामिल हो गई थीं। इस बार सपा ने उन पर दांव लगाया है। पिछले हलफनामे में उन्होंने बताया था कि वह खेती और व्यवसाय करती हैं। उनके पास 25 लाख और उनके पति के पास 20 लाख रुपए की चल संपत्ति है। वहीं, सिंह राज जाटव गाजियाबाद में लाइन पार क्षेत्र से आते हैं। वहां से स्थानीय पार्षद और जीडीए बोर्ड मेंबर रहे हैं। सपा ने आज सुबह ही कुंदरकी से पूर्व विधायक हाजी मोहम्मद रिजवान को प्रत्याशी बनाया। हाजी रिजवान 3 बार इस सीट से सपा के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। रिजवान तुर्क बिरादरी से आते हैं और कुंदरकी सीट पर तुर्क वोटर निर्णायक भूमिका में हैं। सपा ने सभी 9 सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं। उपचुनाव में भी सपा का PDA दांव: 9 प्रत्याशियों में 5 महिलाएं
समाजवादी पार्टी ने उपचुनाव में भी अपने PDA फार्मूले यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक के समीकरण से मैदान में उतरी है। सपा ने जो 9 टिकट दिए हैं, उसमें तीन पिछड़े, दो दलित और 4 मुस्लिम प्रत्याशी हैं। केवल एक यादव को टिकट दिया है। वह भी अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव हैं, जो करहल से उम्मीदवार बनाए गए हैं। सपा की सूची में आधे से अधिक महिलाएं हैं। मीरापुर से सुम्बुल राणा, कटेहरी से शोभावती वर्मा, मंझवा से डॉ. ज्योति बिंद, खैर से डॉ. चारू कैन और सीसामऊ से नसीम बानो शामिल हैं। इससे सपा ने महिलाओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है। चार मुस्लिमों को टिकट
चुनाव लोकसभा का रहा हो या विधानसभा का। मुस्लिम वर्ग ने एक तरफा वोटिंग समाजवादी पार्टी के पक्ष में की थी। शायद यही वजह है कि अखिलेश यादव ने इस बार अपनी सूची में मुस्लिमों को खास तवज्जो देते हुए नौ में से चार सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं। लोकसभा चुनाव के बाद उप चुनाव में भी परिवार के यादव पर भरोसा
लोकसभा चुनाव की तर्ज पर उप चुनाव में भी कम से कम यादव को मैदान में उतारा गया है। वह भी परिवार के ही तेज प्रताप को प्रत्याशी बनाया गया है। तेज प्रताप पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भतीजे और लालू प्रसाद यादव के दामाद भी हैं। इसके अलावा किसी यादव को उप चुनाव में टिकट नहीं दिया गया है। लोकसभा चुनाव में सपा ने 63 में से केवल पांच टिकट यादवों को दिए थे। वह भी सभी टिकट मुलायम परिवार के लोगों को मिले थे। इसमें कन्नौज से अखिलेश यादव, मैनपुरी से डिंपल, आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव, फिरोजाबाद से अक्षय प्रताप और बदायूं से आदित्य यादव को प्रत्याशी बनाया गया था। सामान्य सीट पर दलित प्रत्याशी उतारा
सपा ने एक बार फिर सामान्य सीट पर दलित उम्मीदवार को खड़ा कर सबको चौंका दिया है। लोकसभा चुनाव में भी समाजवादी पार्टी ने मेरठ और फैजाबाद जैसी सीट पर सामान्य प्रत्याशी उतारे थे। मेरठ में मामूली अंतर से सपा को हार मिली थी। जबकि फैजाबाद में अवधेश प्रसाद ने जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया था। अब सपा ने गाजियाबाद से जाटव उम्मीदवार सिंह राज जाटव को मैदान में उतारा है। युवाओं पर दिखाया ज्यादा भरोसा
अखिलेश यादव ने युवाओं पर अधिक भरोसा दिखाया है। मीरापुर की सुम्बुल राणा हों या मझंवा की डॉ. ज्योति बिंद, सीसामऊ से इरफान की पत्नी नसीम हों या खैर से चारू कैन या करहल से तेज प्रताप यादव। अखिलेश यादव ने युवा चेहरों को तरजीह दी है। 2027 की तैयारी की झलक
सपा ने इस चुनाव में 2027 की तैयारी की झलक भी दिखा दी है। वह पहले भी युवाओं को वरीयता देते रहे हैं। इस बार उन्होंने 9 में से 5 युवा उम्मीदवारों को मौका दिया है। पीडीए फार्मूले का पूरा ध्यान रखा है। यानी अखिलेश यादव ने अपने पीडीए फार्मूले में महिलाओं और युवाओं को भी जोड़ दिया है। यह फार्मूला कितना कामयाब होता है, यह वक्त बताएगा। लेकिन एक बात तय है कि अखिलेश यादव के इस नए फार्मूले से भाजपा को भी इस ओर सोचने पर मजबूर कर दिया है। भाजपा ने केवल एक महिला उम्मीदवार को इस बार उतारा है। अखिलेश ने किया था ऐलान- सपा सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी
अखिलेश यादव ने बुधवार रात 11.11 बजे ऐलान किया कि यूपी उपचुनाव में सपा सभी 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने X पर कहा- इंडी गठबंधन के प्रत्याशी सपा के चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ पर ही चुनाव लड़ेंगे। अखिलेश के इस ऐलान के साथ ही सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन और सीट बंटवारे को लेकर चल रहा सस्पेंस खत्म हो गया। अखिलेश ने राहुल गांधी से फोन पर बातचीत के बाद यह ऐलान किया है। दरअसल, अखिलेश जो सीट कांग्रेस को देना चाहते थे, उसमें कांग्रेस का इंटरेस्ट नहीं था। क्योंकि, वहां से जीत मुश्किल थी। बाद में कांग्रेस ने प्रयागराज की फूलपुर सीट पर दावा किया। हालांकि, उसमें भी अंतिम समय तक एक राय नहीं बन पाई। अखिलेश का X पर ऐलान… भाजपा का तंज, अखिलेश का फोटो से जवाब
अखिलेश के देर रात सभी सीटों पर उपचुनाव लड़ने के ऐलान के बाद गुरुवार सुबह भाजपा ने तंज कसा। प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा- इंडी गठबंधन खंड-खंड हो गया। यूपी में हाथ का पंजा एक बार फिर खाली रह गया। कांग्रेस हाथ मलती रह गई। सपा ने कांग्रेस को धोबी पछाड़ दांव दिया है। भाजपा का ‘कांग्रेस मुक्त’ नारा सपा साकार कर रही है। कांग्रेस अपनी दुर्दशा के लिए खुद जिम्मेदार है। अखिलेश ने मध्य प्रदेश और हरियाणा विधानसभा चुनाव का बदला ले लिया है। भाजपा के इस तंज के थोड़ी देर बाद ही अखिलेश ने X पर पोस्ट किया। उन्होंने राहुल गांधी का हाथ पकड़े हुए एक फोटो शेयर की। इसमें लिखा- हमने ठाना है। संविधान, आरक्षण और सौहार्द बचाना है। बापू-बाबा साहेब और लोहिया के सपनों का देश बनाना है। इससे पहले समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच उपचुनाव में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान की खबरें आ रही थीं। दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर आरोप लगाने लगे थे। सपा के लोग कह रहे थे कि कांग्रेस जवाब नहीं दे रही और कांग्रेस के लोग कह रहे थे कि सपा ने बगैर पूछे टिकट घोषित कर दिए। 9 सीटों पर होगा त्रिकोणीय मुकाबला
विधानसभा उप चुनाव में सभी नौ सीटों पर भाजपा, सपा और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा। भाजपा सरकार और संगठन जहां लोकसभा चुनाव 2024 की हार का बदला लेने के लिए पूरी ताकत के साथ उप चुनाव के मैदान में कूद गए हैं। वहीं, सपा भी पीडीए के दम पर जीत का सिलसिला बरकरार रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। यूपी की राजनीति में अस्तित्व के लिए जूझ रही बसपा ने भी अगड़े, पिछड़े और मुस्लिम समीकरण से प्रत्याशी उतारे हैं। हालांकि, अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित खैर सीट पर बसपा ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। विधानसभा उप चुनाव में नामांकन 25 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे तक दाखिल किए जाएंगे। भाजपा ने 24 अक्टूबर की सुबह 11 बजे प्रत्याशियों की सूची घोषित की। वहीं सपा ने भी बृहस्पतिवार को ही तीन प्रत्याशी घोषित किए। बसपा ने भी आठ सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की। यूपी की 9 सीटों पर क्यों हो रहे उपचुनाव …………………………… यह खबर भी पढ़ें मथुरा में मंथन… मुस्लिमों को जोड़ेगा संघ: जातिवादी समाज को हिंदुत्व से जोड़ने का एजेंडा तैयार; 97 हजार गांव पहुंचेंगी शाखा भाजपा में UP का सियासी समीकरण भले ही संगठन साधता हो, मगर रोड मैप RSS (राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ) ही बनाता आया है। पार्टी के लिए चुनाव की जीत आसान बनाने के लिए एजेंडा भी सेट करता है। UP के विधानसभा चुनाव 2027 में होने हैं, इससे पहले मोहन भागवत मथुरा में 10 दिन के प्रवास पर हैं। योगी भी 2 घंटे बंद कमरे में उनके साथ मंथन करते रहे। पढ़ें पूरी खबर… खबर अपडेट हो रही है….