सीएम योगी की सोमवार को जापान से आए प्रतिनिधि मंडल के साथ बैठक हुई। इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने जापानी भाषा में अपना भाषण दिया। यह करीब 1 मिनट 54 सेकेंड का रहा। जिसे सुनकर गवर्नर कोटारो नागासाकी भी हैरान रह गए। सीएम योगी जापानी भाषा बोलते हुए मुस्कुराते हुए दिखे। यूपी के पर्यटन विभाग ने जापान से आए प्रतिनिधिमंडल के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एमओयू साइन किया है। इस दौरान योगी ने जापानी प्रतिनिधिमंडल को यूपी में स्थित बुद्धिष्ट सर्किट के बारे में जानकारी दी। उन्हें प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ में भी शामिल होने का न्योता भी दिया। सीएम योगी की सोमवार को जापान से आए प्रतिनिधि मंडल के साथ बैठक हुई। इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने जापानी भाषा में अपना भाषण दिया। यह करीब 1 मिनट 54 सेकेंड का रहा। जिसे सुनकर गवर्नर कोटारो नागासाकी भी हैरान रह गए। सीएम योगी जापानी भाषा बोलते हुए मुस्कुराते हुए दिखे। यूपी के पर्यटन विभाग ने जापान से आए प्रतिनिधिमंडल के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एमओयू साइन किया है। इस दौरान योगी ने जापानी प्रतिनिधिमंडल को यूपी में स्थित बुद्धिष्ट सर्किट के बारे में जानकारी दी। उन्हें प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ में भी शामिल होने का न्योता भी दिया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
यूपी में बिजली कर्मचारियों का प्रदर्शन, योगी सरकार ने ESMA किया लागू, जानें क्या हो रहा विरोध
यूपी में बिजली कर्मचारियों का प्रदर्शन, योगी सरकार ने ESMA किया लागू, जानें क्या हो रहा विरोध <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ चल रहे विरोध के बीच आज 7 दिसंबर से विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने एक साथ पूरे प्रदेश में विरोध का ऐलान किया है. शुक्रवार को हुई बैठक में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमन को निजी हाथों में दिए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया गया. इसके बाद अभियंताओं की केंदीय कमेटी ने 7 दिसंबर को विरोध की घोषणा की और इसके तहत आज शनिवार को विरोध प्रदर्शन होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तर प्रदेश के सभी निगम मुख्यालयों, उपकेंद्रों, उत्पादन इकाइयों पर विरोध सभाएं होंगी. इन सभाओं में पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम के 27 लाख बिजली कर्मचारी अपना विरोध दर्ज कराएंगे. यह सभी भोजन अवकाश के समय विरोध सभाएं करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यूपी में लगा 6 महीने के लिए ESMA</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस विरोध के ऐलान के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने अधीन विभागों, निगमों और प्राधिकरण में 6 महीने के लिए हड़ताल पर पाबंदी लगा दी है. इस संबंध में प्रमुख सचिव कार्मिक एम देवराज की ओर से शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस अधिसूचना के बाद ऐसा माना जा रहा है कि बिजली विभाग के कार्मिकों की संभावित हड़ताल को देखते हुए ESMA लगाया गया है. हड़ताल को लेकर पाबंदी के संबंध में जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम, 1996 के तहत अगले 6 महीने तक हड़ताल निषिद्ध रहेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विरोध को लेकर पावर कारपोरेशन प्रबंधन सख्त</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आज से शुरू होने वाले विरोध को लेकर पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने भी सख्त रुख अपनाया है . इसको लेकर पॉवर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ आशीष कुमार गोयल की अध्यक्षता में हुई बैठक में विरोध प्रदर्शन को लेकर मोबाइल गैंग तैयार करने और वीडियोग्राफी कराने के निर्देश दिए गए हैं और चेतावनी भी दी गई है कि बिजली व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके तहत सूबे के सभी जिलों में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं जहां से कर्मचारी संगठनों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. आशीष गोयल ने कहा है कि कर्मचारी विद्युत व्यवस्था बाधित किए बगैर शांतिपूर्ण तरीके से सांकेतिक विरोध कर सकते हैं. अगर कहीं विद्युत व्यवस्था में बाधा पहुंचाने, किसी को काम से रोकने अथवा तोड़फोड़ करने की कोशिश की गई तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि पावर कारपोरेशन ने आउटसोर्सिंग एजेंसियों को भी चेतावनी दी है कि वह अपने कर्मचारियों को आंदोलन से अलग रखें वरना उनकी सेवाएं समाप्त की जाएगी साथ ही विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को अवकाश नहीं देने तथा जो अवकाश पर है उन्हें बुलाने का आदेश भी दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/yogi-government-big-decision-madrasa-act-regarding-amendment-students-kamil-and-fazil-degrees-2837836″>यूपी के मदरसों में अब मिलेगी कामिल और फाजिल की डिग्री? योगी सरकार कर रही बड़ी तैयारी</a></strong></p>
लखनऊ के अनाथालय से 9 बच्चियां खिड़की काटकर भागीं:2 लड़कियां पकड़ी गईं, बोलीं-मुझे पढ़ाई करना है; सभी पर दर्ज हैं FIR
लखनऊ के अनाथालय से 9 बच्चियां खिड़की काटकर भागीं:2 लड़कियां पकड़ी गईं, बोलीं-मुझे पढ़ाई करना है; सभी पर दर्ज हैं FIR लखनऊ के अलीगंज में अनाथालय से गुरुवार रात 9 नाबालिग लड़कियां बाथरूम की खिड़की काटकर भाग निकलीं। सभी की उम्र 16-17 के बीच है। सुबह गिनती हुई तो संख्या कम मिली। इसपर संचालिका ने पुलिस और अधिकारियों को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल कर केस दर्ज किया। पुलिस ने नाकाबंदी कर तलाश शुरू की। दो लड़कियों को करीब 3 घंटे बाद बरामद किया गया है। वे पुरनिया के पास बस का इंतजार कर रही थीं। इनमें से एक जम्मू और दूसरी बहराइच की रहने वाली है। उन्होंने कहा कि हमें पढ़ाई करना है, लेकिन यहां कोई पढ़ाता नहीं है। अन्य की तलाश में रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप और उनके जिलों को जाने वाले मार्गों पर तलाश की जा रही है। घर वालों से भी संपर्क किया गया है। बाथरूम जाने के लिए कमरे से निकलीं
अलीगंज थाना क्षेत्र में श्री राम औद्योगिक अनाथालय है। अनाथालय में 45 लड़कियां हैं। गुरुवार रात करीब 2 से 3 बजे के बीच 9 लड़कियां बारी-बारी से बाथरुम जाने के लिए कमरे से बाहर निकलीं। बाथरुम के पास खिड़की में लगी ग्रिल को काटकर भाग गईं। 7 लड़कियों का नहीं चला पता
सुबह काफी देर बाद इसकी जानकारी अनाथालय के संचालक और अन्य लोगों को लगी। इसके बाद तत्काल सूचना अलीगंज पुलिस को दी गई। अलीगंज पुलिस ने 2 लड़कियों को कुछ देर बाद ही बरामद कर लिया गया। एक अयोध्या में देखी गई है। हालांकि वह अर्भी पकड़ से दूर है। अन्य 7 लड़कियां कहां हैं, इस बारे में अभी पुलिस कुछ पता नहीं लगा सकी है। बरामद की गई लड़कियों से पुलिस जानकारी ले रही है। उनके अनाथालय से भागने के पीछे क्या कारण रहे, इसके बारे में पता लगाया जा रहा है। बताते हैं कि कुछ लड़कियां लावारिस हालत में अनाथालय लाई गई थीं। 3 महीने पहले लाई गई थीं अनाथालय के हाउस फादर दीपक मिश्रा ने बताया कि लड़कियां आरी से खिड़की की जारी काटकर भाग गईं। 3 महीने पहले लाई गई थीं। सभी अलग-अलग जिलों की रहने वाली हैं। इन पर पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज है। ये माता-पिता के साथ नहीं रहना चाहती हैं। अनाथालय में कुल 45 लड़कियां थीं। अभी वर्तमान में 38 लड़कियां यहां हैं। अनाथालय 1911 से चल रहा है। एसीपी अलीगंज व्रज नारायण सिंह ने बताया कि पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे चेक किया और फुटेज की मदद से दो लड़कियों को पुरनिया पुल के पास से सकुशल बरामद किया। वहीं, सात किशोरियों का पता नहीं चल सका है, उनकी तलाश चल रही है। वहीं, लड़कियों के भागने के संबंध में अनाथालय प्रशासन की तरफ से अलीगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। भागी हुई सभी लड़कियां पर अलग-अलग केस दर्ज हैं। इस खबर को भी पढ़ें… कानपुर से सुसाइड करने लखनऊ पहुंची युवती:जहर खाया, पुलिस ने सपा ऑफिस के पास पकड़ा; अस्पताल में भर्ती कराया लखनऊ में जहर खाकर हजरतगंज की तरफ जा रही युवती को पुलिस ने पकड़ लिया। युवती कानपुर से लखनऊ आई है। संदिग्ध दिखने पर उसे सपा कार्यालय के पास रोका गया। पुलिस को जैसे ही जहर खाने की जानकारी हुई तुरंत सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। पढ़ें पूरी खबर…
हरियाणा के पूर्व मंत्री ने गिनाए कांग्रेस हार के कारण:बत्रा बोले- संगठन की कमी, सिटिंग-गैटिंग फार्मूला व ओवर कांफिडेंस से हारी
हरियाणा के पूर्व मंत्री ने गिनाए कांग्रेस हार के कारण:बत्रा बोले- संगठन की कमी, सिटिंग-गैटिंग फार्मूला व ओवर कांफिडेंस से हारी हरियाणा के पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुभाष बत्रा ने मंगलवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हार के कारण गिनवाए। वहीं कहा कि जनवरी के लास्ट या फरवरी की शुरूआत में हरियाणा में नगर निकाय चुनाव होने जा रहे हैं। अगर संगठन नहीं होगा तो कांग्रेस की यही दशा होने जा रही है। पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने कांग्रेस द्वारा विपक्ष का नेता नहीं चुने जाने पर कहा कि यह पार्टी का अंदरुनी मामला है। भाजपा अपनी सरकार कैसे चलानी है, किसानों को कोई सुविधा कैसे देनी है, प्रदेश की विकास की गति में तेजी को लाया जाए, उस पर तो विचार कम कर रहे हैं और कांग्रेस द्वारा सीएलपी का लीडर नहीं चुनने पर ज्यादा टिप्पणी देते हैं। चुन लिया जाएगा। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा काम तो कर रहे हैं, विधायकों का बहुमत उनके साथ है। सीएलपी का लीडर वही होता है, जिसके पास बहुमत के एमएलए होते हैं। पहले टिकटें उनके हिसाब से दी गई। जो कुछ भी सिस्टम कांग्रेस के अंदर है, वह भूपेंद्र हुड्डा के हिसाब से है। सुभाष बत्रा ने कहा कि “मेरे हिसाब से भूपेंद्र हुड्डा ही सीएलपी के लीडर दोबारा बनेंगे”। कोई ऐसा इश्यू नहीं है। संगठन की कमी का खामियाजा सीएलपी लीडर चुनने में देरी
सुभाष बत्रा ने सीएलपी लीडर चुनने में देरी होने के सवाल पर कहा कि “देरी का कारण यह नहीं हैं, देरी का कारण कुछ और है। जो मैं समझ पा रहा हूं। जैसा मैं समझ पा रहा हूं कि संगठन है ही नहीं। पीसीसी प्रेसिडेंट जिसकी लीडरशिप में चुनाव हुआ है, वह आज बादस्तुर कंटिन्यू कर रहा है।” उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो प्राथमिकता यह है कि संगठन बनाया जाए, जो पिछले 16 साल से संगठन है ही नहीं। बूथ व ब्लॉक लेवल की कोई कमेटी नहीं है। कांग्रेस हार के यह बताए कारण
पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने कहा कि वे पिछले वे 17 साल से जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं। कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण यही है कि संगठन ही नहीं है। दूसरा कारण यह भी है कि 16 साल से ज्यादा एक दलित लीडरशिप की रहनुमाई में चुनाव करवाया है। सबकुछ करके ट्राई कर लिया, लेकिन इस दौरान कभी भी पार्टी पावर (सत्ता) में नहीं आई। इस पर मंथन की जरूरत है। सिटिंग-गैटिंग फार्मूला किसने लागू करवाया, इस पर मंथन की जरूरत है। कुछ एमएलए ऐसे थे, जो भगोड़े घोषित हो रखे थे और कुछ के खिलाफ ईडी-सीबीआई के मुकदमें थे। उनको भी सिटिंग-गैटिंग के फार्मूले से टिकट देनी पड़ी। कांग्रेस की हार के मुख्य कारण ये हैं। कुछ ओवर कांफिडेंस भी कांग्रेस को ले डूबा। कांग्रेस तो यह सोच रही थी कि हम तो 70 पार है और सरकार बनाने वाले हैं। सरकार बनाने के लिए बैंड-बाजे भी आ गए। बीजेपी अपनी सीटें 30 से ऊपर नहीं मान रही थी। इसलिए कांग्रेस व भाजपा दोनों पार्टियां सकते में हैं। इसलिए भाजपा के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा इस तरह के किसानों को लेकर उल्टे बयान दे रहे हैं।