मुगल बादशाह औरंगजेब को लेकर महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आजमी के बयान से सियासी घमासान छिड़ा है। महाराष्ट्र विधानसभा ने उन्हें पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया। आजमी के बयान पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘ये लोग (सपा) औरंगजेब को अपना आदर्श मान रहे हैं। औरंगजेब के पिता शाहजहां ने अपनी जीवनी में उसे कोसते हुए लिखा- तुमसे अच्छे तो ये हिंदू हैं, जो जीते जी अपने मां-बाप की सेवा करते हैं। खुदा करे कि ऐसा कमबख्त किसी को पैदा न हो।’ योगी ने कहा, ‘कोई मुसलमान भी अपने बेटे का नाम औरंगजेब नहीं रखता। भारत की आस्था को रौंदने वाले का महिमामंडन करने वाले सदस्य को सपा को बाहर निकाल देना चाहिए।’ क्या है पूरी कंट्रोवर्सी, क्या औरंगजेब ने मंदिर बनवाए थे, भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए… सवाल-1: सपा विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब को लेकर क्या कहा, जिस पर विवाद हो गया है? जवाब : 3 मार्च को अबू आजमी ने कहा, हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच धार्मिक नहीं, बल्कि सत्ता और संपत्ति के लिए लड़ाई थी। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू और मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता। अबू आजमी के बयान पर शिवसेना के लोकसभा सांसद नरेश म्हस्के ने उनके खिलाफ ठाणे (महाराष्ट्र) में FIR दर्ज करवाई। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 299, 302, 356 (1) और 356(2) के तहत मामला दर्ज हुआ। FIR में कहा गया है कि आजमी के बयानों ने धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाया है। इसके अलावा शिवसेना समर्थकों ने भी मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में भी लिखित शिकायत दर्ज कराई। सवाल-2: विवाद बढ़ने पर अबू आजमी ने अब क्या सफाई दी है? जवाब: मामले ने तूल पकड़ा तो सपा विधायक ने कहा, औरंगजेब ने मंदिरों के साथ मस्जिदों को भी नष्ट किया। अगर वह हिंदुओं के खिलाफ होता, तो 34% हिंदू उसके साथ नहीं होते। उसके शासनकाल में भारत की सीमा अफगानिस्तान एवं बर्मा तक पहुंच गई थी। हमारा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विश्व सकल घरेलू उत्पाद का 24% था और भारत को (औरंगजेब के समय) सोने की चिड़िया कहा जाता था। इसे हिंदू-मुसलमान एंगल से नहीं देखना चाहिए। औरंगजेब ने 52 वर्ष शासन किया और अगर वह सच में हिंदुओं को मुसलमान में परिवर्तित करते, तो सोचिए कितने हिंदू परिवर्तित हो जाते। 1857 की विद्रोह में जब मंगल पांडे ने लड़ाई शुरू की, तो उसका सबसे पहले साथ मुसलमान बहादुर शाह जफर ने दिया था। अबू आजमी ने माफी मांगते हुए कहा, ‘मैंने सिर्फ वही कहा, जो इतिहासकारों ने लिखा, किसी भी महापुरुष के बारे में अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है।’ सवाल-3: क्या औरंगजेब ने मंदिर बनवाए और हिंदुओं के लिए अच्छे काम किए? जवाब: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रोफेसर रहे प्रदीप केसरवानी के मुताबिक, औरंगजेब ने मंदिर सिर्फ तोड़े नहीं, बल्कि बनवाए भी थे। उसके बनाए गए मंदिरों में बालाजी मंदिर चित्रकूट, उमानंद मंदिर गुवाहाटी शामिल हैं। इसी तरह कई मंदिरों जैसे महाकालेश्वर और सोमेश्वर मंदिर को उसने दान दिए थे। प्रदीप कहते हैं कि औरंगजेब और दूसरे मुगल शासकों ने हिंदू और मुस्लिम के बीच भाईचारा बढ़ाने की भी कोशिश की। वहीं, इतिहासकार इरफान हबीब कहते हैं कि औरंगजेब अपने शासनकाल के शुरू से अंत तक एक जैसा बना रहा। उसे लगता था कि उसे खुदा ने चुना है। इसलिए अब खुदा के प्रति हमेशा वफादार रहा। यह सच है कि उसने अपने शासनकाल के दौरान हिंदुओं के मंदिर तोड़े तो कुछ मंदिर बनवाए भी। औरंगजेब के फैसले को हिंदू-मुस्लिम से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। उस वक्त हर धर्म के राजा शासन चलाने के लिए तलवार का इस्तेमाल करते थे। जिस समय जो फैसला उनके हित में होता, वो वैसा कदम उठाते। सवाल-4: औरंगजेब और छत्रपति संभाजी के बीच दुश्मनी की क्या कहानी है? जवाब: लेखक शिवा जी सावंत की किताब छावां में जिक्र है कि संभाजी मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी के बड़े बेटे और साम्राज्य के उत्तराधिकारी थे। शिवाजी की मृत्यु के बाद वह मराठा साम्राज्य की गद्दी पर बैठे। 1681 से लेकर 1689 तक उन्होंने राज किया। उनके कार्यकाल के दौरान मराठा और मुगलों में सबसे अधिक संघर्ष हुए। तब मुगल साम्राज्य का शासक औरंगजेब था। एक तरफ संभाजी किसी भी तरह दक्कन में मुगलों का प्रसार रोकना चाहते थे। तो दूसरी तरफ औरंगजेब किसी भी कीमत पर मराठा साम्राज्य को खत्म करना चाहता था। इसी को लेकर संभाजी ने आज के मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में आक्रमण किया, जो तब मुगलों के कब्जे में था। यह तब व्यापार का एक मुख्य केंद्र हुआ करता था। संभाजी के इस अभियान से औरंगजेब वहां से आगे नहीं बढ़ पाया। इसके बाद के सालों में भी कई बार मुगल और मराठा साम्राज्य आमने-सामने आए। तब आखिरकार 1 फरवरी 1689 में औरंगजेब ने धोखे से संभाजी को कैद कर लिया। औरंगजेब ने संभाजी को कई दिनों तक यातनाएं दी और फिर उनकी हत्या कर दी। सवाल-5: औरंगजेब हिंदुओं से नफरत करता था या उनके प्रति उदार था? जवाब: इतिहासकार इरफान हबीब अपनी किताबों में इसे लेकर तर्क देते हैं कि औरंगजेब ने अपने पिता शाहजहां को बंदी बनाया था और गद्दी के लिए अपने भाई दारा शिकोह की हत्या कर दी। वह हिंदुओं से नफरत की वजह से नहीं, बल्कि अपनी ताकत दिखाने के लिए मंदिरों को तोड़ता था और जहां जरूरत पड़ी, वहां बनवाया। उस समय हर राजा अपने साम्राज्य में मंदिर स्थापित करते थे। फिर दूसरे राजा इन मंदिरों को गिराकर अपनी ताकत का एहसास कराते थे। औरंगजेब के समय में सबसे ज्यादा हिंदू ही उसकी सेना में थे। वह चाहता तो इन सभी का धर्म परिवर्तन करा देता, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। उसने सिर्फ अपने दुश्मनों को धर्म बदलने पर मजबूर किया। दूसरी तरफ इतिहासकार राम पुनियानी एक इंटरव्यू में कहते हैं कि औरंगजेब को हिंदू विरोधी माने जाने की दो वजहें हैं। पहली वजह- वह इस्लाम धर्म को मानने वाला कट्टर सुन्नी था। दूसरी वजह- वह मौलानाओं से प्रभावित होकर फैसला लेता था। राम पुनियानी भी औरंगजेब को हिंदुओं से नफरत करने वाला और कट्टर राजा नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने हिंदुओं से नफरत के कारण नहीं, बल्कि राजाओं, जमींदारों और अपने विरोधियों को संदेश देने के लिए मंदिर गिरवाएं और जबरन धर्म परिवर्तन कराया। ——————- ये खबर भी पढ़ें…. यूपी में मुखौटे भी तेंदुए से नहीं बचा पाए:स्कूल, खेत सब खाली पड़े; 6 साल में 59 को बाघ ने बनाया शिकार यूपी के बिजनौर में तेंदुए के खौफ से लोग सिर के पीछे मुखौटा लगाकर निकल रहे हैं। हालांकि इसके बावजूद हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे। दो दिन पहले मुखौटा बांटने के बाद भी एक महिला को तेंदुए ने मार दिया। लगातार हो रहे हमलों से लोग खौफ में हैं। समूह बनाकर और हथियार लेकर ही घर से बाहर निकल रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर मुगल बादशाह औरंगजेब को लेकर महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आजमी के बयान से सियासी घमासान छिड़ा है। महाराष्ट्र विधानसभा ने उन्हें पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया। आजमी के बयान पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘ये लोग (सपा) औरंगजेब को अपना आदर्श मान रहे हैं। औरंगजेब के पिता शाहजहां ने अपनी जीवनी में उसे कोसते हुए लिखा- तुमसे अच्छे तो ये हिंदू हैं, जो जीते जी अपने मां-बाप की सेवा करते हैं। खुदा करे कि ऐसा कमबख्त किसी को पैदा न हो।’ योगी ने कहा, ‘कोई मुसलमान भी अपने बेटे का नाम औरंगजेब नहीं रखता। भारत की आस्था को रौंदने वाले का महिमामंडन करने वाले सदस्य को सपा को बाहर निकाल देना चाहिए।’ क्या है पूरी कंट्रोवर्सी, क्या औरंगजेब ने मंदिर बनवाए थे, भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए… सवाल-1: सपा विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब को लेकर क्या कहा, जिस पर विवाद हो गया है? जवाब : 3 मार्च को अबू आजमी ने कहा, हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच धार्मिक नहीं, बल्कि सत्ता और संपत्ति के लिए लड़ाई थी। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू और मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता। अबू आजमी के बयान पर शिवसेना के लोकसभा सांसद नरेश म्हस्के ने उनके खिलाफ ठाणे (महाराष्ट्र) में FIR दर्ज करवाई। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 299, 302, 356 (1) और 356(2) के तहत मामला दर्ज हुआ। FIR में कहा गया है कि आजमी के बयानों ने धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाया है। इसके अलावा शिवसेना समर्थकों ने भी मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में भी लिखित शिकायत दर्ज कराई। सवाल-2: विवाद बढ़ने पर अबू आजमी ने अब क्या सफाई दी है? जवाब: मामले ने तूल पकड़ा तो सपा विधायक ने कहा, औरंगजेब ने मंदिरों के साथ मस्जिदों को भी नष्ट किया। अगर वह हिंदुओं के खिलाफ होता, तो 34% हिंदू उसके साथ नहीं होते। उसके शासनकाल में भारत की सीमा अफगानिस्तान एवं बर्मा तक पहुंच गई थी। हमारा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विश्व सकल घरेलू उत्पाद का 24% था और भारत को (औरंगजेब के समय) सोने की चिड़िया कहा जाता था। इसे हिंदू-मुसलमान एंगल से नहीं देखना चाहिए। औरंगजेब ने 52 वर्ष शासन किया और अगर वह सच में हिंदुओं को मुसलमान में परिवर्तित करते, तो सोचिए कितने हिंदू परिवर्तित हो जाते। 1857 की विद्रोह में जब मंगल पांडे ने लड़ाई शुरू की, तो उसका सबसे पहले साथ मुसलमान बहादुर शाह जफर ने दिया था। अबू आजमी ने माफी मांगते हुए कहा, ‘मैंने सिर्फ वही कहा, जो इतिहासकारों ने लिखा, किसी भी महापुरुष के बारे में अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है।’ सवाल-3: क्या औरंगजेब ने मंदिर बनवाए और हिंदुओं के लिए अच्छे काम किए? जवाब: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रोफेसर रहे प्रदीप केसरवानी के मुताबिक, औरंगजेब ने मंदिर सिर्फ तोड़े नहीं, बल्कि बनवाए भी थे। उसके बनाए गए मंदिरों में बालाजी मंदिर चित्रकूट, उमानंद मंदिर गुवाहाटी शामिल हैं। इसी तरह कई मंदिरों जैसे महाकालेश्वर और सोमेश्वर मंदिर को उसने दान दिए थे। प्रदीप कहते हैं कि औरंगजेब और दूसरे मुगल शासकों ने हिंदू और मुस्लिम के बीच भाईचारा बढ़ाने की भी कोशिश की। वहीं, इतिहासकार इरफान हबीब कहते हैं कि औरंगजेब अपने शासनकाल के शुरू से अंत तक एक जैसा बना रहा। उसे लगता था कि उसे खुदा ने चुना है। इसलिए अब खुदा के प्रति हमेशा वफादार रहा। यह सच है कि उसने अपने शासनकाल के दौरान हिंदुओं के मंदिर तोड़े तो कुछ मंदिर बनवाए भी। औरंगजेब के फैसले को हिंदू-मुस्लिम से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। उस वक्त हर धर्म के राजा शासन चलाने के लिए तलवार का इस्तेमाल करते थे। जिस समय जो फैसला उनके हित में होता, वो वैसा कदम उठाते। सवाल-4: औरंगजेब और छत्रपति संभाजी के बीच दुश्मनी की क्या कहानी है? जवाब: लेखक शिवा जी सावंत की किताब छावां में जिक्र है कि संभाजी मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी के बड़े बेटे और साम्राज्य के उत्तराधिकारी थे। शिवाजी की मृत्यु के बाद वह मराठा साम्राज्य की गद्दी पर बैठे। 1681 से लेकर 1689 तक उन्होंने राज किया। उनके कार्यकाल के दौरान मराठा और मुगलों में सबसे अधिक संघर्ष हुए। तब मुगल साम्राज्य का शासक औरंगजेब था। एक तरफ संभाजी किसी भी तरह दक्कन में मुगलों का प्रसार रोकना चाहते थे। तो दूसरी तरफ औरंगजेब किसी भी कीमत पर मराठा साम्राज्य को खत्म करना चाहता था। इसी को लेकर संभाजी ने आज के मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में आक्रमण किया, जो तब मुगलों के कब्जे में था। यह तब व्यापार का एक मुख्य केंद्र हुआ करता था। संभाजी के इस अभियान से औरंगजेब वहां से आगे नहीं बढ़ पाया। इसके बाद के सालों में भी कई बार मुगल और मराठा साम्राज्य आमने-सामने आए। तब आखिरकार 1 फरवरी 1689 में औरंगजेब ने धोखे से संभाजी को कैद कर लिया। औरंगजेब ने संभाजी को कई दिनों तक यातनाएं दी और फिर उनकी हत्या कर दी। सवाल-5: औरंगजेब हिंदुओं से नफरत करता था या उनके प्रति उदार था? जवाब: इतिहासकार इरफान हबीब अपनी किताबों में इसे लेकर तर्क देते हैं कि औरंगजेब ने अपने पिता शाहजहां को बंदी बनाया था और गद्दी के लिए अपने भाई दारा शिकोह की हत्या कर दी। वह हिंदुओं से नफरत की वजह से नहीं, बल्कि अपनी ताकत दिखाने के लिए मंदिरों को तोड़ता था और जहां जरूरत पड़ी, वहां बनवाया। उस समय हर राजा अपने साम्राज्य में मंदिर स्थापित करते थे। फिर दूसरे राजा इन मंदिरों को गिराकर अपनी ताकत का एहसास कराते थे। औरंगजेब के समय में सबसे ज्यादा हिंदू ही उसकी सेना में थे। वह चाहता तो इन सभी का धर्म परिवर्तन करा देता, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। उसने सिर्फ अपने दुश्मनों को धर्म बदलने पर मजबूर किया। दूसरी तरफ इतिहासकार राम पुनियानी एक इंटरव्यू में कहते हैं कि औरंगजेब को हिंदू विरोधी माने जाने की दो वजहें हैं। पहली वजह- वह इस्लाम धर्म को मानने वाला कट्टर सुन्नी था। दूसरी वजह- वह मौलानाओं से प्रभावित होकर फैसला लेता था। राम पुनियानी भी औरंगजेब को हिंदुओं से नफरत करने वाला और कट्टर राजा नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने हिंदुओं से नफरत के कारण नहीं, बल्कि राजाओं, जमींदारों और अपने विरोधियों को संदेश देने के लिए मंदिर गिरवाएं और जबरन धर्म परिवर्तन कराया। ——————- ये खबर भी पढ़ें…. यूपी में मुखौटे भी तेंदुए से नहीं बचा पाए:स्कूल, खेत सब खाली पड़े; 6 साल में 59 को बाघ ने बनाया शिकार यूपी के बिजनौर में तेंदुए के खौफ से लोग सिर के पीछे मुखौटा लगाकर निकल रहे हैं। हालांकि इसके बावजूद हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे। दो दिन पहले मुखौटा बांटने के बाद भी एक महिला को तेंदुए ने मार दिया। लगातार हो रहे हमलों से लोग खौफ में हैं। समूह बनाकर और हथियार लेकर ही घर से बाहर निकल रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
योगी क्यों बोले- बेटे का नाम औरंगजेब नहीं रखते मुसलमान:हिंदुओं से नफरत करता था या मंदिर बनवाए, अबू आजमी के बयान से जुड़ी पूरी कंट्रोवर्सी
