योगी सरकार 2.0 का चौथा बजट 20 फरवरी (कल) को पेश होगा। इसमें 2 नए एक्सप्रेस-वे मिल सकते हैं। सरकार प्रदेश के 3 करोड़ से अधिक अकुशल श्रमिकों की सहायता के लिए योजना लागू कर सकती है। सरकार का बजट में फोकस ऑनगोइंग प्रोजेक्ट्स पर ज्यादा रहेगा। इस बार योगी के बजट में 3 बड़ी घोषणाएं क्या हो सकती हैं? किन बड़े प्रोजेक्ट को फंडिंग होगी? बजट का आकार क्या होगा? सबसे ज्यादा किस पर फोकस रहेगा? इसको लेकर हमने सरकार से जुड़े सोर्स, बजट तैयार करने वाले अफसरों से बात की, पढ़िए इस रिपोर्ट में… ये तीन बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं 1- दो एक्सप्रेस-वे मिल सकते हैं विंध्य एक्सप्रेस-वे : प्रयागराज से मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र तक 320 किलोमीटर लंबे विंध्य एक्सप्रेस-वे के लिए बजट में पैसा मिल सकता है। इस पर करीब 24 हजार करोड़ लागत आएगी। यात्रियों के साथ ट्रकों और लोडर को फायदा होगा। विंध्य लिंक एक्सप्रेस-वे : चंदौली से गाजीपुर तक विंध्य लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए भी बजट दिया जा सकता है। यह 100 किलोमीटर लंबे लिंक एक्सप्रेस-वे से चंदौली, गाजीपुर के जरिए पूर्वांचल और गंगा एक्सप्रेस-वे तक जुड़ेगा। इसके अलावा लखनऊ में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेस-वे भी मिल सकता है। 2- वाराणसी-प्रयागराज विकास क्षेत्र
राज्य राजधानी क्षेत्र (SCR) की तर्ज पर वाराणसी-प्रयागराज क्षेत्र विकसित किया जाएगा। एक्सप्रेस-वे और नेशनल हाईवे से जुड़े होने की वजह से क्षेत्र का विकास काफी तेजी से होगा। इसके साथ ही आसपास के 5 से ज्यादा जिलों का विकास होगा। औद्योगिक विकास के साथ रोजगार और व्यापार भी बढ़ेगा। पर्यटन क्षेत्र में भी फायदा होगा। 3- अकुशल श्रमिकों से जुड़ी घोषणा यूपी में 3 करोड़ से ज्यादा अकुशल श्रमिक हैं। अभी तक इनके लिए कोई बड़ी सहायता योजना नहीं है। सरकार अकुशल श्रमिकों और उनके परिवारजनों की सहायता के लिए कोई योजना लॉन्च कर सकती है। ये घोषणा भी हो सकती हैं… बजट का आकार: 8 लाख करोड़ तक हो सकता है
योगी सरकार 2.0 के चौथे बजट का आकार 8 लाख करोड़ या इससे ज्यादा हो सकता है। पिछले साल सरकार ने 7.36 लाख करोड़ का बजट पेश किया था। उसके बाद 2 अनुपूरक बजट पेश किए। कुल मिलाकर इस वित्तीय वर्ष में सरकार के बजट का आकार 7.66 लाख रुपए तक पहुंचा है। नए वित्तीय वर्ष में बजट का आकार 7.80 लाख से 8.10 लाख करोड़ तक हो सकता है। वित्त विभाग के अधिकारी ने बताया कि बजट में सरकार का पहले से चल रही योजनाओं और परियोजनाओं पर ज्यादा फोकस रहेगा। नई योजनाओं के लिए एक्स्ट्रा बजट की जरूरत होती है। ऐसे में सरकार इस साल पहले चल रही योजनाओं में ही संशोधन कर बजट प्रस्ताव में शामिल करेगी। बजट में भाजपा संकल्प पत्र में बचे वादों पर फोकस करेगी योगी सरकार ने भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र- 2022 में 131 में से करीब 120 वादे पूरे कर लिए हैं। अब सरकार के सामने इस साल बचे हुए वादों को पूरा करने का टारगेट है। बजट में दो खास चुनौतियां दिखेंगी 1- घटती आय: प्रदेश में करों से घटती आय भी चिंता का विषय है। 2023-24 की जनवरी में करों से 18603.38 करोड़ रुपए की आय हुई थी, जबकि इस साल जनवरी में 17425.94 करोड़ रुपए मिले हैं। कहने का मतलब यह कि सरकार की आय घटी है। 2- बढ़ता कर्ज: प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय और कर्ज लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश पर 2024-25 में 8.16 लाख करोड़ से ज्यादा कर्ज होने का अनुमान है। प्रति व्यक्ति कर्ज 31 हजार रुपए से ज्यादा है। हर आम आदमी पर मायावती सरकार की तुलना में ढाई गुना और अखिलेश सरकार से दोगुना कर्ज बढ़ा है। हालांकि, पिछले 13 साल में प्रति व्यक्ति आय भी ढाई गुना बढ़ी है। अगला बजट होगा गेमचेंजर
वित्त विभाग के एक सीनियर अफसर ने बताया- साल 2026-27 का बजट राजनीतिक और प्रशासनिक लिहाज से गेमचेंजर होगा। भाजपा सरकार को 2027 में विधानसभा चुनाव लड़ना है। उससे पहले पंचायत चुनाव भी 2026 होना है। चुनाव मैदान में उतरने से पहले सरकार महिलाओं, युवाओं, किसानों और दलितों के लिए कोई बड़ी योजना लागू करेगी। अगले बजट में सरकार 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने का प्रावधान भी करेगी। यूपी में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS), ओबीसी और पिछड़े वर्ग में कोटे में कोटा लागू करने जैसे निर्णय भी हो सकते हैं। उनका मानना है कि इस साल कोई चुनाव नहीं है। लिहाजा सरकार बजट में ऐसी कोई बड़ी घोषणा नहीं करेगी, जिसका राजनीतिक फायदा नहीं उठाया जा सके। —————————– यह खबर भी पढ़ें योगी बोले-सपाई दूसरों के बच्चों को कठमुल्ला बनाना चाहते हैं, विधानसभा में कहा-ये अपने बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाएंगे, दूसरों से कहेंगे उर्दू पढ़ाओ यूपी विधानसभा में मंगलवार को अंग्रेजी और उर्दू को लेकर जमकर बहस हुई। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि विधानसभा में अगर अंग्रेजी बोल सकते हैं तो उर्दू भी बोलने देना चाहिए। उर्दू भी तो भाषा है। इस पर सीएम योगी गुस्से में नजर आए। कहा- ये लोग अपने बच्चों को इंग्लिश स्कूल में पढ़ाएंगे। दूसरे के बच्चे के लिए अगर वह सुविधा सरकार देना चाहती है तो कहते हैं कि इसको उर्दू पढ़ाओ। यानी ये बच्चों को मौलवी बनाना चाहते हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर योगी सरकार 2.0 का चौथा बजट 20 फरवरी (कल) को पेश होगा। इसमें 2 नए एक्सप्रेस-वे मिल सकते हैं। सरकार प्रदेश के 3 करोड़ से अधिक अकुशल श्रमिकों की सहायता के लिए योजना लागू कर सकती है। सरकार का बजट में फोकस ऑनगोइंग प्रोजेक्ट्स पर ज्यादा रहेगा। इस बार योगी के बजट में 3 बड़ी घोषणाएं क्या हो सकती हैं? किन बड़े प्रोजेक्ट को फंडिंग होगी? बजट का आकार क्या होगा? सबसे ज्यादा किस पर फोकस रहेगा? इसको लेकर हमने सरकार से जुड़े सोर्स, बजट तैयार करने वाले अफसरों से बात की, पढ़िए इस रिपोर्ट में… ये तीन बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं 1- दो एक्सप्रेस-वे मिल सकते हैं विंध्य एक्सप्रेस-वे : प्रयागराज से मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र तक 320 किलोमीटर लंबे विंध्य एक्सप्रेस-वे के लिए बजट में पैसा मिल सकता है। इस पर करीब 24 हजार करोड़ लागत आएगी। यात्रियों के साथ ट्रकों और लोडर को फायदा होगा। विंध्य लिंक एक्सप्रेस-वे : चंदौली से गाजीपुर तक विंध्य लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए भी बजट दिया जा सकता है। यह 100 किलोमीटर लंबे लिंक एक्सप्रेस-वे से चंदौली, गाजीपुर के जरिए पूर्वांचल और गंगा एक्सप्रेस-वे तक जुड़ेगा। इसके अलावा लखनऊ में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेस-वे भी मिल सकता है। 2- वाराणसी-प्रयागराज विकास क्षेत्र
राज्य राजधानी क्षेत्र (SCR) की तर्ज पर वाराणसी-प्रयागराज क्षेत्र विकसित किया जाएगा। एक्सप्रेस-वे और नेशनल हाईवे से जुड़े होने की वजह से क्षेत्र का विकास काफी तेजी से होगा। इसके साथ ही आसपास के 5 से ज्यादा जिलों का विकास होगा। औद्योगिक विकास के साथ रोजगार और व्यापार भी बढ़ेगा। पर्यटन क्षेत्र में भी फायदा होगा। 3- अकुशल श्रमिकों से जुड़ी घोषणा यूपी में 3 करोड़ से ज्यादा अकुशल श्रमिक हैं। अभी तक इनके लिए कोई बड़ी सहायता योजना नहीं है। सरकार अकुशल श्रमिकों और उनके परिवारजनों की सहायता के लिए कोई योजना लॉन्च कर सकती है। ये घोषणा भी हो सकती हैं… बजट का आकार: 8 लाख करोड़ तक हो सकता है
योगी सरकार 2.0 के चौथे बजट का आकार 8 लाख करोड़ या इससे ज्यादा हो सकता है। पिछले साल सरकार ने 7.36 लाख करोड़ का बजट पेश किया था। उसके बाद 2 अनुपूरक बजट पेश किए। कुल मिलाकर इस वित्तीय वर्ष में सरकार के बजट का आकार 7.66 लाख रुपए तक पहुंचा है। नए वित्तीय वर्ष में बजट का आकार 7.80 लाख से 8.10 लाख करोड़ तक हो सकता है। वित्त विभाग के अधिकारी ने बताया कि बजट में सरकार का पहले से चल रही योजनाओं और परियोजनाओं पर ज्यादा फोकस रहेगा। नई योजनाओं के लिए एक्स्ट्रा बजट की जरूरत होती है। ऐसे में सरकार इस साल पहले चल रही योजनाओं में ही संशोधन कर बजट प्रस्ताव में शामिल करेगी। बजट में भाजपा संकल्प पत्र में बचे वादों पर फोकस करेगी योगी सरकार ने भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र- 2022 में 131 में से करीब 120 वादे पूरे कर लिए हैं। अब सरकार के सामने इस साल बचे हुए वादों को पूरा करने का टारगेट है। बजट में दो खास चुनौतियां दिखेंगी 1- घटती आय: प्रदेश में करों से घटती आय भी चिंता का विषय है। 2023-24 की जनवरी में करों से 18603.38 करोड़ रुपए की आय हुई थी, जबकि इस साल जनवरी में 17425.94 करोड़ रुपए मिले हैं। कहने का मतलब यह कि सरकार की आय घटी है। 2- बढ़ता कर्ज: प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय और कर्ज लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश पर 2024-25 में 8.16 लाख करोड़ से ज्यादा कर्ज होने का अनुमान है। प्रति व्यक्ति कर्ज 31 हजार रुपए से ज्यादा है। हर आम आदमी पर मायावती सरकार की तुलना में ढाई गुना और अखिलेश सरकार से दोगुना कर्ज बढ़ा है। हालांकि, पिछले 13 साल में प्रति व्यक्ति आय भी ढाई गुना बढ़ी है। अगला बजट होगा गेमचेंजर
वित्त विभाग के एक सीनियर अफसर ने बताया- साल 2026-27 का बजट राजनीतिक और प्रशासनिक लिहाज से गेमचेंजर होगा। भाजपा सरकार को 2027 में विधानसभा चुनाव लड़ना है। उससे पहले पंचायत चुनाव भी 2026 होना है। चुनाव मैदान में उतरने से पहले सरकार महिलाओं, युवाओं, किसानों और दलितों के लिए कोई बड़ी योजना लागू करेगी। अगले बजट में सरकार 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने का प्रावधान भी करेगी। यूपी में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS), ओबीसी और पिछड़े वर्ग में कोटे में कोटा लागू करने जैसे निर्णय भी हो सकते हैं। उनका मानना है कि इस साल कोई चुनाव नहीं है। लिहाजा सरकार बजट में ऐसी कोई बड़ी घोषणा नहीं करेगी, जिसका राजनीतिक फायदा नहीं उठाया जा सके। —————————– यह खबर भी पढ़ें योगी बोले-सपाई दूसरों के बच्चों को कठमुल्ला बनाना चाहते हैं, विधानसभा में कहा-ये अपने बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाएंगे, दूसरों से कहेंगे उर्दू पढ़ाओ यूपी विधानसभा में मंगलवार को अंग्रेजी और उर्दू को लेकर जमकर बहस हुई। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि विधानसभा में अगर अंग्रेजी बोल सकते हैं तो उर्दू भी बोलने देना चाहिए। उर्दू भी तो भाषा है। इस पर सीएम योगी गुस्से में नजर आए। कहा- ये लोग अपने बच्चों को इंग्लिश स्कूल में पढ़ाएंगे। दूसरे के बच्चे के लिए अगर वह सुविधा सरकार देना चाहती है तो कहते हैं कि इसको उर्दू पढ़ाओ। यानी ये बच्चों को मौलवी बनाना चाहते हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
योगी के बजट में क्या खास रहेगा?:दो नए एक्सप्रेस-वे मिल सकते हैं; गरीबों की पक्की छत के लिए 2000 करोड़ मिलेंगे
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